अयोध्या में रविवार रात भेड़िए ने एक महिला पर हमला कर दिया। झपट्टा मारकर उसका एक साइड का गाल खा गया। परिवार वालों ने किसी तरह से महिला को भेड़िए के चंगुल से छुड़ाया। इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा है। घटना हैरिंग्टनगंज ब्लॉक के आदिलपुर स्थित खड़भड़ेपुर गांव की है। कल रात को 60 साल की तारावती अपने परिवार के साथ दुर्गा पूजा देखने जा रही थी। तभी झाड़ियों से निकल कर भेड़िए ने महिला पर हमला कर दिया। परिजन कुछ समझ पाते इससे पहले ही भेड़िए ने महिला का गाल नोच लिया। परिजनों ने पत्थर मारकर उसे भगाया। घायल महिला को लेकर खड़भड़ेपुर PHC पहुंचे। यहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि भेड़िया 2-3 दिन से उरूवा वैश्य, जमोलिया, आदिलपुर, रेवतीगंज के आसपास देखा जा रहा है। मोबाइल में ग्रामीणों ने फोटो भी क्लिक की है। गांव वालों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी है। कुमारगंज वन क्षेत्र अधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया, ग्रामीणों का दावा है कि भेड़िए ने हमला किया है। हालांकि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। वन विभाग की टीम लगा दी गई है। यूपी के कई जिलों में इन दिनों जंगली जानवरों की दहशत है, आगे पढ़िए… लखीमपुर में तेंदुए को पकड़ने के लिए लगाए पिंजरे और कैमरे लखीमपुर खीरी में 24 घंटे के अंदर लगातार तेंदुए के दो हमलों के बाद वन विभाग अलर्ट हो गया है l क्षेत्र में 2 पिंजरे और कैमरे लगाए गए हैं। पिछले कुछ दिनों से पार्क से निकलकर तेंदुआ ग्रामीण इलाकों में हमला कर रहा है। शनिवार देर शाम गांव गंगाबेहड़ निवासी मुनव्वर अपने बेटे साजेब उर्फ छोटू को बैठाकर साइकिल से घर जा रहा था। गांव के पास गन्ने के खेत में बैठे तेंदुए ने साजेब को दबोच लिया और भाग गया। तलाश के बाद बच्चे का आधा खाया शव बरामद हुआ। यूपी में भेड़िए और बाघ ने ली 15 जानें यूपी के कई जिलों में बाघ, तेंदुआ और भेड़ियों का आतंक है। लखीमपुर में बाघ के हमले में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। बहराइच में भेड़िए मार्च से अब तक 10 लोगों को शिकार बना चुके हैं। इनमें 9 बच्चे और एक महिला शामिल है। 5 अक्टूबर की रात एक भेड़िए को ग्रामीणों ने मार डाला। उससे पहले वन विभाग 5 भेड़िए पकड़ चुका है। मतलब, कुल 6 भेड़ियों का सफाया हो चुका है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। जिस लंगड़े भेड़िए को झुंड का सरदार बताया जा रहा है, वह पकड़ से दूर है। हालांकि, शनिवार देर शाम प्रशासन की ओर से साफ किया गया कि आखिरी भेड़िए को भी मार दिया गया। ये भी पढ़ें: यूपी में क्यों आदमखोर हो गए जंगली जानवर:बाढ़ से जंगल छोड़ गांव में घुसे यूपी के कई जिलों में बाघ, तेंदुआ और भेड़ियों का आतंक है। लखीमपुर में बाघ के हमले में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। बहराइच में भेड़िए मार्च से अब तक 10 लोगों को शिकार बना चुके हैं। इनमें 9 बच्चे और एक महिला शामिल है। 