हरियाणा में कांग्रेस ने 40 उम्मीदवारों वाली तीसरी लिस्ट जारी कर दी। बहुप्रतीक्षित लिस्ट के बाद कांग्रेस नेताओं और समर्थकों का इंतजार खत्म हो गया। करनाल विधानसभा में पूर्व विधायक सुमिता सिंह पर कांग्रेस ने विश्वास जताया है। इंद्री में पूर्व विधायक राकेश कुमार कंबोज को टिकट दिया गया है। घरौंडा विधानसभा में कांग्रेस की टिकट पर तीन बार हारने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर पर एक बार फिर कांग्रेस ने दांव खेला है। क्यों मिला टिकट करनाल में सुमिता सिंह ने 2005 में करीब 34 हजार के मार्जिन से चुनाव जीता। 2009 में सुमिता सिंह 3700 वोटों से जीती। 2014 में पार्टी ने उन्हें असंध विधानसभा से मैदान में उतारा लेकिन वहां से भाजपा उम्मीदवार से हार गई। सुमित सिंह पिछले काफी लंबे समय से लोगों के बीच में एक्टिव रही। उनके पास अच्छा और लंबा राजनीतिक अनुभव है, और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के नजदीक है। जनता के बीच इनकी अच्छी पकड़ है और मजबूत स्थिति में है। आजाद प्रत्याशी रहते दूसरे नंबर रहे राकेश कुमार कंबोज इंद्री से 2005 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक रह चुके हैं। 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस से चुनाव लड़ा। तीसरे स्थान पर रहे। फिर 2014 में जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर भी तीसरे स्थान पर रहे। 2019 में आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे। कंबोज लगातार तीन बार हार चुके है। अब फिर से कांग्रेस ने उन पर विश्वास जताया है, उनकी जनता के बीच अच्छी पकड़ है और पिछला मार्जन महज सात हजार का था। राकेश हुड्डा के नजदीकी है और राकेश को राजनीति का लंबा अनुभव है। राहुल गांधी के करीबी वीरेंद्र सिंह राठौर घरौंडा की राजनीति में बड़ा चेहरा है। जिनके सीधे संबंध राहुल गांधी से है। कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव है और विरेंद्र राठौर ने 2005, 2009 और 2014 में विधानसभा का चुनाव लड़ा। किसी में भी चुनाव में वे जीत नहीं पाए। 2009 के चुनाव में ही वे दूसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन अन्य चुनावों में वे तीसरे स्थान पर रहे। फिर भी कांग्रेस ने राठौर को टिकट दिया है। क्यों कटा टिकट करनाल में सुमित सिंह के साथ मनोज वाधवा भी टिकट मांग रहे थे। अशोक खुराना भी टिकट के दावेदारों में थे। मनोज वाधवा पंजाबी चेहरा तो थे, लेकिन वे कुछ ही महीने पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए थे। वहीं, अशोक खुराना का राजनीति अनुभव सुमिता सिंह से कम आंकना उनके टिकट कटने का कारण माना जा रहा है। इसके अलावा दूसरा कारण यह भी है कि भाजपा पहले ही पंजाबी कैंडिडेट को उतार चुकी है। ऐसे में अशोक खुराना पंजाबी समाज से है और ज्यादा अनुभव नहीं है। 2019 में सांगवान की थी कांग्रेस जॉइन घरौंडा में नरेंद्र सांगवान इनेलो से विधायक रहे है और 2019 में कांग्रेस जॉइन की थी। उनको कांग्रेस में ज्यादा समय नहीं हुआ। सतीश राणा भी बीजेपी से कांग्रेस में आए थे और कोई चुनाव का अनुभव नहीं है। भूपेंद्र लाठर सूरजेवाला गुट से संबंध रखते है और नया चेहरा है। इनकी टिकट कटने के ये कारण माने जा रहे हैं। इंद्री में भीमसेन मेहता और नवज्योत कश्यप को झटका वहीं, इंद्री राकेश कंबोज के साथ नवजोत कश्यप और भीम सेन मेहता प्रबल दावेदारों में से एक थे। नवजोत कश्यप का टिकट इसलिए कटा क्योंकि पिछले चुनाव में राकेश कंबोज जो आजाद प्रत्याशी से उससे बहुत ज्यादा वोटो से हारी थी। वहीं भीमसेन मेहता पंजाबी समाज से आते इस सीट पर कश्यप व कांबोज समुदाय का दबाबा मना जाता है। जातीय समीकरणों को देखते हुए भीमसेन मेहता की टिकट कटने का मुख्य कारण माना जा रहा है। हरियाणा में कांग्रेस ने 40 उम्मीदवारों वाली तीसरी लिस्ट जारी कर दी। बहुप्रतीक्षित लिस्ट के बाद कांग्रेस नेताओं और समर्थकों का इंतजार खत्म हो गया। करनाल विधानसभा में पूर्व विधायक सुमिता सिंह पर कांग्रेस ने विश्वास जताया है। इंद्री में पूर्व विधायक राकेश कुमार कंबोज को टिकट दिया गया है। घरौंडा विधानसभा में कांग्रेस की टिकट पर तीन बार हारने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर पर एक बार फिर कांग्रेस ने दांव खेला है। क्यों मिला टिकट करनाल में सुमिता सिंह ने 2005 में करीब 34 हजार के मार्जिन से चुनाव जीता। 2009 में सुमिता सिंह 3700 वोटों से जीती। 2014 में पार्टी ने उन्हें असंध विधानसभा से मैदान में उतारा लेकिन वहां से भाजपा उम्मीदवार से हार गई। सुमित सिंह पिछले काफी लंबे समय से लोगों के बीच में एक्टिव रही। उनके पास अच्छा और लंबा राजनीतिक अनुभव है, और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के नजदीक है। जनता के बीच इनकी अच्छी पकड़ है और मजबूत स्थिति में है। आजाद प्रत्याशी रहते दूसरे नंबर रहे राकेश कुमार कंबोज इंद्री से 2005 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक रह चुके हैं। 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस से चुनाव लड़ा। तीसरे स्थान पर रहे। फिर 2014 में जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर भी तीसरे स्थान पर रहे। 2019 में आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे। कंबोज लगातार तीन बार हार चुके है। अब फिर से कांग्रेस ने उन पर विश्वास जताया है, उनकी जनता के बीच अच्छी पकड़ है और पिछला मार्जन महज सात हजार का था। राकेश हुड्डा के नजदीकी है और राकेश को राजनीति का लंबा अनुभव है। राहुल गांधी के करीबी वीरेंद्र सिंह राठौर घरौंडा की राजनीति में बड़ा चेहरा है। जिनके सीधे संबंध राहुल गांधी से है। कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव है और विरेंद्र राठौर ने 2005, 2009 और 2014 में विधानसभा का चुनाव लड़ा। किसी में भी चुनाव में वे जीत नहीं पाए। 2009 के चुनाव में ही वे दूसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन अन्य चुनावों में वे तीसरे स्थान पर रहे। फिर भी कांग्रेस ने राठौर को टिकट दिया है। क्यों कटा टिकट करनाल में सुमित सिंह के साथ मनोज वाधवा भी टिकट मांग रहे थे। अशोक खुराना भी टिकट के दावेदारों में थे। मनोज वाधवा पंजाबी चेहरा तो थे, लेकिन वे कुछ ही महीने पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए थे। वहीं, अशोक खुराना का राजनीति अनुभव सुमिता सिंह से कम आंकना उनके टिकट कटने का कारण माना जा रहा है। इसके अलावा दूसरा कारण यह भी है कि भाजपा पहले ही पंजाबी कैंडिडेट को उतार चुकी है। ऐसे में अशोक खुराना पंजाबी समाज से है और ज्यादा अनुभव नहीं है। 2019 में सांगवान की थी कांग्रेस जॉइन घरौंडा में नरेंद्र सांगवान इनेलो से विधायक रहे है और 2019 में कांग्रेस जॉइन की थी। उनको कांग्रेस में ज्यादा समय नहीं हुआ। सतीश राणा भी बीजेपी से कांग्रेस में आए थे और कोई चुनाव का अनुभव नहीं है। भूपेंद्र लाठर सूरजेवाला गुट से संबंध रखते है और नया चेहरा है। इनकी टिकट कटने के ये कारण माने जा रहे हैं। इंद्री में भीमसेन मेहता और नवज्योत कश्यप को झटका वहीं, इंद्री राकेश कंबोज के साथ नवजोत कश्यप और भीम सेन मेहता प्रबल दावेदारों में से एक थे। नवजोत कश्यप का टिकट इसलिए कटा क्योंकि पिछले चुनाव में राकेश कंबोज जो आजाद प्रत्याशी