मानव के सभी दुखों और दुर्गुणों का कारण मन की चंचलता और इंद्रियों का विकार है। यही सब उसे भक्ति और सेवा मार्ग पर चलने में बाधा पैदा करते हैं। इनसे मुक्ति पाना है और परमात्मा की राह पर चलना है तो सत्संग करना जरूरी है। सत्संग से मन और मन से इंद्रियों पर नियंत्रण किया जा सकता है। यह व्याख्यान महा मंडलेश्वर 1008 मनकामनेश्वर महाराज जी महाराज श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण ने मंदिर माता महाकाली गुफावाला में शनिवार के सांध्य सत्संग में दिए। महा मंडलेश्वर ने फरमाया कि मानव को अपने जीवन को सफल बनाने के लिए इंद्रियों पर संयम रखना चाहिए। जिसने इंद्रियों पर संयम रखा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि इंद्रियां पशुओं के समान होती है। जिस प्रकार पशुओं को किस खेत में खाना है। क्या खाना हैं कब खाना है इसकी जानकारी नहीं होती है। इसी प्रकार मनुष्य की इंद्रियों को अच्छा, बुरा, भला और खराब की जानकारी नहीं होती है। ऐसे में ये इंद्रियां गलत काम करती हैं। जिसके कारण भगवान इस जीव आत्मा को दोषी मानते हुए सजा देता है। इसी सीख को मानते हुए मनुष्य को अपनी इंद्रियों पर संयम रखकर भगवान की भक्ति करनी चाहिए। आगे वह कहते हैं कि यह सब तभी संभव है जब हम संतों का साथ करते हैं अर्थात सत्संग का हिस्सा बनते हैं। वह कहते हैं कि इंद्रियों को वश में किया जा सकता है केवल मन पर कंट्रोल करके। क्योंकि मन ही हमारे शरीर को संचालन कर रहा है या यूं कहें कि चलते रथ की बागडोर मन के हाथ में है। वह अपने इशारे से इस शरीर को चला रहा है। उनके मुताबिक यदि मन पर काबू किया गया और मन को समझाया गया तो, इंद्रियां अपने आप मान जाएंगी। वह कहते हैं कि मन को बस में करने के लिए सत्संग जरूरी है। क्योंकि “बिन सत्संग विवेक न होई” बिना सत्संग की हमें विवेक पैदा नहीं हो सकता है। जब तक हम पूर्व महात्माओं का सत्संग नहीं सुनेंगे, उनके उदाहरण को नहीं समझेंगे, उनके बताए हुए रास्ते पर नहीं चलेंगे। तब तक हम अपने मन को काबू में नहीं कर सकते हैं। मानव के सभी दुखों और दुर्गुणों का कारण मन की चंचलता और इंद्रियों का विकार है। यही सब उसे भक्ति और सेवा मार्ग पर चलने में बाधा पैदा करते हैं। इनसे मुक्ति पाना है और परमात्मा की राह पर चलना है तो सत्संग करना जरूरी है। सत्संग से मन और मन से इंद्रियों पर नियंत्रण किया जा सकता है। यह व्याख्यान महा मंडलेश्वर 1008 मनकामनेश्वर महाराज जी महाराज श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण ने मंदिर माता महाकाली गुफावाला में शनिवार के सांध्य सत्संग में दिए। महा मंडलेश्वर ने फरमाया कि मानव को अपने जीवन को सफल बनाने के लिए इंद्रियों पर संयम रखना चाहिए। जिसने इंद्रियों पर संयम रखा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि इंद्रियां पशुओं के समान होती है। जिस प्रकार पशुओं को किस खेत में खाना है। क्या खाना हैं कब खाना है इसकी जानकारी नहीं होती है। इसी प्रकार मनुष्य की इंद्रियों को अच्छा, बुरा, भला और खराब की जानकारी नहीं होती है। ऐसे में ये इंद्रियां गलत काम करती हैं। जिसके कारण भगवान इस जीव आत्मा को दोषी मानते हुए सजा देता है। इसी सीख को मानते हुए मनुष्य को अपनी इंद्रियों पर संयम रखकर भगवान की भक्ति करनी चाहिए। आगे वह कहते हैं कि यह सब तभी संभव है जब हम संतों का साथ करते हैं अर्थात सत्संग का हिस्सा बनते हैं। वह कहते हैं कि इंद्रियों को वश में किया जा सकता है केवल मन पर कंट्रोल करके। क्योंकि मन ही हमारे शरीर को संचालन कर रहा है या यूं कहें कि चलते रथ की बागडोर मन के हाथ में है। वह अपने इशारे से इस शरीर को चला रहा है। उनके मुताबिक यदि मन पर काबू किया गया और मन को समझाया गया तो, इंद्रियां अपने आप मान जाएंगी। वह कहते हैं कि मन को बस में करने के लिए सत्संग जरूरी है। क्योंकि “बिन सत्संग विवेक न होई” बिना सत्संग की हमें विवेक पैदा नहीं हो सकता है। जब तक हम पूर्व महात्माओं का सत्संग नहीं सुनेंगे, उनके उदाहरण को नहीं समझेंगे, उनके बताए हुए रास्ते पर नहीं चलेंगे। तब तक हम अपने मन को काबू में नहीं कर सकते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