5 अक्टूबर की रात एक भेड़िए को ग्रामीणों ने मार डाला। उससे पहले वन विभाग 5 भेड़िए पकड़ चुका है…(पढ़ें पूरी खबर) अयोध्या में रविवार रात भेड़िए ने एक महिला पर हमला कर दिया। झपट्टा मारकर उसका एक साइड का गाल खा गया। परिवार वालों ने किसी तरह से महिला को भेड़िए के चंगुल से छुड़ाया। इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा है। घटना हैरिंग्टनगंज ब्लॉक के आदिलपुर स्थित खड़भड़ेपुर गांव की है। कल रात को 60 साल की तारावती अपने परिवार के साथ दुर्गा पूजा देखने जा रही थी। तभी झाड़ियों से निकल कर भेड़िए ने महिला पर हमला कर दिया। परिजन कुछ समझ पाते इससे पहले ही भेड़िए ने महिला का गाल नोच लिया। परिजनों ने पत्थर मारकर उसे भगाया। घायल महिला को लेकर खड़भड़ेपुर PHC पहुंचे। यहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि भेड़िया 2-3 दिन से उरूवा वैश्य, जमोलिया, आदिलपुर, रेवतीगंज के आसपास देखा जा रहा है। मोबाइल में ग्रामीणों ने फोटो भी क्लिक की है। गांव वालों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी है। कुमारगंज वन क्षेत्र अधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया, ग्रामीणों का दावा है कि भेड़िए ने हमला किया है। हालांकि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। वन विभाग की टीम लगा दी गई है। यूपी के कई जिलों में इन दिनों जंगली जानवरों की दहशत है, आगे पढ़िए… लखीमपुर में तेंदुए को पकड़ने के लिए लगाए पिंजरे और कैमरे लखीमपुर खीरी में 24 घंटे के अंदर लगातार तेंदुए के दो हमलों के बाद वन विभाग अलर्ट हो गया है l क्षेत्र में 2 पिंजरे और कैमरे लगाए गए हैं। पिछले कुछ दिनों से पार्क से निकलकर तेंदुआ ग्रामीण इलाकों में हमला कर रहा है। शनिवार देर शाम गांव गंगाबेहड़ निवासी मुनव्वर अपने बेटे साजेब उर्फ छोटू को बैठाकर साइकिल से घर जा रहा था। गांव के पास गन्ने के खेत में बैठे तेंदुए ने साजेब को दबोच लिया और भाग गया। तलाश के बाद बच्चे का आधा खाया शव बरामद हुआ। यूपी में भेड़िए और बाघ ने ली 15 जानें यूपी के कई जिलों में बाघ, तेंदुआ और भेड़ियों का आतंक है। लखीमपुर में बाघ के हमले में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। बहराइच में भेड़िए मार्च से अब तक 10 लोगों को शिकार बना चुके हैं। इनमें 9 बच्चे और एक महिला शामिल है। 5 अक्टूबर की रात एक भेड़िए को ग्रामीणों ने मार डाला। उससे पहले वन विभाग 5 भेड़िए पकड़ चुका है। मतलब, कुल 6 भेड़ियों का सफाया हो चुका है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। जिस लंगड़े भेड़िए को झुंड का सरदार बताया जा रहा है, वह पकड़ से दूर है। हालांकि, शनिवार देर शाम प्रशासन की ओर से साफ किया गया कि आखिरी भेड़िए को भी मार दिया गया। ये भी पढ़ें: यूपी में क्यों आदमखोर हो गए जंगली जानवर:बाढ़ से जंगल छोड़ गांव में घुसे यूपी के कई जिलों में बाघ, तेंदुआ और भेड़ियों का आतंक है। लखीमपुर में बाघ के हमले में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। बहराइच में भेड़िए मार्च से अब तक 10 लोगों को शिकार बना चुके हैं। इनमें 9 बच्चे और एक महिला शामिल है। 5 अक्टूबर की रात एक भेड़िए को ग्रामीणों ने मार डाला। उससे पहले वन विभाग 5 भेड़िए पकड़ चुका है…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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प्रशांत किशोर ही नहीं… RCP सिंह भी 2025 में बिगाड़ेंगे ‘खेल’! NDA या इंडिया गठबंधन में किसे तगड़ा नुकसान?
