फसलों की एमएसपी समेत कई मुद्दों काे लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हरियाणा खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों से तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के पांच सदस्यीय डेलिगेशन ने मुलाकात की है। इन लोगों में सांसद डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, सागरिका घोष और साकेत गोखले शामिल है। इस मौके फोन पर तृणमूल की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किसानों से बातचीत की। साथ ही उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है। NDA सरकार को ध्यान देना चाहिए पार्टी ने एक बयान में कहा है कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है कि वह संघर्ष पर चल रहे किसानों के साथ हैं। वहीं, उन्होंने मांग की है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार को किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। उनका कहना है कि किसानों की मांगें जायज हैं। सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। दिल्ली जाना चाहते थे किसान पंजाब में किसानों का यह संघर्ष फसलों की एमएसपी को लेकर फरवरी से चल रहा है। किसान दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें बॉर्डर पर रोक दिया था। इसके बाद किसानों ने पक्का मोर्चा लगा दिया था। इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी। इसके बाद किसान वहीं डट गए थे। हालांकि खनौरी बॉर्डर पर ही किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी कर रही है। फसलों की एमएसपी समेत कई मुद्दों काे लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हरियाणा खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों से तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के पांच सदस्यीय डेलिगेशन ने मुलाकात की है। इन लोगों में सांसद डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, सागरिका घोष और साकेत गोखले शामिल है। इस मौके फोन पर तृणमूल की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किसानों से बातचीत की। साथ ही उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है। NDA सरकार को ध्यान देना चाहिए पार्टी ने एक बयान में कहा है कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है कि वह संघर्ष पर चल रहे किसानों के साथ हैं। वहीं, उन्होंने मांग की है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार को किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। उनका कहना है कि किसानों की मांगें जायज हैं। सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। दिल्ली जाना चाहते थे किसान पंजाब में किसानों का यह संघर्ष फसलों की एमएसपी को लेकर फरवरी से चल रहा है। किसान दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें बॉर्डर पर रोक दिया था। इसके बाद किसानों ने पक्का मोर्चा लगा दिया था। इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी। इसके बाद किसान वहीं डट गए थे। हालांकि खनौरी बॉर्डर पर ही किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी कर रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ को हिदायत:बाल संरक्षण आयोग ने जारी की एडवाइजरी, कहा-बच्चों को स्टेज पर ना बुलाएं, चंडीगढ़ में होना है शो
पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ को हिदायत:बाल संरक्षण आयोग ने जारी की एडवाइजरी, कहा-बच्चों को स्टेज पर ना बुलाएं, चंडीगढ़ में होना है शो पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ अपने दिल-लुमिनाती टूर को लेकर इन दिनों चर्चा में है। वहीं, दिलजीत के 14 दिसंबर को चंडीगढ़ में होने वाले कॉन्सर्ट से पहले ही बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एडवाइजरी जारी की है। आयोग ने कॉन्सर्ट के आयोजकों व दिलजीत को पटियाला पैग, 5 तारा ठेके और केस जैसे गाने को तोड़-मरोड़ कर भी न गाने की हिदायत दी है। साथ ही छोटे बच्चों को स्टेज पर न बुलाने की हिदायत दी है। एसोसिएट प्रोफेसर पंडितधरेनवर द्वारा यह मामला उठाया गया था। आयोग की एडवाइजरी में मुख्य रूप से तीन प्वाइंट हैं – 1. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वयस्कों को 140 db से अधिक ध्वनि दबाव स्तर के संपर्क में नहीं आना चाहिए। बच्चों के लिए यह स्तर 120 db तक कम कर दिया गया है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि लाइव शो के दौरान बच्चों को मंच पर न बुलाए। 2. आयोग ने उन्हें पटियाला पैग, 5 तारा, केस आदि गाने गाने तोड़ मरोड़ कर भी गाने से बचने की हिदायत दी है। क्योंकि उनमें शराब, ड्रग्स और हिंसा को बढ़ावा देने वाले शब्दों का इस्तेमाल किया जाता। ये गाने संवेदनशील उम्र के बच्चों को प्रभावित करते हैं। 3. आयोजकों को साफ कहा गया है कि 25 वर्ष से कम आयु के युवाओं को शराब न दी जाए, जो जेजे अधिनियम और कानून के अन्य प्रावधानों के तहत दंडनीय है। इससे पहले तेलगांना में भी जारी हुआ था नोटिस आपको बता दें कि, इससे पहले चंडीगढ़ के सहायक प्रोफेसर पंडितराव ने गायक दिलजीत दोसांझ के खिलाफ तेलंगाना सरकार का शिकायत दी थी। जिस पर जिला बाल कल्याण अधिकारी, तेलंगाना ने भी मंच पर बच्चों को न बुलाने और शराब, नशीली दवाओं और हिंसा को बढ़ावा देने वाले गाने न गाने के लिए नोटिस जारी किया था। गायक दिलजीत दोसांझ ने नोटिस का पालन किया और मंच पर बच्चों को नहीं बुलाया था, हालांकि उन्होंने शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पटियाला पेग, 5 तारा थीके और केस नामक गाने गाए थे। जिसके बाद इस बार तोड़ मरोड़कर भी न गाने के लिए कहा गया है।
