यूपी के ब्यूरोक्रेसी में बड़े साहब रहे एक शख्स की चुगली के चर्चे हो रहे हैं। साहब आजकल सलाहकार की भूमिका में हैं। उनसे छोटे से लेकर बड़े अफसर भी डर रहे हैं। आजकल सरकार आयोगों में दनादन नियुक्ति दे रही है। कभी कांग्रेस की पोस्टर गर्ल रही एक नेत्री को एक आयोग में जगह क्या मिली, पुराने नेताओं का दर्द छलकने लगा। कहा जा रहा है, यह पद उन्हें बलिया वाले माननीय मंत्री जी के आशीर्वाद से मिला है। पुलिस के बॉस का दफ्तर भी इस बार चर्चा में हैं। पढ़िए सुनी-सुनाई में ऐसे ही 5 मामले, जिनकी राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में चर्चा है… 1- पुराने साहब की चुगली, पंगा कोई नहीं लेता किसी समय सत्ता का केंद्र रहे एक बड़े साहब इन दिनों सलाहकार की भूमिका में हैं। साहब की पहले इतनी तूती बोलती थी कि हर फैसले उनके हिसाब से लिए जाते थे। अब बतौर सलाहकार उनसे कामकाज को लेकर सलाह कम ही ली जा रही। सरकार में भी उनका दखल पहले जैसा नहीं रहा। लेकिन उनकी चुगलखोरी इन दिनों पहले से पांचवें तल तक चर्चा का विषय बनी है। चर्चा है, जिस अधिकारी या नेता की शिकायत मुखिया तक पहुंचानी हो तो बस सलाहकार के कान तक पहुंचा दीजिए। उसके बाद वह शिकायत अपने आप ऊपर तक पहुंच जाएगी। सलाहकार अपनी चुगली से सामने वाले का ऐसा हाल करते हैं कि उसे पता भी नहीं चलता, यह गुगली किसने की? इसलिए कई बड़े और छोटे साहब उनसे पंगा लेना सही नहीं समझते। 2- साइडलाइन अफसर बॉस के दफ्तर में घुस नहीं पाए एक एडीजी लेवल के अफसर के साथ अजीब घटना हुई। घटना भी ऐसी कि शायद ही कोई विश्वास करे। हुआ यह कि अरसे से साइड पोस्टिंग झेल रहे पड़ोसी राज्य से आने वाले यूपी काडर के अफसर अपनी फरियाद लेकर उनके दफ्तर पहुंचे। बॉस उनसे मिलना नहीं चाहते थे। उन्होंने इशारों में स्टाफ को बता भी दिया। स्टाफ ने अफसर को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे बॉस से मिलने पर अमादा थे। जब उन्होंने जबरदस्ती बॉस के रूम में घुसने की कोशिश की। इस पर सुरक्षाकर्मियों ने भी अपना फर्ज निभाते हुए साहब को दफ्तर से बाहर करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। इस बात के गवाह वहां बैठे कई जूनियर अफसर भी बने। जिन साहब को बाहर किया गया, वे एक बड़े जिले में कमिश्नर भी रह चुके हैं। सपा के बड़े नेताओं के खासमखास रहे हैं। कहा जाता है, इस अफसर की वजह से पहले तैनात रहे एक बड़े अफसर ने अपना विदाई समारोह ही टाल दिया था। वजह यह थी कि विदाई समारोह में भाषण देने की साहब ने लिखा-पढ़ी में मांग कर डाली थी। भाषण देने की इजाजत दी जाती तो भी फजीहत होती और न देते तो और भी फजीहत होती। ऐसे में साहब ने अपनी विदाई समारोह का कार्यक्रम ही कैंसिल कर दिया था। 3- महिला आयोग में पैराशूट लैंडिंग वालों को मिली जगह… मूल कैडर के नेता नाराज हाल ही में महिला आयोग की बनी नई टीम में पैराशूट लैंडिंग करने वालों को जगह दे दी गई। सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के कैंपेन ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ की पोस्टर गर्ल की हो रही। हो भी क्यों न, उन्हें आए दो साल ही हुए हैं। लेकिन बहुत जल्दी पद मिल गया, जबकि कई सालों से पार्टी की सेवा करने वालों को पूछा तक नहीं गया। चर्चा है, पोस्टर गर्ल को बलिया वाले माननीय मंत्री का सपोर्ट था। माननीय संगठन से आते हैं, उनकी पहुंच ऊपर तक है। दूसरी बात छात्र नेता रहे हैं, इसलिए युवाओं को बढ़ाने में लगे रहते हैं। यही वजह है, पोस्टर गर्ल को एंट्री मिल गई और पुराने नेता देखते रह गए। नेताओं में चर्चा है कि पार्टी के लिए काम करने से अच्छा, दूसरी पार्टी के लिए काम करो। जब चुनाव आए तो फिर से पलटी मार लो और आयोग में जगह बना लो। 