हिमाचल के बागवानी विकास प्रोजेक्ट को 4 महीने की एक्सटेंशन:बच गई 250 कर्मचारियों की नौकरी; पूरे होंगे मार्केट यार्ड और सीए स्टोर के काम

हिमाचल के बागवानी विकास प्रोजेक्ट को 4 महीने की एक्सटेंशन:बच गई 250 कर्मचारियों की नौकरी; पूरे होंगे मार्केट यार्ड और सीए स्टोर के काम

हिमाचल प्रदेश में विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित 1134 करोड़ रुपये की बागवानी विकास परियोजना (एचडीपी) को चार महीने का विस्तार मिल गया है। इस परियोजना की अवधि कल ही समाप्त हो गई थी। अब इस परियोजना को अक्तूबर 2024 तक विस्तार मिल गया है। विस्तार के बाद परियोजना में तैनात 250 से अधिक कर्मचारियों की नौकरी भी कुछ समय के लिए बच गई है और 50 करोड़ रुपये की राशि जो बागवानी विभाग अब तक खर्च नहीं कर पाया था। उसे खर्च कर सकेगा। हालांकि कर्मचारियों की नौकरी का मामला हाईकोर्ट में भी लंबित है। राज्य सरकार ने अप्रैल माह में ही आर्थिक मामलों के मंत्रालय से परियोजना को विस्तार देने का अनुरोध किया था। अब केंद्र ने हिमाचल के अनुरोध पर इस परियोजना को विस्तार दे दिया है। राज्य सरकार को अब शेष चार माह में परियोजना का पूरा काम पूरा करना होगा। ऐसा न करने पर बजट लैप्स हो जाएगा। 50 करोड़ रुपए से मार्केट यार्ड और सीए स्टोर का होगा निर्माण इस परियोजना में शेष 50 करोड़ रुपए से मेहदली में मार्केट यार्ड, जरोल-टिक्कर में सीए (वातानुकूलित) स्टोर का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत सेब बहुल क्षेत्रों में नई मंडियां बनाई जाएंगी, पुरानी मंडियों को अपग्रेड किया जाएगा, नए सीए स्टोर बनाए जाएंगे और बड़ी मात्रा में प्लाटिंग सामग्री अमेरिका और इटली से आयात की गई है। इस परियोजना का उद्देश्य सेब का उत्पादन बढ़ाना है। इसके लिए सेब के उच्च घनत्व वाले बगीचे (एचडीपी) लगाए गए हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2017 में स्वीकृत इस परियोजना को पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2017 में स्वीकृत किया गया था। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का काम छह महीने तक चला था। 2018 में ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इस परियोजना को छह साल में पूरा किया जाना था। इसकी समय सीमा पिछले साल पूरी हो गई थी। लेकिन पिछले साल भी इस परियोजना को एक बार विस्तार मिला था। हिमाचल प्रदेश में विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित 1134 करोड़ रुपये की बागवानी विकास परियोजना (एचडीपी) को चार महीने का विस्तार मिल गया है। इस परियोजना की अवधि कल ही समाप्त हो गई थी। अब इस परियोजना को अक्तूबर 2024 तक विस्तार मिल गया है। विस्तार के बाद परियोजना में तैनात 250 से अधिक कर्मचारियों की नौकरी भी कुछ समय के लिए बच गई है और 50 करोड़ रुपये की राशि जो बागवानी विभाग अब तक खर्च नहीं कर पाया था। उसे खर्च कर सकेगा। हालांकि कर्मचारियों की नौकरी का मामला हाईकोर्ट में भी लंबित है। राज्य सरकार ने अप्रैल माह में ही आर्थिक मामलों के मंत्रालय से परियोजना को विस्तार देने का अनुरोध किया था। अब केंद्र ने हिमाचल के अनुरोध पर इस परियोजना को विस्तार दे दिया है। राज्य सरकार को अब शेष चार माह में परियोजना का पूरा काम पूरा करना होगा। ऐसा न करने पर बजट लैप्स हो जाएगा। 50 करोड़ रुपए से मार्केट यार्ड और सीए स्टोर का होगा निर्माण इस परियोजना में शेष 50 करोड़ रुपए से मेहदली में मार्केट यार्ड, जरोल-टिक्कर में सीए (वातानुकूलित) स्टोर का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत सेब बहुल क्षेत्रों में नई मंडियां बनाई जाएंगी, पुरानी मंडियों को अपग्रेड किया जाएगा, नए सीए स्टोर बनाए जाएंगे और बड़ी मात्रा में प्लाटिंग सामग्री अमेरिका और इटली से आयात की गई है। इस परियोजना का उद्देश्य सेब का उत्पादन बढ़ाना है। इसके लिए सेब के उच्च घनत्व वाले बगीचे (एचडीपी) लगाए गए हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2017 में स्वीकृत इस परियोजना को पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2017 में स्वीकृत किया गया था। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का काम छह महीने तक चला था। 2018 में ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इस परियोजना को छह साल में पूरा किया जाना था। इसकी समय सीमा पिछले साल पूरी हो गई थी। लेकिन पिछले साल भी इस परियोजना को एक बार विस्तार मिला था।   हिमाचल | दैनिक भास्कर