फतेहाबाद | उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मनदीप कौर ने जिला के प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को निर्देश दिए हैं वे प्रशासनिक अनुमति के बिना कोई प्रचार सामग्री न छापें। चुनावी प्रचार सामग्री पर प्रकाशक का नाम व पता अंकित होना जरूरी है, ऐसा नहीं करने पर छह महीने की सजा हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि चुनावी प्रचार सामग्री में जाति, धर्म, समुदाय विशेष या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भड़काने वाली भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रचार सामग्री की छपाई को लेकर कुछ जरूरी निर्देश दिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दल व चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार या उनके समर्थक प्रचार के रूप में पोस्टर, पैम्पलेट, हैंड बिल-बैनर इत्यादि छपवाते हैं। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार कोई भी प्रिंटर या प्रिंटिंग प्रेस का मालिक किसी भी प्रकार की गैर कानूनी सामग्री छाप कर नहीं दे सकता है। उपायुक्त मनदीप कौर ने बताया कि प्रचार सामग्री छपाई दस्तावेज पर किसी धर्म, जाति, समाज, भाषा विशेष या चरित्र हनन का प्रकाशन गैर कानूनी होगा। दोषी पाए जाने पर प्रकाशन व छपवाई करवाने वाले के विरुद्ध जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क के अनुसार छह माह की कैद या दो हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश देते हुए कहा है कि इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति कोई ऐसी निर्वाचन पुस्तिका के पोस्टर, जिसके मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम व पता नहीं है तो वह मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रिंटिंग प्रेस, प्रिंटर को निर्देश दिए हैं कि वे कोई गैर कानूनी सामग्री की छपाई न करें। फतेहाबाद | उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मनदीप कौर ने जिला के प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को निर्देश दिए हैं वे प्रशासनिक अनुमति के बिना कोई प्रचार सामग्री न छापें। चुनावी प्रचार सामग्री पर प्रकाशक का नाम व पता अंकित होना जरूरी है, ऐसा नहीं करने पर छह महीने की सजा हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि चुनावी प्रचार सामग्री में जाति, धर्म, समुदाय विशेष या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भड़काने वाली भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रचार सामग्री की छपाई को लेकर कुछ जरूरी निर्देश दिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दल व चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार या उनके समर्थक प्रचार के रूप में पोस्टर, पैम्पलेट, हैंड बिल-बैनर इत्यादि छपवाते हैं। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार कोई भी प्रिंटर या प्रिंटिंग प्रेस का मालिक किसी भी प्रकार की गैर कानूनी सामग्री छाप कर नहीं दे सकता है। उपायुक्त मनदीप कौर ने बताया कि प्रचार सामग्री छपाई दस्तावेज पर किसी धर्म, जाति, समाज, भाषा विशेष या चरित्र हनन का प्रकाशन गैर कानूनी होगा। दोषी पाए जाने पर प्रकाशन व छपवाई करवाने वाले के विरुद्ध जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क के अनुसार छह माह की कैद या दो हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश देते हुए कहा है कि इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति कोई ऐसी निर्वाचन पुस्तिका के पोस्टर, जिसके मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम व पता नहीं है तो वह मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रिंटिंग प्रेस, प्रिंटर को निर्देश दिए हैं कि वे कोई गैर कानूनी सामग्री की छपाई न करें। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में निगम के XEN-JE सस्पेंड:मीटिंग में शिकायतें सुन भड़के मंत्री; बोले- ये AC में बैठकर सोते हैं, काम करें या घर जाएं हरियाणा के अंबाला में शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा ने बड़ा एक्शन लिया। मंत्री सुधा ने बैठक में कड़े तेवर दिखाते हुए नगर निगम के एक्सईएन व JE को मौके पर ही सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। बैठक में कुल 15 शिकायतों की सुनवाई की गई, जिनमें से अधिकतर शिकायतें नगर निगम से संबंधित थीं। बैठक में अधिकतर शिकायतें आने और स्थानीय पार्षदों द्वारा निगम अधिकारियों के रवैये को लेकर की गई शिकायतों पर मंत्री सुभाष सुधा का पारा चढ़ गया। उन्होंने तुरंत नगर निगम के XEN महेंद्र व JE संजीव दलाल को मौके पर ही सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। पूर्व सरपंच के खिलाफ FIR करवाने के निर्देश
बैठक में तलहेड़ी रांगड़ान के गुरदीप ने पूर्व सरपंच पर वाल्मीकि चौपाल की ग्रांट हड़पने का आरोप लगाया। इस पर मंत्री सुभाष सुधा ने आरोपी सरपंच के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए। बैठक के दौरान रतनहेड़ी गांव की निर्मला देवी ने आनंदपुर गांव में एक प्लॉट को 2 बार बेचे जाने की शिकायत की। इस पर मंत्री सुभाष सुधा ने तत्काल एफआईआर करने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीड़िता को प्लॉट या उसके पैसे दिलवाने के निर्देश दिए। उन्होंने एक शिकायत पर स्वामित्व योजना के अंतर्गत सुपर, आदर्श और दुर्गा मार्केट में 150 दुकानों पर ब्याज माफी करवाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया। अधिकारियों को चेतावनी- काम करें, नहीं तो घर जाएं
कष्ट निवारण समिति के दौरान पिछले लगभग 5 सालों से पेंडिंग चली आ रही डेयरी कॉम्प्लेक्स से संबंधित शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मंत्री सुधा खुद डेयरी कॉम्प्लेक्स का दौरा भी करने पहुंचे। मीटिंग को बातचीत करते हुए मंत्री सुभाष सुधा ने सख्त लहजे में अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकारी ऐसी कमरों में न बैठकर फील्ड उतरकर जनता के काम करें। उन्होंने कहा कि आज XEN और JE के विरुद्ध शिकायत मिली थी और दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही मंत्री ने अधिकारियों को बरसाती मौसम से पहले शहर में नालों की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। मंत्री ने अधिकारियों को साफ शब्दों में चेताया कि अब सड़कों पर निकलना पड़ेगा। काम करें नहीं तो अपने घर जाएं। डेयरी कॉम्प्लेक्स के हालात सुधारने के निर्देश डेयरी कॉम्प्लेक्स के दयनीय हालात देखकर मंत्री भी हैरान रह गए। मंत्री अधिकारियों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये अधिकारी अपने AC कमरों में सोते हैं, लेकिन अब इन्हें फील्ड में निकलकर काम करना होगा। मंत्री ने डेयरी कॉम्प्लेक्स में फैली गंदगी को लेकर अंबाला नगर निगम के अधिकारियों को दो दिन में हालात सुधारने के आदेश दिए।
पंचकूला में दो पार्षद भाजपा में शामिल:सीएम नायब सैनी ने दिलाई सदस्यता; बोले- नगर निगम में विकास कार्यों को मिलेगी गति
पंचकूला में दो पार्षद भाजपा में शामिल:सीएम नायब सैनी ने दिलाई सदस्यता; बोले- नगर निगम में विकास कार्यों को मिलेगी गति पंचकूला नगर निगम के वार्ड नंबर-11 की पार्षद ओमवती पुनिया और वार्ड नंबर-14 के पार्षद सुशील गर्ग ने भाजपा का दामन थाम लिया। रविवार को संत कबीर कुटीर में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दोनों पार्षदों को पार्टी का पटका पहनाकर भाजपा में शामिल किया। कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और महापौर कुलभूषण गोयल भी उपस्थित रहे। ओमवती पुनिया, जो पहले निर्दलीय पार्षद थीं। जबकि सुशील गर्ग ने जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि ओमवती पुनिया और सुशील गर्ग के भाजपा में शामिल होने से पंचकूला में पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी। नगर निगम में विकास कार्यों को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य पंचकूला को और अधिक प्रगति के रास्ते पर ले जाना है। इसमें सभी पार्षदों का सहयोग अहम भूमिका निभाएगा।
हरियाणा में आचार संहिता लागू:क्या नई स्कीमें शुरू हो सकेंगी, सरकारी भर्तियों का क्या होगा, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए
हरियाणा में आचार संहिता लागू:क्या नई स्कीमें शुरू हो सकेंगी, सरकारी भर्तियों का क्या होगा, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसी के साथ इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रोक लगी रहेगी। ये वो काम होते हैं, जिनसे सरकार को फायदा होने का अंदेशा होता है। हरियाणा में राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए इस चुनाव में 17 अगस्त से 29 सितंबर तक कुल 44 दिन मिलेंगे। 2019 में 21 सितंबर को आचार संहिता लागू हुई थी। पिछली बार 2019 में 21 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। इस हिसाब से 2019 में उम्मीदवारों को प्रचार के लिए एक महीना मिला था, लेकिन इस बार अगस्त में आचार संहिता लगी है और अक्टूबर में वोटिंग होने के कारण डेढ़ महीने का समय मिल रहा है। ऐसे में आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। मसलन- हरियाणा में सरकारी भर्तियां क्या होती रहेंगी, अगर कोई सड़क आधी बनी है तो क्या काम रुक जाएगा, क्या ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट बनने भी बंद हो जाएंगे?। सबसे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव का शेड्यूल जानिए… आचार संहिता से जुड़े 11 सवाल और उनके जवाब… सवाल 1 : आज से राज्य में लागू हुई आदर्श आचार संहिता होती क्या है?