4- अब परिवार को क्या दिखाएंगी इस समय आयोग, निगम और बोर्ड में पद बांटे जा रहे हैं। ऐसे ही एक आयोग में एक नियुक्ति की खूब चर्चा हो रही है। भगवा पार्टी से ज्यादा लाल टोपी वाली पार्टी में चर्चा हो रही है। जिन्हें पद मिला, उनका जुड़ाव सीधे लाल टोपी वाली पार्टी की टॉप लीडरशिप से है। वह भगवा पार्टी की इक्का थीं, उनका लाल टोपी वालों के खिलाफ खूब इस्तेमाल किया गया। वो अपने करीबियों से चर्चा भी करती रही हैं कि जो लाल टोपी में नहीं मिला, वो भगवा में मिलेगा। लेकिन हो रहा है उल्टा। पहले उन्हें लोकसभा से दूर रखा गया। अब जब नियुक्ति दी गई, तो वो भी डिप्टी की। यही बात उन्हें खटक गई। वादे के मुताबिक उन्हें कोई पद नहीं मिला, जो मिला उनके कद का नहीं। इसलिए वो नाराज हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा कि परिवार को क्या दिखाएंगी? 5- बंधे पर राजा ही स्वतंत्र राजधानी में शहीद पथ पर स्थित बंधे के आसपास इन दिनों एक युवा राजा का राज चल रहा है। राजा वहां पर अपना साम्राज्य फैला रहे हैं। इसलिए जो भी वहां अपना रोजगार या आशियाना तलाशने जाता है, मायूस होकर ही लौट रहा। एक न्यूज एजेंसी के भवन का करीब 2 साल पहले सरकार की मौजूदगी में शिलान्यास हुआ। आसपास अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और आवासीय भवनों का भी शिलान्यास हो चुका है। लेकिन लखनऊ के विकास की जिम्मेदार संस्था किसी का भी नक्शा पास नहीं कर रही है। संस्था के अधिकारी अब खुले तौर पर कहने लगे हैं, जब तक राजा नहीं चाहेगा वहां बंधा नहीं बनेगा। जब तक बंधा नहीं बनेगा, तब तक नक्शा पास नहीं होगा। संस्था के अधिकारी यह भी बताते हैं कि बंधा शुल्क संबंधित महकमे को जमा कराया जा चुका है। इसलिए जब तक राजा नहीं चाहेगा, बंधा नहीं बनेगा। हैरत की बात यह है कि भगवा टोली के एक बड़े भाई साहब ने माननीय को फोन कर बंधा बनवाने के लिए कहा ताकि लोगों के नक्शे पास हो सकें। फिर भी बात आगे नहीं बढ़ी। भाई साहब जब मामले की तह में गए, तो उन्हें राजा के पीछे का राज पता चला। ये भी पढ़ें भगवा दल में अब नो टेंशन वाले नेताजी:मंत्री के पीआरओ की सोने की चेन चर्चा में; बड़े साहब के दफ्तर में ठेकेदार की बैठकी यूपी के ब्यूरोक्रेसी में बड़े साहब रहे एक शख्स की चुगली के चर्चे हो रहे हैं। साहब आजकल सलाहकार की भूमिका में हैं। उनसे छोटे से लेकर बड़े अफसर भी डर रहे हैं। आजकल सरकार आयोगों में दनादन नियुक्ति दे रही है। कभी कांग्रेस की पोस्टर गर्ल रही एक नेत्री को एक आयोग में जगह क्या मिली, पुराने नेताओं का दर्द छलकने लगा। कहा जा रहा है, यह पद उन्हें बलिया वाले माननीय मंत्री जी के आशीर्वाद से मिला है। पुलिस के बॉस का दफ्तर भी इस बार चर्चा में हैं। पढ़िए सुनी-सुनाई में ऐसे ही 5 