हरियाणा के हिसार जिले में बाबा वकील साहब सेवा समिति हिसार के पदाधिकारियों व हिसार की साध संगत द्वारा हिसार एडीसी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से समिति ने गुरु बाबा बहादुर चंद (वकील साहिब) की अपहरण तथा उनकी हत्या और उनके ड्राइवर बीरेन्द्र ढिल्लो और उनके साथियों द्वारा डेरे पर जबरन कब्जे की सीबीआई जांच की मांग उठाई। जांच कमेटी गठित करवाने की जरूरत समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि वे बाबा वकील साहिब संगत, मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम, गांव जगमालवाली, तहसील कालांवाली, जिला सिरसा, हरियाणा के अनुयायी हैं और सरकार व प्रशासन का ध्यान हाल ही में डेरा में हुई गंभीर घटनाओं की ओर दिलाना चाहते हैं और इसकी तुरंत विशेष जांच कमेटी गठित कर करवाने की जरूरत है। दिल्ली में रहस्यमयी मेडिकली हत्या समिति पदाधिकारियों ने बताया कि गुरु बाबा बहादुर चंद वकील साहिब मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम के वर्तमान गद्दीनशीन थे और उन्हें डेरे के संस्थापक, स्वर्गीय बाबा गुरबख्श सिंह (मैनेजर साहिब) द्वारा गद्दीनशीन नियुक्त किया गया था। समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि गुरु बाबा बहादुर चंद वकील साहब की जुलाई 2024 में एक बड़े षडय़ंत्र के तहत मैक्स हॉस्पिटल साकेत दिल्ली में रहस्यमयी मेडिकली हत्या कर दी गई है। मुख्यमंत्री के नाम सौंपा था ज्ञापन इस विषय को लेकर गत 7 अगस्त को समिति द्वारा उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन उस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे संगत में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है। इसी विषय को लेकर गत 1 सितंबर को भी संगत द्वारा जंतर मंतर पर भी धरना प्रदर्शन किया गया था और देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी दिया गया था जिस पर भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। संगत कर सकती है बीजेपी का बहिष्कार समिति पदाधिकारियों ने कहा कि अगर 10 लाख से ज्यादा साध संगत की भावनाओं के साथ ऐसे ही खिलवाड़ होता रहा तो हम इस विधानसभा चुनाव में भाजपा पार्टी, ब्यास डेरा मुखी ओर बलजीत दादूवाल का सामुहिक तौर से बहिष्कार करने का फैसला लेंगे। हमारी सरकार से मांग है कि हमारे गुरु बाबा वकील साहब के साथ जो साजिश हुई है उसकी सीबीआई जांच करवाई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके। यदि भाजपा सरकार समय रहते कोई कदम नहीं उठाती तो इस विधानसभा चुनाव में उसे साध संगत के रोष के साथ बड़ा राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ेगा। इशारे पर ड्राइवर को पहनाई पगड़ी समिति पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अब 18 सितंबर को ब्यास डेरा मुखी ने भाजपा और सिख पंध के आगू बने बलजीत दाढूवाल के कहने पर संत वकील साहब के कातिल को पगड़ी पहनाई। पदाधिकारियों ने कहा कि ब्यास डेरा मुखी गुरविन्द्र सिंह ढिल्लो ने भाजपा पार्टी ओर सिख पंथ के आगू बने बलजीत दादूवाल के नुमाइंदे के रूप में बाबा के मौत के मुंह में पहुंचाने वाले ड्राइवर वीरेंद्र ढिल्लों को पगड़ी पहनाने का जो काम किया है, उसको लेकर समूची साध संगत डेरा जगमालवाली की भावनाएं आहत हैं और संगत में भारी रोष है। यह है मामला समिति पदाधिकारियों ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बाबा वकील साहब की मृत्यु 21 जुलाई 2024 को मैक्स