हरियाणा के किसान संगठनों की आज चंडीगढ़ में 12 बजे सरकार के साथ मीटिंग होने जा रही है। यह बैठक हरियाणा भवन में रखी है। सरकार के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर किसानों के साथ बैठक करेंगे। जिसमें किसानों की सभी मांगों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में विभिन्न किसान संगठनों को प्रतिनिधि शामिल होंगे। ये हैं किसानों की मुख्य मांगें BKU के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि हमें फसल खरीद की गारंटी देते हुए स्वामीनाथन की सिफारिश अनुसार C2 + 50 % लागत का डेढ़ गुना दाम देने का कानून बनाया जाए। 2. प्रदेश में फसल खरीद में खरीद की लिमिट,ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, पोर्टल आदि की शर्त हटाई जाए व भुगतान तय सीमा में हो अन्यथा ब्याज समेत भुगतान हो। 3. प्राकृतिक आपदा (ओलावृष्टि, आंधी, तूफान,बारिश, जलभराव, आगजनी ,सूखा,) आदि से फसल बर्बाद होने की स्थिति में ऑनलाइन आदि का चक्कर खत्म कर किसानों को जितना नुकसान होता है उसका मुआवजा देने की प्रक्रिया को सरल बनाई जाए। ओलावृष्टि से बर्बाद फसल का मुआवजा रतन मान ने बताया कि रबी 2023 में ओलावृष्टि के चलते दर्जनों जिलों में फसल बर्बाद हुई थी। जिसकी गिरदावरी के आदेश दिए गए लेकिन इसी समय क्षतिपूर्ति पोर्टल भी चलाया गया था। जिसके ना चलने की वजह से सभी किसान पोर्टल पर नुकसान दर्ज नही करवा पाए कुछ किसानों ने पोर्टल पर भी दर्ज करवा दिया। जिसका कुछ मुआवजा सरकार ने दिया लेकिन जो गिरदावरी हुई थी उसकी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा नहीं दिया और उसके चलते, रोहतक, झज्जर, हिसार, फतेहबाद, भिवानी, सिरसा, कैथल, दादरी, समेत अन्य जिलों के किसान मुआवजे से वंचित है। वो जल्द दिया जाएं। 4. रबी 2024 में ओलावृष्टि बर्बाद फसलों का प्रदेश के कई जिलों का बकाया मुआवजा जल्द किसानों के खातों में डाला जाएं। खरीफ 2021 का खेड़ी चौपट,नरवाना, आदमपुर, बालसमंद ,बरवाला,का मुआवजा दिया जाएं। 6. बिजली संशोधन कानून और स्मार्ट मीटर योजना को रद्द करने की सिफारिश हरियाणा सरकार केंद्र सरकार को भेजें। 7.खेतों से निकलने वाली हाई टेंशन पावर लाइन के मुआवजे को लेकर जो पॉलिसी हरियाणा सरकार लेकर आई है वो आंदोलनरत किसानों की मांगो के अनुरुप नहीं है उस पर पुनर्विचार करते हुए किसानों की मांगो के मुताबिक पॉलिसी बनाई जाए। 6.765 केवी की एचटी लाइन और उसमे खंबो के नीचे की जमीन का मार्केट रेट से 200% व 67 मीटर चौड़े कॉरिडोर का 70% से अधिक मुआवजा दिया जाए। 7. प्रदेश में 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएं। प्रदेश में लंबित ट्यूबवेल कनेक्शन जल्द जारी किए जाए। 8.फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियों की मनमानी शर्तों को हटाया जाए। इसकी जगह सरकारी और प्रभावी फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन हो। जो कंपनियां किसानों के क्लेम नही दे रही उनपर कानूनी कार्यवाही की जाए। इन मांगो सहित किसानों की कुल 30 मुख्य मांगे हैं। हरियाणा के किसान संगठनों की आज चंडीगढ़ में 12 बजे सरकार के साथ मीटिंग होने जा रही है। यह बैठक हरियाणा भवन में रखी है। सरकार के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर किसानों के साथ बैठक करेंगे। जिसमें किसानों की सभी मांगों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में विभिन्न किसान संगठनों को प्रतिनिधि शामिल होंगे। ये हैं किसानों की मुख्य मांगें BKU के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि हमें फसल खरीद की गारंटी देते हुए स्वामीनाथन की सिफारिश अनुसार C2 + 50 % लागत का डेढ़ गुना दाम देने का कानून बनाया जाए। 2. प्रदेश में फसल खरीद में खरीद की लिमिट,ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, पोर्टल आदि की शर्त हटाई जाए व भुगतान तय सीमा में हो अन्यथा ब्याज समेत भुगतान हो। 