हिमाचल प्रदेश में आज से साहसिक गतिविधियां शुरू हो जाएगी। मानसून को देखते हुए 2 महीने पहले पर्यटन विभाग ने रिवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। अब यह रोक रोक हटा दी गई है। देशभर से पहाड़ों पर पहुंचने वाले सैलानी अब ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग और गोबिंदसागर झील में हाईस्पीड स्टीमर का आनंद उठा सकेंगे। गोबिंदसागर झील में स्टीमर का इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है। इसी झील में 10 से 12 दिन बाद 60 सीटर क्रूज चलना भी शुरू हो जाएगा। स्टीमर और जेली गोबिंदरसागर झील में पहुंच गए है, जबकि क्रूज पांच से छह दिन बाद विशाखापट्टनम से बिलासपुर पहुंच जाएंगा। भाखड़ा बांध के पीछे 15 किलोमीटर एरिया में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी पर्यटन विभाग ने गोबिंदसागर झील को बिलासपुर के कंदरौर से भाखड़ा बांध के 15 किलोमीटर पीछे तक के एरिया को वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए अधिसूचित किया है। बिलासपुर पर्यटन विभाग ने स्टीमर, क्रूज, जेटी आदि के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए एक कंपनी के साथ करार किया है। गोवा की तरह हिमाचल में भी क्रूज का आनंद प्रदेश में यह पहला मौका होगा, जब गोवा की तर्ज पर पर्यटक गोबिंदसागर झील में भी क्रूज का आनंद ले सकेंगे। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन से आने-जाने वाले पर्यटक जेटी, स्टीमर और क्रूज का का आनंद उठा सकेंगे। इनका संचालन मंडी भराड़ी पुल के पास से किया जाएगा। आज से पैराग्लाइडिंग होगी शुरू वहीं कांगड़ा के बीड़ बिलिंग और बंदला साइट पर पैराग्लाइडिंग भी शुरू हो जाएगी। पैराग्लाइडिंग पर भी दो महीने पहले ही रोक लगा दी गई थी। हिमाचल की विभिन्न साइट पर पैराग्लाइडिंग के लिए न केवल देश बल्कि दुनियाभर से लोग पहुंचते हैं। साहसिक गतिविधियां शुरू होने के बाद प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर फिर से रौनक बढ़ेगी। इससे पर्यटन व्यवसाय भी रफ्तार पकड़ेगा। 15 जुलाई को लगी थी रोक रिवर राफ्टिंग पर 15 जुलाई से 15 सितंबर तक प्रतिबंध खत्म होने के बाद आज से कुल्लू की बबेली, रायसन, पिरड़ी में रॉफ्टिंग शुरू हो जाएगी। पिरड़ी से झिड़ी सबसे पहले पैच में पर्यटक राफ्टिंग का आनंद उठा सकते हैं। बबेली से बैष्णों देवी माता मंदिर और रायसन से बैष्णों देवी माता मंदिर तक भी राफ्टिंग पर्यटक कर सकते हैं। कुल्लू-मनाली घूमने आने वाले सैलानी ब्यास की जलधार में रोमांच का सफर करना नहीं भूलते है और ब्यास की लहरों में रोमांच के सफर का आनंद उठाते हैं। हिमाचल प्रदेश में आज से साहसिक गतिविधियां शुरू हो जाएगी। मानसून को देखते हुए 2 महीने पहले पर्यटन विभाग ने रिवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। अब यह रोक रोक हटा दी गई है। देशभर से पहाड़ों पर पहुंचने वाले सैलानी अब ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग और गोबिंदसागर झील में हाईस्पीड स्टीमर का आनंद उठा सकेंगे। गोबिंदसागर झील में स्टीमर का इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है। इसी झील में 10 से 12 दिन बाद 60 सीटर क्रूज चलना भी शुरू हो जाएगा। स्टीमर और जेली गोबिंदरसागर झील में पहुंच गए है, जबकि क्रूज पांच से छह दिन बाद विशाखापट्टनम से बिलासपुर पहुंच जाएंगा। भाखड़ा बांध के पीछे 15 किलोमीटर एरिया में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी पर्यटन विभाग ने गोबिंदसागर झील को बिलासपुर के कंदरौर से भाखड़ा बांध के 15 किलोमीटर पीछे तक के एरिया को वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए अधिसूचित किया है। बिलासपुर पर्यटन विभाग ने स्टीमर, क्रूज, जेटी आदि के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए एक कंपनी के साथ करार किया है। गोवा की तरह हिमाचल में भी क्रूज का आनंद प्रदेश में यह पहला मौका होगा, जब गोवा की तर्ज पर पर्यटक गोबिंदसागर झील में भी क्रूज का आनंद ले सकेंगे। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन से आने-जाने वाले पर्यटक जेटी, स्टीमर और क्रूज का का आनंद उठा सकेंगे। इनका संचालन मंडी भराड़ी पुल के पास से किया जाएगा। आज से पैराग्लाइडिंग होगी शुरू वहीं कांगड़ा के बीड़ बिलिंग और बंदला साइट पर पैराग्लाइडिंग भी शुरू हो जाएगी। पैराग्लाइडिंग पर भी दो महीने पहले ही रोक लगा दी गई थी। हिमाचल की विभिन्न साइट पर पैराग्लाइडिंग के लिए न केवल देश बल्कि दुनियाभर से लोग पहुंचते हैं। साहसिक गतिविधियां शुरू होने के बाद प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर फिर से रौनक बढ़ेगी। इससे पर्यटन व्यवसाय भी रफ्तार पकड़ेगा। 15 जुलाई को लगी थी रोक रिवर राफ्टिंग पर 15 जुलाई से 15 सितंबर तक प्रतिबंध खत्म होने के बाद आज से कुल्लू की बबेली, रायसन, पिरड़ी में रॉफ्टिंग शुरू हो जाएगी। पिरड़ी से झिड़ी सबसे पहले पैच में पर्यटक राफ्टिंग का आनंद उठा सकते हैं। बबेली से बैष्णों देवी माता मंदिर और रायसन से बैष्णों देवी माता मंदिर तक भी राफ्टिंग पर्यटक कर सकते हैं। कुल्लू-मनाली घूमने आने वाले सैलानी ब्यास की जलधार में रोमांच का सफर करना नहीं भूलते है और ब्यास की लहरों में रोमांच के सफर का आनंद उठाते हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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रामपुर में पंचायत भवन की हालत जर्जर:पंचायत सदस्य बोले- कभी भी गिर सकता है, सरकार से गुहार के बाद भी नहीं मिला बजट शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में स्थित नरेंण पंचायत भवन की स्थिति जर्जर हो चुकी है। पिछले साल की भारी बारिश ने भवन को इतना क्षतिग्रस्त कर दिया है कि अब यह किसी भी समय ढह सकता है। भवन की दीवारों में गंभीर दरारें आ गई हैं और फर्श टूट चुका है। स्थानीय समाजसेवी बलबीर भलूनी के अनुसार, भारी वर्षा के बाद से भवन में दरारें आ गई थीं, लेकिन इसकी मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। पंचायत के सदस्यों तुला राम महाजन, लायक राम गुप्ता, ज्ञान कायत समेत अन्य लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार संबंधित विभाग और सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया, लेकिन आज तक कोई बजट आवंटित नहीं किया गया। ग्राम पंचायत नरेंण के प्रधान शिव राम ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि भवन की खस्ता हालत की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। क्योंकि पंचायत भवन ग्रामीण क्षेत्र के महत्वपूर्ण निर्णयों और विकास योजनाओं का केंद्र है। इस मामले में रामपुर बुशहर के एसडीएम निशांत तोमर ने आश्वासन दिया है, कि पंचायत के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी कर जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, भवन को गिराने के आदेश जारी होने के बावजूद बजट की कमी के कारण यह कार्य अभी तक लंबित है। वर्तमान में भवन की जर्जर स्थिति के कारण न केवल पंचायत की बैठकें प्रभावित हो रही हैं, बल्कि यह आसपास के लोगों के लिए भी खतरा बन गया है। स्थानीय निवासियों की मांग है कि या तो भवन की तत्काल मरम्मत की जाए या फिर इसे सुरक्षित तरीके से गिराकर नए भवन का निर्माण किया जाए।
हिमाचल में पहली बार इतना अर्ली-स्नोफॉल:पहाड़ों का रुख करने लगे टूरिस्ट; पर्यटन स्थलों में बढ़ी रौनक, होटलों में 2 दिन में ही ऑक्यूपेंस डबल
हिमाचल में पहली बार इतना अर्ली-स्नोफॉल:पहाड़ों का रुख करने लगे टूरिस्ट; पर्यटन स्थलों में बढ़ी रौनक, होटलों में 2 दिन में ही ऑक्यूपेंस डबल हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पहली बार इतना अर्ली-स्नोफॉल हुआ है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इससे पहले 12 दिसंबर 2012 को शिमला सिटी में अर्ली स्नोफॉल हुआ था। 2012 की तुलना में इस बार चार दिन पहले ही बर्फबारी हुई है। इससे पर्यटकों के साथ साथ पर्यटन कारोबारियों के भी चेहरे खिल उठे हैं। प्रदेश के पहाड़ों पर 2 दिन की बर्फबारी के बाद टूरिस्ट पर्यटन स्थलों का रुख करने लगे हैं। पर्यटक बर्फ के बीच मौज मस्ती कर रहे हैं। शिमला की तुलना में कुल्लू और लाहौल स्पीति के ऊंचे इलाकों में ज्यादा संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। इससे मनाली और लाहौल स्पीति के होटलों में ऑक्यूपेंसी में भी उछाल आया है। बर्फबारी के बाद दोगुना हुई ऑक्यूपेंसी: अनूप ताजा हिमपात के बाद एक दिन में ही मनाली में होटलों में ऑक्यूपेंसी 25 से 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है। मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने बताया कि दो दिन पहले तक 20 से 25 प्रतिशत तक की ऑक्यूपेंसी थी। मगर अब यह 45 से 50 प्रतिशत हो गई है। अगले एक सप्ताह के दौरान इसके 70 से 75 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। अर्ली स्नोफॉल से वीकेंड पर अच्छे कारोबार की उम्मीद: अतुल शिमला के होटेलियर अतुल ने बताया कि बर्फबारी के बाद आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। अर्ली स्नोफॉल पर्यटन उद्योग के लिए राहत भरी खबर है। उन्होंने बताया कि वीकेंड पर इससे 50 फीसदी से ज्यादा ऑक्यूपेंसी होने की उम्मीद है। पर्यटक ऑनलाइन भी बुकिंग करने लगा है। इन पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे पर्यटक बर्फबारी के बाद पर्यटक गुलाबा, रोहतांग टनल, कोकसर, सिस्सू और सोलंग वैली पहुंच रहे हैं। यहां पर बर्फ के बीच खूब अठखेलिया कर रहे है। इसी तरह शिमला के कुफरी, नारकंडा और महासू पीक में भी पर्यटकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। पर्यटकों के बड़ी तादात में आने की वजह से कुफरी और फागू के बीच सोमवार को देर रात तक लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा। तापमान में भारी गिरावट प्रदेश के अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बीते 48 घंटे के दौरान बर्फबारी हुई। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। न्यूनतम तापमान नॉर्मल से 2.4 डिग्री कम हो गया है। 9 शहरों का पारा माइनस में चला गया है। इसी तरह अधिकतम तापमान भी नॉर्मल से 3.9 डिग्री नीचे लुढ़क गया है। अगले 5 दिन पहाड़ों पर खिलेगी धूप मौसम विभाग की माने तो प्रदेश के ज्यादातर भागों में आज मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। अगले चार-पांच दिन तक पहाड़ों पर मौसम साफ बना रहेगा। 3 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट मौसम विभाग ने तीन जिले ऊना, कांगड़ा और हमीरपुर में आज और कल शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है। इससे सुबह शाम लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में लोगों को ठंड से बचाव की एडवाइजरी दी गई है। पर्यटकों को एडवाइजरी वहीं प्रदेश पुलिस ने पर्यटकों को भी सावधानी बरतने को कहा है। खासकर ड्राइविंग को लेकर लोगों को सतर्क रहने को बोला गया है, क्योंकि बर्फबारी के बाद प्रदेश की सड़कों पर सफर जोखिम भरा हो गया है। इसके लिए सावधानी के साथ और धीमी रफ्तार में गाड़ी चलानी होगी।