कपूरथला सिटी थाना में कुछ दिन पहले एक नाबालिग लड़की से गैंग रेप के मामले में एक आरोपी ने पुलिस रिमांड के चलते थाना में ही संदिग्ध हालात में जख़्मी होने का मामला सामने आया है। हालांकि पुलिस ने आरोपी का उपचार सिविल अस्पताल से करवा कर वापस ले गई है। परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके बेटे पर नजायज मामला दर्ज होने के कारण वह सदमे में है। वहीं आरोपी की मां ने सिविल अस्पताल में उपचार करवाने आई पुलिस की गाड़ी के आगे लेट प्रदर्शन भी किया है। दूसरी तरफ पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि आरोपी युवक बाथरुम में स्लिप होने के कारण जख़्मी हुआ है। छात्रा के साथ किया था गैंगरेप बता दें कि लगभग एक सप्ताह पहले एक 16 वर्षीय छात्रा की मां ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि उसकी नाबालिग लड़की के साथ 8-10 युवकों ने सामूहिक बलात्कार किया है। शहर के एक निजी स्कूल के बाथरुम में उसकी अश्लील वीडियो भी बनाई थी। पुलिस ने नाबालिग लड़की की मां की शिकायत पर कार्रवाई करते आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपी युवकों को हिरासत में भी लिया था। पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए आरोपियों के परिजनों ने पुलिस की धक्केशाही के खिलाफ थाने का घेराव भी किया गया था। वहीं इस मामले में काबू किए गए 3 युवकों को अदालत में पेश किया गया। जहां से एक नाबालिग आरोपी को बाल गृह में भेज दिया था तथा अन्य दो पुलिस रिमांड में चल रहे हैं। परिजनों बोले- झूठे केस में फंसाया रिमांड पर चल रहे एक युवक को आज जख्मी हालत में सिटी पुलिस दवारा उपचार के लिए सिविल अस्पताल में लाया गया। जहां से उपचार के बाद जब उसे वापस ले जाया जाने लगा तो उसके परिवार ने यह कह कर विरोध किया कि उनके बेटे को गलत ढंग से फंसाया गया है। इसी के चलते उसकी मां पुलिस की निजी गाड़ी के आगे लेट गई, और विरोध करने लगी। इस मामले में परिवार का आरोप है कि युवक पर गलत मामला दर्ज होने के कारण वह सदमे में है। इसी सदमे के कारण उस ने अपनी बाजु को काटने को कोशिश की है। जबकि युवक ने भी मीडिया को बताया कि उस ने हावलात में खुद को जख्मी किया है। DSP ने दी जानकारी SMO डॉ. संदीप धवन के अनुसार ड्यूटी डॉक्टर द्वारा युवक का इलाज कर दिया गया है और अब उसकी हालत ठीक है। दूसरी तरफ DSP सब डिवीजन हरप्रीत सिंह ने बताया कि उक्त आरोपी सुबह बाथरुम गया था। जहां उसका पैर स्लिप हो गया, जिससे उसको चोट लग गई। युवक का सिविल अस्पताल में उपचार करवा दिया गया है। कपूरथला सिटी थाना में कुछ दिन पहले एक नाबालिग लड़की से गैंग रेप के मामले में एक आरोपी ने पुलिस रिमांड के चलते थाना में ही संदिग्ध हालात में जख़्मी होने का मामला सामने आया है। हालांकि पुलिस ने आरोपी का उपचार सिविल अस्पताल से करवा कर वापस ले गई है। परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके बेटे पर नजायज मामला दर्ज होने के कारण वह सदमे में है। वहीं आरोपी की मां ने सिविल अस्पताल में उपचार करवाने आई पुलिस की गाड़ी के आगे लेट प्रदर्शन भी किया है। दूसरी तरफ पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि आरोपी युवक बाथरुम में स्लिप होने के कारण जख़्मी हुआ है। छात्रा के साथ किया था गैंगरेप बता दें कि लगभग एक सप्ताह पहले एक 16 वर्षीय छात्रा की मां ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि उसकी नाबालिग लड़की के साथ 8-10 युवकों ने सामूहिक बलात्कार किया है। शहर के एक निजी स्कूल के बाथरुम में उसकी अश्लील वीडियो भी बनाई थी। पुलिस ने नाबालिग लड़की की मां की शिकायत पर कार्रवाई करते आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपी युवकों को हिरासत में भी लिया था। पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए आरोपियों के परिजनों ने पुलिस की धक्केशाही के खिलाफ थाने का घेराव भी किया गया था। वहीं इस मामले में काबू किए गए 3 युवकों को अदालत में पेश किया गया। जहां से एक नाबालिग आरोपी को बाल गृह में भेज दिया था तथा अन्य दो पुलिस रिमांड में चल रहे हैं। परिजनों बोले- झूठे केस में फंसाया रिमांड पर चल रहे एक युवक को आज जख्मी हालत में सिटी पुलिस दवारा उपचार के लिए सिविल अस्पताल में लाया गया। जहां से उपचार के बाद जब उसे वापस ले जाया जाने लगा तो उसके परिवार ने यह कह कर विरोध किया कि उनके बेटे को गलत ढंग से फंसाया गया है। इसी के चलते उसकी मां पुलिस की निजी गाड़ी के आगे लेट गई, और विरोध करने लगी। इस मामले में परिवार का आरोप है कि युवक पर गलत मामला दर्ज होने के कारण वह सदमे में है। इसी सदमे के कारण उस ने अपनी बाजु को काटने को कोशिश की है। जबकि युवक ने भी मीडिया को बताया कि उस ने हावलात में खुद को जख्मी किया है। DSP ने दी जानकारी SMO डॉ. संदीप धवन के अनुसार ड्यूटी डॉक्टर द्वारा युवक का इलाज कर दिया गया है और अब उसकी हालत ठीक है। दूसरी तरफ DSP सब डिवीजन हरप्रीत सिंह ने बताया कि उक्त आरोपी सुबह बाथरुम गया था। जहां उसका पैर स्लिप हो गया, जिससे उसको चोट लग गई। युवक का सिविल अस्पताल में उपचार करवा दिया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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रामबाग में अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ पुलिस को सौंपा मांग पत्र भास्कर न्यूज | अमृतसर रामबाग में अवैध शराब के कारोबार को बंद कराने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी सहित इलाकावासियों ने थाना ए-डिवीजन पुलिस को मांग पत्र सौंपा। पूर्व पुलिस अधिकारी अश्वनी शर्मा ने चेतावनी दी कि अगर शराब तस्करों के खिलाफ 15 दिन में कार्रवाई न हुई तो खुद को आग लगाकर खुदकुशी कर लेंगे। कोट आत्मा सिंह के रहने वाले अश्वनी ने बताया कि रामबाग इलाके में अवैध रूप से शराब बेचने का काम चल रहा है। इस मामले को लेकर कई बार पुलिस आयुक्त और उपायुक्त से मिल चुके हैं, मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इलाके में बिकने वाले नशे की वजह से लोगों का कारोबार ठप हो गया है। बहन-बेटियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। जब उनके कोई रिश्तेदार भी वहां आते हैं तो तस्कर उनसे कहते हैं कि आपको शराब की बोतल तो नहीं चाहिए, इस वजह से रिश्तेदार ने आना छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि शराब तस्करी का काम इलाके में इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोगों को रात के समय घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि कई बार पुलिस को भी शिकायत कर चुके है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इस मामले में थाना प्रभारी बलजिंदर सिंह ने बताया कि एसआई जोगिंदर सिंह ने मांग पत्र लिया है। शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। एक सप्ताह पहले भी 5/6 तस्करों को काबू किया था, लेकिन लोगों ने मांग पत्र सौंपा है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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CIA अधिकारियों की खास नजर होटलों और क्लबों पर रहेगी। वहीं जिन स्लम इलाकों में दड्डा सट्टा चल रहा है वहां भी देर रात तक पुलिस रेड करेगी। सूत्रों मुताबिक कल देर रात भी पुलिस ने कई जगहों पर सट्टेबाजों पर रेड की है। होटलों और क्लबों में हर आने-जाने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड चेक करवाया जा रहा है। वहीं पुलिस पुराना रिकॉर्ड भी खंगाल रही है, जिन इलाकों में पहले सट्टेबाजी हुआ करती थी वहां भी आज रेड हो सकती। इन इलाकों में होती खुलकर सट्टबाजी
