बरनाला के महल कलां गांव में निजी बैंक द्वारा एक किसान के घर पर कब्जा करने का वारंट लेकर पहुंचने बैंक अधिकारियों का भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां द्वारा कड़ा विरोध किया गया। जिसके चलते बैंक अधिकारियों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। किसान नेता जरनैल सिंह बदरा, बुकन सिंह, भगत सिंह छन्ना और जज सिंह गहल ने कहा कि गांव के भूमिहीन किसान सुखविंदर सिंह ने 7 जुलाई 2018 को पंजाब नेशनल बैंक से 10 लाख का कर्ज लिया था। जिसमें से पीएनबी ने दो लाख रुपए एडवांस किस्तों के लिए रख लिए और 8 लाख रुपए सुखविंदर सिंह को भैंस खरीदने के लिए दे दिए। किसान नहीं भर सका किस्त सुखविंदर सिंह ने करीब दो लाख की किस्त भी भरीं। लेकिन बाद में किन्हीं कारणों से किस्तें टूट गईं और कर्ज बढ़ गया। जिसके चलते आज पीएनबी के अधिकारी सुखविंदर सिंह के घर के कब्जा वारंट लेकर आए। जिसका बीकेयू उगराहां द्वारा विरोध किया गया। जिसके चलते बैंक अधिकारियों को बिना कब्जा लिए खाली हाथ लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में पीड़ित किसान के घर की कुर्की व कब्जा नहीं होने देंगे। इस मौके पर नेताओं ने सरकार व बैंक से उक्त किसान का कर्ज माफ करने की मांग की है। बरनाला के महल कलां गांव में निजी बैंक द्वारा एक किसान के घर पर कब्जा करने का वारंट लेकर पहुंचने बैंक अधिकारियों का भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां द्वारा कड़ा विरोध किया गया। जिसके चलते बैंक अधिकारियों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। किसान नेता जरनैल सिंह बदरा, बुकन सिंह, भगत सिंह छन्ना और जज सिंह गहल ने कहा कि गांव के भूमिहीन किसान सुखविंदर सिंह ने 7 जुलाई 2018 को पंजाब नेशनल बैंक से 10 लाख का कर्ज लिया था। जिसमें से पीएनबी ने दो लाख रुपए एडवांस किस्तों के लिए रख लिए और 8 लाख रुपए सुखविंदर सिंह को भैंस खरीदने के लिए दे दिए। किसान नहीं भर सका किस्त सुखविंदर सिंह ने करीब दो लाख की किस्त भी भरीं। लेकिन बाद में किन्हीं कारणों से किस्तें टूट गईं और कर्ज बढ़ गया। जिसके चलते आज पीएनबी के अधिकारी सुखविंदर सिंह के घर के कब्जा वारंट लेकर आए। जिसका बीकेयू उगराहां द्वारा विरोध किया गया। जिसके चलते बैंक अधिकारियों को बिना कब्जा लिए खाली हाथ लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में पीड़ित किसान के घर की कुर्की व कब्जा नहीं होने देंगे। इस मौके पर नेताओं ने सरकार व बैंक से उक्त किसान का कर्ज माफ करने की मांग की है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब की कर्ज सीमा बढ़ सकती है:केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को लिखा पत्र, राज्य सरकार ने रखा था अपना पक्ष
पंजाब की कर्ज सीमा बढ़ सकती है:केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को लिखा पत्र, राज्य सरकार ने रखा था अपना पक्ष पंजाब की कर्ज सीमा दस हजार करोड़ बढ़ाने की मांग को केंद्र सरकार पूरा कर सकती है। इस मामले में केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय (खर्च विभाग) को पत्र लिखा है। साथ ही कहा है कि पंजाब सरकार की तरफ से पेश किए तथ्यों के मद्देनजर कर्ज सीमा में कटौती की बहाली को मंजूरी देने वाले विचार किया जा सकता है। राज्य सरकार ने कर्ज सीमा में दस हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की मांग की है। मौजूदा समय में कर्ज लेने की सीमा 30464 करोड़ है। सरकार ने अपने पत्र पेश की थी सारी स्थिति केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 20 मार्च को बिजली मंत्रालय को पत्र लिखकर पावरकॉम में पड़े घाटे बारे बताया था। इसके बाद पांच अप्रैल 2024 को पंजाब सरकार ने पत्र लिखकर अपना पक्ष पेश किया था। सरकार ने अपनी दलील रखी कि साल 2022-2023 में जब पावरकॉम में घाटा हुआ है तो उससे पहले ही उदय स्कीम का पांच साल का समय समाप्त हो चुका था। साथ ही बताया कि साल 2022-23 में वित्तीय घाटे की वजह वित्तीय वर्ष के मुकाबले बिजली खरीद पर 2757 करोड़ की बढोतरी होना है। साल 2022-23 में पूरे देश में दस फीसदी विदेशी कोयला प्रयोग करने के लिए कहा गया था। इस वजह से पंजाब के खर्च बढे़ हैं। साल 2020-21, 2021-22 में पावरकॉम वित्तीय घाटे में नहीं था। साल 2023-24 में पावरकॉम 830 करोड़ मुनाफे में रही है। जबकि 24-25 बिजली दरों में बढ़ोतरी होने से कोई घाटा नहीं हो। सरकार के लिए बड़ी उम्मीद केंद्र सरकार द्वारा कर्ज सीमा बढ़ाने पर विचार पंजाब के लिए काफी राहत वाली बात है। क्योंकि सरकार को अपने खर्च की पूर्ति के लिए काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा है। इसी वजह से मुलाजिमों को अगस्त महीने के बेतन की अदायगी चार सितंबर को की गई। 