3. प्राकृतिक आपदा (ओलावृष्टि, आंधी, तूफान,बारिश, जलभराव, आगजनी ,सूखा,) आदि से फसल बर्बाद होने की स्थिति में ऑनलाइन आदि का चक्कर खत्म कर किसानों को जितना नुकसान होता है उसका मुआवजा देने की प्रक्रिया को सरल बनाई जाए। ओलावृष्टि से बर्बाद फसल का मुआवजा रतन मान ने बताया कि रबी 2023 में ओलावृष्टि के चलते दर्जनों जिलों में फसल बर्बाद हुई थी। जिसकी गिरदावरी के आदेश दिए गए लेकिन इसी समय क्षतिपूर्ति पोर्टल भी चलाया गया था। जिसके ना चलने की वजह से सभी किसान पोर्टल पर नुकसान दर्ज नही करवा पाए कुछ किसानों ने पोर्टल पर भी दर्ज करवा दिया। जिसका कुछ मुआवजा सरकार ने दिया लेकिन जो गिरदावरी हुई थी उसकी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा नहीं दिया और उसके चलते, रोहतक, झज्जर, हिसार, फतेहबाद, भिवानी, सिरसा, कैथल, दादरी, समेत अन्य जिलों के किसान मुआवजे से वंचित है। वो जल्द दिया जाएं। 4. रबी 2024 में ओलावृष्टि बर्बाद फसलों का प्रदेश के कई जिलों का बकाया मुआवजा जल्द किसानों के खातों में डाला जाएं। खरीफ 2021 का खेड़ी चौपट,नरवाना, आदमपुर, बालसमंद ,बरवाला,का मुआवजा दिया जाएं। 6. बिजली संशोधन कानून और स्मार्ट मीटर योजना को रद्द करने की सिफारिश हरियाणा सरकार केंद्र सरकार को भेजें। 7.खेतों से निकलने वाली हाई टेंशन पावर लाइन के मुआवजे को लेकर जो पॉलिसी हरियाणा सरकार लेकर आई है वो आंदोलनरत किसानों की मांगो के अनुरुप नहीं है उस पर पुनर्विचार करते हुए किसानों की मांगो के मुताबिक पॉलिसी बनाई जाए। 6.765 केवी की एचटी लाइन और उसमे खंबो के नीचे की जमीन का मार्केट रेट से 200% व 67 मीटर चौड़े कॉरिडोर का 70% से अधिक मुआवजा दिया जाए। 7. प्रदेश में 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएं। प्रदेश में लंबित ट्यूबवेल कनेक्शन जल्द जारी किए जाए। 8.फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियों की मनमानी शर्तों को हटाया जाए। इसकी जगह सरकारी और प्रभावी फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन हो। जो कंपनियां किसानों के क्लेम नही दे रही उनपर कानूनी कार्यवाही की जाए। इन मांगो सहित किसानों की कुल 30 मुख्य मांगे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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लोकसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा की 4 लोकसभा सीटों पर भीतरघात की शिकायतें मिली थी। इसमें से 3 सीट भाजपा हार गई थी। जिसमें हिसार, सिरसा और सोनीपत है। गुरुग्राम सीट पर भी भीतरघात की शिकायतें हुई थी। यहां पर उम्मीदवारों का पार्टी के ही नेताओं ने विरोध किया था। जिसका खामियाजा यह हुआ कि भाजपा यहां हार गई। सबसे टफ फाइट सोनीपत सीट पर देखने को मिली। यहां अगर भीतरघात न हुआ होता भाजपा यह सीट जीत सकती थी। चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के फीडबैक और सीआईडी के जरिए रिपोर्ट तैयार की थी कि कौन सा उम्मीदवार किन कारणों से हारा। सोनीपत, हिसार और सिरसा की रिपोर्ट में विधायक, पूर्व विधायक से लेकर जिलाध्यक्षों तक के नाम थे। चुनाव के बाद उम्मीदवारों ने जता दी थी आशंका
लोकसभा चुनाव के बाद ही हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंचकूला में सभी उम्मीदवारों की मीटिंग बुलाई थी। इस बैठक में पूर्व CM मनोहर लाल भी मौजूद थे। इस मीटिंग में उम्मीदवारों ने भीतरघात से होने वाले नुकसान के बारे में बताया था। मीटिंग में जो नाम सामने आए उसके आधार पर पार्टी ने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेना शुरू कर दिया था। वहीं नतीजों से पहले CM नायब सैनी ने भीतरघातियों को स्पष्ट संदेश दिया था कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा और दिल्ली दरबार में इसकी शिकायत की जाएगी।