मामले, जिनकी राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में चर्चा है… 1- पुराने साहब की चुगली, पंगा कोई नहीं लेता किसी समय सत्ता का केंद्र रहे एक बड़े साहब इन दिनों सलाहकार की भूमिका में हैं। साहब की पहले इतनी तूती बोलती थी कि हर फैसले उनके हिसाब से लिए जाते थे। अब बतौर सलाहकार उनसे कामकाज को लेकर सलाह कम ही ली जा रही। सरकार में भी उनका दखल पहले जैसा नहीं रहा। लेकिन उनकी चुगलखोरी इन दिनों पहले से पांचवें तल तक चर्चा का विषय बनी है। चर्चा है, जिस अधिकारी या नेता की शिकायत मुखिया तक पहुंचानी हो तो बस सलाहकार के कान तक पहुंचा दीजिए। उसके बाद वह शिकायत अपने आप ऊपर तक पहुंच जाएगी। सलाहकार अपनी चुगली से सामने वाले का ऐसा हाल करते हैं कि उसे पता भी नहीं चलता, यह गुगली किसने की? इसलिए कई बड़े और छोटे साहब उनसे पंगा लेना सही नहीं समझते। 2- साइडलाइन अफसर बॉस के दफ्तर में घुस नहीं पाए एक एडीजी लेवल के अफसर के साथ अजीब घटना हुई। घटना भी ऐसी कि शायद ही कोई विश्वास करे। हुआ यह कि अरसे से साइड पोस्टिंग झेल रहे पड़ोसी राज्य से आने वाले यूपी काडर के अफसर अपनी फरियाद लेकर उनके दफ्तर पहुंचे। बॉस उनसे मिलना नहीं चाहते थे। उन्होंने इशारों में स्टाफ को बता भी दिया। स्टाफ ने अफसर को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे बॉस से मिलने पर अमादा थे। जब उन्होंने जबरदस्ती बॉस के रूम में घुसने की कोशिश की। इस पर सुरक्षाकर्मियों ने भी अपना फर्ज निभाते हुए साहब को दफ्तर से बाहर करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। इस बात के गवाह वहां बैठे कई जूनियर अफसर भी बने। जिन साहब को बाहर किया गया, वे एक बड़े जिले में कमिश्नर भी रह चुके हैं। सपा के बड़े नेताओं के खासमखास रहे हैं। कहा जाता है, इस अफसर की वजह से पहले तैनात रहे एक बड़े अफसर ने अपना विदाई समारोह ही टाल दिया था। वजह यह थी कि विदाई समारोह में भाषण देने की साहब ने लिखा-पढ़ी में मांग कर डाली थी। भाषण देने की इजाजत दी जाती तो भी फजीहत होती और न देते तो और भी फजीहत होती। ऐसे में साहब ने अपनी विदाई समारोह का कार्यक्रम ही कैंसिल कर दिया था। 3- महिला आयोग में पैराशूट लैंडिंग वालों को मिली जगह… मूल कैडर के नेता नाराज हाल ही में महिला आयोग की बनी नई टीम में पैराशूट लैंडिंग करने वालों को जगह दे दी गई। सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के कैंपेन ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ की पोस्टर गर्ल की हो रही। हो भी क्यों न, उन्हें आए दो साल ही हुए हैं। लेकिन बहुत जल्दी पद मिल गया, जबकि कई सालों से पार्टी की सेवा करने वालों को पूछा तक नहीं गया। चर्चा है, पोस्टर गर्ल को बलिया वाले माननीय मंत्री का सपोर्ट था। माननीय संगठन से आते हैं, उनकी पहुंच ऊपर तक है। दूसरी बात छात्र नेता रहे हैं, इसलिए युवाओं को बढ़ाने में लगे रहते हैं। यही वजह है, पोस्टर गर्ल को एंट्री मिल गई और पुराने नेता देखते रह गए। नेताओं में चर्चा है कि पार्टी के लिए काम करने से अच्छा, दूसरी पार्टी के लिए काम करो। जब चुनाव आए तो फिर से पलटी मार लो और आयोग में जगह बना लो। 