जवाब : स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, जिसे आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के समय राजनीतिक दलों और सभी प्रत्याशियों को इसका पालन करना होता है। आचार संहिता के तहत बताया जाता है कि राजनीतिक दलों और कैंडिडेट को चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है। आचार संहिता की सबसे खास बात ये है कि ये नियम किसी कानून के जरिए नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं। आदर्श आचार संहिता की वजह से चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और सत्ताधारी दलों के कामकाज और उनके व्यवहार पर नजर रखना संभव होता है। सवाल 2: विधानसभा चुनाव में आचार संहिता कब से कब तक लागू रहेगी?
जवाब : चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। ये आचार संहिता इलेक्शन की पूरी प्रक्रिया खत्म होने तक जारी रहती है। विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान 16 अगस्त को किया गया। इस दिन से आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता खत्म हो जाती है। सवाल 3: आचार संहिता के दौरान कौन से काम रुक जाते हैं और कौन से चालू रहते हैं?
जवाब : आदर्श आचार संहिता की वजह से इन कामों पर रोक लग जाती है… सवाल 4: हरियाणा में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पदों पर जारी भर्तियों और अन्य स्कीम और कामों का क्या होगा, जिसकी घोषणा सरकार कर चुकी है?
जवाब : हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने 50 हजार भर्तियों का वादा किया है। इनमें से 34 हजार पदों पर भर्ती हो गई है। बाकी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उस पर कोई रोक नहीं लगेगी, लेकिन मुख्यमंत्री या कोई मंत्री नियुक्ति पत्र अपने हाथों से नहीं दे पाएंगे। आचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्तियों निकलती है तो यह चुनाव आयोग को देखना पड़ेगा कि भर्ती अभी क्यों निकाली जा रही है। इस भर्ती के देरी से निकलने की क्या वजहें हैं। अगर इसका उचित जवाब नहीं मिलता है तो यह माना जाएगा कि जान बूझकर देरी की गई है। सवाल 5: आचार संहिता लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस, आवासीय और कास्ट सर्टिफिकेट बनाना संभव है या नहीं?
जवाब : हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के नाम पर जरूरी काम नहीं रोके जा सकते हैं। पहले चल रहे विकास कार्यों को भी बंद नहीं किया जा सकता है। राशन कार्ड में संशोधन, ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनाए जाते रहेंगे। जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र बनाने और जमीनों की रजिस्ट्री जैसे काम करने पर कोई रोक नहीं लगती है। सवाल 6: आचार संहिता लागू होने के बाद सड़क बनाने या ठीक करवाने की इजाजत होती है या नहीं?
जवाब : चुनाव आयोग के मुताबिक विधायक, मंत्री या कैंडिडेट आचार संहिता लागू होने के बाद कोई आर्थिक सहायता या उससे संबंधित कोई वादा नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के बाद किसी परियोजना अथवा योजना का शिलान्यास नहीं किया जा सकता है। सड़क बनवाने, पीने के पानी को लेकर काम शुरू करवाना तो दूर, वादा तक नहीं कर सकते हैं। जो काम पहले से चल रहा है वो आचार संहिता की वजह से बाधित नहीं होगा। सवाल 7: आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे होती है?
जवाब : आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर पोस्टिंग सरकार नहीं कर सकती है। ट्रांसफर कराना बेहद जरूरी हो गया हो तब भी सरकार बिना चुनाव आयोग की सहमति के ये फैसला नहीं ले सकती है। इस दौरान राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं। सवाल 9: क्या आचार संहिता लागू होने पर कोई मंत्री सरकारी खर्चे पर इलेक्शन रैली कर सकते हैं?
जवाबः आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी खर्च पर मंत्री इलेक्शन रैली नहीं कर सकते हैं। इस दौरान मंत्री सरकारी वाहनों का इस्तेमाल भी सिर्फ अपने निवास से ऑफिस तक जाने के लिए कर सकते हैं। चुनावी रैलियों और यात्राओं के लिए इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता। सवाल 10: क्या आचार संहिता के दौरान मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार कर सकते हैं?
जवाब : नहीं। आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं। यहां तक की चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों, विमानों या किसी दूसरे सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सवाल 11 : क्या शराब के ठेकों, तेंदू की पत्तियों के टेंडर की नीलामी की जा सकती है?
जवाब : नहीं। इस तरह के किसी टेंडर की नीलामी नहीं की जा सकती है। सरकार जरूरी होने पर आचार संहिता से पहले ही कोई तत्कालिक व्यवस्था कर सकती है। इसके अलावा नगर निगम, नगर पंचायत, नगर क्षेत्र समिति राजस्व संग्रहण का काम जारी रख सकती है।