हरियाणा में अगस्त भर मानसून एक्टिव रहा, लेकिन अब 3 तीन इसकी सक्रियता कम रहेगी। हालांकि 20 अगस्त से मानसून फिर एक्टिव होगा। इसको लेकर मौसम विभाग की ओर से 3 जिलों यमुनानगर, करनाल व पानीपत में हेवी रेन का अलर्ट जारी किया गया है। इस दिन इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। वहीं अब तक हुई बारिश से प्रदेश की दो प्रमुख नदियां यमुना और टांगरी में पानी का बहाव तेज रिकॉर्ड किया गया। यमुना नदी का बहाव 25 हजार क्यूसेक पहुंच गया, वहीं टांगरी नदी का बाहव 4 हजार क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया। दोनों नदियों के बहाव के साथ आई रेत से 20 से अधिक गांवों में फसलें खराब हो गई हैं। 11 जिलों में झमाझम बारिश हुई हरियाणा के 11 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश सिरसा में हुई, यहां 29.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र में 27.9, भिवानी में 27.3, करनाल में 27.2, गुरुग्राम में 26.7, फरीदाबाद में 26.3, हिसार में 26.5, नारनौल में 26.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। अन्य जिलों में बारिश नहीं हुई, हालांकि बादल छाए रहे। अगस्त में मेहरबान मानसून अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त के 10 दिनों में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में अगस्त भर मानसून एक्टिव रहा, लेकिन अब 3 तीन इसकी सक्रियता कम रहेगी। हालांकि 20 अगस्त से मानसून फिर एक्टिव होगा। इसको लेकर मौसम विभाग की ओर से 3 जिलों यमुनानगर, करनाल व पानीपत में हेवी रेन का अलर्ट जारी किया गया है। इस दिन इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। वहीं अब तक हुई बारिश से प्रदेश की दो प्रमुख नदियां यमुना और टांगरी में पानी का बहाव तेज रिकॉर्ड किया गया। यमुना नदी का बहाव 25 हजार क्यूसेक पहुंच गया, वहीं टांगरी नदी का बाहव 4 हजार क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया। दोनों नदियों के बहाव के साथ आई रेत से 20 से अधिक गांवों में फसलें खराब हो गई हैं। 11 जिलों में झमाझम बारिश हुई हरियाणा के 11 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश सिरसा में हुई, यहां 29.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र में 27.9, भिवानी में 27.3, करनाल में 27.2, गुरुग्राम में 26.7, फरीदाबाद में 26.3, हिसार में 26.5, नारनौल में 26.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। अन्य जिलों में बारिश नहीं हुई, हालांकि बादल छाए रहे। अगस्त में मेहरबान मानसून अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त के 10 दिनों में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक में 5 लोगों पर धारदार हथियारों से हमला:थाने में शिकायत देकर लौट रहे थे, झगड़े की रंजिश में आरोपियों ने की वारदात
रोहतक में 5 लोगों पर धारदार हथियारों से हमला:थाने में शिकायत देकर लौट रहे थे, झगड़े की रंजिश में आरोपियों ने की वारदात रोहतक के झज्जर चुंगी पर ऑटो में सवार 5 लोगों पर धारदार हथियारों से हमला करने का मामला सामने आया है। जहां इस घटना में पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना उस समय हुई जब ऑटो में सवार लोग थाने में झगड़े की शिकायत देकर लौट रहे थे। इसी दौरान यह घटना घटी। उन्हें उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। जहां डॉक्टरों ने घायलों का उपचार शुरू कर दिया। इधर, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। घायलों में राम नगर निवासी 30 वर्षीय रेणु, 29 वर्षीय पिंकी, 40 वर्षीय राजकुमार, 15 वर्षीय कार्तिक, 18 वर्षीय स्नेहा शामिल हैं। वारदात के बाद मौके से फरार पुलिस के अनुसार हमलावरों ने रंजिश के चलते इस वारदात को अंजाम दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद वे मौके से फरार हो गए। जानकारी के अनुसार 29 जून को रेणु के बेटे शुभम का भिवानी चुंगी निवासी अक्षित के साथ झगड़ा हुआ था। इसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। लेकिन इस घटना के बाद पीड़ित पक्ष, शुभम की मां रेणु व अन्य लोग मारपीट की शिकायत दर्ज कराने शिवाजी कॉलोनी थाने पहुंचे। घर लौटते समय हुई वारदात सोमवार रात को पांचों लोग शिवाजी कॉलोनी थाने में शिकायत देकर ऑटो में सवार होकर घर लौट रहे थे। इसी दौरान झज्जर चुंगी के पास अक्षित और उसके साथियों ने धारदार हथियारों से उनका रास्ता रोक लिया। जिसके बाद उन्होंने ऑटो सवारों पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस घटना में पांचों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और ऑटो भी टूट गया। घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। घायलों को उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया। इधर, घटना की सूचना मिलते ही शिवाजी कॉलोनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी।
हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं
हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा के समीकरण बदल गए हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार अल्पमत में है। इसी को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग की गई। बैठक की अध्यक्षता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाई गई। वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार को अल्पमत में होने का दावा कर उसे बर्खास्त करने का दबाव बनाने के बारे में भी चर्चा की गई। कांग्रेस विधायक विधानसभा भंग करने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांग सकते हैं। समय न मिलने की स्थिति में जिला मुख्यालयों पर आंदोलन संभव है। मंगलवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग में हुए फैसले की जानकारी देंगे। सबसे अहम बात यह है कि इस मीटिंग में कांग्रेस के 4 नवनिर्वाचित सांसद भी पहुंचे हैं। इनमें रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला से वरुण चौधरी, हिसार से जेपी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी बैठक में शामिल हुए हैं। ये चारों सांसद हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं। वहीं सिरसा से SRK गुट की कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा इस मीटिंग में नहीं पहुंची हैं। कांग्रेस क्यों कर रही है दावा
हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। नायब सैनी सीएम बन गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
हरियाणा में इनेलो-बसपा उम्मीदवारों की घोषणा:11 नाम, सुनैना को फतेहाबाद और आदित्य चौटाला को डबवाली से टिकट
हरियाणा में इनेलो-बसपा उम्मीदवारों की घोषणा:11 नाम, सुनैना को फतेहाबाद और आदित्य चौटाला को डबवाली से टिकट हरियाणा में इनेलो-बसपा ने बुधवार को उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। इसमें 11 नाम हैं। पूर्व उपप्रधानमंत्री देवालाल के बेटे प्रताप चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी सुनैना को फतेहाबाद से टिकट दिया है। वहीं आदित्य चौटाला को डबवाली से मैदान में उतारा है। जुलाई में हुआ 53-37 सीटों पर गठबंधन
बसपा और इनेलो के बीच जुलाई में गठबंधन हुआ था। इसमें तय हुआ था कि बसपा 90 में से 37 सीटों और इनेलो 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। मुख्यमंत्री का चेहरा अभय चौटाला को बनाया गया है। इस दौरान दोनों पार्टियों ने घोषणा की थी कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वो हर घर से एक पढ़े लिखे युवा को सरकारी नौकरी देंगे। राज्य में पीने का पानी और हर महीने गैस का एक सिलेंडर मुफ्त में दिया जाएगा। बुढ़ापा पेंशन 3000 से बढ़ाकर 7500 रुपए की जाएगी। इनेलो और बसपा का पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन
इनेलो ने 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह केवल एक सीट ही जीत पाई थी। उस चुनाव में इनेलो को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। दूसरी तरफ बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वो प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत पाई। बसपा ने इस चुनाव में 4.21 फीसदी वोट हासिल किए थे।