खालिस्तान समर्थन सांसद अमृतपाल के साथी सहित 4 गिरफ्तार:पिस्टल- कारतूस और हेरोइन बरामद; जेल में हुई हत्यारोपी से मुलाकात
खालिस्तान समर्थन सांसद अमृतपाल के साथी सहित 4 गिरफ्तार:पिस्टल- कारतूस और हेरोइन बरामद; जेल में हुई हत्यारोपी से मुलाकात जालंधर में कमिश्नरेट पुलिस ने वारिस पंजाब दे के प्रमुख और श्री खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद अमृतपाल सिंह के निजी गनमैन रहे गुरभेज सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को पुलिस ने अवैध हथियार रखने, मादक पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली और अन्य आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने बताया कि, यह रैकेट राज्य में सक्रिय था और कानून व्यवस्था को बाधित करने के लिए एक बड़े ऑपरेशन की योजना बना रहा था। आरोपियों की पहचान लखविंदर सिंह निवासी गांव हैबोवाल (गढ़शंकर), गुरभेज सिंह निवासी गांव गुडारा (फिरोजपुर), सतिंदर सिंह उर्फ काला, हरदेव सिंह निवासी गांव पलाही (होशियारपुर) और भरत उर्फ भाऊ पट्टी, तरनतारन के रूप में हुई है। पुलिस ने गुरभेज को जेल भेज दिया है। वहीं, बाकियों को जल्द कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। दो बड़े नशा तस्करों के साथ लिंक में था गुरभेज पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने कहा कि, लखविंदर सिंह और हर्षदीप सिंह ड्रग्स और हथियारों का बड़ा नेटवर्क चलाते हैं। उसे अमृतपाल सिंह (वारिस पंजाब के) के करीबी सहयोगी गुरभेज सिंह से मिलता था। गुरभेज सिंह पहले अमृतपाल मामले और अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला मामले में कपूरथला जेल में था। जहां उसकी मुलाकात लखविंदर सिंह उर्फ लक्खी से हुई। जो पहले से ही एक हत्या के मामले में जेल में था। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने आर्म्स एक्ट और एनडीसीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। थाना नवी बारादरी की पुलिस ने ये मामला दर्ज किया है। पुलिस ने 12 बोर के 10 कारतूस, 315 बोर के आठ कारतूस, 100 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है।
लुधियाना में पार्क से मिले लापता बच्चे का मामला:सीसीटीवी में एक्टिवा पर ले जाती दिखी चाची,पुलिस ने देर रात की गिरफ्तार
लुधियाना में पार्क से मिले लापता बच्चे का मामला:सीसीटीवी में एक्टिवा पर ले जाती दिखी चाची,पुलिस ने देर रात की गिरफ्तार पंजाब के लुधियाना में गुरुवार पुलिस को एक पार्क से लावारिस हालत में 2 साल का बच्चा मिला। बच्चे का नाम फतेह सिंह है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी उस बच्चे की फोटो शेयर की। बच्चे के परिजनों का पता चलते ही थाना डिवीजन नंबर 3 की पुलिस ने बच्चा माता-पिता के सुपुर्द कर दिया। सीसीटीवी चेक करने पर खुलासा हुआ कि बच्चे की चाची उसे अपनी स्कूटी पर घर से लेकर गई। पुलिस ने इस केस में जांच की और बच्चे की चाची को देर रात गिरफ्तार किया। रात करीब 10 बजे महिला का सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाया गया। महिला ने किन कारणों से बच्चे को किडनैप करके पार्क में छोड़ा यह जांच का विषय है। महिला का मेडिकल करवाने आए एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि महिला ने अपने जेठ के बच्चे को किडनैप किया है। इस आरोप में उसे गिरफ्तार किया है। महिला ने किन कारणों से बच्चा किडनेप किया इस बारे पुलिस के उच्चाधिकारी ही बता सकते। बच्चा किन हालातों में और कैसे पार्क में पहुंचा ये जांच का विषय है। पिता जतिंदरपाल सिंह बोला…
