अमृतसर | डीएवी कॉलेज अमृतसर के कंप्यूटर विभाग ने “बिल्डिंग एप्लीकेशन विद जेनरेटिव ए आई’ विषय पर सेमिनार करवाया। इस कार्यक्रम में मुख्य प्रवक्ता व्हिटमैन कॉलेज, व्ला, यूएसए के विजिटिंग प्रोफेसर प्रतीक भाटिया थे। कार्यक्रम के शुभारंभ करते हुए प्रिंसिपल डॉ अमरदीप गुप्ता ने कहा कि चैटजीपीटी एक जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल है। जहां चैटजीपीटी टेक्स्ट और कोड लिख सकते हैं, वहीं बाजार में कई और ऐसे मॉडल उपलब्ध हैं जो नए ऑडियो, वीडियो, तसवीरें, इत्यादि भी बना सकते हैं। जेनरेटिव एआई (जीएआई) ऐसे एल्गोरिदम हैं जिनकी मदद से हम नया कंटेंट बना सकते हैं। डॉ प्रतीक भाटिया ने बताया कि जहां पारंपरिक एआई अमूमन कोई विशिष्ट कार्य करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जेनरेटिव एआई की बात करें तो इसका इस्तेमाल नया कंटेंट बनाने के लिए किया जाता है। इस कार्यक्रम में बीसीए, बीएससी (आईटी) और बी वॉक (वेब डिजाइनिंग) के सौ से अधिक स्टूडेंट्स ने भाग लिया । अमृतसर | डीएवी कॉलेज अमृतसर के कंप्यूटर विभाग ने “बिल्डिंग एप्लीकेशन विद जेनरेटिव ए आई’ विषय पर सेमिनार करवाया। इस कार्यक्रम में मुख्य प्रवक्ता व्हिटमैन कॉलेज, व्ला, यूएसए के विजिटिंग प्रोफेसर प्रतीक भाटिया थे। कार्यक्रम के शुभारंभ करते हुए प्रिंसिपल डॉ अमरदीप गुप्ता ने कहा कि चैटजीपीटी एक जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल है। जहां चैटजीपीटी टेक्स्ट और कोड लिख सकते हैं, वहीं बाजार में कई और ऐसे मॉडल उपलब्ध हैं जो नए ऑडियो, वीडियो, तसवीरें, इत्यादि भी बना सकते हैं। जेनरेटिव एआई (जीएआई) ऐसे एल्गोरिदम हैं जिनकी मदद से हम नया कंटेंट बना सकते हैं। डॉ प्रतीक भाटिया ने बताया कि जहां पारंपरिक एआई अमूमन कोई विशिष्ट कार्य करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जेनरेटिव एआई की बात करें तो इसका इस्तेमाल नया कंटेंट बनाने के लिए किया जाता है। इस कार्यक्रम में बीसीए, बीएससी (आईटी) और बी वॉक (वेब डिजाइनिंग) के सौ से अधिक स्टूडेंट्स ने भाग लिया । पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में स्कूली बच्चों में झड़प, VIDEO:घटना के बाद दहशत का माहौल; एडीसीपी ने दिए जांच के आदेश
लुधियाना में स्कूली बच्चों में झड़प, VIDEO:घटना के बाद दहशत का माहौल; एडीसीपी ने दिए जांच के आदेश लुधियाना के दुगरी स्थित बसंत एवेन्यू में एक स्कूल के बाहर खड़े बच्चों के बीच झड़प का वीडियो सामने आया। स्कूली बच्चों में हुई झड़प की सूचना पुलिस को दे दी गई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि काफी मात्रा में स्कूल ड्रेस पहने लड़के-लड़कियां खड़े हैं। इस दौरान एक्टिवा और बाइक पर सवार कुछ युवक आते हैं और स्कूल के बच्चे पर हमला कर देते है। युवक को पीटता देख उसके स्कूल के दोस्त भी आ जाते हैं। सिक्योरिटी गार्ड के साथ मौके पर पहुंची टीचर इसके बाद हमलावरों के साथ युवकों का विवाद बढ़ जाता है। जब युवक के दोस्त बीच-बचाव के दौरान हमला करने लगते हैं, तो हमलावर शांत हो जाते हैं और वहां पर दोनों पक्ष आराम से बात करने लगते हैं। इस दौरान घटना की सूचना मिलते ही महिला टीचर भी सिक्योरिटी गार्ड के साथ मौके पर पहुंच जाती हैं और बच्चों को अंदर जाने के लिए कहने लगती है। एडीसीपी ने दिए जांच के आदेश इस मामले को लेकर एडीसीपी शुभम अग्रवाल ने कहा कि उन्हें यह वीडियो सोशल मीडिया पर मिला है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर की जा रही है। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी को मामले की जांच के लिए आदेश दे दिए गए है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमलावरों की पहचान करके बनती कार्रवाई की जाएगी।