प्रशांत किशोर ही नहीं… RCP सिंह भी 2025 में बिगाड़ेंगे ‘खेल’! NDA या इंडिया गठबंधन में किसे तगड़ा नुकसान? <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Politics:</strong> अगले साल 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव होना है. एनडीए गठबंधन और महागठबंधन के लिए इस बार बड़ी चुनौती दिख रही है. वजह है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर खुद ही नई पार्टी बना चुके हैं और अब पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने भी ऐलान कर दिया है कि वह दल बनाएंगे. ऐसे में जो पहले से पार्टियां हैं उनका 2025 में नुकसान होना तय माना जा रहा है. चाहे बात एनडीए की करें या फिर इंडिया गठबंधन की, नई पार्टियां दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं. पढ़िए रिपोर्ट.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशांत किशोर की ओर से जन सुराज पार्टी बनाए जाने पर तमाम पार्टियों की प्रतिक्रिया आई थी. बीजेपी, कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू सबके अपने-अपने तर्क थे. अब जब आरसीपी सिंह ने ऐलान किया कि वे पार्टी बनाएंगे तो बीजेपी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अधिकार है. आरसीपी सिंह को लगा कि पार्टी बनानी चाहिए तो वह बना रहे हैं. यह स्वागत योग्य है. वहीं जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने आरसीपी सिंह को बधाई दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आरसीपी सिंह की क्या है तैयारी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अभी जेडीयू में जितने भी लोग हैं वह आरसीपी सिंह को बहुत करीब से जानते हैं. आरसीपी सिंह भी करीब-करीब सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहे हैं. आरसीपी सिंह के साथ रहने वाले एक करीबी नेता का कहना है कि पार्टी बनाने का मुख्य लक्ष्य है कि जेडीयू अब समाप्ति के कगार पर है. नीतीश कुमार जिस तरह से अभी काम कर रहे हैं वह ज्यादा दिन तक चलने वाले नहीं हैं. ऐसे में जेडीयू के नेता कार्यकर्ताओं और वोटर्स को विकल्प की तलाश है. वह विकल्प आरसीपी सिंह की पार्टी बनने से हो जाएगा. हमारा लक्ष्य नीतीश कुमार के सभी वोटर, कार्यकर्ता और नेताओं को संगठित कर लाने का रहेगा ताकि कोई दूसरे खेमे में नहीं चला जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार के राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार का कहना है कि यह सोच बिल्कुल गलत है कि जेडीयू खत्म होने वाली है. नीतीश कुमार जैसे भी रहे, लेकिन उनका जो वोट बैंक 13 से 14% का है वह उनके रहते कभी समाप्त नहीं होगा. पिछले कई चुनाव में यह देखा भी गया है और 2024 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में भी यह साफ दिखा है. अगर नीतीश कुमार नहीं रहते हैं तो भी पार्टी नहीं टूटेगी. निश्चित तौर पर उनके बेटे को आगे किया जा सकता है और फिर पार्टी वही रूप में आ जाएगी. जेडीयू का वोट बैंक भी बरकरार रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह किसे करेंगे डैमेज?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>संतोष कुमार ने कहा, “इस बात में भी सच्चाई है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह की पार्टी बनने पर नीतीश कुमार को ज्यादा नुकसान हो सकता है. कहा जाए तो 2020 में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को कमजोर किया था तो इस बार आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर उन्हें कमजोर कर सकते हैं. वैसे प्रशांत किशोर आरजेडी को भी कमजोर करेंगे क्योंकि मुस्लिम वोट में अगर बिखराव हुआ तो उसका नुकसान आरजेडी को होगा. आरसीपी सिंह सीधे तौर पर जेडीयू की सीट को डैमेज कर सकते हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे कहा कि अगर आरसीपी सिंह एक विधानसभा से दो-तीन हजार वोट भी काटते हैं तो वह नीतीश कुमार का वोट कटेगा. विधानसभा में सीट डैमेज करने के लिए उतना वोट काफी होता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में करीब 25 से 30 ऐसी सीटें थीं जहां आरजेडी