हरियाणा के पानीपत जिले में लगातार बच्चियां गुम हो रही है। 18 साल कम उम्र की लड़कियों के गायब होने का सिलसिला लगातार जारी है। नाबालिग के अलावा 18 साल से ऊपर की महिलाएं भी लगातार लापता हो रही है। पानीपत में लगातार गायब हो रही नाबालिग बच्चियों और बच्चों का मामला चिंताजनक तो पहले ही था, लेकिन आरटीआई से सामने आए नाबालिग और बालिग बच्चियों और महिलाओं के आंकड़े ने चिंता का सबब और बढ़ा दिया है। नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्ष समाज सेविका सविता आर्य ने ये आरटीआई लगाकर ब्योरा मांगा था। जिसमें चिंता बढ़ाने वाले आंकड़े सामने आए है। इस साल अक्टूबर माह तक जिले से कुल 1080 महिलाएं एवं किशोरियां लापता हो चुकी है। जिसमें 770 बालिग और 310 नाबालिग शामिल है। जबकि पिछले साल 2023 का आंकड़ा 1255 का है। हाल का ये मामला, बहुत डराने वाला सनौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत करीब 10 ही दिन पहले किशोरी से एक ऐसा रेप का मामला सामने आया है, जिसे सुनने के बाद मां-बाप में डर का माहौल बन गया है। इसमें एक ट्रक ड्राइवर राह चलती 12 साल की अकेली बच्ची को लिफ्ट देने के बहाने अपने ट्रक में बैठा ले गया। इसके बाद वह चार दिन तक उसे इधर-उधर घूमाता रहा। मौका लगते ही ट्रक में ही लगातार चार दिन उसके साथ दरिंदगी करता रहा, उसकी असम्मत से खेलता रहा, उसका रेप करता रहा। पांचवें दिन उसे एक ऑटो में बैठा दिया और अपने पास से भेज दिया। इससे पहले भी बच्चियों के साथ रेप-हत्याएं जैसी कई बड़ी वारदात हो चुकी है। सविता आर्य बोलीं- पुलिस जांच, कही मामला मानव तस्करी का तो नहीं नारी तू नारायणी उत्थान समिति के अध्यक्ष सविता आर्य ने बताया कि मैं पहले भी आईटीआई के माध्यम से जानकारी ली थी कि कितनी बच्चियां गायब हो रही है। कितनी बच्ची वापस आती है। बहुत सी ऐसी बच्चियों भी हैं जो आज तक नहीं मिली। वहीं उनका यह भी कहना था कि मैं पुलिस प्रशासन से ही अपील भी करूंगी किसी बात की भी जांच की जाए कि कहीं यह मानव तस्करी का मामला तो नहीं है। जिस तरीके से लड़कियां गायब हो रही है वह अपने आप में चौंकाने वाला है। DSP बोले- परिजन सही जानकारी दें डीएसपी सतीश वत्स का कहना है कि लड़कियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस पूरी तरह से सजग है। स्कूल और कॉलेजों में जाकर लड़कियों को सुरक्षा के टिप्स दिए जाते हैं। परिजनों को बताया जाता है कि लड़कियों की सुरक्षा में लापरवाही नहीं बरतें और किसी भी प्रकार की घटना होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें। पुलिस मोबाइल के आधार पर सुराग लगाती है और लापता लड़कियों का सुराग लगाकर परिजनों को सौंपती है। परिजनों को चाहिए कि वह कुछ भी छिपाए नहीं। इन मामलों में हमारा जागरूक होना बहुत जरूरी है। वही मां-बाप की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बच्चों का ध्यान रखें। हरियाणा के पानीपत जिले में लगातार बच्चियां गुम हो रही है। 18 साल कम उम्र की लड़कियों के गायब होने का सिलसिला लगातार जारी है। नाबालिग के अलावा 18 साल से ऊपर की महिलाएं भी लगातार लापता हो रही है। पानीपत में लगातार गायब हो रही नाबालिग बच्चियों और बच्चों का मामला चिंताजनक तो पहले ही था, लेकिन आरटीआई से सामने आए नाबालिग और बालिग बच्चियों और महिलाओं के आंकड़े ने चिंता का सबब और बढ़ा दिया है। नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्ष समाज सेविका सविता आर्य ने ये आरटीआई लगाकर ब्योरा मांगा था। जिसमें चिंता बढ़ाने वाले आंकड़े सामने आए है। इस साल अक्टूबर माह तक जिले से कुल 1080 महिलाएं एवं किशोरियां लापता हो चुकी है। जिसमें 770 बालिग और 310 नाबालिग शामिल है। जबकि पिछले साल 2023 का आंकड़ा 1255 का है। हाल का ये मामला, बहुत डराने वाला सनौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत करीब 10 ही दिन पहले किशोरी से एक ऐसा रेप का मामला सामने आया है, जिसे सुनने के बाद मां-बाप में डर का माहौल बन गया है। इसमें एक ट्रक ड्राइवर राह चलती 12 साल की अकेली बच्ची को लिफ्ट देने के बहाने अपने ट्रक में बैठा ले गया। इसके बाद वह चार दिन तक उसे इधर-उधर घूमाता रहा। मौका लगते ही ट्रक में ही लगातार चार दिन उसके साथ दरिंदगी करता रहा, उसकी असम्मत से खेलता रहा, उसका रेप करता रहा। पांचवें दिन उसे एक ऑटो में बैठा दिया और अपने पास से भेज दिया। इससे पहले भी बच्चियों के साथ रेप-हत्याएं जैसी कई बड़ी वारदात हो चुकी है। सविता आर्य बोलीं- पुलिस जांच, कही मामला मानव तस्करी का तो नहीं नारी तू नारायणी उत्थान समिति के अध्यक्ष सविता आर्य