हॉस्पिटल में हुई और बाबा जी के ड्राइवर बीरेंद्र ढिल्लों और उसके साथियों ने 10 दिन बाद 1 अगस्त 2024 को डेरा जगमालवाली में जबरन जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करना चाहा। जब साध संगत ने इसका विरोध किया तो ड्राइवर बीरेंद्र ढिल्लों और उसके साथियों ने साध संगत पर सरेआम गोली चला दी। लेकिन प्रशासन ने ड्राइवर बीरेंद्र ढिल्लो पर कोई कार्यवाही करने की बजाय संगत को ही अरेस्ट करने का काम किया। हरियाणा के हिसार जिले में बाबा वकील साहब सेवा समिति हिसार के पदाधिकारियों व हिसार की साध संगत द्वारा हिसार एडीसी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से समिति ने गुरु बाबा बहादुर चंद (वकील साहिब) की अपहरण तथा उनकी हत्या और उनके ड्राइवर बीरेन्द्र ढिल्लो और उनके साथियों द्वारा डेरे पर जबरन कब्जे की सीबीआई जांच की मांग उठाई। जांच कमेटी गठित करवाने की जरूरत समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि वे बाबा वकील साहिब संगत, मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम, गांव जगमालवाली, तहसील कालांवाली, जिला सिरसा, हरियाणा के अनुयायी हैं और सरकार व प्रशासन का ध्यान हाल ही में डेरा में हुई गंभीर घटनाओं की ओर दिलाना चाहते हैं और इसकी तुरंत विशेष जांच कमेटी गठित कर करवाने की जरूरत है। दिल्ली में रहस्यमयी मेडिकली हत्या समिति पदाधिकारियों ने बताया कि गुरु बाबा बहादुर चंद वकील साहिब मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम के वर्तमान गद्दीनशीन थे और उन्हें डेरे के संस्थापक, स्वर्गीय बाबा गुरबख्श सिंह (मैनेजर साहिब) द्वारा गद्दीनशीन नियुक्त किया गया था। समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि गुरु बाबा बहादुर चंद वकील साहब की जुलाई 2024 में एक बड़े षडय़ंत्र के तहत मैक्स हॉस्पिटल साकेत दिल्ली में रहस्यमयी मेडिकली हत्या कर दी गई है। मुख्यमंत्री के नाम सौंपा था ज्ञापन इस विषय को लेकर गत 7 अगस्त को समिति द्वारा उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन उस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे संगत में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है। इसी विषय को लेकर गत 1 सितंबर को भी संगत द्वारा जंतर मंतर पर भी धरना प्रदर्शन किया गया था और देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी दिया गया था जिस पर भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। संगत कर सकती है बीजेपी का बहिष्कार समिति पदाधिकारियों ने कहा कि अगर 10 लाख से ज्यादा साध संगत की भावनाओं के साथ ऐसे ही खिलवाड़ होता रहा तो हम इस विधानसभा चुनाव में भाजपा पार्टी, ब्यास डेरा मुखी ओर बलजीत दादूवाल का सामुहिक तौर से बहिष्कार करने का फैसला लेंगे। हमारी सरकार से मांग है कि हमारे गुरु बाबा वकील साहब के साथ जो साजिश हुई है उसकी सीबीआई जांच करवाई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके। यदि भाजपा सरकार समय रहते कोई कदम नहीं उठाती तो इस विधानसभा चुनाव में उसे साध संगत के रोष के साथ बड़ा राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ेगा। इशारे पर ड्राइवर को पहनाई पगड़ी समिति पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अब 18 सितंबर को ब्यास डेरा मुखी ने भाजपा और सिख पंध के आगू बने बलजीत दाढूवाल के कहने पर संत वकील साहब के कातिल को पगड़ी पहनाई। पदाधिकारियों ने कहा कि ब्यास डेरा मुखी गुरविन्द्र