हिमाचल हाईकोर्ट ने DGP की तारीफ की:संजय कुंडू बनाम निशांत शर्मा केस; कोर्ट बोला- अतुल वर्मा ने SIT जांच की खामियां उजागर की

हिमाचल हाईकोर्ट ने DGP की तारीफ की:संजय कुंडू बनाम निशांत शर्मा केस; कोर्ट बोला- अतुल वर्मा ने SIT जांच की खामियां उजागर की

हिमाचल में बहुचर्चित पूर्व DGP संजय कुंडू और कारोबारी निशांत शर्मा केस में हाईकोर्ट ने मौजूदा पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा की सराहना की। अतुल वर्मा ने SIT जांच में खामियां पाते हुए अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी थी।चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा, वे DGP अतुल वर्मा द्वारा रिपोर्ट में व्यक्त स्वतंत्र, निष्पक्ष विचारों और उनके द्वारा दिए गए बहुमूल्य सुझावों के लिए उनकी सराहना करते हैं। कोर्ट ने कहा, DGP द्वारा दायर 2 रिपोर्ट SIT और पहले के जांच अधिकारियों द्वारा की गई जांच में गंभीर खामियों को उजागर करती हैं। कोर्ट ने DGP की रिपोर्ट को संकेत बताया कि पूर्व में इस मामले की सही ढंग से जांच नहीं की गई। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कभी भी रंगदारी, रंगदारी वसूलने का प्रयास, जमीन पर कब्जा करने आदि गंभीर आरोपों की जांच SIT या अन्य जांच अधिकारियों द्वारा नहीं की गई। कोर्ट ने कहा कि निशांत द्वारा दायर शिकायत की जांच के तरीके पर DGP अतुल वर्मा के विचारों को नजरअंदाज करना न्याय का मजाक होगा। इस मामले में कथित जबरन वसूली या शिकायतकर्ता से पैसे ऐंठने के प्रयास के मकसद या कारण की गहन जांच की जरूरत है। SIT ने जबरन वसूली के पहले पर नहीं की जांच कोर्ट के अनुसार, SIT की रिपोर्ट पर गौर करने से पता चलता है कि SIT शिकायतकर्ता पर कथित हमले को गलत साबित करने के लिए प्रतिबद्ध थी, जबकि जांच जबरन वसूली के पहलू पर होनी चाहिए थी। DGP द्वारा दायर रिपोर्ट बताती है कि SIT जांच में कई खामियां और जांच भी धीमी रही। SIT ने कई जरूरी पहलुओं पर जांच नहीं की। कोर्ट ने आदेश दिए कि इस मामले में धारा 384 से 387 आईपीसी को पुलिस स्टेशन मैक्लोडगंज के समक्ष एफआईआर में जोड़ा जाए और इसकी एसआईटी द्वारा जांच भी की जाए। कोर्ट ने SIT को DGP द्वारा दायर रिपोर्ट में बताए गए सभी पहलुओं की आगे की जांच करने को कहा है। SIT में SP रेंक के अधिकारी को जोड़ना होगा: कोर्ट कोर्ट ने DGP द्वारा अनुमोदित हिमाचल प्रदेश सशस्त्र पुलिस बटालियन के एक SP स्तर के अधिकारी को राज्य सरकार द्वारा गठित SIT के सदस्य के रूप में जोड़ने के आदेश दिए और इस संबंध में उचित अधिसूचना 3 दिन के भीतर जारी करने के आदेश दिए। निशांत शर्मा की शिकायत पर हाईकोर्ट ने लिया था संज्ञान बता दें कि निशांत शर्मा ने पूर्व DGP संजय कुंडू पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और हाईकोर्ट से निष्पक्ष जांच मांगी थी। इसके बाद कोर्ट के आदेशों पर सरकार ने SIT का गठन किया और निशांत शर्मा की ओर से एडवोकेट नीरज शर्मा को इस केस में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया। सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे कुंडू इसके बाद हाईकोर्ट ने DGP और SP कांगड़ा को बदलने के भी आदेश दिए। मगर संजय कुंडू सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां से उन्हें हाईकोर्ट के आदेशों पर स्टे मिला। अभी यह मामला हिमाचल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। संजय कुंडू बीते 30 अप्रैल को रिटायर हो चुके हैं। अब अतुल वर्मा प्रदेश पुलिस के मुखिया हैं। हिमाचल में बहुचर्चित पूर्व DGP संजय कुंडू और कारोबारी निशांत शर्मा केस में हाईकोर्ट ने मौजूदा पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा की सराहना की। अतुल वर्मा ने SIT जांच में खामियां पाते हुए अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी थी।चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा, वे DGP अतुल वर्मा द्वारा रिपोर्ट में व्यक्त स्वतंत्र, निष्पक्ष विचारों और उनके द्वारा दिए गए बहुमूल्य सुझावों के लिए उनकी सराहना करते हैं। कोर्ट ने कहा, DGP द्वारा दायर 2 रिपोर्ट SIT और पहले के जांच अधिकारियों द्वारा की गई जांच में गंभीर खामियों को उजागर करती हैं। कोर्ट ने DGP की रिपोर्ट को संकेत बताया कि पूर्व में इस मामले की सही ढंग से जांच नहीं की गई। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कभी भी रंगदारी, रंगदारी वसूलने का प्रयास, जमीन पर कब्जा करने आदि गंभीर आरोपों की जांच SIT या अन्य जांच अधिकारियों द्वारा नहीं की गई। कोर्ट ने कहा कि निशांत द्वारा दायर शिकायत की जांच के तरीके पर DGP अतुल वर्मा के विचारों को नजरअंदाज करना न्याय का मजाक होगा। इस मामले में कथित जबरन वसूली या शिकायतकर्ता से पैसे ऐंठने के प्रयास के मकसद या कारण की गहन जांच की जरूरत है। SIT ने जबरन वसूली के पहले पर नहीं की जांच कोर्ट के अनुसार, SIT की रिपोर्ट पर गौर करने से पता चलता है कि SIT शिकायतकर्ता पर कथित हमले को गलत साबित करने के लिए प्रतिबद्ध थी, जबकि जांच जबरन वसूली के पहलू पर होनी चाहिए थी। DGP द्वारा दायर रिपोर्ट बताती है कि SIT जांच में कई खामियां और जांच भी धीमी रही। SIT ने कई जरूरी पहलुओं पर जांच नहीं की। कोर्ट ने आदेश दिए कि इस मामले में धारा 384 से 387 आईपीसी को पुलिस स्टेशन मैक्लोडगंज के समक्ष एफआईआर में जोड़ा जाए और इसकी एसआईटी द्वारा जांच भी की जाए। कोर्ट ने SIT को DGP द्वारा दायर रिपोर्ट में बताए गए सभी पहलुओं की आगे की जांच करने को कहा है। SIT में SP रेंक के अधिकारी को जोड़ना होगा: कोर्ट कोर्ट ने DGP द्वारा अनुमोदित हिमाचल प्रदेश सशस्त्र पुलिस बटालियन के एक SP स्तर के अधिकारी को राज्य सरकार द्वारा गठित SIT के सदस्य के रूप में जोड़ने के आदेश दिए और इस संबंध में उचित अधिसूचना 3 दिन के भीतर जारी करने के आदेश दिए। निशांत शर्मा की शिकायत पर हाईकोर्ट ने लिया था संज्ञान बता दें कि निशांत शर्मा ने पूर्व DGP संजय कुंडू पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और हाईकोर्ट से निष्पक्ष जांच मांगी थी। इसके बाद कोर्ट के आदेशों पर सरकार ने SIT का गठन किया और निशांत शर्मा की ओर से एडवोकेट नीरज शर्मा को इस केस में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया। सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे कुंडू इसके बाद हाईकोर्ट ने DGP और SP कांगड़ा को बदलने के भी आदेश दिए। मगर संजय कुंडू सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां से उन्हें हाईकोर्ट के आदेशों पर स्टे मिला। अभी यह मामला हिमाचल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। संजय कुंडू बीते 30 अप्रैल को रिटायर हो चुके हैं। अब अतुल वर्मा प्रदेश पुलिस के मुखिया हैं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर