पटियाला के सनौर थाना क्षेत्र में एक पूर्व सरपंच मनरेगा के तहत काम करने वाली 21 साल की लड़की पर गंदी नजर रखता था। आरोपी सरपंच लड़की को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करते हुए काम से निकालने की लगातार धमकियां दे रहा था। परेशान लड़की ने पुलिस को कंप्लेट कर दी, जिसके बाद पूर्व सरपंच कृष्ण सिंह के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर ली है। लड़की के अनुसार वह मनरेगा के तहत मजदूरी करती थी और कृष्णा सिंह गांव ललिना का सरपंच रह चुका है। आरोपी उसे लगातार कई महीनो से परेशान कर रहा था और शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाता था। इनकार करने के बावजूद आरोपी लगातार उसका पीछा करता रहता था। 3 जुलाई को भी सुबह 10 बजे जब वह अपने घर जा रही थी तो पीछा करते हुए आरोपी आया, जिसने जबरन अपने साथ ले जाने के लिए कोशिश की। विरोध करने पर आरोपी ने जान से मारने की धमकी देते हुए नौकरी से निकालने की धमकी दी थी। फरार चल रहा है आरोपी- एसएचओ थाना सनौर के एसएचओ अजय कुमार ने कहा कि फिलहाल आरोपी फरार चल रहा है जल्द ही उसे अरेस्ट कर लेंगे। पटियाला के सनौर थाना क्षेत्र में एक पूर्व सरपंच मनरेगा के तहत काम करने वाली 21 साल की लड़की पर गंदी नजर रखता था। आरोपी सरपंच लड़की को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करते हुए काम से निकालने की लगातार धमकियां दे रहा था। परेशान लड़की ने पुलिस को कंप्लेट कर दी, जिसके बाद पूर्व सरपंच कृष्ण सिंह के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर ली है। लड़की के अनुसार वह मनरेगा के तहत मजदूरी करती थी और कृष्णा सिंह गांव ललिना का सरपंच रह चुका है। आरोपी उसे लगातार कई महीनो से परेशान कर रहा था और शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाता था। इनकार करने के बावजूद आरोपी लगातार उसका पीछा करता रहता था। 3 जुलाई को भी सुबह 10 बजे जब वह अपने घर जा रही थी तो पीछा करते हुए आरोपी आया, जिसने जबरन अपने साथ ले जाने के लिए कोशिश की। विरोध करने पर आरोपी ने जान से मारने की धमकी देते हुए नौकरी से निकालने की धमकी दी थी। फरार चल रहा है आरोपी- एसएचओ थाना सनौर के एसएचओ अजय कुमार ने कहा कि फिलहाल आरोपी फरार चल रहा है जल्द ही उसे अरेस्ट कर लेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में DAP की कमी से किसान परेशान:56 सहकारी समिति हुई निष्क्रिय; दुकानदारों को 700 रुपए अधिक देने को मजबूर अमृतसर के कई हिस्सों में गेहूं की बुवाई तेजी से शुरू हो चुकी है। किसान डायमोनियम फॉस्फेट (DAP) खाद की एक-एक बोरी पाने के लिए परेशान हो रहे हैं। ये वही खाद है, जिसके लिए किसान सड़कों पर बैठ संघर्ष भी कर रहे हैं। लेकिन अमृतसर में स्थिति और खराब हो चुकी है। इसका कारण, जिले की लगभग 56 सहकारी समितियां या तो निष्क्रिय हो चुकी हैं या उन्होंने मार्कफेड का बकाया नहीं चुकाया है। किसानों को बाजार में DAP की एक-एक बोरी, जिसकी एमआरपी 1,350 रुपए है, 1700 से 2000 रुपए तक में खरीदनी पड़ रही है। इतना ही नहीं, खाद की कमी का फायदा उठाते हुए दुकानदार हर बोरी के साथ अनावश्यक रसायन भी खरीदने के लिए किसान पर दबाव बना रहे हैं। तरन-तारन के सराय अमानत खान के हरजाप सिंह ने बताया कि कुछ दुकानदार वैकल्पिक उर्वरकों के साथ भी अनावश्यक वस्तुओं को जोड़ रहे हैं। जिससे किसान पर बोझ बढ़ रहा है। 60 फीसदी बिक्री सहकारी समितियों से होती है पिछले वर्ष राज्य सरकार ने 60 प्रतिशत DAP की बिक्री सहकारी समितियों और 40 प्रतिशत निजी व्यापारियों के माध्यम से निर्धारित की थी। अटारी के कुलदीप सिंह ने बताया कि खैराबाद सहकारी समिति निष्क्रिय पड़ी है, जिसके कारण हम उर्वरकों के लिए निजी व्यापारियों पर निर्भर हैं। किसान प्रति बोरी पर 500 से 700 रुपए अधिक देने को मजबूर हैं। सरकार ने निजी व्यापारियों को पहुंचाया फायदा राज्य सरकार ने सहकारी समितियों की हिस्सेदारी को 80 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया और निजी व्यापारियों की हिस्सेदारी को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है। दुकानदारों पर निर्भरता बढ़ने के बाद किसानों को अपनी मांग पूरी करने के लिए दुकानदारों से अतिरिक्त सामान लेना पड़ रहा है। किसान खाद के साथ लें बिल मुख्य कृषि अधिकारी तजिंदर सिंह ने बताया कि दुकानदारों को चेतावनी दी गई है। अगर कोई उर्वरकों के साथ अनावश्यक वस्तुएं जोड़कर बेचेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि हर खरीद पर दुकानदार से बिल अवश्य लें। अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए उर्वरक दुकानों और गोदामों में निरीक्षण किया जा रहा है।
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