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दे दिया है। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने का आरोप लगा था। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी सीएम रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप को अकसर को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर पेश हों। अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अब सुखबीर बादल अकाल तख्त में पेश होंगे। उसके बाद उन्हें गुनाह बताए जाएंगे, जिस पर सुखबीर बादल अपना पक्ष रखेंगे। बैठक से पहले अकाली दल ने बनाया कार्यकारी प्रधान
अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से पहले ही बीते दिन बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कई सिख जत्थेबंदियों ने श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल के इस्तीफे की मांग की थी। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी रहे हैं। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला…. अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा
अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त पहुंचा था। इस दौरान यहां जत्थेदार को माफीनामा दिया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई। बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ: SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। 14 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया
इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। ये दिया था स्पष्टीकरण…
सुखबीर बादल ने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहब शक्ति और दया प्रदान करें।
पंजाब में शराब परोसने वाले होटलों पर एक्शन:दो दिन चलाई गई स्पेशल ड्राइव, 9 जगह केस आए सामने, लाइसेंस होंगे कैंसिल
पंजाब में शराब परोसने वाले होटलों पर एक्शन:दो दिन चलाई गई स्पेशल ड्राइव, 9 जगह केस आए सामने, लाइसेंस होंगे कैंसिल पंजाब में होटल, क्लब और पब में नाबालिग ग्राहकों को शराब परोसने वालों पर एक्साइज विभाग एक्शन मोड में आ गया है। विभाग की तरफ से दो दिन चलाई गई स्पेशल ड्राइव में 9 जगह पर नाबालिगों को शराब परोसे जाने के मामले पकड़ में आए। सारे केस लुधियाना एरिया के हैं। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी कहा, नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में नियम तोड़ने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। 25 से कम उम्र वालों को नहीं बेची जा सकती शराब विभाग की टीम ने दो दिन 23 स्थानों पर निरीक्षण किया। इस दौरान टीमों ने सारी कार्रवाई के पुख्ता सबूत जुटाए हैं। यह टीमें सीधे मुख्यालय से जुड़ी थी। प्रवर्तन टीमों को कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए शराब विक्रेताओं के स्थानों की लगातार निगरानी और निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब इंटॉक्सिकेंट्स लाइसेंस एंड सेल्स ऑर्डर 1956 के तहत किसी भी लाइसेंसधारक के लिए 25 साल से कम उम्र के व्यक्तियों को शराब बेचने की मनाई है और इस कानून का उल्लंघन करने पर मुकदमा चलाया जा सकता है और शराब बेचने के लाइसेंस को निलंबित किया जा सकता है। अब इन चीजों का करना होगा पालन हरपाल सिंह चीमा बताया कि शराब परोसने से पहले ग्राहकों की उम्र की पुष्टि सहित आबकारी प्रबंधों और नियमों का सख्ती से पालन राज्य में की जाएगी। बार मालिकों और प्रबंधकों को आवश्यक चेतावनियों को प्रमुखता से प्रदर्शित करने और उनके पालन की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन शराब विक्रेताओं को भविष्य में होने वाले उल्लंघनों से बचने के लिए अपने स्टाफ को आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए भी कहा गया है। पहले भी इस तरह के केस सामने आते रहे हैं।