यूपी की राजधानी लखनऊ में पहली बार मोहन बागान और ईस्ट बंगाल टीम के बीच में CM कप का मैच खेला गया। मोहन बागान की तरफ से इस मैच में टीम की कमान मुजफ्फरनगर के सुमित राठी ने संभाली, जो कि दोनों टीमों के खिलाड़ियों में यूपी के रहने वाले इकलौते प्लेयर हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि जब फुटबॉल खेलने का डिसीजन लिया, उस समय पर रिस्क था, लेकिन अब खुश हूं। लोग मुझे देखकर फुटबॉल खेलना शुरू कर रहे हैं। वह कहते हैं परिवार मेरी सबसे बड़ी मजबूती है। जीवन के हर बैड टाइम में परिवार साथ खड़ा रहा। पढ़ें सुमित राठी से बातचीत। सवाल: पहली बार आप यूपी में आकर मैच खेल रहे हैं। कैसा एक्सपीरियंस रहा है?
जवाब: 14 साल से प्रोफेशनल फुटबाल खेल रहा हूं। 6 साल से मोहन बागान के साथ में खेल रहा हूं। पहली बार यूपी और लखनऊ में मैच खेलने का मौका मिला है। काफी अच्छा लग रहा है। यह मेरे और परिवार के लिए काफी गर्व की बात है। मुख्यमंत्री से इस मैच का आयोजन किया है। यूपी के फुटबॉल खिलाड़ियों और यूथ के लिए यह स्पेशल प्लेटफार्म है। जहां से वह कैरियर स्टार्ट कर सकते हैं। सवाल: आप मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं? फुटबाल खेलने का ख्याल कैसे आया आपको?
जवाब: फुटबॉल स्टार्ट करने का कारण यह रहा कि जब मैं यहां पर रोल मॉडल के तौर पर आऊंगा तो सभी को खुशी होगी। अब काफी लोग मुझे देखकर यूपी में फुटबॉल स्टार्ट कर रहे हैं। वह खेलना चाहते हैं। जब मैंने स्टार्ट किया था। तब एक रिस्क था कि मैं सफल हो भी सकता हूं या नहीं? लेकिन अब मैं खुश हूं, कि मैंने अपने और परिवार के लिए एक अच्छा निर्णय लिया था। सभी खुश हैं। सवाल: फुटबॉल खेलने की प्रेरणा कहां से मिली है?
जवाब: मेरी मजबूती मेरा परिवार है। जब मैंने परिवार में फुटबॉल खेलने की बात की थी, तो परिवार के सभी लोगों ने मेरा सपोर्ट किया था। परिवार ने मुझे हर दिन पॉजिटिव फील कराया। इसके चलते मैंने कभी भी खुद को कमजोर नहीं समझा है। जीत-हार के भी आती थी, लेकिन परिवार हर बार साथ रहा है। जीवन में अप्स एंड डाउन भी आया है, लेकिन कहने का मतलब यह है कि अगर परिवार साथ है, तो आप कोई भी खेल-खेल सकते हैं। सवाल: अपने करियर की जर्नी के बारे में बताइए?
जवाब: 2010 से डीएवी पब्लिक स्कूल से खेलना शुरू किया था। इसके बाद चंडीगढ़ फुटबॉल एकेडमी में खेला हूं। इसके साथ भारतीय टीम के अंडर-14 और 16 की टीम भी खेला हूं। सभी यूथ एकेडमी में खेला हूं। अभी जल्द में एशियन गेम्स में भी खेला हूं। सवाल: भविष्य में आप ने अपने लिए क्या चुनौती रखी है? बतौर खिलाड़ी क्या करना चाहते हैं?
जवाब: मैं किसान परिवार से आता हूं और जाट हूं। फुटबॉल खेलने का डिसीजन हार्ड डिसिजन होता है। लोग अब इंस्पायर हो रहे हैं। फुटबॉल देखना समझना शुरू कर रहे और मैच देख रहे हैं। अभी मैं हार्ड वर्क पर विश्वास कर रहा हूं। भविष्य में इंडिया टीम की तरफ से खेलना चाहता हूं। अभी इसी चुनौती पर काम रहा हूं। सवाल: क्या आप भारतीय टीम का हिस्सा रहें हैं?