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पर्ल ग्रुप के मालिक का आज अंतिम संस्कार:निर्मल सिंह भंगू के परिवार ने जारी किया पब्लिक नोटिस, कहा- निवेशक का पैसा लौटाएंगे
पर्ल ग्रुप के मालिक का आज अंतिम संस्कार:निर्मल सिंह भंगू के परिवार ने जारी किया पब्लिक नोटिस, कहा- निवेशक का पैसा लौटाएंगे पंजाब के रहने वाले पर्ल ग्रुप के मालिक व 45 हजार करोड़ घोटाले के मास्टरमाइंड निर्मल सिंह भंगू का आज चंडीगढ़ में अंतिम संस्कार किया जाएगा। रविवार रात दिल्ली में उनकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार से पहले परिवार ने पब्लिक नोटिस कर निवेषकों के पैसे लौटाने की बात कही है। ये पब्लिक नोट उनकी बेटी बरिंदर कौर भंगू की तरफ से जारी किया गया। जनवरी 2016 में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने भंगू को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। रविवार रात तबीयत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के DDU अस्पताल में लाया गया। शाम 7.50 बजे उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। भंगू पर आरोप था कि उसने पोंजी स्कीम्स से करोड़ों का साम्राज्य इकट्ठा किया। भंगू ने 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को ऐसी स्कीम्स में फंसा कर हजारों करोड़ रुपए इकट्ठा किए और उसे विदेश में इन्वेस्ट कर दिया। जांच शुरू हुई तो जनवरी 2016 को CBI ने निर्मल सिंह को पकड़ लिया। इसके बाद जांच एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने भी की। जानें क्या लिखा है पब्लिक नोटिस में अत्यंत दुःख के साथ निर्मल सिंह भंगू के 25 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में चिकित्सा उपचार के दौरान निधन के बारे में सूचित करते हैं। उनकी आत्मा सभी को दर्द और दुख की खाई में छोड़कर दुनिया से चली गई। मैं, बरिंदर कौर भंगू, स्वर्गीय सरदार निर्मल सिंह भंगू की बेटी, अत्यंत शोक संतप्त और शोकाकुल पर्ल्स ग्रुप परिवार की ओर से संवाद करती हूं और अपने मूल्यवान निवेशकों के साथ इस अकल्पनीय नुकसान की खबर साझा करती हूं। निर्मल सिंह भंगू का जीवन पर्ल्स ग्रुप के प्रत्येक निवेशक को पैसे चुकाने के एक एकल, अटूट सपने के लिए समर्पित था। दिवंगत निर्मल सिंह भंगू पीएसीएल लिमिटेड और पीजीएफ लिमिटेड के निवेशकों को धन की वापसी से संबंधित मुद्दों पर भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विचार किया जा रहा है, जिन्होंने 02 समितियां (लोढ़ा समिति और स्पेशल कमेटी) भी बनाई हैं। पीएसीएल लिमिटेड और पीजीएफ लिमिटेड के निवेशकों को धन की वापसी इन्हीं कमेटियों की निगरानी में की जाएगी। पर्ल्स ग्रुप परिवार की ओर से और अपने पिता के सम्मान में, मैं आपको अपना अटूट समर्थन देने और प्रत्येक निवेशक को पैसे के पुनर्भुगतान के संबंध में न्यायिक या अर्ध-न्यायिक अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देती हूं। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगी जब तक कि मैं अपने पिता के सपने को, जिसके लिए वह जीए और मर गए, को सच होते नहीं देख लेती। पीएसीएल लिमिटेड के साथ-साथ पीजीएफ लिमिटेड के प्रत्येक निवेशक को यह मेरा आश्वासन है कि मैं आपके अधिकारों की रक्षा करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ूंगी और जब तक आप सभी को भुगतान नहीं मिल जाता, मैं हमेशा आपके हित को बरकरार रखूंगी। 