हरियाणा में मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में इस बार अधिकारियों की एंट्री आसान नहीं होगी। सरकार इस बार फिर से मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस पर काम करेगी। इसको देखते हुए सरकार की ओर से CMO में होने वाली नियुक्तियों के लिए एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी की अप्रूवल के बाद ही CMO में नियुक्ति की जाएगी। सरकार के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इस कमेटी में केंद्रीय नेताओं के साथ ही प्रदेश संगठन के नेताओं के अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सदस्यों को शामिल किया जाएगा। सेकेंड टर्म से पहले अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर की टीम से ही काम चलाया। इस बार कमेटी के बनने के बाद सरकार ने बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। हारे हुए नेता कर रहे CMO में आने की तैयारी CMO में फेरबदल में मुख्यमंत्री नायब सिंह के चहेते अफसरों को समायोजित किया जाएगा। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल के स्थान पर मुख्यमंत्री बनने वाले नायब सिंह सैनी ने पुरानी टीम से ही काम चलाया था। राजनीतिक सलाहकार से लेकर OSD सहित अन्य पदों पर मुख्यमंत्री नायब सैनी अपने चहेते और कुछ हारे हुए नेताओं को CMO में बुला सकते हैं। इनमें पूर्व मंत्री असीम गोयल और सुभाष सुधा के नाम भी शामिल हैं। हालांकि, अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा। मनोहर की टीम से ये नेता कर रहे लॉबिंग CMO में कुछ ऐसे पुराने चेहरे हैं, जो इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन अब फिर से आने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें OSD रह चुके जवाहर यादव, अभिमन्यु सिंह और भूपेश्वर दयाल शामिल हैं। इन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीएमओ को अलविदा कह दिया था। अब सरकार बनने के बाद फिर से ये वापसी के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि सरकार के द्वारा कमेटी बनाए जाने के बाद इन पुराने चेहरों की एंट्री की राह आसान नहीं दिख रही। राजेश खुल्लर की CS के पद पर नियुक्ति रोकी 18 अक्टूबर को रिटायर्ड IAS अधिकारी राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS ) के तौर पर नियुक्ति की गई थी। रात करीब 8 बजे चीफ सेक्रेटरी की तरफ से इसे लेकर ऑर्डर जारी हुए। इसमें उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक दिया गया था। हालांकि, 4 घंटे बाद ही रात करीब 12 बजे दूसरा ऑर्डर जारी हो गया। जिसमें लिखा गया कि मुख्य प्रधान सचिव की नियुक्ति के संबंध में जारी आदेश अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट के तीन सीनियर मंत्रियों ने खुल्लर की नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने खुल्लर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर विरोध जताया। उनका कहना था कि हम चुनाव जीतकर आए हैं। अधिकारी को बैठे-बिठाए ही यह दर्जा दिया जा रहा है। जिसके बाद आदेश वापस ले लिए गए। CMO से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा सरकार में होगी PMO की एंट्री:जोशी बन सकते हैं चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी रह चुके; PM मोदी की गुड लिस्ट में शामिल हरियाणा सरकार में जल्द प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की एंट्री होगी। हरियाणा कैडर के 1989 बैच के IAS ऑफिसर विवेश जोशी को प्रदेश का चीफ सेक्रेटरी (CS) बनाया जा सकता है। जोशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में आते हैं। वह राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के अलावा कई प्रमुख पदों पर रह चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा में मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में इस बार अधिकारियों की एंट्री आसान नहीं होगी। सरकार इस बार फिर से मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस पर काम करेगी। इसको देखते हुए सरकार की ओर से CMO में होने वाली नियुक्तियों के लिए एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी की अप्रूवल के बाद ही CMO में नियुक्ति की जाएगी। सरकार के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इस कमेटी में केंद्रीय नेताओं के साथ ही प्रदेश संगठन के नेताओं के अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सदस्यों को शामिल किया जाएगा। सेकेंड टर्म से पहले अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर की टीम से ही काम चलाया। इस बार कमेटी के बनने के बाद सरकार ने बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। हारे हुए नेता कर रहे CMO में आने की तैयारी CMO में फेरबदल में मुख्यमंत्री नायब सिंह के चहेते अफसरों को समायोजित किया जाएगा। