इटली के उत्तरी वेरोना प्रांत में स्थानीय अधिकारियों ने 33 भारतीयों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया है। मुक्त कराए गए 33 भारतीयों में से अधिकतर पंजाबी मूल के हैं। इतना ही नहीं, जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे भी पंजाबी मूल के हैं। अधिकारियों ने दोनों कथित आरोपियों से 5.45 लाख यूरो भी जब्त किए हैं। घटना की जांच जून महीने में शुरू हुई थी। इटली में बंधुआ मजदूरी जून में हुए एक हादसे के बाद चर्चा में आई थी। जिसमें फल तोड़ने वाले पंजाबी सतनाम सिंह की मशीन से हाथ कट जाने से मौत हो गई थी। रोम के पास लाजियो में स्ट्रॉबेरी रैपिंग मशीन की चपेट में आने से सतनाम का हाथ कट गया था। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। नागरिकों को वर्क परमिट पर लाते थे इटली रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि कथित गैंग-मास्टर्स जो भारत से ही थे, सीजनल वर्क परमिट पर साथी नागरिकों को इटली लाते थे। हर बंधुआ मजदूर को प्रति महीने 17,000 यूरो का भुगतान करने और उन्हें बेहतर भविष्य का वादा करके लाया जाता था। लेकिन यहां पहुंचते ही परिस्थितयां बदल जाती थी। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों को खेत में काम दिया जाता था। सप्ताह में सातों दिन और प्रति दिन 10-12 घंटे काम करवाया जाता था। उन्हें प्रति घंटे 4 यूरो का भुगतान होता था। उनसे तब तक बंधुआ मजदूरी करवाई जाती थी, जब तक वे अपने कर्जे का भुगतान नहीं कर देते थे। स्थायी वर्क परमिट के लिए अतिरिक्त 13 हजार यूरो पुलिस के बयान में कहा गया कि कुछ लोगों को स्थायी वर्क परमिट का वादा किया जाता था। इसके लिए उनसे अतिरिक्त 13,000 यूरो वसूले जाते थे। वे पूरी रकम का भुगतान होने तक मुफ्त में काम किया करते थे। पुलिस ने कहा कि इस आरोप के लिए आरोपियों के खिलाफ श्रम शोषण से जुड़ा मुकदमा चलाया जाएगा। जबकि पीड़ितों को काम के अवसर और लीगल रेजिडेंस पेपर्स की पेशकश की जाएगी। इटली के उत्तरी वेरोना प्रांत में स्थानीय अधिकारियों ने 33 भारतीयों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया है। मुक्त कराए गए 33 भारतीयों में से अधिकतर पंजाबी मूल के हैं। इतना ही नहीं, जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे भी पंजाबी मूल के हैं। अधिकारियों ने दोनों कथित आरोपियों से 5.45 लाख यूरो भी जब्त किए हैं। घटना की जांच जून महीने में शुरू हुई थी। इटली में बंधुआ मजदूरी जून में हुए एक हादसे के बाद चर्चा में आई थी। जिसमें फल तोड़ने वाले पंजाबी सतनाम सिंह की मशीन से हाथ कट जाने से मौत हो गई थी। रोम के पास लाजियो में स्ट्रॉबेरी रैपिंग मशीन की चपेट में आने से सतनाम का हाथ कट गया था। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। नागरिकों को वर्क परमिट पर लाते थे इटली रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि कथित गैंग-मास्टर्स जो भारत से ही थे, सीजनल वर्क परमिट पर साथी नागरिकों को इटली लाते थे। हर बंधुआ मजदूर को प्रति महीने 17,000 यूरो का भुगतान करने और उन्हें बेहतर भविष्य का वादा करके लाया जाता था। लेकिन यहां पहुंचते ही परिस्थितयां बदल जाती थी। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों को खेत में काम दिया जाता था। सप्ताह में सातों दिन और प्रति दिन 10-12 घंटे काम करवाया जाता था। उन्हें प्रति घंटे 4 यूरो का भुगतान होता था। उनसे तब तक बंधुआ मजदूरी करवाई जाती थी, जब तक वे अपने कर्जे का भुगतान नहीं कर देते थे। स्थायी वर्क परमिट के लिए अतिरिक्त 13 हजार यूरो पुलिस के बयान में कहा गया कि कुछ लोगों को स्थायी वर्क परमिट का वादा किया जाता था। इसके लिए उनसे अतिरिक्त 13,000 यूरो वसूले जाते थे। वे पूरी रकम का भुगतान होने तक मुफ्त में काम किया करते थे। पुलिस ने कहा कि इस आरोप के लिए आरोपियों के खिलाफ श्रम शोषण से जुड़ा मुकदमा चलाया जाएगा। जबकि पीड़ितों को काम के अवसर और लीगल रेजिडेंस पेपर्स की पेशकश की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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नवांशहर में बिहार के युवक ने की आत्महत्या:कुछ लोगों से हुई थी मारपीट, हत्या की धमकी मिलने पर डर गया था युवक पंजाब के