जवाब: सितंबर 2023 में एशियन गेम्स में टीम इंडिया का हिस्सा रहा हूं। इसके साथ ही अंडर-23 में इंडिया टीम के साथ भी खेल चुका हूं। मोहन बागान में बतौर डिफेंडर खेलता हूं। मोहन बागान क्लब के साथ में जर्सी नंबर दो और अंडर 23 और एशियन गेम्स में जर्सी नंबर तीन के साथ में खेलता रहा हूं। इंडियन सुपर लीग 2019-2020 की चैंपियन टीम का वह हिस्सा रहा हूं। इसके साथ ही ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द लीग’ भी चुना जा चुका हूं। पहला गोल दागने वाले सुहैल अहमद भट्ट बोले बच्चे होंगे मोटिवेट
मैच में पहला गोल दागने वाले सुहैल अहमद भट्ट ने कहा कि लखनऊ के खिलाड़ियों लिए यह बड़ा मौका था। लखनऊ के खिलाड़ी फुटबॉल को आगे लेकर जाएं। फैंस मोटिवेट होते रहें। हम थैंकफुल हैं, कि यह मैच यहां पर हुआ है। फैंस का क्रेज देखते बना। मैंने एक बच्चे को जर्सी दे दिया, ताकि वह मोटिवेट हो। खुद अपनी जर्सी किसी और को देने की सोचे। जर्सी देना बड़ी बात होती है। वहीं, मोहन बागान के असिस्टेंट कोच अभिषेक रोशन बोले फुटबॉल के विकास के लिए निश्चित तौर पर मोहन बागान की टीम यूपी को सहयोग देने के लिए तैयार है। यह भी पढ़ें मोहन बागान पेनाल्टी शूटआउट में जीता:मैच में दोनों टीमें 1-1 गोल की बराबरी पर थीं; सीएम योगी ने बॉल को किक ऑफ किया लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के बीच फुटबाल मैच खेला गया। मोहन बागान ने ईस्ट बंगाल को पेनाल्टी शूटआउट में 4-3 से हरा दिया है। 90 मिनट के खेल में दोनों टीमें 1-1 गोल के बराबरी पर रहीं। इसके बाद दोनों टीमों के बीच हार-जीत का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से किया गया। पढ़ें पूरी खबर… यूपी की राजधानी लखनऊ में पहली बार मोहन बागान और ईस्ट बंगाल टीम के बीच में CM कप का मैच खेला गया। मोहन बागान की तरफ से इस मैच में टीम की कमान मुजफ्फरनगर के सुमित राठी ने संभाली, जो कि दोनों टीमों के खिलाड़ियों में यूपी के रहने वाले इकलौते प्लेयर हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि जब फुटबॉल खेलने का डिसीजन लिया, उस समय पर रिस्क था, लेकिन अब खुश हूं। लोग मुझे देखकर फुटबॉल खेलना शुरू कर रहे हैं। वह कहते हैं परिवार मेरी सबसे बड़ी मजबूती है। जीवन के हर बैड टाइम में परिवार साथ खड़ा रहा। पढ़ें सुमित राठी से बातचीत। सवाल: पहली बार आप यूपी में आकर मैच खेल रहे हैं। कैसा एक्सपीरियंस रहा है?
जवाब: 14 साल से प्रोफेशनल फुटबाल खेल रहा हूं। 6 साल से मोहन बागान के साथ में खेल रहा हूं। पहली बार यूपी और लखनऊ में मैच खेलने का मौका मिला है। काफी अच्छा लग रहा है। यह मेरे और परिवार के लिए काफी गर्व की बात है। मुख्यमंत्री से इस मैच का आयोजन किया है। यूपी के फुटबॉल खिलाड़ियों और यूथ के लिए यह स्पेशल प्लेटफार्म है। जहां से वह कैरियर स्टार्ट कर सकते हैं। सवाल: आप मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं? फुटबाल खेलने का ख्याल कैसे आया आपको?
जवाब: फुटबॉल स्टार्ट करने का कारण यह रहा कि जब मैं यहां पर रोल मॉडल के तौर पर आऊंगा तो सभी को खुशी होगी। अब काफी लोग मुझे देखकर यूपी में फुटबॉल स्टार्ट कर रहे हैं। वह खेलना चाहते हैं। जब मैंने स्टार्ट किया था। तब एक रिस्क था कि मैं सफल हो भी सकता हूं या नहीं? लेकिन अब मैं खुश हूं, कि मैंने अपने और परिवार के लिए एक अच्छा निर्णय लिया था। सभी खुश हैं। सवाल: फुटबॉल खेलने की प्रेरणा कहां से मिली है?