4- अब परिवार को क्या दिखाएंगी इस समय आयोग, निगम और बोर्ड में पद बांटे जा रहे हैं। ऐसे ही एक आयोग में एक नियुक्ति की खूब चर्चा हो रही है। भगवा पार्टी से ज्यादा लाल टोपी वाली पार्टी में चर्चा हो रही है। जिन्हें पद मिला, उनका जुड़ाव सीधे लाल टोपी वाली पार्टी की टॉप लीडरशिप से है। वह भगवा पार्टी की इक्का थीं, उनका लाल टोपी वालों के खिलाफ खूब इस्तेमाल किया गया। वो अपने करीबियों से चर्चा भी करती रही हैं कि जो लाल टोपी में नहीं मिला, वो भगवा में मिलेगा। लेकिन हो रहा है उल्टा। पहले उन्हें लोकसभा से दूर रखा गया। अब जब नियुक्ति दी गई, तो वो भी डिप्टी की। यही बात उन्हें खटक गई। वादे के मुताबिक उन्हें कोई पद नहीं मिला, जो मिला उनके कद का नहीं। इसलिए वो नाराज हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा कि परिवार को क्या दिखाएंगी? 5- बंधे पर राजा ही स्वतंत्र राजधानी में शहीद पथ पर स्थित बंधे के आसपास इन दिनों एक युवा राजा का राज चल रहा है। राजा वहां पर अपना साम्राज्य फैला रहे हैं। इसलिए जो भी वहां अपना रोजगार या आशियाना तलाशने जाता है, मायूस होकर ही लौट रहा। एक न्यूज एजेंसी के भवन का करीब 2 साल पहले सरकार की मौजूदगी में शिलान्यास हुआ। आसपास अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और आवासीय भवनों का भी शिलान्यास हो चुका है। लेकिन लखनऊ के विकास की जिम्मेदार संस्था किसी का भी नक्शा पास नहीं कर रही है। संस्था के अधिकारी अब खुले तौर पर कहने लगे हैं, जब तक राजा नहीं चाहेगा वहां बंधा नहीं बनेगा। जब तक बंधा नहीं बनेगा, तब तक नक्शा पास नहीं होगा। संस्था के अधिकारी यह भी बताते हैं कि बंधा शुल्क संबंधित महकमे को जमा कराया जा चुका है। इसलिए जब तक राजा नहीं चाहेगा, बंधा नहीं बनेगा। हैरत की बात यह है कि भगवा टोली के एक बड़े भाई साहब ने माननीय को फोन कर बंधा बनवाने के लिए कहा ताकि लोगों के नक्शे पास हो सकें। फिर भी बात आगे नहीं बढ़ी। भाई साहब जब मामले की तह में गए, तो उन्हें राजा के पीछे का राज पता चला। ये भी पढ़ें भगवा दल में अब नो टेंशन वाले नेताजी:मंत्री के पीआरओ की सोने की चेन चर्चा में; बड़े साहब के दफ्तर में ठेकेदार की बैठकी उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हाथरस हादसा: बाबा की तलाश में मैनपुरी के आश्रम पहुंची पुलिस, DSP और SOG की टीम मौजूद <p class=”selectable-text copyable-text x15bjb6t x1n2onr6″ dir=”ltr” style=”text-align: justify;”><strong>Hathras Latest Update:</strong> उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस में मंगलवार को सत्संग के दौरान मचे भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद बाबा नारायण साकार हरि फरार है. दावा किया जा रहा है कि वह मैनपुरी स्थित अपने आश्रम में छिपा है. इस बीच खबर है कि पुलिस, बाबा के मैनपुरी स्थित आश्रम पहुंच गई है. करीब 20 पुलिसकर्मी आश्रम में मौजूद हैं.</p>
<p class=”selectable-text copyable-text x15bjb6t x1n2onr6″ dir=”ltr” style=”text-align: justify;”>समाचार लिखे जाने तक एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार करीब 9.30 बजे एसपी सिटी राहुल मिठास मौके पर पहुंचे. उन्होंने पुलिसकर्मियों को कुछ निर्देश दिए और वह वापस चले गए. आधे घंटे बाद मय एसपी सिटी एसओजी टीम आई और आश्रम के भीतर गए.</p>
