हरियाणा के कैथल में शुक्रवार को लघु सचिवालय में आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में अधिकारियों की गैर हाजिर रहने पर कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भड़क गए। उन्होंने डीसी को बैठक से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों का एक दिन की सैलरी काटने के आदेश दिए। बैठक में जिला खजाना अधिकारी और हरियाणा एग्रो के डीएम नहीं पहुंचे। मंत्री ने कहा कि सूचना दो कि कैबिनेट मंत्री आए हैं। उनकी बैठक से बड़ा कोई काम है क्या? बैठक में सामने आया कि दोनों अधिकारी डीसी को बिना बताए छुट्टी लेकर चले गए थे। ऐसे में मंत्री ने कार्रवाई करते हुए डीसी को यह कार्रवाई करने के आदेश दिए। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद शुक्रवार को कैथल में पहली बार जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक हुई। अनुमति के बिना मीटिंग से अनुपस्थित न रहे शिकायतें सुनने आए मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि उनकी मीटिंग लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए होती है। ऐसे में क्या उनकी मीटिंग से बड़ा कोई काम है? कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि जिला कष्ट निवारण समिति की मीटिंग को सभी अधिकारी गंभीरता से लें और कोई भी विभागाध्यक्ष डीसी की अनुमति के बिना मीटिंग से अनुपस्थित न रहे। 10 मामलों का मौके पर ही निपटारा किया मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की अध्यक्षता में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में कुल 14 मामले रखे गए। इनमें से 10 मामलों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। 4 शिकायतों को अगली बैठक के लिए लंबित रखा गया। मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला कष्ट निवारण समिति के सभी सदस्यों और जनप्रतिनिधियों के फोन नंबर अपने फोन में सेव करके रखें। काम करने में देरी न करें अधिकारी मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि जब भी कोई जनप्रतिनिधि किसी काम के लिए फोन करें तो उनका फोन उठाएं और नियमानुसार जायज काम करने में देरी न करें। सभी अधिकारी आपसी तालमेल व गुणवत्ता के साथ जिले में वर्तमान में चल रहे कामों को पूरा करें। सिंचाई मंत्री ने गैर हाजिर अधिकारी से मांगा जवाब वही झज्जर में शुक्रवार को जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की बैठक हुई। संवाद भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता राज्य सिंचाई मंत्री डॉ. अभय यादव ने की। बैठक में दो अधिकारी आए ही नहीं। उन्हें मंत्री ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दोनों अधिकारियों ने बैठक में अपनी जगह अन्य कर्मचारियों को भेजा हुआ था। इस पर मंत्री ने नाराजगी दिखाई और पूछा कि क्या दोनों अधिकारियों को बैठक के बारे में जानकारी नहीं थी। मार्केट कमेटी सचिव की तरफ से आए कर्मचारी ने बताया कि मैडम कार्यालय में बैठी हैं जबकि जिला खाद्य आपूर्ति विभाग से आए कर्मचारी ने बताया कि डीएफएससी 12 जुलाई तक छुट्टी पर है। हरियाणा के कैथल में शुक्रवार को लघु सचिवालय में आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में अधिकारियों की गैर हाजिर रहने पर कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भड़क गए। उन्होंने डीसी को बैठक से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों का एक दिन की सैलरी काटने के आदेश दिए। बैठक में जिला खजाना अधिकारी और हरियाणा एग्रो के डीएम नहीं पहुंचे। मंत्री ने कहा कि सूचना दो कि कैबिनेट मंत्री आए हैं। उनकी बैठक से बड़ा कोई काम है क्या? बैठक में सामने आया कि दोनों अधिकारी डीसी को बिना बताए छुट्टी लेकर चले गए थे। ऐसे में मंत्री ने कार्रवाई करते हुए डीसी को यह कार्रवाई करने के आदेश दिए। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद शुक्रवार को कैथल में पहली बार जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक हुई। अनुमति के बिना मीटिंग से अनुपस्थित न रहे शिकायतें सुनने आए मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि उनकी मीटिंग लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए होती है। ऐसे में क्या उनकी मीटिंग से बड़ा कोई काम है? कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि जिला कष्ट निवारण समिति की मीटिंग को सभी अधिकारी गंभीरता से लें और कोई भी विभागाध्यक्ष डीसी की अनुमति के बिना मीटिंग से अनुपस्थित न रहे। 10 मामलों का मौके पर ही निपटारा किया मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की अध्यक्षता में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में कुल 14 मामले रखे गए। इनमें से 10 मामलों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। 4 शिकायतों को अगली बैठक के लिए लंबित रखा गया। मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला कष्ट निवारण समिति के सभी सदस्यों और जनप्रतिनिधियों के फोन नंबर अपने फोन में सेव करके रखें। काम करने में देरी न करें अधिकारी मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि जब भी कोई जनप्रतिनिधि किसी काम के लिए फोन करें तो उनका फोन उठाएं और नियमानुसार जायज काम करने में देरी न करें। सभी अधिकारी आपसी तालमेल व गुणवत्ता के साथ जिले में वर्तमान में चल रहे कामों को पूरा करें। सिंचाई मंत्री ने गैर हाजिर अधिकारी से मांगा जवाब वही झज्जर में शुक्रवार को जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की बैठक हुई। संवाद भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता राज्य सिंचाई मंत्री डॉ. अभय यादव ने की। बैठक में दो अधिकारी आए ही नहीं। उन्हें मंत्री ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दोनों अधिकारियों ने बैठक में अपनी जगह अन्य कर्मचारियों को भेजा हुआ था। इस पर मंत्री ने नाराजगी दिखाई और पूछा कि क्या दोनों अधिकारियों को बैठक के बारे में जानकारी नहीं थी। मार्केट कमेटी सचिव की तरफ से आए कर्मचारी ने बताया कि मैडम कार्यालय में बैठी हैं जबकि जिला खाद्य आपूर्ति विभाग से आए कर्मचारी ने बताया कि डीएफएससी 12 जुलाई तक छुट्टी पर है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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20 साल में पहली दफा नेता-प्रतिपक्ष के लिए इतना इंतजार:वजह-कांग्रेस की लगातार 3 हार और नेताओं की खींचतान; CM सैनी कह चुके-ढूंढवाओ तारीख : 27 अक्टूबर 2024 हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पानीपत में मैराथन के बाद मीडिया से कहा- ‘आप लोग कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष ढूंढवाओ।’ 