जवाब: मेरी मजबूती मेरा परिवार है। जब मैंने परिवार में फुटबॉल खेलने की बात की थी, तो परिवार के सभी लोगों ने मेरा सपोर्ट किया था। परिवार ने मुझे हर दिन पॉजिटिव फील कराया। इसके चलते मैंने कभी भी खुद को कमजोर नहीं समझा है। जीत-हार के भी आती थी, लेकिन परिवार हर बार साथ रहा है। जीवन में अप्स एंड डाउन भी आया है, लेकिन कहने का मतलब यह है कि अगर परिवार साथ है, तो आप कोई भी खेल-खेल सकते हैं। सवाल: अपने करियर की जर्नी के बारे में बताइए?
जवाब: 2010 से डीएवी पब्लिक स्कूल से खेलना शुरू किया था। इसके बाद चंडीगढ़ फुटबॉल एकेडमी में खेला हूं। इसके साथ भारतीय टीम के अंडर-14 और 16 की टीम भी खेला हूं। सभी यूथ एकेडमी में खेला हूं। अभी जल्द में एशियन गेम्स में भी खेला हूं। सवाल: भविष्य में आप ने अपने लिए क्या चुनौती रखी है? बतौर खिलाड़ी क्या करना चाहते हैं?
जवाब: मैं किसान परिवार से आता हूं और जाट हूं। फुटबॉल खेलने का डिसीजन हार्ड डिसिजन होता है। लोग अब इंस्पायर हो रहे हैं। फुटबॉल देखना समझना शुरू कर रहे और मैच देख रहे हैं। अभी मैं हार्ड वर्क पर विश्वास कर रहा हूं। भविष्य में इंडिया टीम की तरफ से खेलना चाहता हूं। अभी इसी चुनौती पर काम रहा हूं। सवाल: क्या आप भारतीय टीम का हिस्सा रहें हैं?
जवाब: सितंबर 2023 में एशियन गेम्स में टीम इंडिया का हिस्सा रहा हूं। इसके साथ ही अंडर-23 में इंडिया टीम के साथ भी खेल चुका हूं। मोहन बागान में बतौर डिफेंडर खेलता हूं। मोहन बागान क्लब के साथ में जर्सी नंबर दो और अंडर 23 और एशियन गेम्स में जर्सी नंबर तीन के साथ में खेलता रहा हूं। इंडियन सुपर लीग 2019-2020 की चैंपियन टीम का वह हिस्सा रहा हूं। इसके साथ ही ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द लीग’ भी चुना जा चुका हूं। पहला गोल दागने वाले सुहैल अहमद भट्ट बोले बच्चे होंगे मोटिवेट
मैच में पहला गोल दागने वाले सुहैल अहमद भट्ट ने कहा कि लखनऊ के खिलाड़ियों लिए यह बड़ा मौका था। लखनऊ के खिलाड़ी फुटबॉल को आगे लेकर जाएं। फैंस मोटिवेट होते रहें। हम थैंकफुल हैं, कि यह मैच यहां पर हुआ है। फैंस का क्रेज देखते बना। मैंने एक बच्चे को जर्सी दे दिया, ताकि वह मोटिवेट हो। खुद अपनी जर्सी किसी और को देने की सोचे। जर्सी देना बड़ी बात होती है। वहीं, मोहन बागान के असिस्टेंट कोच अभिषेक रोशन बोले फुटबॉल के विकास के लिए निश्चित तौर पर मोहन बागान की टीम यूपी को सहयोग देने के लिए तैयार है। यह भी पढ़ें मोहन बागान पेनाल्टी शूटआउट में जीता:मैच में दोनों टीमें 1-1 गोल की बराबरी पर थीं; सीएम योगी ने बॉल को किक ऑफ किया लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के बीच फुटबाल मैच खेला गया। मोहन बागान ने ईस्ट बंगाल को पेनाल्टी शूटआउट में 4-3 से हरा दिया है। 90 मिनट के खेल में दोनों टीमें 1-1 गोल के बराबरी पर रहीं। इसके बाद दोनों टीमों के बीच हार-जीत का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से किया गया। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर