हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश में सहकारी विभाग में सहकारी सभाओं की मनमर्जी नहीं चलेगी। शीघ्र ही प्रदेश की सभी सहकारी सभाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। इससे प्रबंधक कमेटियों की मनमर्जी बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारी सभाओं में रिक्त चल रहे पदों को अगर किसी विशेष व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए प्रबंधक कमेटियां हीं भर रही और विभाग को इसकी जानकारी है तो विभागीय अधिकारी तथा प्रबंधक कमेटी पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभा को होने वाले नुकसान का भी दायित्व तय किया जाएगा। रिटायरमेंट के बाद नहीं कर सकेगा कोई काम उप मुख्यमंत्री, सहकारिता, परिवहन मंत्री व जल शक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मीडिया द्वारा सहकारी सभाओं की प्रबंधक कमेटियों पर पूछे गए प्रश्न पर कहा कि अब सहकारी समितियों की मनमर्जी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कुछ शिकायते मिल रही हैं कि सहकारी सभाओं के कुछ सचिव सेवानिवृत्त होने के बाद भी सभा में काम कर रहे हैं और वेतन ले रहे हैं। जिस पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच उपरांत उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभाओं को ऑनलाइन करने के लिए चार लाख रूपए दिए जा रहे हैं। इससे सभाओं में होने वाले घोटालों से भी बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र को सुदृढ़ करना सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आज सहकारी क्षेत्र ने बी एस सी नर्सिंग, लो कॉलेज भी खोले जा रहे हैं। इससे गरीब बच्चों को भी बी एस सी नर्सिंग तथा लो करने का भी मौका मिल रहा हैं। हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश में सहकारी विभाग में सहकारी सभाओं की मनमर्जी नहीं चलेगी। शीघ्र ही प्रदेश की सभी सहकारी सभाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। इससे प्रबंधक कमेटियों की मनमर्जी बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारी सभाओं में रिक्त चल रहे पदों को अगर किसी विशेष व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए प्रबंधक कमेटियां हीं भर रही और विभाग को इसकी जानकारी है तो विभागीय अधिकारी तथा प्रबंधक कमेटी पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभा को होने वाले नुकसान का भी दायित्व तय किया जाएगा। रिटायरमेंट के बाद नहीं कर सकेगा कोई काम उप मुख्यमंत्री, सहकारिता, परिवहन मंत्री व जल शक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मीडिया द्वारा सहकारी सभाओं की प्रबंधक कमेटियों पर पूछे गए प्रश्न पर कहा कि अब सहकारी समितियों की मनमर्जी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कुछ शिकायते मिल रही हैं कि सहकारी सभाओं के कुछ सचिव सेवानिवृत्त होने के बाद भी सभा में काम कर रहे हैं और वेतन ले रहे हैं। जिस पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच उपरांत उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभाओं को ऑनलाइन करने के लिए चार लाख रूपए दिए जा रहे हैं। इससे सभाओं में होने वाले घोटालों से भी बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र को सुदृढ़ करना सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आज सहकारी क्षेत्र ने बी एस सी नर्सिंग, लो कॉलेज भी खोले जा रहे हैं। इससे गरीब बच्चों को भी बी एस सी नर्सिंग तथा लो करने का भी मौका मिल रहा हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में 700 सेब के पौधे जलकर राख:पाइप वेल्डिंग करते समय लगी आग; जल शक्ति विभाग और ठेकेदार के खिलाफ FIR हिमाचल के शिमला जिला के कोटखाई में सेब के करीब 700 पौधे आग से जलकर राख हो गए। इससे बखोल तहसील के जारू गांव में चार बागवानों को लाख रुपए का नुकसान हुआ है। सेब बगीचों में आग की इस घटना के लिए जल शक्ति विभाग और ठेकेदार पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। पुलिस ने प्रभावित बागवानों की शिकायत पर FIR कर जांच तेज कर दी है। पुलिस के अनुसार, कोटखाई में हुल्ली-कुफर पेयजल स्कीम का काम चल रहा है। इसके लिए ठेकेदार की लैबर पाइप में वैल्डिंग का काम कर रही थी और बेल्डिंग करते वक्त चिनगारी भड़कने के बाद 15 जून को आग साथ लगते बगीचे में फैल गई। इससे जारू गांव निवासी बिशन सिंह के करीब 500 सेब के पौधे जलकर राख हो गए। इन बागवानों के सेब के पौधे जलकर राख बिशन सिंह के बगीचे से आग आसपास के दूसरे बागवानों के बगीचे तक फेल गई। शिकायकर्ता के अनुसार, कनालोग निवासी सुनील चौहान के 25 सेब के पौधे और 3 एंटी हेल नेट, जारू निवासी मोहन लाल सुमन के 80 पौधे, उमेश सुमन के भी 50 सेब के पौधे जल गए। फसल के साथ साथ पौधे भी राख पुलिस ने प्रभावितों की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल अभी जल शक्ति विभाग और पेयजल स्कीम बना रहे ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि सेब के पौधे इन दिनों फसल से लकदक है। ऐसे में आग से न केवल फसल तबाह हुई है बल्कि अधिकांश पौधे भी जल कर राख हुए हैं। आग की संभावना देखते हुए दो दिन पहले रोका था काम प्रभावित बागवान बिशन सिंह ने बताया कि उन्होंने आग लगने से दो दिन पहले भी बेल्डिंग का काम यह कहकर रुकवा दिया था अभी सूखे की वजह से घास व पत्तियों में आग फैल जाएगी। इसलिए काम बंद किया जाए। मगर आईपीएच की लेबर ने उनकी नहीं सुनी। इससे उनके 500 पौधे जल गए है।
