हिमाचल सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। राज्य कैडर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो आज विभिन्न स्थानों पर संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार के साथ सर्कल कार्यालयों की चाबियां सौंप रहे हैं। इस बीच अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) राजस्व ओंकार शर्मा ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सभी डीसी को प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। एससीएस राजस्व के इन आदेशों से पटवारी कानूनगो में हंगामा मच गया है। उन्होंने दो दिन के भीतर काम पर वापस न लौटने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है। पत्र में कहा गया कि इस तरह ऑनलाइन सेवाएं बंद करना सेवा नियमों का उल्लंघन है। अगर पटवारी-कानूनगो को कोई समस्या है तो सरकार से बात करें। इस तरह विरोध करना ठीक नहीं है। स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज पटवारी-कानूनगो स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज हैं। पिछली कैबिनेट बैठक में इन्हें स्टेट कैडर बनाने का फैसला लिया गया था। इसके बाद हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी और कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन काम बंद कर दिया है। इतना ही नहीं, वे सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप से भी बाहर हो गए हैं। आज वे दफ्तरों की चाबियां सरकार को सौंप रहे हैं आज पटवारी-कानूनगो संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार वाले दफ्तरों की चाबियां भी सौंप रहे हैं। जाहिर है कि इसके चलते प्रदेश के करीब 600 पटवारी-कानूनगो सर्कल दफ्तरों में भी काम ठप रहने वाला है। सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच चल रहे इस विवाद के चलते आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। पिछले 11 दिनों से ऑनलाइन काम बंद है। अब जिन स्थानों पर नियमित पटवारी-कानूनगो नहीं हैं, वहां कल से लोगों के काम भी बंद होने जा रहे हैं। मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगा धरना शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अभी तक उनकी मांगें नहीं मानी हैं। इसलिए आज अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। 10 दिन से ये काम प्रभावित बोनाफाइड सर्टिफिकेट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए गए हैं। राज्य कैडर से वरिष्ठता प्रभावित होगी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि पटवारियों और कानूनगो की भर्ती जिला कैडर के अनुसार की गई है। अब यदि उन्हें अचानक राज्य कैडर बना दिया जाता है तो उनकी वरिष्ठता प्रभावित होगी। इससे पदोन्नति में देरी होगी और राज्य कैडर में विलय के कारण वरिष्ठता पीछे जा सकती है। उन्होंने कहा कि पटवारियों को जिला कैडर में इसलिए रखा गया है क्योंकि अपने जिले में उन्हें स्थानीय भाषा और क्षेत्र का ज्ञान होता है। यदि उन्हें दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जाता है तो उन्हें भाषा और क्षेत्र को समझने में समय लगेगा। इससे कार्य में दक्षता नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार जिला कैडर में ही रखा जाना चाहिए। हिमाचल सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। राज्य कैडर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो आज विभिन्न स्थानों पर संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार के साथ सर्कल कार्यालयों की चाबियां सौंप रहे हैं। इस बीच अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) राजस्व ओंकार शर्मा ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सभी डीसी को प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। एससीएस राजस्व के इन आदेशों से पटवारी कानूनगो में हंगामा मच गया है। उन्होंने दो दिन के भीतर काम पर वापस न लौटने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है। पत्र में कहा गया कि इस तरह ऑनलाइन सेवाएं बंद करना सेवा नियमों का उल्लंघन है। अगर पटवारी-कानूनगो को कोई समस्या है तो सरकार से बात करें। इस तरह विरोध करना ठीक नहीं है। स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज पटवारी-कानूनगो स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज हैं। पिछली कैबिनेट बैठक में इन्हें स्टेट कैडर बनाने का फैसला लिया गया था। इसके बाद हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी और कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन काम बंद कर दिया है। इतना ही नहीं, वे सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप से भी बाहर हो गए हैं। आज वे दफ्तरों की चाबियां सरकार को सौंप रहे हैं आज पटवारी-कानूनगो संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार वाले दफ्तरों की चाबियां भी सौंप रहे हैं। जाहिर है कि इसके चलते प्रदेश के करीब 600 पटवारी-कानूनगो सर्कल दफ्तरों में भी काम ठप रहने वाला है। सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच चल रहे इस विवाद के चलते आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। पिछले 11 दिनों से ऑनलाइन काम बंद है। अब जिन स्थानों पर नियमित पटवारी-कानूनगो नहीं हैं, वहां कल से लोगों के काम भी बंद होने जा रहे हैं। मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगा धरना शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अभी तक उनकी मांगें नहीं मानी हैं। इसलिए आज अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। 