लुधियाना में रेलवे स्टेशन के बाहर बवाल:सवारी बैठाने को लेकर चालकों में भिड़ंत, मुक्का लगने से ई-रिक्शा चालक की मौत
लुधियाना में रेलवे स्टेशन के बाहर बवाल:सवारी बैठाने को लेकर चालकों में भिड़ंत, मुक्का लगने से ई-रिक्शा चालक की मौत लुधियाना में आज रेलवे स्टेशन के बाहर खूब बवाल हुआ। एक ऑटो चालक और एक ई-रिक्शा चालक के बीच सवारी बैठाने को लेकर भिड़ंत हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि ऑटो चालक और ई-रिक्शा चालक से हाथापाई पर उतर आए। बीच सड़क दोनों में बहसबाजी हुई और ऑटो चालक ने उसे मुक्का मार दिया। मुक्का लगने से बुजुर्ग ई-रिक्शा चालक सड़क पर गिर गया। उसकी हालत खराब हो गई। लोगों ने उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उसने दम तोड़ दिया। घटना स्थल से मिली मरने वाला ई-रिक्शा चालक का नाम संजीव कुमार है। महिला सवारी बैठाने को लेकर हुई बहसबाजी पता चला है कि आज दो महिलाओं को ऑटो में बैठाने को लेकर ऑटो चालक प्रताप सिंह निवासी हैबोवाला और ई रिक्शा चालक संजीव कुमार के बीच बहसबाजी हुई। ऑटो चालक महिलाओं से 80 रुपए सवारी मांग रहा था जबकि संजीव 70 रुपए मांग रहा था। गुस्से में आकर ऑटो चालक ने संजीव के मुक्का जड़ दिया जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। संजीव को आसपास के लोगों ने प्राथमिक उपचार भी दिया, लेकिन उसकी हालत गंभीर बन गई। सिविल अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृतक करार दे दिया। संजीव के दो बच्चे और पत्नी है। मामला के जांच है जारी- SHO गगनदीप सिंह
उधर, इस मामले में थाना कोतवाली के एसएचओ गगनदीप सिंह ने कहा कि मामले की जांच कर रहे हैं। जल्द ऑटो चालक को पकड़ कर पूछताछ की जाएगी। घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरें भी ढूंढे जा रहे हैं। संजीव की मौत के असल कारणों का पता पोस्टमार्टम और सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद ही पता चल पाएगा।
एसजीपीसी अंतरिम कमेटी की बैठक में अहम फैसले:मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि, नारायण चौड़ा नहीं होंगे पंथ से बाहर, यूपी मामले में जांच की मांग
एसजीपीसी अंतरिम कमेटी की बैठक में अहम फैसले:मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि, नारायण चौड़ा नहीं होंगे पंथ से बाहर, यूपी मामले में जांच की मांग शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आज अमृतसर में अंतरिम कमेटी की बैठक संपन्न हुई। जिसमें सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से छेकने के निर्णय को रद्द कर दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ सभी एसजीपीसी सदस्यों ने देश के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट धामी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पंजाब के तीन युवकों को पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की कड़ी निंदा की जाती है। अंतरिम कमेटी ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। अंतरिम कमेटी ने उत्तर प्रदेश में हुई इस घटना को बेहद गंभीर और चिंताजनक बताया। बैठक में एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा गया कि यह मामला जानबूझकर छोटे उम्र के युवाओं को निशाना बनाने जैसा प्रतीत होता है। एसजीपीसी ने इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित न्याय की मांग करते हुए न्यायिक जांच कराने का आह्वान किया। पंथ से नारायण चौड़ा को बाहर करने का प्रस्ताव रद्द 9 दिसंबर को रखी गई बैठक में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फैसला लिया था कि सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले नारायण चौड़ा को पंथ से निकालने का प्रस्ताव श्री अकाल तख्त साहिब पर भेजा जाएगा। जिस पर सहमति भी बन गई थी, लेकिन एक सदस्य की तरफ से इसका विरोध कर दिया गया था। गर्म ख्याली सिख संगठन भी इस पर भड़क गए थे। जिसके बाद उस प्रस्ताव को आज रद्द कर दिया गया, जिसमें सरदार नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से बाहर करने की मांग की गई थी। यह निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया। जांच कमेटी की समय सीमा बढ़ाई गई 19 दिसंबर को हुई बैठक में जथेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से संबंधित मामलों की जांच के लिए गठित समिति की समय सीमा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक माह के लिए बढ़ा दी गई है। साथ ही, अंतरिम कमेटी ने निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की प्रतिबद्धता जताई। बैठक के दौरान भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए “मूलमंत्र” और “गुरमंत्र” का जाप किया गया। बैठक में एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार रघुजीत सिंह विरक, कनिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार बलदेव सिंह कल्याण, महासचिव सरदार शेर सिंह मंडवाला, और अंतरिम कमेटी के अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे। इनके साथ ही एसजीपीसी के विभिन्न अधिकारी, कानूनी सलाहकार और तकनीकी विशेषज्ञ भी बैठक का हिस्सा बने।