मात्र 500 से 2000 के बीच में हारी थी. आरसीपी सिंह जेडीयू के इतने वोट जरूर काट सकते हैं क्योंकि जेडीयू में वह काफी लंबे समय तक रहे हैं. संगठन के बड़े नेता रहे हैं. प्रखंड से लेकर जिला तक सभी जगह उनकी पार्टी में पहचान है. आरसीपी सिंह निश्चित तौर पर नीतीश कुमार के लिए हानिकारक होंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि आरसीपी से बीजेपी को नुकसान होता नहीं दिख रहा है. संतोष कुमार ने कहा कि बीजेपी का जो वोट होता है वह इधर-उधर नहीं होता है. प्रशांत किशोर आरजेडी को डैमेज करेंगे उसका फायदा भी बीजेपी को मिलेगा. जहां जेडीयू के प्रत्याशी खड़े होंगे वहां बीजेपी के लोग वोट नहीं करते हैं. यह पहले भी देखा गया है. कुल मिलाकर प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह से सीधा-सीधा नुकसान नीतीश कुमार को ज्यादा है तो वहीं आरजेडी को भी थोड़ा नुकसान है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/mahagathbandhan-announces-candidate-for-four-seats-of-bihar-assembly-by-election-2024-2807298″>Bihar By-Poll 2024: बिहार उपचुनाव के लिए महागठबंधन ने चारों सीटों पर किया नामों का ऐलान, कहां से कौन है उम्मीदवार? जानें</a><br /></strong></p>
‘RSS-BJP की शह पर मस्जिदों पर फहराए जाते हैं झंडा’, भागलपुर की घटना पर तेजस्वी यादव का बड़ा बयान
‘RSS-BJP की शह पर मस्जिदों पर फहराए जाते हैं झंडा’, भागलपुर की घटना पर तेजस्वी यादव का बड़ा बयान <p style=”text-align: justify;”><strong>Tejashwi Yadav:</strong> बिहार के भागलपुर में हुई एक घटना पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीजेपी, आरएसएस और सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने रविवार (03 नवंबर) को कहा कि बीजेपी नेता नफरत फैलाने के असल जिम्मेदार हैं. आरएसएस और बीजेपी के लोग उपद्रवियों को बढ़ावा दे रहे हैं. भागलपुर में मस्जिद पर चढ़कर झंडा लहरा रहे हैं. अब राज्य की जनता कह रही है कि शांति की धरती बिहार पर अब आरएसएस का कब्जा हो गया है. राज्य सरकार ऐसे लोगों के लिए नफरत की जमीन मुहैया करा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सरकार पहले भी चुप थी… अब भी चुप है'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस तरह से देश में इस समय सामाजिक-धार्मिक ताना-बाना बिखर गया है और जिस तरह से इसे और नष्ट करने की साजिश की जा रही है, वह देश के इतिहास में अभूतपूर्व है. इससे पहले भी इस तरह के अत्याचार हुए हैं और कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे लोगों के खिलाफ पहले भी कार्रवाई नहीं की गई है. हर रोज ऐसे लोगों को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे दंगाइयों की संख्या बढ़ गई है. उनका मनोबल भी बढ़ रहा है. यहां तक कि वे इस्लाम धर्म की शान में और पैगंबर की शान में भी अपमान कर रहे हैं, लेकिन सरकार पहले भी चुप थी और अब भी चुप है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे तेजस्वी ने कहा, “बार-बार कहा जाता है कि जिस इलाके में तनाव फैल सकता है वहां से जुलूस नहीं जाने देना चाहिए, लेकिन यह जानबूझकर मुसलमानों और उनके साथ दुर्व्यवहार करने के लिए किया जाता है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया जाता है ताकि सांप्रदायिक दंगे भड़काए जा सकें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से मिली जमीन, प्रोत्साहन, प्रायोजन एवं आत्मविश्वास के बल पर आरएसएस और बीजेपी के लोग भागलपुर में मस्जिद पर चढ़कर झंडा लहरा रहे हैं. अब प्रदेशवासी कह रहे हैं कि अस्वस्थ अवस्था के कारण नीतीश कुमार जी आरएसएस से भी अधिक खतरनाक हो चुके हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भागलपुर की घटना में पुलिस ने दर्ज किया मामला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि इस घटना में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. भागलपुर पुलिस की ओर से रविवार (03 नवंबर) को इस संबंध में जानकारी दी गई है. लिखा गया कि, “भागलपुर पुलिस को सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो प्राप्त हुआ है, जिसमें एक युवक ललमटिया थाना अंतर्गत टमटम चौक के समीप धार्मिक स्थान पर झंडा लहरा रहा है. इस संबंध में ललमटिया थाना में प्राथमिकी दर्ज कर अग्रतर विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/why-did-bihar-cm-nitish-kumar-touch-feet-of-former-bjp-mp-rk-sinha-video-2815986″>VIDEO: बीजेपी के पूर्व सांसद आरके सिन्हा का CM नीतीश कुमार ने क्यों छुए पैर? जानिए वजह</a><br /></strong></p>
हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका:सरकारी नौकरियों में 5 नंबर का आरक्षण असंवैधानिक करार; 23 हजार नियुक्तियां फंसी, फिर एग्जाम होगा
हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका:सरकारी नौकरियों में 5 नंबर का आरक्षण असंवैधानिक करार; 23 हजार नियुक्तियां फंसी, फिर एग्जाम होगा हरियाणा सरकार को सरकारी भर्ती में सामाजिक-आर्थिक आधार पर 5 नंबरों के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया है। हरियाणा सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में 1.80 लाख सालाना इनकम वाले परिवारों को यह आरक्षण दिया था। इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस आरक्षण को खारिज कर दिया था। जिसके खिलाफ हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने सुप्रीम कोर्ट में 4 अपीलें दायर की थीं। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसबीएन भट्टी द्वारा मामले की सुनवाई की गई। इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से दो अन्य याचिकाओं को शामिल करने को लेकर टाइम मांगा था, सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद सोमवार की डेट फिक्स की थी। सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर जारी विस्तृत आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है। जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने आरक्षण का लाभ दिया है तो क्यों यह आर्टिफिशियल श्रेणी बनाई जा रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ग्रुप C और D में नियुक्ति पा चुके 23 हजार युवाओं को दोबारा एग्जाम देना पड़ेगा। अगर वे पास नहीं हो पाए तो नौकरी से बर्खास्त हो जाएंगे। HC आरक्षण को बता चुका असंवैधानिक
हाईकोर्ट ने कहा था कि यह फायदा देने से पहले न तो कोई डाटा एकत्रित किया गया और न ही कोई आयोग बनाया गया। इस प्रकार, पहले सीईटी में 5 अंकों का और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ तो भर्ती का परिणाम पूरी तरह से बदल देगा। इन अंकों का फायदा देते हुए केवल पीपीपी धारकों को ही योग्य माना गया है जो संविधान के अनुसार सही नहीं है। नियुक्ति में किसी फायदे को राज्य के लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। एक बार अनुच्छेद 15 और 16 तथा नीति निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू होते हैं। जहां सभी नागरिक रोजगार पाने के हकदार हों, वहां राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ये दिए थे सरकार को आदेश
हाईकोर्ट ने सभी पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगने और 6 माह के भीतर भर्ती पूरी करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश से नियुक्ति पा चुके 23 हजार कर्मचारियों को नए सिरे आयोजित होने वाली भर्ती पूरी होने तक सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया था यदि वे दोबारा आयोजित परीक्षा में पास होकर अपना स्थान नहीं बना पाते हैं तो उन्हें बर्खास्त करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। इन्हें दी जा चुकी है नियुक्ति
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्ती के लिए कुल 401 श्रेणियों की भर्ती निकाली गई थी। समान प्रकार की भर्तियों को क्लब करते हुए आयोग ने इन श्रेणियों के कुल 63 ग्रुप बनाए थे। ग्रुप सी के 32 हजार पद, इसी श्रेणी में टीजीटी के 7471 पद शामिल हैं। इनके अलावा, ग्रुप डी के 13 हजार से अधिक पद हैं। इनमें से ग्रुप सी के 10 हजार और ग्रुप डी के 13 हजार पदों पर अंतिम परिणाम जारी करने के बाद इनको नियुक्ति भी दी जा चुकी है।