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल के स्थान पर मुख्यमंत्री बनने वाले नायब सिंह सैनी ने पुरानी टीम से ही काम चलाया था। राजनीतिक सलाहकार से लेकर OSD सहित अन्य पदों पर मुख्यमंत्री नायब सैनी अपने चहेते और कुछ हारे हुए नेताओं को CMO में बुला सकते हैं। इनमें पूर्व मंत्री असीम गोयल और सुभाष सुधा के नाम भी शामिल हैं। हालांकि, अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा। मनोहर की टीम से ये नेता कर रहे लॉबिंग CMO में कुछ ऐसे पुराने चेहरे हैं, जो इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन अब फिर से आने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें OSD रह चुके जवाहर यादव, अभिमन्यु सिंह और भूपेश्वर दयाल शामिल हैं। इन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीएमओ को अलविदा कह दिया था। अब सरकार बनने के बाद फिर से ये वापसी के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि सरकार के द्वारा कमेटी बनाए जाने के बाद इन पुराने चेहरों की एंट्री की राह आसान नहीं दिख रही। राजेश खुल्लर की CS के पद पर नियुक्ति रोकी 18 अक्टूबर को रिटायर्ड IAS अधिकारी राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS ) के तौर पर नियुक्ति की गई थी। रात करीब 8 बजे चीफ सेक्रेटरी की तरफ से इसे लेकर ऑर्डर जारी हुए। इसमें उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक दिया गया था। हालांकि, 4 घंटे बाद ही रात करीब 12 बजे दूसरा ऑर्डर जारी हो गया। जिसमें लिखा गया कि मुख्य प्रधान सचिव की नियुक्ति के संबंध में जारी आदेश अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट के तीन सीनियर मंत्रियों ने खुल्लर की नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने खुल्लर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर विरोध जताया। उनका कहना था कि हम चुनाव जीतकर आए हैं। अधिकारी को बैठे-बिठाए ही यह दर्जा दिया जा रहा है। जिसके बाद आदेश वापस ले लिए गए। CMO से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा सरकार में होगी PMO की एंट्री:जोशी बन सकते हैं चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी रह चुके; PM मोदी की गुड लिस्ट में शामिल हरियाणा सरकार में जल्द प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की एंट्री होगी। हरियाणा कैडर के 1989 बैच के IAS ऑफिसर विवेश जोशी को प्रदेश का चीफ सेक्रेटरी (CS) बनाया जा सकता है। जोशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में आते हैं। वह राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के अलावा कई प्रमुख पदों पर रह चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत में पेट्रोल पंप पर 8 लाख की लूट:बदमाशों ने 2 कर्मियों समेत 3 को मारी गोली; कार में आए थे 4 युवक हरियाणा के सोनीपत में रात को बदमाशों ने एक पेट्रोल पंप से 8 लाख रुपए लूट लिए। इस दौरान बदमाशों ने पेट्रोल पंप के दो कर्मियों और एक ट्रक ड्राइवर को गोली मार दी। वारदात जीटी रोड पर टीडीआई सीटी के सामने हुई है। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पूरे क्षेत्र में नाकाबंदी की, लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस मामले में आगे की छानबीन में लगी है। जानकारी के अनुसार दिल्ली-पानीपत नेशनल हाइवे 44 पर टीडीआई के सामने गर्व पेट्रोल पंप है। बीती रात करीब 9 बजे कार में सवार होकर चार युवक यहां पहुंचे। उन्होंने अपनी कार को को पेट्रोल पंप के पास हाईवे पर ही खड़ा किया। इसके बाद वे हाथों में पिस्तौल लेकर सीधे पेट्रोल पंप के केबिन में पहुंच गए। इस दौरान केबिन में पेट्रोल पंप संचालक राकेश अंदर ही बैठा था। बदमाशों ने पिस्तौल के दम पर पैसे लूटने की कोशिश की। राकेश ने विरोध किया। इस पर उसके साथ मारपीट की गई। वर्करों के विरोध करने पर चलाई गोली बताते हैं कि इसी दौरान पेट्रोल पंप पर काम करने वाले दो वर्कर नन्हा और संजीव अंदर आ गए। उन्होंने बदमाशों को रोकने का प्रयास किया तो बदमाशों ने दोनों पर गोली चला दी। गोली दोनों के पांव में लगी है। इसके बाद बदमाश वहां रखे कैश को बैग में भर कर भागने लगे। इसी बीच तेल डलवाने के लिए पहुंचे एक ट्रक ड्राइवर ने बदमाशों का विरोध किया तो उसके पैर में गोली मार दी गई। बदमाश इसके बाद मौके से भाग गए। पूरे दिन की बिक्री के रुपए लूट कर हुए फरार राकेश ने बताया कि पंप के कर्मी नन्हा, संजीव, एक ड्राइवर को गोली लगी है। इन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल में दाखिल किया गया है। पेट्रोल पंप पर दिन भर हुई बिक्री के करीब 7 से 8 लाख वहां रखे थे। पूरी गिनती और हिसाब अभी लगाना बाकी है। बदमाश से सारे रुपए उठा ले गए। पुलिस खंगाल रही सीसीटीवी फुटेज बदमाशों के जाते ही वारदात की सूचना पुलिस को दी गई। इस बीच यहां लोगों की भीड़ लग गई। पुलिस मौके पर पहुंची और पंप पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की। बदमाशों को पकड़ने के लिए पूरे क्षेत्र में नाकाबंदी कर दी गई है। पुलिस वाहनों की जांच कर रही है। देर रात तक बदमाशों का कोई सुराग पुलिस को नहीं लगा था।
