हरियाणा की अंबाला कैंट विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां से पूर्व गृह मंत्री अनिल विज भाजपा उम्मीदवार हैं। अनिल विज इस सीट से 6 बार विधायक बन चुके हैं। कांग्रेस ने यहां से सांसद कुमारी सैलजा के करीबी पूर्व पार्षद परविंदर सिंह परी को टिकट दिया है। इनके अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) से राज कौर गिल, इनेलो-बसपा के ओंकार सिंह, जजपा-असपा के अवतार करधान और कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा मैदान में हैं। अंबाला कैंट में कुल वोटरों की संख्या 2.7 लाख है। यहां के मुख्य मुद्दे टूटी सड़कें और जलभराव की समस्या है। लोगों का कहना है कि इस सीट पर अनिल विज का एकतरफा माहौल नहीं है। इलाके की टूटी सड़कों और बारिश के बाद जलभराव की समस्या से लोग परेशान हैं। ये चीजें विज के लिए परेशानी बनेंगी। हालांकि, विज ने जब से खुद को CM फेस बताया है, इससे उन्हें फायदा मिल सकता है। विज को मुख्यमंत्री बनाया गया तो विधानसभा क्षेत्र में और प्रोजेक्ट आएंगे। लोगों के मुताबिक इस चुनाव में कांग्रेस को गुटबाजी भारी पड़ेगी। सैलजा का करीबी होने की वजह से कांग्रेस उम्मीदवार परविंदर परी से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा दूरी बनाए हुए हैं। यहां चित्रा ही अनिल विज को टक्कर देंगी। पिछले चुनाव में भी वह दूसरे नंबर पर रहीं थीं। परविंदर परी लगातार आरोप लगा रहे हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस सीट पर अन्य नेताओं को मना लिया, लेकिन चित्रा को मनाने के लिए नहीं गए। उनका इशारा है कि हुड्डा गुट कहीं न कहीं अंदरखाते चित्रा को समर्थन दे रहा है। अगर कांग्रेस का वोट चित्रा की तरफ शिफ्ट हुआ तो अनिल विज मुश्किल में पड़ सकते हैं। 4 पॉइंट में समझें अंबाला कैंट विधानसभा के समीकरण अनिल विज बोले- काम किया है, काम करेंगे अनिल विज अंबाला कैंट विधानसभा सीट से 6 बार विधायक बन चुके हैं। सबसे पहले वह साल 1990 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। इसके बाद भाजपा ने टिकट काटा तो 1996 और 2000 में निर्दलीय चुनाव में उतरे और जीत हासिल की। 2009, 2014 और 2019 में वह भाजपा के टिकट पर विधायक बने। वह 2014 और 2019 में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा ठोका है। विज का कहना है कि उनके समर्थक लगातार दबाव डाल रहे थे कि आप पार्टी में सबसे सीनियर हो, आपको भी मुख्यमंत्री के लिए दावा ठोकना चाहिए। हालांकि, अनिल विज ने यह भी साफ किया कि आखिरी फैसला पार्टी का होगा कि किसे मुख्यमंत्री बनाना है। अनिल विज इस चुनाव में जनता के सामने कह रहे है कि काम किया है और काम करेंगे। मेरा कार्यकर्ता ही मेरा स्टार प्रचारक है। कैंट में टूटी सड़कों और जलभराव की समस्या पर विज का कहना है कि यह मेरी प्लानिंग का हिस्सा है। हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश थी कि इस चुनाव से पहले पूरा सिस्टम बन जाए, लेकिन इस में टाइम लग रहा है। चित्रा सरवारा भ्रष्टाचार दूर करने के नाम पर वोट मांग रहीं चित्रा सरवारा पूर्व मंत्री निर्मल सिंह मोहड़ा की बेटी हैं। निर्मल सिंह अंबाला सिटी से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। चित्रा 2013 में पार्षद बनी थीं। मार्च 2015 में वह कांग्रेस में शामिल हुईं। 2016 में उन्हें हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी का वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्हें सचिव बनाया गया। 2019 में कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहीं। साल 2023 में वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं और उन्हें पार्टी में राज्य उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। 