नवांशहर जिले में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बलाचौर तहसील के आंसरों गांव में देर रात युवक ने घर में ही छत से फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। जिसके बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है। मृतक मूल रूप से बिहार का रहने वाला था और हिमाचल के नालागढ़ में काम करता थ। वह अपने परिवार से मिलने नवांशहर आया था। जहां उसकी पुरी फैमली रहती है। डरकर घर से भाग गया था युवक जानकारी के मुताबिक 26 साल का सूरज कुमार पुत्र रामलाल यादव जो बिहार का रहने वाला है और अभी आंसरों गांव में अपने परिवार सहित रह रहा था। सूरज कुमार के भाई संदीप कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि रात करीब साढ़े नौ बजे मेरे भाई के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की। करीब 10-15 लोगों ने सूरज को जान से मारने की धमकी भी दी थी, जिसके वजह से वो डरकर कहीं भाग गया था। घर वालों ने उसे फोन करके बुलाया, और आश्वासन दिया कि उसे कुछ नहीं होगा। जिसके बाद युवक घर पहुंचा। डर की वजह से सो नहीं पा रहा था युवक युवक से साथ मारपीट करने वाले आरोपियों ने उसे धमकी देते हुए कहा था कि “तुझे जान से मार देंगे, तुझे मारकर तेरे शव को काटकर नहर में फेंक देंगे।” आरोपियों की धमकी की वजह से युवक बहुत डरा हुआ था, इसकी वजह से वो रात को सो भी नहीं पा रहा था। घर वालों ने बड़ी मुश्किल से उसे सुलाने की कोशिश की। सुबह फंदे पर लटकता मिला शव सुबह 6 बजे जब युवक अपने बिस्तर पर नहीं दिखा तो घर वालों ने खोजना शुरू कर दिया। जब छत पर उसकी तलाश की गई तो वहां का मंजर देख परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। सूरज ने फांसी के फंदे पर झूल रहा था। इसके बाद परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। मामला दर्ज नहीं कर रही थी पुलिस पहले तो पुलिस मामले को दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी, लेकिन फिर बाद में पुलिस मारपीट करने वाले आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और जांच करने का आश्वासन दिया। हालांकि विवाद के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है।
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मामला पंजाब के अबोहर में कमाइयांवाली ढाणी का है। यहां रविवार की रात को सुरेंद्र कुमार काम से घर लौटा। उसका परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के एक गांव का रहने वाला है, लेकिन सालों से वह अबोहर में रहकर नौकरी कर रहा है। सुरेंद्र की पत्नी खुशबू ने बताया कि रविवार को जब सुरेंद्र घर आया तो उसकी बेटियों आरती और छोटी बेटी पूजा ने उसके हाथ से मोबाइल फोन ले लिया। सुरेंद्र आकर अपने घर के काम में लग गया, और उसकी बेटियां मोबाइल के लिए झगड़ती रहीं। जब वे दोनों काफी हल्ला कर रही थीं, तो सुरेंद्र को गुस्सा आ गया। बचाने पहुंची तो पत्नी को भी पीटा
उसने बड़ी बेटी आरती को पीटना शुरू कर दिया। जब आरती ज्यादा रो रही थी तो सुरेंद्र को और गुस्सा आया। उसने 10 साल की बेटी आरती को उठाकर पटकना शुरू कर दिया। उसने आरती को 2-3 बार उठाकर जमीन पर पटका। इससे आरती के चेहरे पर चोट लगी। साथ ही बाजू टूट गई। ज्यादा पिटता देख खुशबू खुद जब बच्ची को बचाने पहुंची तो सुरेंद्र ने उसे भी पीटना शुरू कर दिया। सुरेंद्र ने खुशबू को लातें मारीं। इसके बाद वह घर से कहीं निकल गया। रोती और घायल लड़की को लेकर खुशबू सरकारी अस्पताल पहुंची। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, पीड़िता ने मना किया
वहां डॉक्टर ने बताया कि आरती की बाजू टूट गई है। इसके बाद वहीं आरती का इलाज शुरू हुआ। मामले की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने महिला को आश्वासन दिया कि उसके पति पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, महिला ने कोई भी कार्रवाई करवाने से इनकार कर दिया। महिला का कहना था कि खिलाने-पिलाने वाला ही जेल चला गया तो हम जीएंगे कैसे? खुशबू ने कहा कि वह बस इतना चाहती है कि उसका पति दोबारा उस पर हाथ न उठाए। साथ ही उसने यह भी बताया कि पति द्वारा मारपीट की यह पहली घटना है। हो सकता है कि काम से परेशान होकर आया हो तो वहां का गुस्सा यहां आकर निकाल दिया।