हरियाणा में करनाल के कुंजपुरा थाना क्षेत्र के गांव चुरनी में रात के अंधेरे में महिला के साथ छेड़छाड व विरोध करने पर परिवार पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। हमले में आरोपियों ने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया, पति पर लाठियों से हमला किया और घर में तोड़फोड़ की। घटना के बाद महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हमला और छेड़छाड़ शिकायत के मुताबिक, बीती रात को गांव चुरनी में कृष्ण और उनकी पत्नी डोली पर कुछ लोगों ने घर में घुसकर हमला किया। सबसे पहले सतीश ने लोहे की रॉड से डोली के सिर पर वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके बाद ईशु ने रॉड से उसके कुल्हे पर हमला किया। सुभाष ने डोली के बाल पकड़े और मारपीट की और बदसलूकी की। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गई। पति पर हमला जब कृष्ण ने अपनी पत्नी को बचाने का प्रयास किया, तो पवन, तेजपाल, और बाबु ने उन पर लाठियों से हमला किया। पवन की लाठी उनके बाएं कंधे पर लगी, तेजपाल की लाठी उनके हाथ पर, और बाबु ने भी उनके कंधे पर वार किया। अभिषेक और हर्ष ने उन्हें जमीन पर गिराकर लातों और घूंसों से पीटा। इतना ही नहीं हमलावरों ने वाशिंग मशीन, कूलर, पंखा, पूजा का मंदिर, लाइटें, खिड़कियां, और अन्य सामान तोड़ दिया, जिससे परिवार को आर्थिक नुकसान हुआ। चीख पुकार मची तो पहुंचे पड़ोसी कृष्ण और डोली की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी पार्वती और सुषमा मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव किया। हमलावर जाते-जाते जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। डोली की हालत गंभीर थी, जिसके चलते उसे करनाल के सरकारी अस्पताल से कल्पना चावला अस्पताल और फिर पीजीआई रोहतक रेफर किया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने किया मामला दर्ज कुंजपुरा थाना के सब इंस्पेक्टर राजकुमार ने बताया कि पुलिस ने कृष्ण की शिकायत पर सतीश, बाबु, सुभाष, ईशु, हर्ष, अभिषेक, पवन, सागर, मेशी, और तेजपाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। हरियाणा में करनाल के कुंजपुरा थाना क्षेत्र के गांव चुरनी में रात के अंधेरे में महिला के साथ छेड़छाड व विरोध करने पर परिवार पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। हमले में आरोपियों ने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया, पति पर लाठियों से हमला किया और घर में तोड़फोड़ की। घटना के बाद महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हमला और छेड़छाड़ शिकायत के मुताबिक, बीती रात को गांव चुरनी में कृष्ण और उनकी पत्नी डोली पर कुछ लोगों ने घर में घुसकर हमला किया। सबसे पहले सतीश ने लोहे की रॉड से डोली के सिर पर वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके बाद ईशु ने रॉड से उसके कुल्हे पर हमला किया। सुभाष ने डोली के बाल पकड़े और मारपीट की और बदसलूकी की। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गई। पति पर हमला जब कृष्ण ने अपनी पत्नी को बचाने का प्रयास किया, तो पवन, तेजपाल, और बाबु ने उन पर लाठियों से हमला किया। पवन की लाठी उनके बाएं कंधे पर लगी, तेजपाल की लाठी उनके हाथ पर, और बाबु ने भी उनके कंधे पर वार किया। अभिषेक और हर्ष ने उन्हें जमीन पर गिराकर लातों और घूंसों से पीटा। इतना ही नहीं हमलावरों ने वाशिंग मशीन, कूलर, पंखा, पूजा का मंदिर, लाइटें, खिड़कियां, और अन्य सामान तोड़ दिया, जिससे परिवार को आर्थिक नुकसान हुआ। चीख पुकार मची तो पहुंचे पड़ोसी कृष्ण और डोली