ने बताया कि मैं पहले भी आईटीआई के माध्यम से जानकारी ली थी कि कितनी बच्चियां गायब हो रही है। कितनी बच्ची वापस आती है। बहुत सी ऐसी बच्चियों भी हैं जो आज तक नहीं मिली। वहीं उनका यह भी कहना था कि मैं पुलिस प्रशासन से ही अपील भी करूंगी किसी बात की भी जांच की जाए कि कहीं यह मानव तस्करी का मामला तो नहीं है। जिस तरीके से लड़कियां गायब हो रही है वह अपने आप में चौंकाने वाला है। DSP बोले- परिजन सही जानकारी दें डीएसपी सतीश वत्स का कहना है कि लड़कियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस पूरी तरह से सजग है। स्कूल और कॉलेजों में जाकर लड़कियों को सुरक्षा के टिप्स दिए जाते हैं। परिजनों को बताया जाता है कि लड़कियों की सुरक्षा में लापरवाही नहीं बरतें और किसी भी प्रकार की घटना होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें। पुलिस मोबाइल के आधार पर सुराग लगाती है और लापता लड़कियों का सुराग लगाकर परिजनों को सौंपती है। परिजनों को चाहिए कि वह कुछ भी छिपाए नहीं। इन मामलों में हमारा जागरूक होना बहुत जरूरी है। वही मां-बाप की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बच्चों का ध्यान रखें। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में AAP की पहली लिस्ट, इसमें 20 उम्मीदवार:कलायत से अनुराग ढांडा को टिकट, कांग्रेस से गठबंधन नहीं हुआ
हरियाणा में AAP की पहली लिस्ट, इसमें 20 उम्मीदवार:कलायत से अनुराग ढांडा को टिकट, कांग्रेस से गठबंधन नहीं हुआ हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने सोमवार को दोपहर बाद उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 20 उम्मीदवारों के नाम हैं। आम आदमी पार्टी की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि कांग्रेस के साथ उसका कोई गठबंधन नहीं हो रहा है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर कई बैठकें हुईं। AAP ने 10 सीटें मांगी थी, लेकिन कांग्रेस ने 4+1 का ऑफर दिया था। जिस पर सहमति नहीं बनी। राज्य में 90 विधानसभा सीटों पर सिंगल फेज में 5 अक्टूबर वोट डाले जाएंगे। 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। उम्मीदवारों की लिस्ट… 10 सीटें मांग रही थी AAP
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हरियाणा कांग्रेस के कैंडिडेट को भाषण देने से रोका:मंच पर पकड़ा नेता का हाथ, बोला- तुझे वोट दिया, तूने पर्ची पर साइन नहीं किए हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास घोड़ेला को विरोध का सामना करना पड़ा। घोड़ेला गांव जुगलान में सभा को संबोधित करने गए थे। जैसे ही घोड़ेला बोलने लगे एक व्यक्ति उनके पास जा पहुंचा और कहा, ‘पिछली बार तुझे वोट दिए, तू हमारे कारण जीता, मगर जीतने के बाद तूने नौकरी के लिए पर्ची पर साइन नहीं किए’। इसके बाद कार्यक्रम में गरमा गर्मी हो गई। घोड़ेला के साथ आए उनके समर्थक नारेबाजी करने लगे। कुछ देर तक हंगामा चलता रहा, इसके बाद जब माहौल शांत हुआ तो घोड़ेला अपनी बात कहकर गांव से निकल गए। गांव जुगलान में विरोध करने वाले व्यक्ति का नाम राजकुमार जागलान है। राजकुमार जागलान का कहना है कि पिछली बार (2009 में) जब रामनिवास घोड़ेला ने चुनाव लड़ा तो उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए थे। पूरे गांव ने एक तरफा वोट दिए थे लेकिन जीतने के बाद विधायक ने गांव की तरफ देखा भी नहीं। साथ ही राजकुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि घोड़ेला ने सिर्फ अपने 5-6 समर्थकों का काम किया, बाकि किसी का कोई काम नहीं करवाया। बरवाला का बड़ा गांव हैं जुगलान
जुगलाना बरवाला के बड़े गांवों में से एक है यहां करीब 4300 वोट हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पूरा गांव घोड़ेला के विरोध में खड़ा है। 2009 में जीतकर जब वह विधायक बने थे तो उन्होंने जीतने के बाद गांव के किसी भी व्यक्ति का कोई काम नहीं करवाया। यही कारण है कि जैसे ही वो अब गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे कांग्रेसी
इस सीट से कांग्रेस की टिकट के कई दावेदार थे। यही कारण है कि कांग्रेस के कई स्थानीय नेता भी घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राजेंद्र सूरा, कृष्ण सातरोड़ और भूपेंद्र गंगवा कांग्रेस प्रत्याशी से दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में घोड़ेला के लिए चुनाव में आगे और मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राम निवास घोड़ेला पर दर्ज हुआ था केस