<p class=”selectable-text copyable-text x15bjb6t x1n2onr6″ dir=”ltr” style=”text-align: justify;”>आश्रम के भीतर एसओजी की टीम अपनी तफ्तीश कर रही है. इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रात में यह कार्रवाई क्यों करनी पड़ी.</p>
<p class=”selectable-text copyable-text x15bjb6t x1n2onr6″ dir=”ltr” style=”text-align: justify;”>बता दें एबीपी न्यूज़ के कैमरे पर ही मंगलवार को मैनपुरी में बाबा के आश्रम के सेवादारों ने दावा किया था कि बाबा अंदर हैं लेकिन बाद में सबने नकार दिया. बुधवार दिन में करहल के सीओ संतोष कुमार ने आश्रम में बाबा की मौजूदगी के सवाल के जवाब में कहा कि इस बात की सूचना हमें नहीं हैं. हम तो बाबा की आश्रम की सुरक्षा में यहां हैं. कोई पत्थरबाजी न करे. इसलिए हम यहां हैं. </p>
<p class=”selectable-text copyable-text x15bjb6t x1n2onr6″ dir=”ltr” style=”text-align: justify;”><em><strong>यहां जानें- अब तक के बड़े अपडेट्स</strong></em></p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li class=”selectable-text copyable-text x15bjb6t x1n2onr6″ dir=”ltr”><span class=”selectable-text copyable-text”>मैनपुरी के एसपी राहुल मिठास बाबा के आश्रम के भीतर फ़ोर्स के साथ पहुँचे हैं साथ में कई सीओ भी हैं</span></li>
<li class=”selectable-text copyable-text x15bjb6t x1n2onr6″ dir=”ltr”>डीएसपी चंद्रकेश साथ में मौजूद हैं.</li>
<li class=”selectable-text copyable-text x15bjb6t x1n2onr6″ dir=”ltr”>एसओजी की टीम बाबा के आश्रम में पहुँची है</li>
<li class=”selectable-text copyable-text x15bjb6t x1n2onr6″ dir=”ltr”>कुल क़रीब 20 पुलिसकर्मी भीतर हैं</li>
</ul>
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″>
<p dir=”ltr” lang=”hi”><a href=”https://twitter.com/hashtag/BREAKING?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#BREAKING</a> | बाबा की तलाश में आश्रम पहुंची पुलिस<br /><br />- मैनपुरी में बाबा के आश्रम पहुंची पुलिस<a href=”https://twitter.com/viveksemiliye?ref_src=twsrc%5Etfw”>@viveksemiliye</a> | <a href=”https://twitter.com/ravikantabp?ref_src=twsrc%5Etfw”>@ravikantabp</a> <a href=”https://t.co/smwhXURgtc”>https://t.co/smwhXURgtc</a><a href=”https://twitter.com/hashtag/Mainpuri?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Mainpuri</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/Police?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Police</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/UttarPradesh?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#UttarPradesh</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/HathrasStampede?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#HathrasStampede</a> <a href=”https://t.co/eYrzEykPcN”>pic.twitter.com/eYrzEykPcN</a></p>
— ABP News (@ABPNews) <a href=”https://twitter.com/ABPNews/status/1808567148534456486?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 3, 2024</a></blockquote>