बच्चे के पिता जतिंदरपाल सिंह ने कहा कि उनका बच्चा गुरुवार को करीब ढ़ाई बजे घर से लापता हो गया था। सीसीटीवी कैमरे की सभी रिकार्डिंग पुलिस को दी। मोहल्ले के लोगों ने और एसएचओ ने काफी साथ दिया। जिसके बाद देर शाम बच्चा पार्क से पुलिस को मिला। सीसीटीवी में बच्चे के चाची उसे स्कूटी पर ले जाती जरूर दिखी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच का विषय यही है कि बच्चा पार्क तक कैसे पहुंचा।
वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला
वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने खुद ही शिरोमणि अकाली दल के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया है। अकाली दल की प्रारंभिक मेंबरशिप से इस्तीफा देने के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- आज श्री अकाल तख्त साहिब पर सिंह साहिब के सामने पेश होने के बाद मेरे बारे में जो आदेश जारी किया गया है, मैं उसे सिर झुकाकर स्वीकार करता हूं। इस आदेश को लागू करने के लिए शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व को किसी भी खतरे में डाले बिना, मैं स्वयं अकाली दल की प्राथमिक सदस्यता छोड़ता हूं। मुझे पता है कि अकाली दल का नेतृत्व मुझसे बहुत प्यार करता है और हमेशा मेरा समर्थन एक शास्त्रीय विचारक का करेगा। मेरी रगों में अकाली खून बहता है और हमेशा बहता रहेगा एक विनम्र सिख के रूप में, मैं सिंह साहिबों के आदेश को दिल से स्वीकार करता हूं। मेरी जिंदगी में एक अकाली को अकाली दल से तोड़ने के लिए सिख राजनीति में यह पहला मामला है। यह पहला बहुत ही आश्चर्यजनक आदेश है। उन्होंने कहा कि आज अकाली विरोधी ताकतें जरूर खुश होंगी। हां ज्ञानी हरप्रीत और अन्य लोगों ने ऐसा आदेश देकर अकाली खेमे में दहशत पैदा करने की कोशिश जरूर की है। लेकिन तख्तों से सिख धर्म से जोड़ने और अकाली सोच से जोड़ने के लिए कदम उठाए जाते हैं न कि खौफ पैदा करने के लिए। वीडियोग्राफी सार्वजनिक करने की मांग वल्टोहा ने कहा कि आज मैंने विनम्रतापूर्वक सिंह साहबों के सामने अपना पक्ष रखा। सिंह साहबों ने पेशी बैठक की शुरुआत में मुझसे कहा कि, आपकी पूरी सुनवाई की वीडियो ग्राफी की जा रही है, जिसे बाद में मीडिया के लिए जारी किया जाएगा। मेरे जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह जी से अनुरोध है कि कृपया वीडियो ग्राफी के वीडियो मीडिया को सार्वजनिक करें। मेरा अनुरोध है कि कृपया मेरे स्पष्टीकरण पत्र और उस पेन ड्राइव को सार्वजनिक करें जिसमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी के भाजपा और केंद्र सरकार के साथ संबंध साबित करने वाले दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए थे। अगर किसी कारण से श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय ने मेरा स्पष्टीकरण पत्र और पेन ड्राइव सबूतों के साथ जारी नहीं किया तो कल मैं खुद यह सब सार्वजनिक कर दूंगा। श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने पेशी के बाद शिरोमणि अकाली दल को आदेश दिए हैं कि विरसा सिंह वल्टोहा को पार्टी से निकाला जाए। पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को 24 घंटे में उन्हें अकाली दल से निकालने के लिए कहा गया है। साथ ही उनकी प्रारंभिक मेंबरशिप को भी खारिज की जाएगी। शिरोमणि अकाली दल में दस साल तक उनकी वापसी पर रोक लगाई जाए। अगर इसके बाद भी वह कुछ बयानबाजी करते है तो सख्त फैसला लिया जाएगा। इस मौके जत्थेदारों ने कहा कि उन्होंने विश्वासघात किया। उनकी हालचाल पूछने के बहाने रिकॉर्डिंग की है। इससे पहले विरसा सिंह वल्टोहा आज सुबह श्री अकाल तख्त साहिब पेश हुए । उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 15 अक्तूबर को सुबह 9 बजे सबूतों सहित पेश होने के आदेश दिए गए थे। विरसा सिंह वल्टोहा ने दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर आरएसएस और बीजेपी का दबाव बताया था। विरसा सिंह वल्टोहा के पेश होने के बाद पांच सिंह साहिबानों की बैठक चल रही है। 