हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत लगानी शुरू कर दी है। सभी 90 विधानसभा सीटों पर संभावित कैंडिडेट के नामों पर मंथन किया जा चुका है। अब सर्वे रिपोर्ट और स्वयं सेवक संघ (RSS) से मिलने वाले फीडबैक पर बहुत कुछ डिपेंड रहने वाला हैं। रिपोर्ट और RSS का फीडबैक आने के बाद अगस्त के अंतिम सप्ताह में फाइनल नामों पर दोबारा मंथन होगा। नई दिल्ली में 30 और 31 जुलाई को हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की 2 दौर की अहम बैठक हो चुकी है। बैठक में चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी बिप्लब देब, प्रभारी सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सैनी सहित प्रदेश की सीनियर लीडरशिप मौजूद रही। तकरीबन 8 घंटे चली इन दोनों ही बैठकों में विधानसभा चुनाव को लेकर गहन मंथन के साथ ही संभावित कैंडिडेट्स की पॉजिटिव और नेगेटिव डिटेल जुटाई गई। 2 एजेंसियां सर्वे कर रहीं बैठक में सबसे इम्पोर्टेंट पहलू ये रहा कि टिकटों को फाइनल करने में RSS से मिलने वाले फीडबैक को ध्यान में रखा जाएगा। इसके अलावा टिकटों के वितरण में सर्वे रिपोर्ट भी काफी अहम रहने वाली हैं। भाजपा की तरफ से 2 एजेंसियों से हरियाणा में सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे कर चुकी एजेंसियों के प्रतिनिधियों से इस बैठक में भी सवाल किया गया कि लोग केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार के कार्यों को लेकर क्या सोचते हैं, ताकि उसके आधार पर पार्टी अपनी रणनीति में बदलाव कर सके। 10 साल की एंटी इनकंबेंसी कम करने की कोशिश लोकसभा चुनाव में 5 सीटें गंवाने के बाद BJP का पूरा फोकस उन राज्यों पर हैं, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। इनमें BJP के लिए सबसे अहम दिल्ली से लगता हरियाणा है। हरियाणा में 2 बार से BJP की सरकार है। 2014 में BJP ने खुद के दम पर तो 2019 में JJP के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। हालांकि गठबंधन टूटने के बाद 5 महीने से BJP निर्दलीय विधायकों के सहारे हरियाणा में सरकार चला रही है। 10 साल की एंटी इनकंबेंसी कम करने के लिए मनोहर लाल खट्टर को बदलकर नायब सैनी को सीएम बनाया गया, लेकिन लोकसभा चुनाव में BJP को उम्मीद के अनुरूप समर्थन नहीं मिल पाया। 10 लोकसभा सीट वाली BJP घटकर 5 सीटों पर आ गई। इस बार घोषणा पत्र बिल्कुल अलग होगा दिल्ली में हुई बैठक में हरियाणा विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र को लेकर भी चर्चा हुई। 2014 और 2019 के मुकाबले इस बार BJP घोषणा पत्र को और ज्यादा आकर्षक बनाने पर विचार कर रही है। इनमें उन मुद्दों और विकास कार्यों के साथ योजनाओं को चिह्नित किया जा रहा है, जो सीधे जनता से जुड़े हों। RSS की तरफ से मिलने वाले फीडबैक और सर्वे एजेंसी द्वारा सुझाए जाने वाले फीडबैक के बाद अगस्त में उम्मीदवारों के नाम फाइनल होने की उम्मीद है। हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत लगानी शुरू कर दी है। सभी 90 विधानसभा सीटों पर संभावित कैंडिडेट के नामों पर मंथन किया जा चुका है। अब सर्वे रिपोर्ट और स्वयं सेवक संघ (RSS) से मिलने वाले फीडबैक पर बहुत कुछ डिपेंड रहने वाला हैं। रिपोर्ट और RSS का फीडबैक आने के बाद अगस्त के अंतिम सप्ताह में फाइनल नामों पर दोबारा मंथन होगा। नई दिल्ली में 30 और 31 जुलाई को हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की 2 दौर की अहम बैठक हो चुकी है। बैठक में चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी बिप्लब देब, प्रभारी सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सैनी सहित प्रदेश की सीनियर लीडरशिप मौजूद रही। तकरीबन 8 घंटे चली इन दोनों ही बैठकों में विधानसभा चुनाव को लेकर गहन मंथन के साथ ही संभावित कैंडिडेट्स की पॉजिटिव और नेगेटिव डिटेल जुटाई गई। 2 एजेंसियां सर्वे कर रहीं बैठक में सबसे इम्पोर्टेंट पहलू ये रहा कि टिकटों को फाइनल करने में RSS से मिलने वाले फीडबैक को ध्यान में रखा जाएगा। इसके अलावा टिकटों के वितरण में सर्वे रिपोर्ट भी काफी अहम रहने वाली हैं। भाजपा की तरफ से 2 एजेंसियों से हरियाणा में सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे कर चुकी एजेंसियों के प्रतिनिधियों से इस बैठक में भी सवाल किया गया कि लोग केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार के कार्यों को लेकर क्या सोचते हैं, ताकि उसके आधार पर पार्टी अपनी रणनीति में बदलाव कर सके। 10 साल की एंटी इनकंबेंसी कम करने की कोशिश लोकसभा चुनाव में 5 सीटें गंवाने के बाद BJP का पूरा फोकस उन राज्यों पर हैं, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। इनमें BJP के लिए सबसे अहम दिल्ली से लगता हरियाणा है। हरियाणा में 2 बार से BJP की सरकार है। 2014 में BJP ने खुद के दम पर तो 2019 में JJP के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। हालांकि गठबंधन टूटने के बाद 5 महीने से BJP निर्दलीय विधायकों के सहारे हरियाणा में सरकार चला रही है। 10 साल की एंटी इनकंबेंसी कम करने के लिए मनोहर लाल खट्टर को बदलकर नायब सैनी को सीएम बनाया गया, लेकिन लोकसभा चुनाव में BJP को उम्मीद के अनुरूप समर्थन नहीं मिल पाया। 10 लोकसभा सीट वाली BJP घटकर 5 सीटों पर आ गई। इस बार घोषणा पत्र बिल्कुल अलग होगा दिल्ली में हुई बैठक में हरियाणा विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र को लेकर भी चर्चा हुई। 2014 और 2019 के मुकाबले इस बार BJP घोषणा पत्र को और ज्यादा आकर्षक बनाने पर विचार कर रही है। इनमें उन मुद्दों और विकास कार्यों के साथ योजनाओं को चिह्नित किया जा रहा है, जो सीधे जनता से जुड़े हों। RSS की तरफ से मिलने वाले फीडबैक और सर्वे एजेंसी द्वारा सुझाए जाने वाले फीडबैक के बाद अगस्त में उम्मीदवारों के नाम फाइनल होने की उम्मीद है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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