सिंह ढिल्लो ने भाजपा पार्टी ओर सिख पंथ के आगू बने बलजीत दादूवाल के नुमाइंदे के रूप में बाबा के मौत के मुंह में पहुंचाने वाले ड्राइवर वीरेंद्र ढिल्लों को पगड़ी पहनाने का जो काम किया है, उसको लेकर समूची साध संगत डेरा जगमालवाली की भावनाएं आहत हैं और संगत में भारी रोष है। यह है मामला समिति पदाधिकारियों ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बाबा वकील साहब की मृत्यु 21 जुलाई 2024 को मैक्स हॉस्पिटल में हुई और बाबा जी के ड्राइवर बीरेंद्र ढिल्लों और उसके साथियों ने 10 दिन बाद 1 अगस्त 2024 को डेरा जगमालवाली में जबरन जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करना चाहा। जब साध संगत ने इसका विरोध किया तो ड्राइवर बीरेंद्र ढिल्लों और उसके साथियों ने साध संगत पर सरेआम गोली चला दी। लेकिन प्रशासन ने ड्राइवर बीरेंद्र ढिल्लो पर कोई कार्यवाही करने की बजाय संगत को ही अरेस्ट करने का काम किया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हुड्डा-सैलजा की लड़ाई ने अटकाई कांग्रेस की लिस्ट:राहुल गांधी ने देर रात मीटिंग की; 46 उम्मीदवारों की सूची वायरल हुई
हुड्डा-सैलजा की लड़ाई ने अटकाई कांग्रेस की लिस्ट:राहुल गांधी ने देर रात मीटिंग की; 46 उम्मीदवारों की सूची वायरल हुई हरियाणा में कांग्रेस की तीसरी लिस्ट ने पार्टी नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। यही वजह है कि अब तक 41 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया जा सकता है। इन लिस्ट के जारी होने के बाद पार्टी में होने वाली बगावत और भगदड़ को देखते हुए अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ देर रात तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंथन किया। इधर अंबाला की 3 विधानसभा सीटों को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा अपने अपने समर्थकों के लिए अड़े हुए हैं। इधर पार्टी सूत्रों का कहना है कि अमेरिका से सीधे राहुल गांधी ने अजय माकन और केसी वेणुगोपाल के साथ वर्चुअल मीटिंग की। जिस पर सभी 49 सीटों पर फाइनल मोहर लग गई है। जिसके बाद अब कांग्रेस की दोपहर तक सूची आने की संभावना है। कांग्रेस अब तक 41 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। इसी बीच कांग्रेस के 46 उम्मीदवारों की लिस्ट वायरल हो गई। हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विनीत पूनिया ने कहा कि यह लिस्ट फर्जी है। कांग्रेस उम्मीदवारों की वायरल लिस्ट… कांग्रेस प्रभारी बाबरिया पड़ चुके बीमार
हरियाणा में टिकट बंटवारे के बीच प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की तबीयत खराब हो गई है। उनका ब्लड प्रेशर (BP) बढ़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। 2 दिन पहले ही बाबरिया के वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें वह कांग्रेस के टिकट दावेदारों के आगे निराशा जाहिर कर रहे थे। प्रदेश में कांग्रेस अभी तक उम्मीदवारों की 2 लिस्ट जारी कर चुकी है। जिसमें 41 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों के लिए 2,556 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। टिकट बंटवारे में बाबरिया की सबसे बड़ी भूमिका था। इसके अलावा राहुल गांधी ने प्रदेश में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की जिम्मेदारी भी बाबरिया को सौंपी थी। कांग्रेस अब खेल रही ‘सेफ गेम’
हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस हाईकमान ने टिकटों की 2 लिस्ट में सेफ गेम खेलने की कोशिश की है। इसी वजह से 2 लिस्ट में सिर्फ 41 उम्मीदवारों की ही घोषणा की गई है। कांग्रेस हाईकमान की यह चिंता भाजपा की एक साथ जारी 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट से थी। जिसके जारी होते ही 24 घंटे में मंत्री और मौजूदा विधायक समेत 32 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। अभी तक बीजेपी में विरोध जारी है। 7 मीटिंग के बाद सिर्फ 41 नामों का ऐलान
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की 4 मीटिंग हुईं। उसके बाद 3 मीटिंग केंद्रीय चुनाव समिति की हुईं। आखिरी बैठक में राहुल गांधी की जगह खुद सोनिया गांधी पहुचीं थी। इसके बावजूद पार्टी बड़ी लिस्ट जारी करने की हिम्मत नहीं दिखा पाई। 41 उम्मीदवारों की जो 2 लिस्ट जारी की, उनमें 28 नाम तो मौजूदा विधायकों के ही रहे। इन सबके टिकट पहले से तय थे और इनकी सीटों पर दूसरा कोई बड़ा दावेदार भी नहीं था। पार्टी ने सिर्फ 4 सीटों पर चेहरे बदले। दरअसल पार्टी ये असेसमेंट करना चाह रही है कि उसके यहां भी BJP जैसा कोई बवाल होता है या नहीं?। दोनों गुटों को अभी तक साधा
कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों लिस्ट में सभी गुटों को साधने की कोशिश भी की। उसने पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा खेमे के 24 और सांसद कुमारी सैलजा के समर्थक चारों विधायकों को टिकट दे दिया। हुड्डा-सैलजा कैंप से अलग चल रहे पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव का टिकट भी नहीं रोका। कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में सिर्फ जीत चाहता है। इसीलिए ED जांच और नूंह हिंसा के केस में फंसे अपने चारों विधायकों और दूसरे दलों से आए 2 नेताओं के नाम भी पहली लिस्ट में क्लियर कर दिए हैं। भाजपा की 3 सीटें होल्ड
हरियाणा में कांग्रेस से टिकटों के ऐलान को लेकर भाजपा आगे चल रही है। सूबे की 90 विधानसभा सीटों पर बीजेपी अब तक 87 उम्मीदवारों का नाम का ऐलान कर चुकी है। 3 सीटों की लिस्ट आज आनी है। इसमें सिरसा सीट पर गोपाल कांडा को बीजेपी कमल के सिंबल पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रही है, लेकिन कांडा अपनी हजपा पार्टी से ही चुनाव लड़ना चाह रहे हैं, जिसके कारण अभी तक इस सीट पर बीजेपी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। वहीं महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद एनआईटी पर भी राव के कारण टिकट का ऐलान अभी पार्टी ने नहीं किया है।
कुवैत अग्निकांड में हरियाणा-पंजाब के भी 2 लोग मरे:रोजी-रोटी कमाने गए; एक वैल्डिंग असिस्टेंट तो दूसरा स्टील फैब्रिक कंपनी में फोरमैन था
कुवैत अग्निकांड में हरियाणा-पंजाब के भी 2 लोग मरे:रोजी-रोटी कमाने गए; एक वैल्डिंग असिस्टेंट तो दूसरा स्टील फैब्रिक कंपनी में फोरमैन था कुवैत के अग्निकांड में मारे गए करीब 52 लोगों में से 45 भारतीय हैं। इनके शव आज देश लाए गए हैं। इन लोगों में एक व्यक्ति हरियाणा के यमुनानगर और एक पंजाब के होशियारपुर का रहने वाला था। ये लोग सालों पहले रोजी रोटी कमाने के लिए कुवैत गए थे। इनके परिवार अब भी यहीं रहते हैं। दोनों मृतकों की पहचान अनिल गिरि निवासी विजय कॉलोनी यमुनानगर हरियाणा (मूल रूप से बिहार के गोपालगंज निवासी) और हिम्मत राय निवासी ज्योति एन्कलेव हरियाणा रोड होशियारपुर पंजाब के रूप में हुई है। वैल्डिंग असिस्टेंट थे अनिल
