हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के एक व्यक्ति के साथ गेम शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के नाम पर 11 लाख रुपए की ठगी हुई है। व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के ध्यान में मामला आने के बाद उसके अकाउंट में दो लाख रुपए की राशि बैंक में होल्ड करवा दी गई। मगर बाकी की राशि फेसबुक के जरिए ठगों ने अकाउंट से ड्रॉ करवा ली है। पुलिस के अनुसार, हमीरपुर के साथ लगते ख्याह गांव के एक व्यक्ति से KBC के नाम पर यह ठगी हुई है। युवक से KBC में 8.50 लाख रुपए के कैश प्राइज के नाम पर शातिरों ने यह रकम ऐंठी है। पीड़ित व्यक्ति हमीरपुर में ज्वेलरी की दुकान में काम करता है। बताया जा रहा है कि व्यक्ति को शातिरों ने फेसबुक के जरिए लिंक भेजा। इस लिंक के जरिए उसने कुछ सवालों के जवाब दिए और शातिरों ने जाल में फंसाया। व्यक्ति जब तक इस गड़बड़झाले के बारे में समझ पाता, तब तक शातिर उसके अकाउंट से 11 लाख उड़ा चुके थे। ASP बोले कार्रवाई जारी एएसपी हमीरपुर राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने साइबर थाना हमीरपुर में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। ऑनलाइन ठगी के शिकार युवक ने पुलिस को बताया है कि फेसबुक पर KBC का लिंक मिला और इस लिंक पर सवालों का जवाब देने पर बताया गया कि उसने नेक्सान गाड़ी इनाम में जीती है। शातिरों ने कार लेने के लिए 8.50 लाख नकद देने का माध्यम बताया। इसके लिए पंजीकरण के नाम पर 1200 रुपए लिए गए। इसके बाद कई किस्तों में UPI के जरिए करीब 11 लाख ठगे गए। 2 लाख रिलीज करवाए: एएसपी राजेश ने बताया कि कौन बनेगा करोड़पति में एंट्री को लेकर ज्वेलरी की दुकान में काम करने वाले युवक से 11 लाख ठगे गए हैं। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के एक व्यक्ति के साथ गेम शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के नाम पर 11 लाख रुपए की ठगी हुई है। व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के ध्यान में मामला आने के बाद उसके अकाउंट में दो लाख रुपए की राशि बैंक में होल्ड करवा दी गई। मगर बाकी की राशि फेसबुक के जरिए ठगों ने अकाउंट से ड्रॉ करवा ली है। पुलिस के अनुसार, हमीरपुर के साथ लगते ख्याह गांव के एक व्यक्ति से KBC के नाम पर यह ठगी हुई है। युवक से KBC में 8.50 लाख रुपए के कैश प्राइज के नाम पर शातिरों ने यह रकम ऐंठी है। पीड़ित व्यक्ति हमीरपुर में ज्वेलरी की दुकान में काम करता है। बताया जा रहा है कि व्यक्ति को शातिरों ने फेसबुक के जरिए लिंक भेजा। इस लिंक के जरिए उसने कुछ सवालों के जवाब दिए और शातिरों ने जाल में फंसाया। व्यक्ति जब तक इस गड़बड़झाले के बारे में समझ पाता, तब तक शातिर उसके अकाउंट से 11 लाख उड़ा चुके थे। ASP बोले कार्रवाई जारी एएसपी हमीरपुर राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने साइबर थाना हमीरपुर में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। ऑनलाइन ठगी के शिकार युवक ने पुलिस को बताया है कि फेसबुक पर KBC का लिंक मिला और इस लिंक पर सवालों का जवाब देने पर बताया गया कि उसने नेक्सान गाड़ी इनाम में जीती है। शातिरों ने कार लेने के लिए 8.50 लाख नकद देने का माध्यम बताया। इसके लिए पंजीकरण के नाम पर 1200 रुपए लिए गए। इसके बाद कई किस्तों में UPI के जरिए करीब 11 लाख ठगे गए। 2 लाख रिलीज करवाए: एएसपी राजेश ने बताया कि कौन बनेगा करोड़पति में एंट्री को लेकर ज्वेलरी की दुकान में काम करने वाले युवक से 11 लाख ठगे गए हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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केंद्रीय बजट से हिमाचल को उम्मीदें:ऊना-हमीरपुर और बिलासपुर-मनाली-लेह रेल को मिल सकता है बजट; पहाड़ी राज्यों के नाते विशेष ग्रांट, आपदा राहत की आस