5 जनवरी 2024 को वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गईं। अब 2024 में भी वह कांग्रेस से टिकट मांग रही थीं, लेकिन उनकी जगह परविंदरपाल परी को उम्मीदवार बनाया गया। चित्रा ने बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया। चित्रा मानना है कि विज के विधायक रहते यहां विकास हुआ है, लेकिन भ्रष्टाचार भी बढ़ा है। उनका कहना है कि यहां स्टेडियम और सड़कों के टेंडर में घोटाला हुआ है। बार-बार टेंडर किए जाते हैं और बाद में रद्द हो जाते हैं। यहां सड़कों का हाल बहुत बुरा है। बारिश के दिनों में पानी भर जाता है। सीवरेज सिस्टम चल ही नहीं पाया। परविंदर परी टूटी सड़कों का मुद्दा उठा रहे कांग्रेस उम्मीदवार परविंदर परी होटल कारोबारी हैं। वह 2002 में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके बाद 2005 में उन्हें यूथ कांग्रेस का जनरल सेक्रेटरी बनाया गया। वह अंबाला कैंट से पार्षद भी रहे हैं। उनकी पत्नी निमृत कौर एक कोशिश नाम से NGO चलाती हैं, जिसमें वह महिलाओं और बच्चों की मदद करती हैं। लंबे समय से वह कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। वह कुमारी सैलजा गुट से आते हैं। कुमारी सैलजा की पैरवी के बाद ही उन्हें टिकट दिया गया। परी जनता के सामने टूटी सड़कें और जलभराव की समस्या उठा रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने कैंट विधानसभा क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया। सत्ता में आने के बाद सबसे पहले यहां की सड़कें दुरुस्त की जाएंगी। अगर मैं यहां से विधायक बना तो मंत्री पद लेकर आऊंगा। क्या कहते हैं अंबाला कैंट के वोटर सुरिंदर बोले- सड़कें तोड़-तोड़कर छोड़ीं रिटायर अधिकारी सुरिंदर राणा ने कहा कि अंबाला कैंट में सड़कों का बुरा हाल है। सड़कों को तोड़-तोड़कर छोड़ दिया जाता है। हलके की बदहाली के कारण लोगों में भाजपा उम्मीदवार अनिल विज के लिए रोष है। शहर में मुख्य मुकाबला अनिल विज, चित्रा सरवारा और परविंदर परी में लग रहा है। चित्रा और विज में टक्कर अधिक है, क्योंकि चित्रा पहले भी अंबाला कैंट से चुनाव लड़ी थीं और दूसरे नंबर पर रहीं। चित्रा का हक बनता था, कांग्रेस को उन्हें उम्मीदवार बनाना चाहिए था। सोमबीर बोले- किसानों के साथ धोखा हुआ किसान सोमबीर सिंह ने कहा कि भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया है। किसानों ने MSP को लेकर पहले दिल्ली में प्रदर्शन किया, अब खन्नौरी और शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। भाजपा को किसानों के बारे में सोचना चाहिए, आखिरकार वह देश का अन्नदाता है। अंबाला कैंट में विज और चित्रा के बीच कड़ी टक्कर है। विज ने यहां काम कराए हैं, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की लहर चल रही है। चित्रा को कांग्रेस ने टिकट तो नहीं दिया, लेकिन वहां की वोट उसे ही जाएंगी। पंकज शर्मा बोले- विज की एक तरफा जीत होगी प्रॉपर्टी डीलर पंकज शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को गुटबाजी लेकर डूबेगी। कांग्रेस को चित्रा को टिकट देनी चाहिए थी। कैंट में चित्रा ही विज से टक्कर ले सकती हैं। पिछले चुनाव की तरह चित्रा बड़े मार्जिन से हारेंगी। अनिल विज की लगातार चौथी बार एकतरफा जीत होगी। निशित जैन बोले- AAP उम्मीदवार को कोई नहीं जानता रेडीमेड कपड़े की दुकान चलाने वाले निशित जैन ने कहा कि अंबाला कैंट में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार राज कौर गिल का किसी तरह का कोई आधार नहीं है। नया चेहरा है, लोग उन्हें बेहतर तरीके से जानते तक