20 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी पार्टी को राज्य में नेता प्रतिपक्ष का नाम फाइनल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसका मुख्य कारण पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को लगातार मिली हार है। साल 2009 में कांग्रेस बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से पीछे रह गई। तब कांग्रेस को जनहित कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार बनानी पड़ी। इसके बाद कांग्रेस सत्ता में नहीं आई। ऐसे में हुड्डा विरोधी खेमा हरियाणा में एक्टिव होता गया और अब हालात ये हैं कि खुद हाईकमान भी हुड्डा के साथ खड़ा नहीं दिख रहा। 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव रिजल्ट के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। साल 2024 में कांग्रेस सरकार बनाने का सपना देख रही थी, लेकिन पार्टी को 37 सीट ही मिलीं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर घमासान हो गया। केंद्र के तरफ से 4 ऑब्जर्वर भी आए, लेकिन बावजूद इसके अभी तक नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान नहीं हो पाया। नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस हाईकमान की पसंद का होगा
18 अक्टूबर को हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने को लेकर चंडीगढ़ में मीटिंग हुई। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में ऑब्जर्वर के तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा सांसद अजय माकन, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव शामिल हुए। मीटिंग में ऑब्जर्वरों ने सभी विधायकों से विधायक दल के नेता का नाम फाइनल करने के लिए वन टु वन बातचीत कर उनकी राय जानी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अधिकतर विधायकों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम ही विधायक दल के नेता के लिए रखा। कुमारी सैलजा गुट के कुछ विधायकों ने नए चेहरे को जिम्मेदारी देने की बात कही। मीटिंग के बाद अशोक गहलोत और अजय माकन ने कहा- ‘विधायक दल के नेता का चयन हाईकमान करेगा। विधायकों की राय हाईकमान तक पहुंचा दी जाएगी।’ नवंबर में शुरू होगा शीतकालीन सत्र
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र नवंबर में शुरू हो सकता है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इसको लेकर जानकारी दी है। ऐसे में कांग्रेस को नवंबर के पहले हफ्ते में विधायक दल के नेता का चयन करना होगा, नहीं तो बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन चलेगा। हुड्डा और सैलजा गुट में खींचतान
2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है। हार के कारण जानने को कांग्रेस ने कमेटी बनाई थी
विधानसभा चुनाव में अच्छे माहौल के बावजूद हारी कांग्रेस ने इसके कारण तलाशे। शुरुआत में कांग्रेस हाईकमान ने इसके लिए 2 मेंबरी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई। जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी शामिल रहे। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टु वन बात की। किसी उम्मीदवार को इसकी रिकॉर्डिंग नहीं करने दी गई। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे। जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है।
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चंडीगढ़ में 1 लाख देकर भी नहीं मिला ट्यूटर:बायजूस कोचिंग को 15 हजार लौटाने के आदेश, मानसिक पीड़ा और अनुचित व्यवहार का दोष चंडीगढ़ में एक लाख में खरीदे एप में ट्यूटर नहीं मिलने के मामले मे जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने बायजूस कोचिंग को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी करार देते हुए मानसिक पीड़ा और वित्तीय नुकसान के लिए 15 हजार 512 रुपए अदा करने के निर्देश दिए हैं। यह याचिका सेक्टर-40 डी के रहने वाले अवतार सिंह और उनकी पत्नी नवदीप कौर ने आयोग में बायजूस कोचिंग के खिलाफ दायर की थी। बेहतर पढ़ाई के लिए खरीदा एप बेहतर पढ़ाई के लिए कोचिंग बायजूस नाम का लर्निंग एप खरीदा था। 30 जून, 2019 को खरीदे एजुकेशन एप के लिए 1 लाख में से 6,200 रुपए का नकद भुगतान किया था। बकाया रकम का भुगतान 4656 रुपए की मासिक किस्त में किया जाना था। शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें एक ट्यूटर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्हें किसी भी प्रकार की शिकायत आती है तो एजुकेशन एप को रद्द करने और रिफंड का अधिकार होगा। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ट्यूटर के लिए अनुरोध किया, लेकिन उपलब्ध नहीं करवाया गया। इसके बावजूद प्रति माह 4656 रुपए की किस्त काटते रहे। ना एप रद्द किया और ना ही लौटए रुपए शिकायतकर्ताओं ने ऐप को रद्द करने और राशि वापस करने का अनुरोध किया। बायजूस कोचिंग ने न तो एप को रद्द किया और न ही राशि वापस की। हालांकि, बाद में आरोपी पक्ष ने किस्त को काटना बंद कर दिया, लेकिन शिकायतकर्ताओं को पहले काटी राशि वापस नहीं की। इस पर उपभोक्ता ने अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी ठहराते हुए आयोग में शिकायत दायर की थी।
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