10 दिन से ये काम प्रभावित बोनाफाइड सर्टिफिकेट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए गए हैं। राज्य कैडर से वरिष्ठता प्रभावित होगी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि पटवारियों और कानूनगो की भर्ती जिला कैडर के अनुसार की गई है। अब यदि उन्हें अचानक राज्य कैडर बना दिया जाता है तो उनकी वरिष्ठता प्रभावित होगी। इससे पदोन्नति में देरी होगी और राज्य कैडर में विलय के कारण वरिष्ठता पीछे जा सकती है। उन्होंने कहा कि पटवारियों को जिला कैडर में इसलिए रखा गया है क्योंकि अपने जिले में उन्हें स्थानीय भाषा और क्षेत्र का ज्ञान होता है। यदि उन्हें दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जाता है तो उन्हें भाषा और क्षेत्र को समझने में समय लगेगा। इससे कार्य में दक्षता नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार जिला कैडर में ही रखा जाना चाहिए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कांगड़ा के रिड़ी कुठेड़ा में बनेगा केंद्रीय विद्यालय:पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने पीएम मोदी का जताया आभार, 70 करोड़ रुपए में होगा तैयार कांगड़ा जिले के उपमंडल देहरा के जसवां-प्रागपुर क्षेत्र के रिड़ी कुठेड़ा में 70 करोड़ रुपए की लागत से केंद्रीय विद्यालय स्थापित होने की स्वीकृति मिलने पर क्षेत्र में खुशी की लहर है। इस निर्णय को लेकर स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसद अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त किया। क्षेत्र के विधायक और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने इसे क्षेत्र के शैक्षणिक विकास के लिए ऐतिहासिक पहल बताया है। केंद्र सरकार का जताया आभार विधायक विक्रम ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय के निर्माण से न केवल क्षेत्र के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी, बल्कि यह क्षेत्र के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसद अनुराग ठाकुर का धन्यवाद करते हुए कहा, यह परियोजना केंद्र सरकार की इस क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इससे हमारे इलाके के छात्र उच्च स्तर की शिक्षा अपने नजदीक ही प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अब क्षेत्र के छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए दूर-दराज नहीं जाना पड़ेगा। यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र छात्रों को भविष्य में बेहतर अवसर प्रदान करेगा। स्थानीय नेताओं और पंचायतों का समर्थन रिड़ी कुठेड़ा में केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति को लेकर स्थानीय पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी इसे ऐतिहासिक कदम बताया। पंचायत प्रधान आशा देवी और सुखविंदर कौर ने इस निर्णय को क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण पहल बताया। जिला परिषद सदस्य अनुराधा ने भी कहा कि यह परियोजना न केवल शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाएगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी गति देगी। आसपास के इलाकों को भी होगा लाभ भाजपा मंडल महामंत्री और जंडौर ग्राम पंचायत के प्रधान सुरेश ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय का लाभ केवल जसवां-प्रागपुर क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। बल्कि फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र और पंजाब के कंडी क्षेत्र के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर और विधायक विक्रम ठाकुर का आभार प्रकट किया। शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम इस परियोजना को लेकर जनता में खासा उत्साह देखा जा रहा है। क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि यह निर्णय छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखेगा। अब दुर्गम इलाकों के बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उनके नजदीक ही उपलब्ध होगी, जिससे उनका समय और संसाधन बचेगा। जनता में सरकार के प्रति उत्साह और विश्वास केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति के बाद क्षेत्र के नागरिकों में एक नई उम्मीद और विश्वास जागृत हुआ है। जनता को विश्वास हो गया है कि केंद्र सरकार उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस परियोजना से क्षेत्र में शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी। रिड़ी कुठेड़ा में केंद्रीय विद्यालय का निर्माण शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। इससे न केवल छात्रों को फायदा होगा, बल्कि यह क्षेत्र के विकास के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा। क्षेत्र के नेताओं और जनता ने इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए इसे शिक्षा और विकास के लिए मील का पत्थर बताया।
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