नहीं। फिलहाल चित्रा, परी और अनिल विज में मुकाबला लग रहा है। जो भी हलके का विधायक बने, उसे लोगों की मूलभूत समस्याओं के बारे में जरूर पता होना चाहिए। शहर में सड़कों को बेहतर बनाया जाए। छोटी बस्तियों में बरसात के जलभराव को सही किया जाए। सुगंद जैन ने कहा- खुद को सीएम चेहरा बताने से विज को फायदा मिलेगा जैन समाज से संबंध रखने वाले सुगंद जैन ने कहा कि अनिल विज ने खुद को सीएम फेस बताया है, जिसका लाभ उन्हें चुनाव में जरूर मिलेगा। हलके में अभी तक उनकी स्थिति मजबूत लग रही है। कुछ कार्य हैं, जो अधूरे हैं। उन्हें वह पूरे करवाने चाहिए थे। बरसात का पानी घरों में दाखिल होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अनिल विज को अंबाला कैंट से लोग समर्थन दे रहे हैं, लेकिन चित्रा उन्हें कांटे की टक्कर देगी। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी गणित नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा हरियाणा की अंबाला कैंट विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां से पूर्व गृह मंत्री अनिल विज भाजपा उम्मीदवार हैं। अनिल विज इस सीट से 6 बार विधायक बन चुके हैं। कांग्रेस ने यहां से सांसद कुमारी सैलजा के करीबी पूर्व पार्षद परविंदर सिंह परी को टिकट दिया है। इनके अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) से राज कौर गिल, इनेलो-बसपा के ओंकार सिंह, जजपा-असपा के अवतार करधान और कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा मैदान में हैं। अंबाला कैंट में कुल वोटरों की संख्या 2.7 लाख है। यहां के मुख्य मुद्दे टूटी सड़कें और जलभराव की समस्या है। लोगों का कहना है कि इस सीट पर अनिल विज का एकतरफा माहौल नहीं है। इलाके की टूटी सड़कों और बारिश के बाद जलभराव की समस्या से लोग परेशान हैं। ये चीजें विज के लिए परेशानी बनेंगी। हालांकि, विज ने जब से खुद को CM फेस बताया है, इससे उन्हें फायदा मिल सकता है। विज को मुख्यमंत्री बनाया गया तो विधानसभा क्षेत्र में और प्रोजेक्ट आएंगे। लोगों के मुताबिक इस चुनाव में कांग्रेस को गुटबाजी भारी पड़ेगी। सैलजा का करीबी होने की वजह से कांग्रेस उम्मीदवार परविंदर परी से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा दूरी बनाए हुए हैं। यहां चित्रा ही अनिल विज को टक्कर देंगी। पिछले चुनाव में भी वह दूसरे नंबर पर रहीं थीं। परविंदर परी लगातार आरोप लगा रहे हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस सीट पर अन्य नेताओं को मना लिया, लेकिन चित्रा को मनाने के लिए नहीं गए। उनका इशारा है कि हुड्डा गुट कहीं न कहीं अंदरखाते चित्रा को समर्थन दे रहा है। अगर कांग्रेस का वोट चित्रा की तरफ शिफ्ट हुआ तो अनिल विज मुश्किल में पड़ सकते हैं। 4 पॉइंट में समझें अंबाला कैंट विधानसभा के समीकरण अनिल विज बोले- काम किया है, काम करेंगे अनिल विज अंबाला कैंट विधानसभा सीट से 6 बार विधायक बन चुके हैं। सबसे पहले वह साल 1990 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। इसके बाद भाजपा ने टिकट काटा तो 1996 और 2000 में निर्दलीय चुनाव में उतरे और जीत हासिल की। 