2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भ्याना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने सीएलयू करवाने के लिए, वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम एनजीओ को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले के बारे में एक स्टिंग आपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की थी। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एसआईटी गठित करके जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं एसआईटी के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर इन सबके खिलाफ मुकदमे स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए थे। विनोद भ्याना का पीए जेल में भी रहा और उसके खिलाफ हिसार में मुकदमा चल रहा है।
अंबाला में पिता कांग्रेस प्रत्याशी और बेटी बागी:निर्मल सिंह ने चित्रा के नामांकन से झाड़ा पल्ला, बोल- वो शादीशुदा-उसका खुद का फैसला
अंबाला में पिता कांग्रेस प्रत्याशी और बेटी बागी:निर्मल सिंह ने चित्रा के नामांकन से झाड़ा पल्ला, बोल- वो शादीशुदा-उसका खुद का फैसला हरियाणा के अंबाला में कांग्रेस नेत्री चित्रा सरवारा के आजाद नॉमिनेशन करने पर पिता निर्मल सिंह ने पल्ला झाड़ लिया है। चित्रा के पिता निर्मल सिंह को कांग्रेस ने अंबाला सिटी से टिकट दिया है, जबकि चित्रा भी टिकट के इंतजार में थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके बाद चित्रा सरवारा बगावती तेवर दिखाते हुए इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर मैदान में उतर गई, और अंबाला कैंट सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। बता दें कि बीते जनवरी माह में दोनों ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेस में वापसी कर ली थी। वहीं चित्रा के आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने पर पिता ने अपना पक्ष रखा और अपना बचाव करते हुए कहा कि उनकी बेटी शादीशुदा है और ये उसका खुद का फैसला है। ऐसे में जहां कांग्रेस ने बेटी के पिता को टिकट दिया, वहीं बेटी ने टिकट न मिलने पर तेवर तल्ख कर लिए। पिता-पुत्री की राजनीति ने अंबाला के गलियारों में हलचल मचा दी है और हर तरफ इसी की चर्चा है। 5 जनवरी को छोड़ दी थी AAP कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले निर्मल सिंह ने अपनी बेटी चित्रा के साथ कांग्रेस छोड़ने के बाद करीब 2 साल तक आम आदमी पार्टी में अपनी सेवाएं दी। लेकिन बीती 5 जनवरी को उन्होंने AAP को अलविदा कह दिया और भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के नेतृत्व में कांग्रेस जॉइन कर ली थी। AAP छोड़ने का दोनों ने निजी कारण बताया था। सूत्रों के हवाले से कारण सामने आए थे कि निर्मल सिंह ने AAP की सीनियर लीडरशिप से इसी साल होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में 2 सीटों की डिमांड की थी। वह खुद अंबाला सिटी से चुनाव लड़ना चाहते थे और बेटी चित्रा सरवारा के लिए अंबाला कैंट सीट से टिकट चाहते थे। पार्टी इसके हक में नहीं थी। AAP की सीनियर लीडरशिप चाहती थी कि निर्मल सिंह विधानसभा चुनाव की जगह लोकसभा चुनाव लड़ें। पार्टी ने उन्हें इसके लिए तैयारी करने को भी कह दिया था। नंगल की सीट से 4 बार के विधायक रहे चुके है निर्मल निर्मल सिंह कांग्रेस के टिकट पर अंबाला की नंगल सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं। निर्मल सिंह को अंबाला जिले में ‘प्रधानजी’ के नाम से बुलाया जाता है। निर्मल सिंह लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं, इसलिए उनके दिल्ली में बैठे कांग्रेस के आला नेताओं के साथ-साथ हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी अच्छे संबंध हैं। इन्हीं संबंधों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली थी। 2019 में हारे पिता-पुत्री वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर निर्मल सिंह ने बेटी चित्रा सरवारा के साथ कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बना ली और निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही हार गए। वर्ष 2022 में नई दिल्ली में खुद अरविंद केजरीवाल ने दोनों को आम आदमी पार्टी जॉइन करवाई। चित्रा को AAP ने अपनी हरियाणा इकाई का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। निर्मल सिंह की गिनती भी हरियाणा में AAP के सीनियर नेताओं में होती थी, लेकिन दोनों ने अचानक पार्टी छोड़कर सबको चौंका दिया था। इस बार कांग्रेस ने निर्मल सिंह को तो टिकट दे दिया। लेकिन चित्रा का टिकट काट दिया और चित्रा ने नाराज होकर आजाद उम्मीदवार के तौर पर ही अंबाला कैंट सीट से नामांकन भर दिया।