की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी पार्वती और सुषमा मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव किया। हमलावर जाते-जाते जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। डोली की हालत गंभीर थी, जिसके चलते उसे करनाल के सरकारी अस्पताल से कल्पना चावला अस्पताल और फिर पीजीआई रोहतक रेफर किया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने किया मामला दर्ज कुंजपुरा थाना के सब इंस्पेक्टर राजकुमार ने बताया कि पुलिस ने कृष्ण की शिकायत पर सतीश, बाबु, सुभाष, ईशु, हर्ष, अभिषेक, पवन, सागर, मेशी, और तेजपाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में IAS अफसरों में सीनियोरिटी विवाद:2 सबसे सीनियर, लेकिन कैडर के नहीं; चीफ सेक्रेटरी ने 5 अधिकारियों को बुलाया
हरियाणा में IAS अफसरों में सीनियोरिटी विवाद:2 सबसे सीनियर, लेकिन कैडर के नहीं; चीफ सेक्रेटरी ने 5 अधिकारियों को बुलाया हरियाणा में इन दिनों IAS ऑफिसर्स में सीनियोरिटी विवाद चल रहा है। 1988 बैच के IAS अफसर टीवीएसएन प्रसाद के बाद सेकेंड पोजीशन को लेकर यह कॉन्ट्रोवर्सी शुरू हुई है। इस पोजीशन के लिए 1990 बैच के IAS अफसरों की सीनियोरिटी तय की जानी है। इस बैच में कुल 6 अफसर हैं। इनमें से 3 IAS अफसरों ने मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद को रिपोर्ट देकर आग्रह किया है कि उनके बैच में इंटरनल सीनियोरिटी तय करते हुए सीनियोरिटी दें। हालांकि इस बैच में सुधीर राजपाल सबसे वरिष्ठ IAS हैं, जबकि उनके बाद डॉ. सुमिता मिश्रा सीनियर हैं। जबकि इसी बैच के 3 अफसर अंकुर गुप्ता, अनुराग रस्तोगी और डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने नोटिस दिया है कि सुधीर राजपाल और डॉ . सुमिता मिश्रा दूसरे कैडर से हरियाणा कैडर में आए हैं, इसलिए उन्हें हरियाणा कैडर में उनसे नीचे सीनियोरिटी दी जाए। मुख्य सचिव TVSN प्रसाद ने इस नोटिस पर 5 अफसरों को व्यक्तिगत सुनवाई पर बुलाया है। हालांकि अभी तक टीवीएसएन प्रसाद ने सीनियोरिटी को लेकर कोई भी लिस्ट फाइनल नहीं की। संभावना है कि जल्द ही मुख्य सचिव इसको लेकर लिस्ट जारी कर सकते हैं। हरियाणा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि यह विवाद CM दरबार भी पहुंच चुका है। ग्रेडेशन लिस्ट में सुधीर राजपाल सबसे सीनियर पिछले 34 साल से हरियाणा कैडर के 1990 बैच के IAS अफसरों की ग्रेडेशन लिस्ट प्रकाशित हो रही है। इस लिस्ट में सुधीर राजपाल की सीनियोरिटी सबसे ऊपर है। उनके बाद डॉ. सुमिता मिश्रा का नाम प्रकाशित होता है। प्रदेश सरकार ने भी जितने आदेश जारी किए, उनमें सीनियोरिटी का क्रम यही रखा गया है। ऐसे में सीनियोरिटी के क्रम में सुधीर राजपाल सबसे सीनियर माने जा रहे हैं। 34 साल से हरियाणा में ये है परंपरा सीनियोरिटी के अनुसार 1988 बैच के IAS टीवीएसएन प्रसाद के बाद दूसरे नंबर पर 1989 बैच के विवेक जोशी हैं। मगर, वे केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। उनके बाद 1990 बैच के सीनियर मोस्ट आईएएस सुधीर राजपाल हैं। अगर 1990 बैच के 34 साल से चली आ रही ही IAS अफसरों की सीनियोरिटी बरकरार रहती है, तो परंपरा अनुसार सुधीर राजपाल को वित्तायुक्त राजस्व पद पर तैनात किया जाएगा। अगर मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद 1990 बैच की सीनियोरिटी तोड़ने की सिफारिश करते हैं और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी उस सिफारिश को मान लेते हैं तो वरिष्ठतम अंकुर गुप्ता हो जाएंगे। उनके बाद अनुराग रस्तोगी, फिर आनंद मोहन शरण, डॉ. राजा शेखर कुंडरू फिर सुधीर राजपाल और अंत में डॉ. सुमिता