से उससे बहुत ज्यादा वोटो से हारी थी। वहीं भीमसेन मेहता पंजाबी समाज से आते इस सीट पर कश्यप व कांबोज समुदाय का दबाबा मना जाता है। जातीय समीकरणों को देखते हुए भीमसेन मेहता की टिकट कटने का मुख्य कारण माना जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सिल्वर आने पर नीरज चोपड़ा की माता बोलीं:बार-बार पैर फिसल रहा था, लग रहा था कि उसका दिन अच्छा नहीं है; अब शादी के लिए मनाएंगे पेरिस ओलिंपिक में देश की गोल्डन आस नीरज चोपड़ा को इस बार सिल्वर मेडल जीतने में कामयाबी मिली है। पूरा देश उनसे गोल्ड मेडल की आस लगा रहा था। यहां तक कि परिवार भी गोल्ड की उम्मीद में था। मैच के परिणाम के बाद नीरज की मां ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। माता सरोज देवी ने कहा कि जिस तरह बार-बार उसका पैर फिसल रहा था, पता ही नहीं लग रहा था कि आज नीरज कैसे खेल रहा है। उसका दिन अच्छा नहीं था। फिर भी उसने अपनी जी-जान लगाकर बहुत अच्छा किया। जिसकी जैसी मेहनत होती है, उसे वैसा फल मिलता है। हालांकि हमें सिल्वर और गोल्ड मेडल में कोई फर्क नहीं है। हर बार गोल्ड ला रहा था, इस बार सिल्वर लाया है तो कोई दु:ख नहीं है। अब उसके स्वागत की पूरी तैयारी है। एयरपोर्ट से उसे धूम-धड़के से लेकर आएंगे। पीएम मोदी से जब मिलने जाएंगे, तो चूरमा ले जाएंगे। नीरज खुद प्रधानमंत्री को चूरमा खिलाएगा।
इस बार शादी के लिए नीरज को मनाएंगे: मां सरोज देवी
हम तो नीरज की शादी करना चाहते हैं। ओलिंपिक के बाद शादी की बात कही थी, अब तो तैयार है। लेकिन नीरज अभी नहीं मान रहा है। उसका मन अभी देश के लिए और खेलने का है। नीरज कहता है कि जब तब वह अपनी गेम में बेस्ट कर रहा है, तब तक वह शादी का कोई विचार नहीं करेगा। इस बार नीरज को शादी के लिए हम मनाएंगे। नीरज ने हमेशा ही परिवार को शादी की कमान सौंपी है कि जिससे भी कहेंगे, शादी कर लेगा। लेकिन कभी अपनी पसंद की कोई खिलाड़ी नहीं बताई है। अगर वह अपनी पसंद की भी कोई बताएगा, तो भी हम उसके साथ है। लस्सी का शौकीन है नीरज
नीरज आज भी बचपन की तरह ही अपनी जिंदगी जीता है। हाथ में रोटी रखकर उसमें चीनी-घी-शक्कर मिलाकर रोटी को गोल कर खाता है। लस्सी भी शोक से पीता है। हरियाणा की डाइट ही ये ही है। आज भी रोटी को गोल कर चाय के साथ खा लेता है। थाली भी नहीं लेता है। पिता बोलें ने तीन कारण बताएं नीरज के गोल्ड न आने के
पूरे देश को क्वालीफाई मैच के बाद से नीरज से हमेशा की तरह गोल्ड की ही आस थी। आज पहली बार ही हमने ऐसा देखा कि 90 के पार जाकर मैच जीता है। नहीं तो एक ऐसा स्टेंडर्ड ऐसा था कि हम 90 से पहले ही गोल्ड में होते थे। पहले जो जैवलिन के गेम होती थी, तो यूरोपियन कंट्री ही ज्यादा भाग लेते थे। लेकिन अब हमारे खिलाड़ी इसमें बहुत ज्यादा भाग ले रहे हैं। अब यूरोपियन कंट्री को भी लगने लगा है कि ये इस गेम में दुनिया भर में, खासतौर से भारत में बहुत प्रतिभाएं हैं। हमेशा की तरह खेलने वाले नीरज का खेल आज वैसा नहीं था। इस सवाल के जवाब में पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि इसके कई कारण हो सकते है। नीरज की ग्रोइिंग इंजरी भी कारण हो सकती है। दूसरा ये है कि पहला थ्रो नीरज का फाउल गया। जब भी उसका पहला थ्रो सही जाता है, तो वह अगले बाकी थ्रो में और जी-जान लगा देता है। इसके अलावा प्रतिद्वंदी ने भी टारगेट बड़ा कर दिया था। बाकी तो सही मायने में कारण नीरज से बात कर ही पता लग सकती है। नीरज की शादी के सवाल के जवाब में कहा कि हम चाहते जरूर है कि उसकी शादी हो जाए। लेकिन अभी वह और खेलना चाहता है। परिवार उसके फैसले के साथ है।