केंद्रीय बजट से हिमाचल को उम्मीदें:ऊना-हमीरपुर और बिलासपुर-मनाली-लेह रेल को मिल सकता है बजट; पहाड़ी राज्यों के नाते विशेष ग्रांट, आपदा राहत की आस हिमाचल सरकार केंद्रीय बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठी है। खासकर पर्यटन, रेल, सड़क और हवाई कनेक्टिविटी के लिए सरकार ने केंद्र से विशेष मदद मांगी है। बीते सप्ताह मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने खुद प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर पहाड़ी राज्यों की वजह से विशेष ग्रांट देने का आग्रह किया है। मोदी गवर्नमेंट के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट से प्रदेश में चल रही रेल योजनाओं को काफी उम्मीदें हैं। उम्मीद की जा रही है कि ऊना-हमीरपुर रेल लाइन के लिए आज के बजट में बड़े ऐलान हो। ऊना से हमीरपुर तक नई रेल लाइन की लंबाई 41 किलोमीटर होगी। इस रेल लाइन की 3,361 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर ली गई है और यह सरकार के पास विचाराधीन है। इसके लिए आज बजट मिलने की उम्मीद है। इस रेल लाइन के अलावा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन योजना को भी बजट मिल सकता है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला को जोड़ने वाली इस रेल लाइन को भी तवज्जो मिल सकती है। इस परियोजना की भी डीपीआर तैयार है। इस पर लगभग एक लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस रेल लाइन का निर्माण चार फेज में किया जाना है। पहले फेज में बैरी से मंडी, दूसरे फेज में मंडी से मनाली, तीसरे में मनाली से ऊपशी और चौथे फेज में ऊपशी से लेह तक का होगा। हरियाणा के जगाधरी से पांवटा साहिब रेल लाइन के सर्वे को भी बजट मिल सकता है। इसके बनने से हरियाणा और हिमाचल के दो बड़े औद्योगिक शहर आपस में जुड़ जाएंगे। साल 2021 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पांवटा साहिब-जगाधरी रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण करवाने के निर्देश जरूर दिए थे। मगर यह योजना सीरे नहीं चढ़ पाई थी। आपदा राहत राशि बजट के साथ मिलने के आस हिमाचल में बीते साल बरसात में 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति तबाह हुई थी। केंद्र से आई टीमों ने भी 3000 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया था। मगर अब तक राहत राशि नहीं मिल पाई। लिहाजा सीएम सुक्खू ने इस राशि को बजट में जारी करने का आग्रह किया है। पर्यटन क्षेत्र को भी बड़ी उम्मीदें मोदी सरकार के बजट से हिमाचल के पर्यटन को भी बड़ी उम्मीदे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बीते सप्ताह ही कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मसला पीएम मोदी से उठाया है। हिमाचल सरकार ने कैपिटल इन्वेस्टमेंट के तहत कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 3500 करोड़ रुपए जारी करने की मांग की है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि यह एयरपोर्ट न सिर्फ टूरिज्म के लिए, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी महत्त्वपूर्ण रहेगा। वर्तमान सरकार ने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल का दर्जा दे रखा है। ऐसे में कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण करवाना बड़ी चुनौती है। इसके लिए अब सिर्फ पैसे की जरूरत है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए रोप-वे प्रोजेक्ट ज्यादा बनाने का निर्णय किया है। इसी तरह सड़क कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए छह सड़कों को नेशनल हाइवे बनाने तथा राज्य में चल रही फोरलेने परियोजनाओं का निर्माण के लिए भी केंद्र से बजट की आस है।
मंडी में बंदरों व सुअरों से किसान परेशान:फसलों को कर रहे तबाह; रखवाली के लिए मनरेगा के तहत दिहाड़ी की मांग
मंडी में बंदरों व सुअरों से किसान परेशान:फसलों को कर रहे तबाह; रखवाली के लिए मनरेगा के तहत दिहाड़ी की मांग मंडी जिले में किसान जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं। यहां दिन को बंदर सेना और रात को जंगली सुअरों ने किसानों को परेशान कर दिया है। जंगली जानवर मक्की सहित अन्य नगदी फसलों से भरे खेतों को तबाह कर रहे हैं। आलम इस क़द्र है कि कई खेतों में मक्की का नामोनिशान तक नहीं रहा है। ऐसे में दिन रात की मेहनत पर पानी फिरता देख किसान आंसू बहाने को मजबूर हुए हैं। द्रंग क्षेत्र की कटिंडी, तरयांबली, गरलोग, पाली, कुन्नू, डलाह, सियून, गवाली, उरला, चुक्कू, कुफरी, बड़ीधार, भड़वाहण, बह, शीलग, नौहली, बयूंह, भराड़ू और कस आदि पंचायतों में इन दिनों जंगली जानवरों ने खूब तबाही मचाई हुई है। दिन-रात खेतों की रखवाली कर रहे किसान किसानों की माने तो दिन में बंदरों की फौज खेतों में घुसती है, तो रात