1980 में खोली खुद की कंपनी 70 के दशक में भंगू नौकरी की तलाश में कोलकाता चला गया। जहां उसने एक फेमस इन्वेस्टमेंट कंपनी पियरलेस में कुछ साल काम किया। उसके बाद इन्वेस्टर्स से करोड़ों की ठगी करने वाली हरियाणा की कंपनी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड में काम करने लगा। इस कंपनी के बंद होने के बाद वह बेरोजगार हो गया। इसी कंपनी के काम करने के आइडिया के तहत उसने 1980 में पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट (पीजीएफ) नाम की कंपनी बनाई। यह कंपनी भी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड की तर्ज पर लोगों से सागौन जैसे पेड़ों के प्लांटेशन पर इन्वेस्टमेंट करा कुछ वक्त बाद अच्छा मुनाफा लौटाने का वादा करती थी। 1996 तक कंपनी ने करोड़ों रुपए जुटा लिए। इनकम टैक्स और दूसरी जांच के चलते कंपनी को बंद कर दिया गया। विदेश में बनाया अपना साम्राज्य इसके बाद उसने पंजाब के बरनाला से एक नई कंपनी पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) की शुरुआत की। ये एक चेन सिस्टम स्कीम्स थी। कंपनी के दिए बड़े मुनाफे के दावों और वादों के लालच में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसमें पैसा लगा दिया। इसके तहत लोगों से हर महीने मामूली रकम जमा करवाई जाती थी। लोगों से जुटाई गई छोटी-छोटी रकम से उसने देश ही नहीं विदेश में पर्ल्स ग्रुप का एम्पायर खड़ा कर लिया। करोड़ों रुपए को भंगू ने अलग-अलग तरह के कई कारोबार में इन्वेस्ट किया। जब वादे के मुताबिक इन्वेस्टर्स को उनका लगाया पैसा नहीं लौटाया गया तो कंपनी के खिलाफ लोगों शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी। इसके बाद मामला CBI के पास पहुंचा। CBI की जांच में क्या ? CBI की जांच के अनुसार लोगों से ठगी करने वाली कंपनियों की पहचान पर्ल्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एआरएसएस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और जैन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के रूप में की गई।
उच्च रिटर्न के झूठे वादे पर लोगों को निवेश करने के लिए मनाने के लिए निर्मल भंगू की कंपनियों द्वारा योजनाएं शुरू की गईं थी। विभिन्न राज्यों के 5.50 करोड़ निवेशकों से जुटाई गई धनराशि का दुरुपयोग किया गया। निवेशकों को झूठे भूमि आवंटन पत्र दिए गए। दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में और उसके आसपास के अधिकांश लैंड या तो अस्तित्व में नहीं थी, वह सरकारी प्रॉपर्टी थी या उनके असल मालिकों की तरफ से बेची ही नहीं गई थी। 23 लाख से अधिक कमीशन एजेंटों को शामिल किया था और उनमें से 1700 से अधिक सीनियर लैवल के फील्ड ऑफिसर थे। इन्हें निवेशकों को लाने के लिए लाखों रुपए का मासिक कमीशन का भुगतान किया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर आरोपियों ने बाद में एक योजना बंद कर दी, लेकिन पिछले निवेशकों को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल की गई धनराशि इकट्ठा करने के लिए एक अलग कंपनी के नाम पर एक और योजना शुरू की। सेल संस्थाओं का उपयोग करके एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी डायवर्ट किया गया और ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों में लगभग 132.99 मिलियन आस्ट्रेलियन डॉलर का निवेश किया गया। सीएम मान ने प्रॉपर्टी सीज करवानी शुरू की मई 2023 में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पर्ल ग्रुप की प्रॉपर्टी को सीज कर इन्वेस्टर्स के पैसे लौटाने का वादा किया था। जिसके बाद पंजाब सरकार ने प्रॉपर्टी को सीज करने की कानूनी प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। पिछले साल पत्नी हुई थी गिरफ्तार पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने सितंबर 2023 में निर्मल सिंह भंगू की पत्नी प्रेम कौर को भी गिरफ्तार किया था। प्रेम कौर को इस मामले में पर्ल ग्रुप की संपत्तियों को अलग करने और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन का आरोप था। प्रेम कौर ने संपत्तियों को बेचने के लिए एक करीबी रिश्तेदार को ट्रांसफर करने के लिए नामांकित किया गया था।