मिश्रा का नाम आएगा। सीनियोरिटी बदलने पर कई अफसर बनेंगे मुख्य सचिव अभी 1990 बैच की वरिष्ठता का क्रम सुधीर राजपाल, डॉ. सुमिता मिश्रा, अंकुर गुप्ता, अनुराग रस्तोगी, आनंद मोहन शरण और डॉ. राजा शेखर वुंडरू हैं। सुधीर राजपाल की रिटायरमेंट तिथि 30 नवंबर 2026, डॉ . सुमिता मिश्रा की 31 जनवरी, 2027, अंकुर गुप्ता की 31 दिसंबर, 2024, अनुराग रस्तोगी की 30 जून, 2025, आनंद मोहन शरण की 31 अगस्त, 2025 और डॉ. राजा शेखर कुंडरू की 31 जुलाई, 2026 है। चूंकि टीवीएसएन प्रसाद की रिटायरमेंट 31 अक्तूबर, 2024 को होनी है। उनके बाद मुख्य सचिव सामान्य तौर पर सीनियर मोस्ट को नियुक्त किया जाता है। इसलिए अगर 1990 बैच के अफसरों की वरिष्ठता बदलती है तो थोड़े-थोड़े समय के लिए कई IAS अफसर मुख्य सचिव बन सकते हैं।
हरियाणा के पूर्व MLA ने हार का गुस्सा निकाला:नतीजे आते ही लड़कियों की 18 फ्री बसें बंद कीं; बोले- अब नया विधायक चलाए
हरियाणा के पूर्व MLA ने हार का गुस्सा निकाला:नतीजे आते ही लड़कियों की 18 फ्री बसें बंद कीं; बोले- अब नया विधायक चलाए हरियाणा में रोहतक की महम सीट से चुनाव हारने वाले पूर्व MLA बलराज कुंडू ने लड़कियों के लिए मुफ्त बस सेवा बंद कर दी है। हरियाणा जनसेवक पार्टी के नेता कुंडू ने कहा कि नए MLA अब से बसें चलाएं। कुंडू ने हार के बाद समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी। जिसमें इलाके के वोटरों को लेकर गुस्सा जाहिर किया गया। उनका कहना था कि कुंडू ने मुफ्त बसें चलाईं, इसके बावजूद उन्हें हरवा दिया गया। वहीं कुंडू का कहना है कि समर्थकों का गुस्सा था कि लड़कियों को स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी ले जाने वाली फ्री बसें बंद की जाएं। लोगों ने उनकी समाज सेवा का गलत नतीजा दिया है। इसलिए सभी 18 बसें बंद कर दी गई हैं। बलराज कुंडू महम विधानसभा क्षेत्र के गांवों से महम और रोहतक के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तक बेटियों को लाने और ले जाने के लिए 18 बसें बंद कर दी हैं। बलराज कुंडू ने कहा कि उनका मन बहुत दुखी है। उसने समाज सेवा को राजनीति के लिए नहीं चुना था। मगर, कार्यकर्ताओं का कहना है कि कुछ साल नए विधायक को बेटियों के लिए बसें चलाने का मौका दिया जाना चाहिए। बसों में 40-42 गांवों की लड़कियां करती हैं सफर
बलराज कुंडू ने 2017-18 में लड़कियों के लिए निशुल्क बसें शुरू की थी। शुरू में 8 बसें चलाई थी और बाद में लगातार बसों की संख्या बढ़ाई गई और अब 18 बसें चल रही थी। इन बसों से लगभग 40-42 गांवों की लड़कियां स्कूल-कॉलेज व यूनिर्सिटी में आती-जाती थी। जिससे लड़कियों को भी सुविधा मिली हुई थी और परिवार पर कोई आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ता था। वहीं सुरक्षित स्कूल, कॉलेज व यूनिवर्सिटी में पढ़ने पहुंच पाती और वापस घर लौट पाती। हर रोज 100 किलोमीटर से ज्यादा सफर करती हैं प्रत्येक बस
इन बसों में लड़कियां हर रोज रोहतक अपने कॉलेज व यूनिवर्सिटी आती-जाती थीं। रोहतक शहर से लड़कियों के गांव 30-40 किलोमीटर पड़ते है ओर लगभग एक बस प्रतिदिन 100 किलोमीटर का सफर करती थी। बसें बंद होने के बाद लड़कियों के पास रोडवेज बसें, प्राइवेट बसें, ऑटो या निजी वाहन में पढ़ने जाने का ऑप्शन बचा हैं। ऐसे में पढ़ने के लिए रोहतक आने वाली लड़कियों को परेशान होना पड़ेगा। निर्दलीय उम्मीदवार बोलीं- कुंडू की सच्चाई सामने आई