7 किलोवॉट पर 3 रुपए बिजली सब्सिडी खत्म करने, तेल कीमतों में बढ़ोतरी, ग्रीन टैक्स लगाना शामिल है। इससे सरकार को आमदनी होगी। विरासत में मिले कर्ज का भी दिया हवाला गत वर्ष एक बार केंद्र सरकार पंजाब की कर्ज सीमा मे 2387 करोड़ की कटौती की थी। अगस्त महीने में हुई कैबिनेट मीटिंग में केंद्रीय वित्त मंत्रायल को कर्ज सीमा बढ़ाने के लिए पत्र लिखने को मंजूरी दी थी। राज्य सरकार ने पत्र में दलील दी थी कि पिछली सरकारों से उन्हें कर्ज विरासत के रूप में मिला है। जिसे वापस किया जाना है। पंजाब सरकार की तरफ से 69, 867 करोड़ रुपए कर्ज की अदायगी की जानी है।23,900 करोड़ की राशि केवल कर्ज और ब्याज की अदायगी है। गत दिनों में वित्तीय संकट के मद्देनजर पंजाब सरकार ने कई फैसले लिए हैं।
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। हाईकोर्ट के फैसले पर डेरा सच्चा सौदा ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास रहा है और माननीय न्यायालय से हमें न्याय मिला है। 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
कुरुक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी पुलिस जांच हुई, लेकिन डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद CBI ने इन्हें उम्रकैद की सजा दे दी। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। रणजीत का पूरा परिवार डेरे से जुड़ा था, चिट्ठी के बाद इस्तीफा दिया
साल 2002 में रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया था। उस गुमनाम खत में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। यह चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मारी गई थी। इसके बाद उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या के केस में भी राम रहीम उम्रकैद काट रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ (पूरी खबर पढ़ें) गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है। राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। (पूरी खबर पढ़ें) रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)
लुधियाना में युवक पर फायरिंग:सिर में फंसी गोली,आंख हुई डेमेज,जिम जाने के बहाने दोस्तों ने घर से था बुलाया
लुधियाना में युवक पर फायरिंग:सिर में फंसी गोली,आंख हुई डेमेज,जिम जाने के बहाने दोस्तों ने घर से था बुलाया पंजाब के लुधियाना में एक युवक पर उसके कुछ दोस्तों ने फायरिंग कर दी। युवक के आइब्रो से गोली सिर में लगी। गोली युवक के सिर में फंस गई। पीजीआई में आपरेशन कर गोली डॉक्टरों ने बाहर निकाली लेकिन युवक की दाईं आंख पूरी तरह से डैमेज हो गई है। युवक की हालत गंभीर है। घायल युवक का नाम दीपू है। पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी है। जिम के बहाने दोस्तों ने घर से बुलाया थाना मेहरबान की पुलिस को घायल दीपू के भाई विक्की निवासी कनीजा रोड गांव नूरवाला ने बताया कि 15 जुलाई की रात 8 बजे उसके भाई दीपू को जिम ले जाने के लिए उसके दोस्त आए। उस रात उसका भाई घर नहीं आया। 16 जुलाई सुबह मोहल्ले का एक बच्चा सुबह 6.30 बजे उनके घर आया। उसने उन्हें बताया कि दीपू मछली कालोनी में बेसुध हालत में चिकड़ में हुआ है। गोली लगने से दाईं आंख डेमेज विक्की ने कहा कि जब उन्होंने जाकर देखा तो दीपू खून से लथपथ गिरा हुआ था। उसके दाईं आंख पर गहरा जख्म था। दर्द से दीपू चीख रहा था। वह उसे तुरंत पीजीआई अस्पताल चंडीगढ़ ले गए। डाक्टरों ने जब उसके सिर के स्केन की तो सिर में गोली उन्हें मिली। दीपू का डाक्टरों ने आपरेशन किया है। सिर से गोली तो निकल गई है लेकिन आंख हमेशा के लिए डैमेज हो गई है। उसकी हालत क्रिटिकल है। थाना मेहरबान से ASI सुरजीत सिंह मामले की जांच कर रहे है। पुलिस ने आरोपी गुनीत सिंह, अमनदीप सिंह और सोनू के खिलाफ धारा 109,61(2),25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। दीपू फैक्ट्री में फोल्डिंग मशीन चलाता था। उसकी हमलावरों से क्या दुश्मनी थी यह अभी पता नहीं चल सका। पुलिस इलाके में सीसीटीवी फूटेज खोज रही है।