2009, 2014 और 2019 में वह भाजपा के टिकट पर विधायक बने। वह 2014 और 2019 में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा ठोका है। विज का कहना है कि उनके समर्थक लगातार दबाव डाल रहे थे कि आप पार्टी में सबसे सीनियर हो, आपको भी मुख्यमंत्री के लिए दावा ठोकना चाहिए। हालांकि, अनिल विज ने यह भी साफ किया कि आखिरी फैसला पार्टी का होगा कि किसे मुख्यमंत्री बनाना है। अनिल विज इस चुनाव में जनता के सामने कह रहे है कि काम किया है और काम करेंगे। मेरा कार्यकर्ता ही मेरा स्टार प्रचारक है। कैंट में टूटी सड़कों और जलभराव की समस्या पर विज का कहना है कि यह मेरी प्लानिंग का हिस्सा है। हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश थी कि इस चुनाव से पहले पूरा सिस्टम बन जाए, लेकिन इस में टाइम लग रहा है। चित्रा सरवारा भ्रष्टाचार दूर करने के नाम पर वोट मांग रहीं चित्रा सरवारा पूर्व मंत्री निर्मल सिंह मोहड़ा की बेटी हैं। निर्मल सिंह अंबाला सिटी से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। चित्रा 2013 में पार्षद बनी थीं। मार्च 2015 में वह कांग्रेस में शामिल हुईं। 2016 में उन्हें हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी का वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्हें सचिव बनाया गया। 2019 में कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहीं। साल 2023 में वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं और उन्हें पार्टी में राज्य उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। 5 जनवरी 2024 को वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गईं। अब 2024 में भी वह कांग्रेस से टिकट मांग रही थीं, लेकिन उनकी जगह परविंदरपाल परी को उम्मीदवार बनाया गया। चित्रा ने बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया। चित्रा मानना है कि विज के विधायक रहते यहां विकास हुआ है, लेकिन भ्रष्टाचार भी बढ़ा है। उनका कहना है कि यहां स्टेडियम और सड़कों के टेंडर में घोटाला हुआ है। बार-बार टेंडर किए जाते हैं और बाद में रद्द हो जाते हैं। यहां सड़कों का हाल बहुत बुरा है। बारिश के दिनों में पानी भर जाता है। सीवरेज सिस्टम चल ही नहीं पाया। परविंदर परी टूटी सड़कों का मुद्दा उठा रहे कांग्रेस उम्मीदवार परविंदर परी होटल कारोबारी हैं। वह 2002 में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके बाद 2005 में उन्हें यूथ कांग्रेस का जनरल सेक्रेटरी बनाया गया। वह अंबाला कैंट से पार्षद भी रहे हैं। उनकी पत्नी निमृत कौर एक कोशिश नाम से NGO चलाती हैं, जिसमें वह महिलाओं और बच्चों की मदद करती हैं। लंबे समय से वह कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। वह कुमारी सैलजा गुट से आते हैं। कुमारी सैलजा की पैरवी के बाद ही उन्हें टिकट दिया गया। परी जनता के सामने टूटी सड़कें और जलभराव की समस्या उठा रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने कैंट विधानसभा क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया। सत्ता में आने के बाद सबसे पहले यहां की सड़कें दुरुस्त की जाएंगी। अगर मैं यहां से विधायक बना तो मंत्री पद लेकर आऊंगा। क्या कहते हैं अंबाला कैंट के वोटर सुरिंदर बोले- सड़कें तोड़-तोड़कर छोड़ीं रिटायर अधिकारी सुरिंदर राणा ने कहा कि अंबाला कैंट में सड़कों का बुरा हाल है। सड़कों को तोड़-तोड़कर छोड़ दिया जाता है। हलके की बदहाली के कारण लोगों में भाजपा उम्मीदवार अनिल विज के लिए रोष है। शहर में मुख्य मुकाबला अनिल विज, चित्रा सरवारा और परविंदर परी में लग रहा है। चित्रा और विज में टक्कर अधिक है, क्योंकि चित्रा पहले भी अंबाला कैंट से चुनाव लड़ी थीं और दूसरे नंबर पर रहीं। चित्रा का हक बनता था, कांग्रेस को उन्हें उम्मीदवार बनाना चाहिए था। सोमबीर बोले- किसानों के साथ धोखा हुआ किसान सोमबीर सिंह ने कहा कि भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया है। किसानों ने MSP को लेकर पहले दिल्ली में प्रदर्शन किया, अब खन्नौरी और शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। भाजपा को किसानों के बारे में सोचना चाहिए, आखिरकार वह देश का अन्नदाता