महम से निर्दलीय उम्मीदवार रहीं राधा अहलावत ने कहा कि एक चुनाव हार जाने के बाद ही हजपा प्रत्याशी रहे बलराज कुंडू ने बेटियों के लिए चलाई जा रही बसों को बंद कर दिया है। जबकि हमारा परिवार तो 5 चुनाव हार चुका है, इसके बावजूद उनके पति शमशेर खरकड़ा और वे परिवार के साथ हलके के लोगों की सेवा में लगे रहेंगे। भले ही चुनाव हार गए हैं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है। लोगों की सेवा और राजनीति में बदलाव को लेकर वे महम में राजनीति करने आए थे। हजपा नेता बलराज कुंडू की सच्चाई लोगों के सामने आ गई है।
हरियाणा सरकार की हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती:SC में याचिका, सरकारी जॉब में 5 नंबर का आरक्षण खारिज किया था, 12 हजार की नौकरी पर खतरा
हरियाणा सरकार की हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती:SC में याचिका, सरकारी जॉब में 5 नंबर का आरक्षण खारिज किया था, 12 हजार की नौकरी पर खतरा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है। हाईकोर्ट ने 31 मई को सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था। इस आरक्षण के तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर न हो और परिवार की आमदनी कम हो तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक व आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंकों का लाभ देने का प्रावधान किया गया था। इसलिए सरकार गई सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट जाने के पीछे सरकार का तर्क है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पहले ही सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को सही ठहराया हुआ है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को आधार बनाया जाएगा। इतना ही नहीं खंडपीठ ने तो हरियाणा सरकार की तारीफ भी की हुई है। ऐसे में डबल बेंच के फैसले को डबल बेंच नहीं पलट सकती। यदि फैसला पलटना है तो बड़ी बेंच यानी की तीन जजों की बेंच के सामने सुनवाई होनी चाहिए थी। ऐसे में नई खंडपीठ भी दो जजों की बनाई गई थी, जिसने पहली खंडपीठ द्वारा लिए गए फैसले को बदल दिया था। HC ने आरक्षण को संविधान के खिलाफ बताया
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुरूप सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। हाईकोर्ट ने सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि सामाजिक आर्थिक आधार पर आरक्षण का फैसला संविधान के खिलाफ है। इस प्रावधान को रद्द करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। याचिका के निपटारे के साथ ही प्रदेश में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। 12 हजार युवाओं के भविष्य पर खतरा
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट रविंद्र ढुल ने बताया था कि सरकारी नौकरी में सामाजिक-आर्थिक के 5 अंक दिए जाने वाले फैसले को हाईकोर्ट ने रद कर दिया है। हरियाणा में 2017 से जो भी भर्तियां हो रही हैं, हाईकोर्ट का यह फैसला उन पर लागू होगा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार का यह फैसला आर्टिकल 14 का वॉयलेशन करता है, यह पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है। उन्होंने यह भी बताया कि 2019 से पहले जो भी युवा नौकरी पाए हैं, उन्हें कोई भी खतरा नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले का उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। CET के तहत हाल ही में हुई भर्तियों में जिन 12 हजार युवाओं को नौकरी मिली है, उनको हटाया जाएगा। अब जो भी ग्रुप सी और डी की भर्तियां हुई हैं, उनके सभी ग्रुपों का एग्जाम दोबारा लेना पड़ेगा। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार को इसके लिए 6 महीने का टाइम दिया है, जब ये प्रोसेस चलेगा, तब तक किसी को नहीं हटाया जाएगा।