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</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/hathras-news-uttar-pradesh-governor-constitutes-a-three-member-judicial-inquiry-narayan-hari-sakar-2729389″><strong>हाथरस मामले में हाईकोर्ट के इस रिटायर्ड जज की अगुवाई में बनी कमेटी, 2 पूर्व IAS भी शामिल</strong></a></p>
चंडीगढ़ समेत ट्राइसिटी में बदला मौसम:सुबह कई एरिया में हुई बूंदाबांदी, मानसून सीजन 20.8 एमएम कम बारिश, 28 तक नहीं अलर्ट
चंडीगढ़ समेत ट्राइसिटी में बदला मौसम:सुबह कई एरिया में हुई बूंदाबांदी, मानसून सीजन 20.8 एमएम कम बारिश, 28 तक नहीं अलर्ट सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में भले ही मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है। लेकिन आज सुबह से ही कई एरिया में बूंदाबादी हो रही है। ऐसी ही स्थिति पंचकूला और मोहाली में भी है। जिसके चलते मौसम बदला है। हालांकि मौसम विभाग की माने तो आज (शुक्रवार) को भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। इस मानूसन सीजन में एक जून से अब तक 512.8 एमएम बारिश दर्ज की गई। जो कि सामान्य से 20.8 एमएम कम है। हालांकि चंडीगढ़ के अधिकतम तामपान 35.5 डिग्री दर्ज किया गया है। जो कि सामान्य से 2.7 डिग्री अधिक है। 28 तक नहीं है तेज बारिश की चेतावनी मौसम विभाग के मुताबिक आज चंडीगढ़ में बादल छाए रहेंगे और हवांए भी चलेगी। लेकिन घबराने की चिंता नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक 28 तारीख तक भारी बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। हालांकि वैसे बारिश भी हाे सकती है। ऐसे में तापमान बढ़ेगा। वहीं, आज 90 फीसदी दर्ज की गई है। बारिश में इन चीजों का रखे ख्याल मौसम विभाग का कहना है कि भले ही बारिश थोड़ी हो या बहुत लेकिन अलर्ट रहने की जरूरत अधिक रहती है। ऐसे में पानी से भरे इलाकों में जाने से परहेज करना चाहिए। जो भी कमजोर स्ट्रक्चर हो उनके नीचे खडे़ होने से बचना चाहिए। पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचना चाहिए। गाड़ी धीरे चलानी चाहिए। जहां तक हो सके घर से पहले निकलना चाहिए। क्योंकि बारिश के मौसम में जाम की दिक्कत होती जाती है। इसके अलावा घरों में छतों आदि पर पानी जमा न होने दे। इसके अलावा किसी भी तरह के पोल उन्हें नहीं छूना चाहिए।
‘मोहन भैया, इसका हिसाब कौन देगा’, मंत्रियों के टैक्स भुगतान का जिक्र कर बोले जीतू पटवारी
‘मोहन भैया, इसका हिसाब कौन देगा’, मंत्रियों के टैक्स भुगतान का जिक्र कर बोले जीतू पटवारी <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News: </strong>मध्य प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि अब मंत्रियों को अपने इनकम टैक्स (Income Tax) का भुगतान खुद करना होगा, सरकार नहीं करेगी. इस विषय पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwar) ने पूछा कि मंत्रियों के बंगलों पर सजावट में करोड़ों रुपये खर्च कर दिए जाते हैं, उसका हिसाब कौन देगा? जीतू पटवारी ने साथ ही तंज करते हुए कहा कि कटौती के दिखाने के दांत छोटे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जीतू पटवारी ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”मध्य प्रदेश में मंत्रियों का इनकम टैक्स अब प्रदेश सरकार जमा नहीं करेगी! इसका भुगतान अब मंत्री ही करेंगे! सरकार ने 1972 का नियम बदल दिया! मोहन यादव जी, इस ऐतिहासिक, अकल्पनीय, क्रांतिकारी निर्णय के लिए साधुवाद! लेकिन, मंत्रियों के बंगलों की साज-सज्जा पर करोड़ों लुटा दिए गए! लग्जरी गाड़ियों के लिए करोड़ों दे दिए गए! सरकारी हवाई जहाज के लिए एक झटके में करोड़ों का बजट पास हो गया! झूठे प्रचार और विज्ञापन के बाजार में 1000 करोड़ का कारोबार हो गया!”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”><a href=”https://twitter.com/hashtag/%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#मध्यप्रदेश</a> में मंत्रियों का इनकम टैक्स अब प्रदेश सरकार जमा नहीं करेगी! इसका भुगतान अब मंत्री ही करेंगे! सरकार ने 1972 का नियम बदल दिया!<a href=”https://twitter.com/DrMohanYadav51?ref_src=twsrc%5Etfw”>@DrMohanYadav51</a> जी,<br />इस ऐतिहासिक, अकल्पनीय, क्रांतिकारी निर्णय के लिए साधुवाद! लेकिन, मंत्रियों के बंगलों की साज-सज्जा पर करोड़ों लुटा दिए गए!… <a href=”https://t.co/DBB8BqcSRO”>https://t.co/DBB8BqcSRO</a></p>
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) <a href=”https://twitter.com/jitupatwari/status/1805560059575124090?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 25, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिखाने के दांत की कटौती – जीतू पटवार</strong><br />पटवारी ने आगे कहा,” मोहन भैया, इसका हिसाब कौन देगा? सरकार की कटौती के दिखाने के दांत तो छोटे हैं! लेकिन, बड़े खर्च के खाने के दांत कौन देखेगा? इन दांतों की भी सफाई कीजिए! कर्ज में डूबी आपकी सरकार है, लग्जरी का खर्चा कम कीजिए!”</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को कई निर्णय लिए हैं. इसकी जाकारी सीएम मोहन यादव ने दी. उन्होंने कहा, ”हमने निर्णय किया है कि हमारे मंत्रीगण इनकम टैक्स की दृष्टि से स्वयं का व्यय करेंगे, वह शासन से कोई वित्तीय सहायता नहीं लेंगे.आयकर की दृष्टि से 1972 के नियम में बदलाव हो रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम के सुझाव को कैबिनेट ने दी मंजूरी</strong><br />दरअसल, बैठक में सीएम मोहन यादव ने सुझाव दिया था कि सभी मंत्री अपना आयकर खुद अदा करें. जिस सुझाव को कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया. इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कहा गया है कि प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली सहायता राशि में 50 प्रतिशत शहीद की पत्नी और 50 प्रतिशत राशि माता-पिता को दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”जबलपुर में कांग्रेस की चेतावनी- ‘तेज भागते हैं बिजली के स्मार्ट मीटर, नहीं लगने देंगे'” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/jabalpur-congress-protest-against-smart-meters-more-consumption-of-electricity-ann-2723203″ target=”_self”>जबलपुर में कांग्रेस की चेतावनी- ‘तेज भागते हैं बिजली के स्मार्ट मीटर, नहीं लगने देंगे'</a></strong></p>