है। अंबाला कैंट में विज और चित्रा के बीच कड़ी टक्कर है। विज ने यहां काम कराए हैं, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की लहर चल रही है। चित्रा को कांग्रेस ने टिकट तो नहीं दिया, लेकिन वहां की वोट उसे ही जाएंगी। पंकज शर्मा बोले- विज की एक तरफा जीत होगी प्रॉपर्टी डीलर पंकज शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को गुटबाजी लेकर डूबेगी। कांग्रेस को चित्रा को टिकट देनी चाहिए थी। कैंट में चित्रा ही विज से टक्कर ले सकती हैं। पिछले चुनाव की तरह चित्रा बड़े मार्जिन से हारेंगी। अनिल विज की लगातार चौथी बार एकतरफा जीत होगी। निशित जैन बोले- AAP उम्मीदवार को कोई नहीं जानता रेडीमेड कपड़े की दुकान चलाने वाले निशित जैन ने कहा कि अंबाला कैंट में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार राज कौर गिल का किसी तरह का कोई आधार नहीं है। नया चेहरा है, लोग उन्हें बेहतर तरीके से जानते तक नहीं। फिलहाल चित्रा, परी और अनिल विज में मुकाबला लग रहा है। जो भी हलके का विधायक बने, उसे लोगों की मूलभूत समस्याओं के बारे में जरूर पता होना चाहिए। शहर में सड़कों को बेहतर बनाया जाए। छोटी बस्तियों में बरसात के जलभराव को सही किया जाए। सुगंद जैन ने कहा- खुद को सीएम चेहरा बताने से विज को फायदा मिलेगा जैन समाज से संबंध रखने वाले सुगंद जैन ने कहा कि अनिल विज ने खुद को सीएम फेस बताया है, जिसका लाभ उन्हें चुनाव में जरूर मिलेगा। हलके में अभी तक उनकी स्थिति मजबूत लग रही है। कुछ कार्य हैं, जो अधूरे हैं। उन्हें वह पूरे करवाने चाहिए थे। बरसात का पानी घरों में दाखिल होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अनिल विज को अंबाला कैंट से लोग समर्थन दे रहे हैं, लेकिन चित्रा उन्हें कांटे की टक्कर देगी। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी गणित नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे हरियाणा के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) में घमासान मचा हुआ है। BJP के गढ़ कहे जाने वाले अहीरवाल बेल्ट में इसका असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट वितरण के मामले में खुद को पूरी तरह एक्टिव किया हुआ है। राव इंद्रजीत सिंह की अहीरवाल की 11 सीटों पर खुद की पकड़ है, जिसके बलबूते राव 7 सीटों पर खुद के समर्थकों का हक जता रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व 5 सीटों पर उनकी रजामंदी से कैंडिडेट उतारने के लिए तैयार है, लेकिन राव अपने उन राजनीतिक धुर विरोधियों को निपटाने के लिए कुछ और भी शर्तें रख रहे हैं। BJP शीर्ष नेतृत्व जिन्हें मजबूत कैंडिडेट मानकर चुनावी मैदान में उतारने के लिए तैयार है वह अहीरवाल की 3 सीटें हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि उनकी पसंद और संगठन दोनों को तवज्जो मिले। अहीरवाल बेल्ट से विरोधियों को निपटाना है असली लड़ाई
राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी की पहली वजह उनकी बेटी आरती राव की टिकट को लेकर मानी जा रही थी, लेकिन हकीकत ये है कि पार्टी नेतृत्व ने शुरू से ही आरती राव को टिकट देने में कोई संकोच नहीं रखा। राव इंद्रजीत सिंह की असली लड़ाई अहीरवाल बेल्ट में अपने राजनीतिक विरोधियों को निपटा कर ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की रही है। BJP से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी नहीं होती तो 27 या 28 अगस्त को ही कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी हो सकती थी। कई सीटों पर राव ने दी जीत की गारंटी
