नारनौल में कुत्ता सामने आने से बाइक सवार का संतुलन बिगड़ गया। हादसे में बाइक सवार व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक लड़की गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। वहीं घायल लड़की को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस को दी शिकायत में जाखनी गांव निवासी गजेंद्र ने बताया कि उसका पिता सिंह राम और उसकी भतीजी नेहा बाइक पर सवार होकर जेलाफ गांव की ओर जा रहे थे। इस दौरान एक कुत्ता उनकी बाइक के सामने आ गया। कुत्ते की टक्कर लगते ही बाइक असंतुलित होकर गिर गई। घायलों को स्थानीय लोगों ने पहुंचाया अस्पताल गजेंद्र ने कहा कि हादसे में उसके पिता सिंह राम और भतीजी नेहा दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास के लोगों ने दोनों को उपचार के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां पर डॉक्टरों ने राम को मृत घोषित कर दिया है। नारनौल में कुत्ता सामने आने से बाइक सवार का संतुलन बिगड़ गया। हादसे में बाइक सवार व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक लड़की गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। वहीं घायल लड़की को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस को दी शिकायत में जाखनी गांव निवासी गजेंद्र ने बताया कि उसका पिता सिंह राम और उसकी भतीजी नेहा बाइक पर सवार होकर जेलाफ गांव की ओर जा रहे थे। इस दौरान एक कुत्ता उनकी बाइक के सामने आ गया। कुत्ते की टक्कर लगते ही बाइक असंतुलित होकर गिर गई। घायलों को स्थानीय लोगों ने पहुंचाया अस्पताल गजेंद्र ने कहा कि हादसे में उसके पिता सिंह राम और भतीजी नेहा दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास के लोगों ने दोनों को उपचार के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां पर डॉक्टरों ने राम को मृत घोषित कर दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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उचाना में पहुंचे दुष्यंत चौटाला:बोले- भाजपा और कांग्रेस का आपस में फिक्सिंग है; माहौल बनना शुरू हो चुका, 30 दिन बहुत है
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हरियाणा CM ने निर्दलीय MLA को मनाया:समर्थन वापस लेने से पहले मीटिंग की; रावत बोले- नाराजगी दूर, सरकार के साथ हूं हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन टूटने के बाद निर्दलीय विधायकों के सहारे चल रही भाजपा सरकार की बुधवार को अचानक टेंशन बढ़ गई। पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत सुबह अचानक अफसरों की कार्य प्रणाली को लेकर नाराज हो गए। उन्होंने यह तक कह दिया कि वह गुरुवार को इसे लेकर कोई बड़ा कदम उठाएंगे। तब चर्चा शुरू हुई कि रावत भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं। शाम होते-होते विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने नयनपाल रावत की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कराई। साथ ही केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी उनसे फोन पर बात की। इसके बाद नयनपाल रावत बोले- ‘मेरी शिकायतें दूर हो गई हैं। अब मैं सरकार के साथ ही रहूंगा।’ 4 निर्दलीय विधायक विपक्ष के साथ हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। रानियां से विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे, वरुण चौधरी के सांसद बनने और बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद विधानसभा में 87 विधायक बचे हैं। इससे बहुमत का आंकड़ा 46 से घटकर 44 हो गया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 7 निर्दलीय विधायकों ने जीत दर्ज की थी। तब लगभग तभी निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को अपना समर्थन दिया। किसान आंदोलन के दौरान महम से विधायक बलराज कुंडू ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया। लोकसभा चुनाव से पहले 3 निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमवीर सांगवान ने भाजपा का साथ छोड़ते हुए कांग्रेस को समर्थन दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया। 25 मई को लोकसभा चुनाव की वोटिंग के दिन बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का हार्ट अटैक से निधन हो गया। आखिर में सरकार के साथ सिर्फ एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत का साथ बचा। रावत की नाराजगी के बाद चर्चा शुरू हुई कि वह भी कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं। विपक्ष के पास 44 विधायक प्रदेश में विपक्ष के पास 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, इनेलो 1 और 4 निर्दलीय विधायक शामिल हैंं। हालांकि, जजपा ने अपने 2 विधायक रामनिवास सुराजखेड़ा और जोगीराम सिहाग पर भाजपा का साथ देने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए पत्र लिखा हुआ है। इसके अलावा कांग्रेस ने भी भाजपा जॉइन कर चुकी विधायक किरण चौधरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। भाजपा सरकार को गिरने का खतरा नहीं सरकार को फिलहाल गिरने का खतरा नहीं है, क्योंकि सरकार के पास स्पीकर समेत 41 विधायक हैं। साथ ही हलोपा विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है। निर्दलीय नयनपाल रावत को मिलाकर सरकार के पास विधायकों की संख्या 43 है। जजपा के कई विधायक सरकार के कार्यक्रमों में नजर आ चुके हैं। वह भी समर्थन दे सकते हैं या अपना वोट विपक्ष में न डालें तो भी सरकार बहुमत की परीक्षा में सफल हो सकती है। यदि सभी विपक्षी विधायक वोट डाल दें तो भाजपा सरकार मुश्किल में पड़ सकती है।
पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के देवर की हत्या का मामला:22 साल बाद फरार आरोपी गिरफ्तार; होटल के तंदुरिए समेत 6 आरोपी पहले पकड़े जा चुके
पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के देवर की हत्या का मामला:22 साल बाद फरार आरोपी गिरफ्तार; होटल के तंदुरिए समेत 6 आरोपी पहले पकड़े जा चुके हरियाणा के पानीपत में शहरी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के देवर एवं कांग्रेसी नेता सुरेंद्र रेवड़ी के भाई चंद्र रेवड़ी हत्याकांड में पुलिस को 22 साल बाद कामयाबी मिली है। पुलिस ने मामले में फरार चल रहे भगौड़ा घोषित हो चुके आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने मामले में नामजद अपने अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर ने जून 2002 में गोहाना मोड़ के पास स्थित होटल रीजेंसी में साथियों के साथ खाना खाने गए चंद्र की डंडे व तंदूर के सरियों से वार कर हत्या कर दी थी। आरोपी की पहचान संजय निवासी लाटा टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपी ने मामले में पहले पकड़े जा चुके अपने उक्त 6 साथी आरोपियों के अतिरिक्त फरार दो अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर हत्या की उक्त वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकार किया। आरोपी संजय साल 2002 में गोहाना मोड़ के पास स्थित होटल रीजेंसी में तंदूर पर काम करता था। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया उसने करनाल, हैदराबाद व उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में छिपकर फरारी काटी। पुलिस टीम ने बुधवार को पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पहले ये हो चुके गिरफ्तार, अब आरोपी आया था काम की तलाश में
जानकारी देते हुए डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स ने बताया कि उक्त वारदात में पुलिस टीम द्वारा पहले 6 आरोपी रमेश निवासी कालखा, रमेश धींगडा व दीपक धींगडा निवासी माडल टाउन, जितेंद्र निवासी बलईपुर सिवान बिहार, कुलदीप निवासी केवरसारी टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड व दिनेश निवासी कादल विस्तापीर देहरादून उत्तराखंड को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वारदात में संलिप्त आरोपी संजय पुलिस पकड़ से बचने के लिए ठिकाने बदल कर रह रहा था। आरोपी 22 साल बाद मंगलवार को काम की फिराक में पानीपत आया था। जहां टीम ने उसे पकड़ लिया। यूं लगा था वारदात का पता
थाना चांदनी बाग में 10 जून 2002 को रमेश चंद्र ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह ट्रेडिंग का काम करता है। देर शाम वह घर के बाहर खड़ा था। तभी चचेरे भाई चंद्र ने आकर बताया था कि वह जंपी, महेश, मोनू, संजय, आदित्य, तरूण, मोंटी व तिलक के साथ रीजेंसी होटल में खाना खाने के लिए जा रहे हैं। चंद्र देर रात 10:30 बजे तक भी वापस घर नहीं आया तो वह जोगिंद्र को साथ लेकर रीजेंसी होटल गया। वहा देखा चंद्र के साथ होटल मालिक दीपक धींगडा व रिसेप्सन पर काम करने वाला रमेश बिल को लेकर झगड़ा कर रहे थे। दीपक धींगडा अंदर से कारिंदों को बुला लाया और सभी ने मिलकर तंदूर के सरिए, छुरी व डंडों से चंद्र पर हमला कर दिया। उसने छुड़ाने की काफी कोशिश की। आरोपियों ने चंद्र को काफी चोटे मारी। वह और जोगिंद्र कार से चंद्र को सिविल अस्पताल लेकर गए। डॉक्टरों ने चेक कर चंद्र को मृत घोषित कर दिया।