<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी अपनी लिस्ट किसी भी वक्त जारी कर सकती है. इस बीच चर्चाएं जोरों पर हैं कि किसको टिकट मिलेगा और किसका टिकट कटेगा? पूर्व गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज जो पिछले काफी दिनों से अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं, क्या उनको बीजेपी टिकट देगी या नहीं? इसको लेकर भी चर्चाएं हैं. इस बीच संभावित लिस्ट में अनिल विज का नाम कंफर्म माना जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अनिल विज कब-कब जीते चुनाव?</strong><br />बता दें कि अनिल विज ने बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा था. वे पिछले 32 साल से हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हैं. वे 6 बार विधायक चुने जा चुके हैं. उन्हें सिर्फ एक बार चुनाव में हार मिली है. पहली बार उन्होंने 1990 में उपचुनाव में जीत दर्ज की और विधायक बने थे. 1991 में वे बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 1996 और 2000 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. 2005 के चुनाव में अनिल विज को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद साल 2009 में फिर वे अंबाला छावनी सीट से विधायक चुने गए. 2014 में फिर उन्होंने बीजेपी की सीट पर चुनाव जीता और 2019 में भी छठी बार जीत दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम की रेस में भी था अनिल विज का नाम</strong><br />2014 में पहली बार जब बीजेपी को हरियाणा में पूर्ण बहुमत मिला. उस समय मुख्यमंत्री की रेस में अनिल विज का नाम सबसे आगे था, लेकिन उनकी जगह मनोहर लाल खट्टर को विधायक दल का नेता चुना गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, साल 2024 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से ठीक पहले 12 मार्च को हरियाणा में बड़ा सियासी फेरबदल हुआ. साढ़े चार साल से चला आ रहा बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन एक झटके में टूट गया. तो वहीं मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उनकी जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री चुना गया. लेकिन पार्टी का ये परिवर्तन अनिल विज को रास नहीं आया. विधायक दल की बैठक में जब नायब सिंह सैनी को नेता चुना गया तो विज ने उस कार्यक्रम से ही दूरी बना ली और अपने घर जाना ही उचित समझा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’हर वक्त पार्टी के लिए करता हूं काम'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद नायब सिंह सैनी के साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट में अनिल विज का नाम भी शामिल था, लेकिन वे शपथ ग्रहण के लिए नहीं पहुंचे. इसके बाद कई कार्यक्रमों के दौरान उनका मुख्यमंत्री न बनने का दर्द भी झलका. वहीं मगंलवार को एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान जब अनिल विज से चुनाव में उनकी भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैंने पूरी जिंदगी पार्टी के लिए लगाई है. मैं हर वक्त पार्टी के लिए काम करता हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की सीट कांग्रेस ने की कंफर्म? इन संकेतों से समझें” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/rahul-gandhi-meets-vinesh-phogat-and-bajrang-punia-ahead-of-haryana-assembly-election-2024-2775805″ target=”_blank” rel=”noopener”>विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की सीट कांग्रेस ने की कंफर्म? इन संकेतों से समझें</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी अपनी लिस्ट किसी भी वक्त जारी कर सकती है. इस बीच चर्चाएं जोरों पर हैं कि किसको टिकट मिलेगा और किसका टिकट कटेगा? पूर्व गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज जो पिछले काफी दिनों से अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं, क्या उनको बीजेपी टिकट देगी या नहीं? इसको लेकर भी चर्चाएं हैं. इस बीच संभावित लिस्ट में अनिल विज का नाम कंफर्म माना जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अनिल विज कब-कब जीते चुनाव?</strong><br />बता दें कि अनिल विज ने बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा था. वे पिछले 32 साल से हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हैं. वे 6 बार विधायक चुने जा चुके हैं. उन्हें सिर्फ एक बार चुनाव में हार मिली है. पहली बार उन्होंने 1990 में उपचुनाव में जीत दर्ज की और विधायक बने थे. 1991 में वे बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 1996 और 2000 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. 2005 के चुनाव में अनिल विज को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद साल 2009 में फिर वे अंबाला छावनी सीट से विधायक चुने गए. 2014 में फिर उन्होंने बीजेपी की सीट पर चुनाव जीता और 2019 में भी छठी बार जीत दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम की रेस में भी था अनिल विज का नाम</strong><br />2014 में पहली बार जब बीजेपी को हरियाणा में पूर्ण बहुमत मिला. उस समय मुख्यमंत्री की रेस में अनिल विज का नाम सबसे आगे था, लेकिन उनकी जगह मनोहर लाल खट्टर को विधायक दल का नेता चुना गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, साल 2024 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से ठीक पहले 12 मार्च को हरियाणा में बड़ा सियासी फेरबदल हुआ. साढ़े चार साल से चला आ रहा बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन एक झटके में टूट गया. तो वहीं मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उनकी जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री चुना गया. लेकिन पार्टी का ये परिवर्तन अनिल विज को रास नहीं आया. विधायक दल की बैठक में जब नायब सिंह सैनी को नेता चुना गया तो विज ने उस कार्यक्रम से ही दूरी बना ली और अपने घर जाना ही उचित समझा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’हर वक्त पार्टी के लिए करता हूं काम'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद नायब सिंह सैनी के साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट में अनिल विज का नाम भी शामिल था, लेकिन वे शपथ ग्रहण के लिए नहीं पहुंचे. इसके बाद कई कार्यक्रमों के दौरान उनका मुख्यमंत्री न बनने का दर्द भी झलका. वहीं मगंलवार को एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान जब अनिल विज से चुनाव में उनकी भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैंने पूरी जिंदगी पार्टी के लिए लगाई है. मैं हर वक्त पार्टी के लिए काम करता हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की सीट कांग्रेस ने की कंफर्म? इन संकेतों से समझें” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/rahul-gandhi-meets-vinesh-phogat-and-bajrang-punia-ahead-of-haryana-assembly-election-2024-2775805″ target=”_blank” rel=”noopener”>विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की सीट कांग्रेस ने की कंफर्म? इन संकेतों से समझें</a></strong></p> हरियाणा संजय सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका, अरविंद केजरीवाल को लेकर क्या है मांग?