राव की नाराजगी को BJP ने पहले से ही भांप लिया था। उसके बाद राव को तवज्जो दी गई। सूत्र ये भी बताते हैं कि जिन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों के लिए टिकट मांगी उन पर उन्होंने जीत की गारंटी भी पार्टी नेतृत्व को दी है। अहीरवाल बेल्ट की 2 सीटें उनकी साख का सवाल बनी हुई हैं। इनमें एक पटौदी और दूसरी बावल सीट है। ये दोनों ही सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं और इन पर रामपुरा हाउस यानी राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का दबदबा रहा है। इन चार सीटों में राव की खास रुचि
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गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट भी अहीरवाल बेल्ट में ही आती है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और वर्तमान सीएम नायब सैनी के सबसे करीबी राव नरबीर सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा खट्टर के पूर्व OSD जवाहर यादव, मनीष यादव भी टिकट मांग रहे हैं, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह इस सीट पर खुद के समर्थक नेता को चुनावी मैदान में उतारने के मूड में हैं। गुरुग्राम में 4 दिन पहले हुई बैठक में BJP पार्लियामेंट्री बोर्ड की सदस्य और पूर्व सांसद सुधा यादव द्वारा सीनियर नेताओं के सामने राव नरबीर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठाना उनके लिए काफी फायदेमंद रहा। BJP सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ाना चाहता था, जिस पर राव इंद्रजीत सिंह ने भी किसी भी तरह का विरोध नहीं किया। इससे साफ ही कि राव नरबीर का टिकट काटकर BJP सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ा सकती है। 2019 के चुनाव में भी BJP ने राव नरबीर सिंह की टिकट काट दी थी। नरबीर सिंह उस वक्त मनोहर लाल की कैबिनेट में तीसरे नंबर के पावरफुल मंत्री थे। नरबीर सिंह के समर्थकों ने टिकट कटवाने का आरोप राव इंद्रजीत सिंह पर लगाया था। 2019 में भी इस्तेमाल की थी वीटो पावर राव इंद्रजीत सिंह 2014 में BJP में शामिल हुए थे। विधानसभा चुनाव में BJP की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद मनोहर लाल से उनके रिश्तों में खटास बनी रही। 2019 के विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर जिन्हें चुनाव लड़ाना चाहते थे, उन पर वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने उनकी टिकट ही कटवा दी थी। इसमें बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, रेवाड़ी से रणधीर सिंह कापड़ीवास, अटेली से संतोष यादव के अलावा कुछ अन्य नेता थे। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी पसंद के मुताबिक रेवाड़ी और बादशाहपुर में प्रत्याशी उतारे, लेकिन इन दोनों ही सीट पर BJP को हार मिली। केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज राव राव इंद्रजीत केंद्र में तीसरी बार केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। वह खुद भी कह चुके हैं कि मैं इतिहास में ऐसा नेता हूं, जिसने केंद्र में राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना दिया है। राव इंद्रजीत को मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। इसके बाद से उनकी नाराजगी कई मौकों पर सामने आ चुकी है।
हरियाणा के 8 जिलों में बारिश का अलर्ट:24 घंटे में 3 शहरों में ज्यादा बरसा; सीजन में अब तक 390 MM बरसात