यमुनानगर निवासी अनिल करीब 5 साल पहले कुवैत गए थे। उनका परिवार यमुनानगर में ही रह रहा था। अनिल को कुवैत में वैल्डिंग असिस्टेंट के तौर पर काम मिला था। बताया जा रहा है कि वह 4 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वालों में शामिल है। अनिल गिरी के 2 बच्चे हैं, जो अभी पढ़ रहे हैं। दोनों ही नाबालिग हैं। परिवार बिहार हुआ रवाना
यमुनानगर में अनिल के पड़ोस में रहने वाले समाजसेवी जगदीश बाबर का कहना है कि जैसे ही उन्हें अनिल के बारे में पता चला तो उन्होंने घरवालों को बताना चाहा। हालांकि, घरवालों को पहले ही सूचना मिल चुकी थी, जिससे वे बिहार के लिए रवाना हो गए। अनिल का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार होगा। 30 साल पहले कुवैत गए हिम्मत राय
उधर, होशियारपुर निवासी हिम्मत राय पुत्र रामलाल 30 साल पहले कुवैत गए थे। वहां वह एनबीटीसी स्टील फैब्रिक कंपनी के फोरमैन थे। हिम्मत की पत्नी सरबजीत कौर और 3 बच्चे यहीं होशियारपुर में ही रह रहे हैं। उनकी पत्नी ने बताया है कि उनके घर में केवल हिम्मत ही कमाने वाले थे। सरबजीत कौर ने बच्चे को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। प्रशासन ने परिवार को मदद का भरोसा दिलाया
वहीं, होशियारपुर की DC कोमल मित्तल ने कहा है कि प्रशासन पीड़ित के परिवार की हर संभव सहायता करेगा। हिम्मत की डेडबॉडी आज दिल्ली पहुंचेगी। उसे लाने के लिए पहले ही एम्बुलेंस भेज दी गई है।
जींद में नशीली गोलियों के साथ झोला छाप डॉक्टर काबू:संगरूर से आकर करता था सप्लाई; 960 अल्प्राजोलम टैबलेट हुई बरामद
जींद में नशीली गोलियों के साथ झोला छाप डॉक्टर काबू:संगरूर से आकर करता था सप्लाई; 960 अल्प्राजोलम टैबलेट हुई बरामद हरियाणा के जींद के नरवाना में सीआईए पुलिस ने एक झोला झाप डॉक्टर काे नशे में प्रयोग होने वाली टेबलेट के साथ गिरफ्तार किया है। उसे धमतान साहिब के पास भूलन मोड़ से पकड़ा गया और उसके पास से प्रतिबंधित 960 नशीली अल्प्राजोलम की गोलियां बरामद हुई है। उसकी पहचान पंजाब के संगरुर जिले के गांव गुलाढी निवासी सोहनलाल के रूप में हुई है। सीआईए नरवाना की एक टीम एएसआई अवतार सिंह के नेतृत्व में धमतान साहिब गांव के पास गश्त पर थी कि तभी पुलिस को सूचना मिली कि पंजाब के संगरूर जिले के गांव गुलाढी निवासी सोहनलाल धमतान साहिब में झोलाछाप डॉक्टर है। वह डाक्टरी की आड़ में नशीली दवाओं को बेचने का धंधा करता है। कुछ ही देर में रसींदा गांव की तरफ नशीली गोलियों के साथ जाएगा। इस पर पुलिस ने रेड करने की योजन बनाई और उच्चाधिकारियों को अवगत करवाने के बाद धमतान साहिब के पास नाका लगाकर चेकिंग शुरू कर दी। भूलन चौक के पास बाइकों की चेकिंग की तो एक व्यक्ति पुलिस नाका देख बाइक वापस मोड़ने लगा। इससे पहले वह भागता, पुलिस ने उसे काबू कर लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम सोहनलाल बताया। उसके पास नशीला पदार्थ होने का शक हुआ तो ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर नरवाना बीडीपीओ जितेंद्र कुमार को बुलाया गया। सोहनलाल की तलाशी ली तो उसके पास एक डिब्बा मिला, जिसे खोलकर देखा तो इसमें नशीली और प्रतिबंधित दवाएं मिली। उसके कब्जे से कॉमर्शियल मात्रा में कुल 960 नशीली अल्प्राजोलम टेबलेट बरामद हुई। आरोपी चोरी-छिपे डाक्टरी की आड़ में गरीब मजदूरों को बड़ी मात्रा में नशीली गोलियों की सप्लाई करता था। गढ़ी थाना पुलिस ने आरोपित के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।