हरियाणा के अस्थायी कर्मचारियों पर फैसला कल:कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा, अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण को भी मंजूरी देंगे सीएम सैनी
हरियाणा के अस्थायी कर्मचारियों पर फैसला कल:कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा, अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण को भी मंजूरी देंगे सीएम सैनी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में कल यानि 5 अगस्त को होने वाली कैबिनेट बैठक में ग्रुप सी और ग्रुप डी के अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने पर चर्चा होगी। मंत्रियों से चर्चा के बाद नियमितीकरण नीति पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। कैबिनेट तय करेगी कि 5 साल, 8 साल, 10 साल से अधिक सेवा वाले अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। फैसले के अनुसार ही अंतिम नीति तैयार की जाएगी। वैसे अधिकारियों ने तीन तरह की नीतियों का मसौदा तैयार कर लिया है। एक मसौदा अतिथि शिक्षकों की तर्ज पर सेवा सुरक्षा अधिनियम देने का है, जबकि दूसरा सेवा सुरक्षा अधिनियम की तर्ज पर अध्यादेश का मसौदा है। दोनों लगभग समान हैं, सिर्फ अंतर मानदेव और अस्थायी सेवा अवधि का है, परिभाषा में भी थोड़ा अंतर है। नियमितीकरण नीति का तीसरा मसौदा तैयार है। यहां पढ़ें तीनों ड्राफ्ट में क्या है… सेवा सुरक्षा प्रदान करने के लिए 3 अलग-अलग ड्राफ्ट में अस्थायी कर्मचारियों को अलग-अलग लाभ देने का प्रस्ताव है। अतिथि शिक्षकों की तर्ज पर सेवा सुरक्षा अधिनियम में बहुत कम मानदेय देने का प्रस्ताव है, जबकि अध्यादेश के ड्राफ्ट में समकक्ष नियमित कर्मचारी के न्यूनतम वेतनमान के बराबर एकमुश्त मानदेय देने का भी प्रस्ताव है। इसलिए इस पर कैबिनेट में चर्चा होगी सरकार ने एजेंडा को औपचारिक रूप से कैबिनेट बैठक में नहीं ले जाने का निर्णय लिया है। बैठक में तीनों ड्राफ्ट के बिंदुओं पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की जाएगी और चर्चा में लिए गए निर्णय के अनुसार नीति बनाई जाए। कैबिनेट तय करेगी कि सेवा सुरक्षा अधिनियम बनाया जाए या अध्यादेश जारी कर बाद में विधानसभा में विधेयक लाकर पारित किया जाए या कैबिनेट से मंजूरी लेकर नियमितीकरण नीति जारी की जाए। अग्निवीरों के आरक्षण पर लगेगी मुहर अग्निवीरों को नौकरियों में आरक्षण देने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलेगी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निवीरों को हरियाणा सरकार की नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा की थी। अब कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के बाद हरियाणा ऐसा तीसरा राज्य होगा, जो अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देगा। पुलिस भर्ती में 10% आरक्षण का प्रस्ताव ग्रुप सी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण, प्राइवेट इंडस्ट्री में नौकरी देने पर सरकार 60000 रुपए वार्षिक फैक्ट्री मालिक को देने, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण देने , एसपीओ भर्ती करने का फैसला किया हुआ है। पुलिस सिपाही, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन, एसपीओ में 10 फीसदी, ग्रुप सी के सिविल पदों पर पांच फीसदी, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। तीन साल की उम्र में छूट मिलेगी, जबकि अग्निवीर के पहले बैच के जवानों को उम्र में पांच साल की छूट दी जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
करनाल में युवा किसान की खेत में हत्या:ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी करने से रोक तो गर्दन पर किया लोहे की रॉड से वॉर, एक आरोपी हिरासत में
करनाल में युवा किसान की खेत में हत्या:ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी करने से रोक तो गर्दन पर किया लोहे की रॉड से वॉर, एक आरोपी हिरासत में हरियाणा में करनाल के गांव नलीपार में एक 35 वर्षीय युवा किसान की ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी का विरोध करने पर हत्या करने का मामला सामने आया है। युवक शाम को ही अपनी डयूटी के बाद खेत में चक्कर लगाने के लिए गया था। परिजनों का आरोप है कि युवक की गर्दन पर लोहे की रॉड से वॉर किया गया। इसके बाद आरोपी खुद ही उसे अस्पताल में इलाज के लिए लेकर गए। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार को उस समय पता चला जब देर रात को युवक का शव घर पर पहुंचा। जिसके बाद परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना के बाद डीएसपी सोनू नरवाल, कुंजापुरा थाना एसएचओ, CIA की टीम और FSL की टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने रात को शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। नलीपार गांव का रहने वाला था मृतक गांव नीलपार निवासी कृष्ण (35) के छोटे भाई देवा ने बताया कि उसका भाई प्राइवेट स्कूल में नौकरी करता है। वीरवार शाम को वह स्कूल से आने के बाद खेतों में घुमने के लिए गया था। लेकिन जब वह वहां पहुंचा तो उसने देखा कि उनके ट्रांसफार्मर से बिजली की तार लगाकर चोरी की जा रही है। जब उसने बिजली चोरी का विरोध किया। इस दौरान उसके खेत पड़ोसी आरोपी वहां आ गए। गर्दन पर किया रॉड से वॉर देवा ने बताया कि वारदात के समय उसका चचेरा भाई भी पास में ही था। देवा ने आरोप लगाया कि खेत के पड़ोस के लोगों पहले से ही उनके साथ रंजिश रखते थे। बिजली चोरी का जब उसके भाई ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसके भाई की गर्दन पर लोहे की रॉड से वॉर कर दिया। जिससे वह बेसूध होकर वहीं पर गिर गया। खुद लेकर गए आरोपी कृष्ण को अस्पताल देवा का आरोप है कि आरोपी अपने आप को बचाने के लिए खुद उसके भाई को घायल होने के बाद अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्हें भाई की मौत का पता तब पता चला जब रात करीब 9 बजे उसके भाई शव को लेकर आरोपी गांव में पहुंचे। दो बच्चों का पिता था कृष्ण ग्रामीण संदीप ने बताया कि कृष्ण बहुत ही अच्छे संभाव का व्यक्ति था। उसकी किसी से भी दुश्मनी नहीं थी। लेकिन जिन्होंने इस वारदात को अंजाम को दिया वो क्रिमनल टाइप के लोग है। कृष्ण प्राईवेट स्कूल में नौकरी करता था। उसके 7 से 8 साल के दो बच्चे है। एक छोटा भाई है। परिवार में वह अकेला ही कमाने वाला था। कृष्ण की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया।्र पहले भी चल रह था बिजली चोरी को लेकर विवाद मृतक के भाई देवा ने बताया कि पहले भी कई बार आरोपी उनके खेत के ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी करते थे। हमने उनको पहले भी रोका लेकिन वह नहीं मानें और आज उसके भाई की बदमाशों ने हत्या कर दी। एक आरोपी को लिया हिरासत में सूचना के बाद मौके पर DSP सोनू नरवाल ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। सूचना के बाद FSL टीम को मौके पर बुलाया गया था। जिसके बाद टीम ने साक्ष्य जुटाए। मौत के सही कारणों का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ही हो पाएगा। फिलहाल परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। वहीं एक बिट्टू नाम के आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस इस मामले में हर पहलू पर गहनता से जांच कर रही है।