हरियाणा के 8 जिलों में बारिश का अलर्ट:24 घंटे में 3 शहरों में ज्यादा बरसा; सीजन में अब तक 390 MM बरसात हरियाणा में 8 जिलों के लिए मौसम विभाग ने खराब मौसम का अलर्ट जारी किया है। इनमें यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और नूंह शामिल हैं। मौसम विभाग का मानना है कि यहां हल्की से मध्यम बारिश आ सकती है। बादल छाए रहने से दिन के तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है। पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश कुरुक्षेत्र में दर्ज की गई, यहां 15.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई। अब तक प्रदेश के 6 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। 17-18 सितंबर को भी प्रदेश में मौसम खराब रह सकता है। 18 सितंबर को महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में हैवी रेन का अलर्ट जारी किया गया है। मानसून सीजन में अब तक 390.4 MM बारिश प्रदेशभर में मानसून की सक्रियता के चलते पिछले 24 घंटे में 15.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। मानसून सीजन में अब तक 390.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 401.1 मिलीमीटर से महज 3 फीसदी ही कम है। जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। 2018 में 549 मिमी बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में सिर्फ 97.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। 19 सितंबर तक परिवर्तनशील रहेगा मौसम हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में 19 सितंबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान मानसूनी हवाओं की सक्रियता बढ़ने की संभावना है, जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने तथा गरज के साथ छींटे पड़ने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट तथा वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होने की भी संभावना है। 4 दिन में 5 की हो चुकी मौत हरियाणा में करनाल के नीलोखेड़ी में 13 सितंबर को पॉलिटेक्निक के नजदीक बारिश के कारण एक पेड़ कार पर गिर गया। हादसे में कार में बैठी देवरानी-जेठानी की मौत हो गई। वहीं फरीदाबाद के ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे भरे बरसाती पानी में 14 सितंबर को महिंद्रा XUV700 गाड़ी डूब गई। उसमें बैठे एचडीएफसी के बैंक मैनेजर और कैशियर की दर्दनाक मौत हो गई। फरीदाबाद की संजय कॉलोनी में एक महिला की 14 सितंबर को करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। सुमित्रा (58) संजय कॉलोनी में रहती थी। सुमित्रा के पति नरेश ने एटीएम संचालक कंपनी पर केस दर्ज कराया है।
सोचें समझें विचार करें फिर मतदान करें, ऐसा प्रत्याशी चुनें जो समस्याओं का निदान करे…
सोचें समझें विचार करें फिर मतदान करें, ऐसा प्रत्याशी चुनें जो समस्याओं का निदान करे… भास्कर न्यूज | करनाल जिमखाना क्लब करनाल में रविवार को कारवाने-अदब करनाल (शायरों की अदबी संस्था) की महफिल सजी। इसमें करनाल और आसपास से कवियों, शायरों व साहित्यकारों ने शिरकत की। महफिल के आगाज से पहले सभी ने राष्ट्रगान गाकर देश में आपसी भाईचारा कायम होने तथा सुख-समृद्धि की कामना की। इसकी अध्यक्षता कवि सत्यवीर सिंह रोहतक, मुख्य अतिथि डॉ. कमर रईस सोनीपत, विशिष्ट अतिथि डॉ. कमर रईस सोनीपत और अनिल कुमार पानीपत रहे। मंच संचालन कवि असंध से पहुंचे भरत भूषण वर्मा ने किया। इस मौके पर कवि डॉ. एसके शर्मा ने कहा सोचे समझे विचार करे बाद में फिर मतदान करें, प्रत्याशी ऐसा चुनो जो समस्याओं का निदान करे। कवियत्री अंजु शर्मा ने कहा सारे जहां में न्यारी ये हिन्दी मां हमारी। कवि डॉ. सत्यबीर सिंह ने कहा कि युग सुंदर हो सदियां सुंदर, गर सुंदर इंसान बने। कवि दिलबाग अकेला ने कहा जंग जीतने की बजाय, क्यों न दिलो को जीता जाए। कवि डॉ. कमर रईस ने कहा कि सर पे तुमको बिठाएगी दुनिया। इस अवसर पर कवि, शायर तथा साहित्यकार मौजूद रहे।