दियोटसिद्ध टेंपल ट्रस्ट बकरा नीलामी मामला:मंदिर प्रशासन ने जूनियर असिस्टेंट को किया सस्पेंड; डीसी कार्यालय हमीरपुर फिक्स
दियोटसिद्ध टेंपल ट्रस्ट बकरा नीलामी मामला:मंदिर प्रशासन ने जूनियर असिस्टेंट को किया सस्पेंड; डीसी कार्यालय हमीरपुर फिक्स हमीरपुर जिले के दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में हुए बकरा नीलामी गड़बड़ मामले में मंदिर प्रशासन ने जूनियर असिस्टेंट मनोज कुमार को सस्पेंड कर दिया है। बीते रोज उनका तबादला मॉडल स्कूल चकमोह कर दिया गया था। अब सस्पेंड होने के बाद हेड क्वार्टर कमिश्नर टेंपल और डीसी हमीरपुर फिक्स किया गया है। सोमवार शाम को जारी सस्पेंशन ऑर्डर्स में बड़सर के एसडीएम और ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार गौतम ने कहा है कि मनोज बगैर इजाजत के फिक्स किए गए हेडक्वार्टर्स को नहीं छोड़ सकते। सस्पेंशन के समय उन्हें मिलने वाले भत्ते और वेतन में भी कटौती की गई है। बकरा नीलामी मामले पर ट्रस्ट प्रशासन ने बैठाई जांच गौरतलब है कि 2 दिन पहले मंदिर परिसर में हुए बकरा नीलामी मामले में गड़बड़ी की चर्चा हुई थी। जिस पर ट्रस्ट प्रशासन ने जांच बैठा दी है। इसी सिलसिले में मुख्य रूप से मनोज के खिलाफ शुरुआती कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। क्या है मामला…? दरअसल, बकरा नीलामी को लेकर जो आरोप लगे हैं। उसमें बगैर सक्षम अधिकारी की मौजूदगी के यह बोली हो गई। अहम बात यह है कि 60 हजार में यदि 35 बकरों की नीलामी की गई है तो फिर गड़बड़ी हुई कहां है? इसी की जांच होनी है। श्रद्धालुओं द्वारा छोटे-छोटे मेमने चढ़ाए जाते हैं। इस मंदिर में इनकी पूजा अर्चना होती है। लेकिन इन्हें मंदिर प्रशासन अपने पास ज्यादा दिनों तक नहीं रख सकता। इसीलिए नीलामी के जरिए इन्हें बेच दिया जाता है। इसकी परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। इसके लिए कमेटी बनी हुई है। जो रेगुलर आधार पर इनकी नीलामी करती है। अब नीलामी कमेटी की कार्रवाई में ‘खोट’ कहां निकला है? इसी की जांच बड़सर के तहसीलदार करेंगे। क्या सही मायनों में नीलामी के समय कोई चूक हुई भी है या फिर नहीं? इसका खुलासा तो जांच में ही होगा।
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हिमाचल के शिक्षा विभाग का कारनामा:B.Sc-M.Sc पास टीचर को 8450 रुपए; 10वीं पास चौकीदार को 10630 मानदेय, सोशल मीडिया पर घिरा सोशल मीडिया पर इन दिनों हिमाचल का शिक्षा विभाग खूब सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, चंबा जिला के भरमौर के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय द्वारा एक समाचार पत्र में विज्ञापन दिया गया, जिसमें एक पार्ट टाइम टीचर और एक चौकीदार के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें टीचर को 8450 रुपए मानदेय और चौकीदार को 10630 रुपए मानदेय देने की बात कही गई है। पार्ट टाइम टीचर के लिए बीएससी, एमएससी, बीएड के साथ टेट परीक्षा (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास होना अनिवार्य किया गया है, जबकि चपड़ासी के लिए 10वीं पास की शर्त लगाई है। चौकीदार को टीचर से 2180 रुपए ज्यादा मानदेय टीचर को चौकीदार की तुलना में 2180 रुपए कम मानदेय देने की बात विज्ञापन में कही गई है। इसे लेकर लोग सोशल मीडिया में शिक्षा विभाग पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। विभाग का यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग इसे बेरोजगारों के साथ मजाक बता रहे हैं। न्यूनतम मानदेय भी नहीं दिया जा रहा पार्ट टाइम टीचर के साथ साथ चौकीदार दोनों को न्यूनतम मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है। हिमाचल में न्यूनतम दिहाड़ी 400 रुपए है। इस हिसाब से कम से कम 12 हजार रुपए मानदेय अनिवार्य रूप से होना चाहिए। मगर शिक्षा विभाग के इस विज्ञापन के अनुसार, न तो टीचर और न ही चौकीदार को न्यूनतम मानदेय दिया जा रहा है। डिप्टी डायरेक्टर बोले-टीचर पार्ट टाइम, इसलिए कम मानदेय इसे लेकर चंबा के डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन पीएल चड़क ने बताया कि टीचर पार्ट टाइम है, जबकि चौकीदार फुल टाइम रखा जाना है। इसलिए टीचर का मानदेय कम है और चौकीदार का ज्यादा है। हैरानी इस बात की है कि इस साल के शुरुआत में भी सरकार ने पार्ट टाइम भर्तियों की बात कही थी। तब बेरोजगारों के विरोध के बाद सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया था। मगर अब शिक्षा विभाग का यह विज्ञापन कई सवाल खड़े कर रहा है। हिमाचल हाईकोर्ट भी कई बार ऐसी भर्तियों पर आपत्ति जता चुका है।