को जंगली सुअर मक्की की फसल को तबाह कर रहे हैं। किसान दिन-रात की रखवाली के बाद भी अपनी फसल को बचा नहीं पा रहे हैं। खेतों में फसल का नामोनिशान तक नहीं रह रहा है। ऐसे में किसान खेतों से मक्की की कच्ची फसल काट कर पालतू मवेशियों को चारे में देने को मजबूर हो गए हैं। बंदरों की संख्या कम करने के लिए प्रदेश सरकार की बंदर पकड़ने व नसबंदी करने की योजना भी फेल हो गई है। वन विभाग भी इस दिशा में अब कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है। जिस वजह से किसान खेतीबाड़ी के धंधे से हाथ पीछे खींचने को मजबूर हो गए हैं। खेती की रखवाली के लिए मनरेगा के तहत दिहाड़ी की मांग द्रंग के रुंझ गांव की निर्जला ठाकुर ने बताया कि बीते रोज जंगली सुअर आधा दर्जन खेतों से मक्की की खड़ी फसल पूरी तरह तबाह कर गए। जिससे खेत पूरी तरह खाली हो गए हैं। पंचायत समिति द्रंग की अध्यक्षा शीला ठाकुर, उपाध्यक्ष कृष्ण भोज, समिति सदस्य लेख राम ठाकुर, घनश्याम ठाकुर, कविता चौहान, कश्मीर सिंह, कृपाल सिंह, वीणा भारद्वाज सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने किसानों को खेती की रखवाली की एवज में मनरेगा के तहत दिहाड़ी उपलब्ध करवाने की मांग उठाई है। वहीं जंगली जानवरों से फसलों को सुरक्षित बचाने के लिए ठोस योजना बनाने की भी मांग की है। इसके साथ हाल ही में किसानों की फसलों के हुए नुकसान का उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग सरकार से की है।
शिमला में 75 प्रवासियों का आधार कार्ड सही:पहचान छिपाने का लगा था आरोप, मस्जिद विवाद के बीच पुलिस ने की जांच
शिमला में 75 प्रवासियों का आधार कार्ड सही:पहचान छिपाने का लगा था आरोप, मस्जिद विवाद के बीच पुलिस ने की जांच हिमाचल प्रदेश में चल रहे मस्जिद विवाद के बीच प्रवासियों की पहचान पत्रों पर उठ रहे सवालों पर शनिवार को शिमला पुलिस ने बड़ा दावा किया है। शिमला पुलिस द्वारा की गई जांच में अधिकतर प्रवासियों के पहचान पत्र सही पाए गए हैं। आपको बता दें कि प्रवासियों के पहचान पत्र आधार कार्ड को लेकर स्थानीय लोगों ने संदेह जताया था। जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी प्रवासियों के आधार कार्ड की जांच करवाई, जिसमें कोई भी फर्जी नहीं निकला। गुम्मा में फर्जी आधार कार्ड का किया था दावा दरअसल बीते दिनों शिमला जिला के कोटखाई क्षेत्र में पुलिस को व्यापार मंडल ने शिकायत दी थी जिसमे आरोप लगाया था कि गुम्मा में अधिकतर प्रवासियों ( समुदाय विशेष) के आधारकार्ड पर जन्मतिथि समान है। जिसको लेकर लोगो फर्जी होने की आशंका जताई थी परंतु पुलिस जांच में प्रवासियों के एक ही जन्मतिथि वाले आधार कार्ड जांच में सही पाए गए हैं। पुलिस के अनुसार सभी 75 प्रवासियों के आधार कार्ड जांच में सही मिले हैं। UIDAI ने की पुष्टि शिकायत मिलने के बाद जब पुलिस ने लोकमित्र केंद्रों में जाकर जांच की तो सभी आधार सही पाए गए। पुलिस के अनुसार आधार कार्ड में अंकित एक ही दिन की तिथि यूआईडीएआई (Unique Identification Authority of India) की तकनीकी खराबी के कारण दर्ज हुई है। शिमला पुलिस ने इस मामले में UIDAI से भी बात की गई है। अथॉरिटी ने स्पष्ट किया कि साल 2010 में जब आधार कार्ड बनाना शुरू किया गया था तब जन्म प्रमाण पत्र को लेकर परेशानी रही थी। स्थानीय लोगों ने जताया था संदेह शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि बीते कुछ दिनों से कई जगहों पर प्रवासियों के आधार कार्ड को लेकर स्थानीय लोगो द्वारा संदेह जताया जा रहा था शिमला के गुम्मा कोटखाई में व्यापार मंडल इसको लेकर शिकायत भी दी थी। जिस पर पुलिस ने तुंरत संज्ञान लिया और मामले की जांच की गई है। जांच में सभी के आधार कार्ड सही पाए गए हैं। मंत्री ने विधानसभा में उठाया था पहचान छिपाने का मुद्दा हिमाचल प्रदेश के संजौली से उपजे मस्जिद विवाद के बाद प्रदेश भर में बाहर से आने वाले प्रवासियों और खास तौर पर समुदाय विशेष के लोगों पर प्रदर्शनकारी पहचान छिपाने के आरोप लगा रहे थे। प्रदेश सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी विधानसभा के पटल पर पहचान छिपाने का जिक्र किया था, कि बाहर से आने वाले कई लोग पहचान छिपाकर रह रहे हैं। उनकी वैरिफिकेशन की जानी चाहिए और उनका रिकॉर्ड सही पाए जाने पर ही उन्हें यहां बैठने की इजाजत दी जानी चाहिए।