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण हरियाणा लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन 2019 के मुकाबले काफी निराशाजनक रहा। भाजपा का वोट प्रतिशत भी पिछली बार से कम हुआ। ऐसे में कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ा है। इसी को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए हरियाणा आएंगे। अमित शाह का कार्यक्रम पहले कुरुक्षेत्र में तय था, लेकिन अब वह पंचकूला आएंगे। हरियाणा भाजपा ने शाह के कार्यक्रम का विस्तार किया है। पहले कार्यक्रम में 2500 कार्यकर्ताओं को शामिल होना था, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 4500 कर दी गई है। अब मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष, मंडल महामंत्री, सभी मोर्चों के जिला पदाधिकारी, जिला पार्षद, नगर पार्षद और ब्लॉक कार्यसमिति को आमंत्रित किया गया है। कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी भाजपा के जिला अध्यक्षों को दी गई है। भाजपा ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे अमित शाह का संदेश बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बनेगी रणनीति अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनेगी। हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा आगे बढ़ेगी। इस बैठक में अमित शाह हरियाणा में कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने पर जोर देंगे। फोटो खिंचवाने वाले कार्यकर्ताओं को फील्ड में मेहनत करने की सलाह दी जाएगी और काम न करने वाले कार्यकर्ताओं को पद छोड़ने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा 2014 और 2019 की तरह इस बार भी कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ही प्रदेश भाजपा की कोर टीम के सदस्य ओपी धनखड़, सुधा यादव, कैप्टन अभिमन्यु, सुभाष बराला और रामबिलास शर्मा मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बैठक में हरियाणा के सभी मंत्री, विधायक और सांसद हिस्सा लेंगे। इतना ही नहीं इस बैठक में 2500 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। शाह के कार्यक्रम से एक दिन पहले बैठक दूसरी ओर, अमित शाह की बैठक से पहले प्रदेश भाजपा की ओर से प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में करीब 45 लोग भाग लेंगे। इस बैठक में अमित शाह के दौरे के दौरान एजेंडे तय किए जाएंगे। जिलों की क्या व्यवस्था होगी, इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी। आपको बता दें कि 2019 में जहां भाजपा ने लोकसभा में हरियाणा की 10 में से 10 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार भाजपा लोकसभा में कांग्रेस से 5 सीटें हार गई। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूत होकर उभरी है और हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस गठबंधन में रहते हुए 46 विधानसभा सीटों पर आगे निकली, जबकि भाजपा 42 विधानसभा सीटों पर आगे रही। ऐसे में इस बार भाजपा के लिए मुकाबला कड़ा है। इन वजहों से भाजपा के सामने कड़ी चुनौती 1. सत्ता विरोधी लहर: भाजपा को हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में भाजपा की सरकार 10 साल से है। हरियाणा की जनता राज्य में बदलाव चाह रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव में इसका कोई फायदा नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मोदी के नाम पर वोट जरूर मिले, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समुदाय की नाराजगी: भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समुदाय को खुश करना है। लोकसभा चुनाव में दोनों समुदायों ने एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया था। इसका नतीजा यह हुआ कि जिन विधानसभाओं में जाट समुदाय या एससी समुदाय का प्रभाव है, वहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों वर्गों को खुश करना है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना: भाजपा केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों से नाराज है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय तक आंदोलन चला था। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर बल प्रयोग किया और उनका साथ नहीं दिया। इससे किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं हरियाणा के युवा, खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा, केंद्र की अग्निवीर योजना से नाराज हैं। हरियाणा में युवा बड़े पैमाने पर सेना भर्ती की तैयारी करते हैं। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल
हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी
भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई।
हिसार में आज फिर प्रदर्शन करेंगे ऑटो व्यापारी:5 जुलाई को बाजार बंद; 9 करोड़ फिरौती का मामला, पुलिस को नहीं मिली सफलता
हिसार में आज फिर प्रदर्शन करेंगे ऑटो व्यापारी:5 जुलाई को बाजार बंद; 9 करोड़ फिरौती का मामला, पुलिस को नहीं मिली सफलता हरियाणा के हिसार में ऑटो मार्केट के 3 व्यापारियों से 9 करोड़ की रंगदारी मांगने वाले बदमाशों की गिरफ्तारी न होने से व्यापारियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। व्यापारी डर के साये में जी रहे हैं। व्यापारियों को फोन पर धमकी भरे मैसेज आ रहे हैं। इसको लेकर व्यापारी पुलिस प्रशासन और हरियाणा सरकार से नाराज हैं। हिसार के व्यापारियों ने रविवार को ऑटो मार्केट में बैठक की। बैठक की अध्यक्षता हरियाणा व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने की। इस बैठक में सभी मार्केट एसोसिएशन ने भाग लिया। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर पुलिस ने गुरुवार 4 जुलाई तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो शुक्रवार 5 जुलाई को हिसार के सभी बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे। वहीं, आज से नागोरी गेट हनुमान मंदिर के सामने 2 घंटे का धरना दिया जाएगा। इस धरने का नेतृत्व खुद व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग करेंगे। इसके अलावा सभी मार्केट एसोसिएशन के सदस्य इस धरने में भाग लेंगे। पुलिस ने धरना स्थल के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी है। पुलिस सिर्फ आश्वासन दे रही है: बजरंग दास गर्ग इस मौके पर व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि पुलिस के पास अभी गुरुवार तक का समय है। पुलिस सिर्फ आश्वासन दे रही है, व्यापारी सिर्फ आश्वासनों से शांत बैठने वाले नहीं हैं। सरकार और प्रशासन को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जब तक सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तब तक व्यापारी चुप नहीं बैठेंगे। अगर सरकार समय रहते अपराधियों को नहीं पकड़ती तो आने वाले दिनों में हम करनाल में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। जरूरत पड़ी तो प्रदेश के व्यापारियों की बैठक बुलाकर प्रदेश बंद का आह्वान भी किया जाएगा। 7 दिन बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं ऑटो मार्केट के 3 व्यापारियों से 9 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पिछले सोमवार को ऑटो मार्केट में महिंद्रा शोरूम के मालिक इनेलो नेता रामभगत गुप्ता से 5 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। अगले दिन भीम ऑटो मोबाइल्स से 2 करोड़ और गोयल तिरपाल हाउस से 2 करोड़ की फिरौती मांगी गई। अभी तक सभी मामले पुलिस के हाथ में हैं। रंगदारी मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपी गई है। उनकी टीम अपराधियों की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिया है। पुलिस ने 2 हजार सीसीटीवी खंगाले
दूसरी ओर, पुलिस टीमों को नए इनपुट मिले हैं। पुलिस टीम शहर और आसपास के इलाकों के करीब 2000 सीसीटीवी कैमरे खंगाल चुकी है। फुटेज की जांच में पता चला है कि बदमाशों ने रंगदारी के लिए सीधा रास्ता नहीं अपनाया। बदमाश ऑटो मार्केट से आसपास के इलाके में घूमने के बाद ऑटो मार्केट में दाखिल हुए। इसके बाद दो बदमाशों ने एक दुकान पर रेकी करने के बाद करीब 500 रुपए का सामान भी खरीदा। पुलिस टीमों ने उन युवकों की फुटेज भी अपने कब्जे में ले ली है। फुटेज से पता चला है कि इन वारदातों को अंजाम देने के लिए चार बाइक और दो गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था। 28 जून को ऑटो मार्केट बंद कर जताया था विरोध
अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पहले व्यापार मंडल ने पुलिस को शुक्रवार 28 जून का समय दिया था मगर पुलिस पहचान करने के बावजूद आरोपितों को नहीं पकड़ पाई थी। इसके बाद व्यापारियों ने ऑटो मार्केट और अनाज मंडी पूरी तरह बंद कर दिए थे। व्यापारियों ने सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी और अपराधियों पर शिकंजा कसने की मांग की थी। इस दौरान व्यापारियों ने ऐलान किया था कि अगर दो दिन बाद भी बदमाश नहीं पकड़े गए तो रविवार को मीटिंग बुलाएंगे। इसी को लेकर रविवार को मीटिंग बुलाई गई थी।