13 अक्तूबर को पेश होने के दिए थे निर्देश श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 13 अक्तूबर को लिखित में विरसा सिंह वल्टोहा को आदेश भेजे गए थे और 15 अक्तूबर को 9 बजे तक पेश होने के लिए कहा गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर वो उस समय तक पेश नहीं हुए तो हुए तो यह माना जाएगा कि विरसा सिंह वल्टोहा ने जत्थेदारों पर दबाव बनाने के लिए उनके चरित्र हनन की कोशिश की है। पोस्ट के जरिए वल्टोहा ने लगाए थे इल्जाम विरसा सिंह वल्टोहा ने 12 अक्तूबर को एक पोस्ट शेयर की थी। जिसमें उन्होंने सुखबीर सिंह बादल पर कार्रवाई के संबंध में जत्थेदार साहिब पर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था कि ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि सिख विरोधी ताकतों और शिरोमणि अकाली दल को हर समय कमजोर करने की साजिश करने वालों की सोच और साजिशें हमारी सम्मानित और राष्ट्र-अग्रणी संस्थाओं तक पहुंच जाएंगी। भगवान मेरे इस संदेह को निराधार बनाए, हमारी ये संस्थाएं सिखों के सम्मान और गौरव का प्रतीक हैं। विरसा सिंह ने कहा कि पिछले दिनों मैंने अपनी भावनाएं साझा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट किया था कि, “जत्थेदार साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल को वेतनभोगी घोषित करने के बाद सजा देने में इतनी देरी क्यों हो रही है?” फेसबुक पोस्ट मिलने के बाद जो चौंकाने वाली जानकारी मुझ तक पहुंची वह परेशान करने वाली है। सोशल मीडिया पर लगाए थे आरोप मेरी पहली फेसबुक पोस्ट के बाद हमारे देश के सम्मानित जत्थेदारों के कई करीबी, जो शिरोमणि अकाली दल के समर्थक भी हैं, मुझसे अलग-अलग संपर्क कर बहुत गंभीर और चिंताजनक जानकारी दी कि, “जत्थेदार साहिबों पर बहुत आंतरिक दबाव डाला जा रहा है कि सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब से धार्मिक दंड दिया जाए। साथ ही शिरोमणि अकाली दल को भी नेतृत्वहीन कर दिया जाए। इन सूत्रों के मुताबिक सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल पर दबाव बनाने वालों में केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस के साथ-साथ देश-विदेश में बैठे सिख चरित्र के वे लोग भी शामिल हैं जो हमेशा अकाली दल के खिलाफ रहे हैं।
जब मैं पृष्ठभूमि के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में कहानियां सुनता हूं, तो मुझे बहुत चिंता होती है। इतिहास है कि श्री अकाल तख्त साहिब का दिल्ली तख्त से हमेशा टकराव रहा है। लेकिन दिल्ली तख्त के प्रभाव को स्वीकार करने वाले हमारे सम्मानित महानुभावों की ओर से जो ताजा सूचनाएं और राय सामने आ रही हैं, वह चिंता का विषय है। आदेशों के बाद लिखा था कि जबाव के लिए फोन ना करें इस पोस्ट के बाद उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब से सबूतों सहित पेश होने के आदेश आ गए थे। फिर जब आदेश मिले तो उन्होंने आदेशों की कापी को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था और कहा था कि पूज्य जत्थेदार साहिब जी का आदेश प्राप्त हुआ। वह स्वीकार्य है। आदरणीय जत्थेदार साहिब जी के आदेशानुसार दास 15 अक्टूबर को समय पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे। लेकिन इस आदेश में कुछ ऐसा भी है जिसका मेरी पोस्ट या मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। आदेश में दर्ज है कि सिंह साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ सुनाए गए फैसले पर मुझे कोई आपत्ति है। लेकिन इसके विपरीत, मैं बल्कि एक वादी हूं कि सुखबीर सिंह बादल को कड़ी धार्मिक सजा/वेतन/दंड दिया जाना चाहिए।
लेकिन अकाली दल के विरोधियों के दबाव में अकाली दल के राजनीतिक व्यक्तित्व को कमजोर करने की रणनीति नहीं चलने दी जानी चाहिए, इस दबाव का जिक्र मैंने अपनी पोस्ट में किया है, जो बिल्कुल सच है। मीडिया के लिए भी कहा था विरसा सिंह वल्टोहा ने इसके बाद अगले दिन मीडिया कर्मियों के लिए भी कहा था कि वह भी उन्हें फोन करके स्पष्टीकरण के बारे में ना पूछें और ना ही बयान के लिए फोन करें। वो अपना स्पष्टीकरण समय पर श्री अकाल तख्त साहिब भेजेंगे।