ग्रेटर नोएडा: नाली विवाद में खूनी खेल, ताबड़तोड़ फायरिंग में रिटायर्ड CISF जवान और युवक की मौत

ग्रेटर नोएडा: नाली विवाद में खूनी खेल, ताबड़तोड़ फायरिंग में रिटायर्ड CISF जवान और युवक की मौत <p style=”text-align: justify;”>ग्रेटर नोएडा के जारचा थाना क्षेत्र के सेथली गांव में नाली के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया. मामूली कहासुनी के बाद हुई फायरिंग में रिटायर्ड सीआईएसएफ कर्मी अजयपाल (55) और 22 वर्षीय युवक दीपांशु की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए, जिससे पूरे गांव में अफरा-तफरी और तनाव का माहौल बना हुआ है. गौरतलब है कि सेथली गांव में दो दिन पहले प्रिंस और दीपांशु पक्ष के बीच नाली के निर्माण को लेकर विवाद हुआ था.&nbsp;</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>क्या है पूरा मामला?</h3>
<p style=”text-align: justify;”>सोमवार (20 अक्टूबर) सुबह प्रिंस पक्ष के कुछ लोग बाहरी साथियों के साथ गांव पहुंचे और दीपांशु पक्ष पर अचानक गोलियां चला दीं. गोलियों की आवाज सुनते ही गांव में भगदड़ मच गई. इस दौरान अजयपाल, जो सीआईएसएफ से रिटायर थे, और दीपांशु को गोलियां लगीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, एक अन्य युवक घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि विवाद पहले ही थाने में बताया गया था, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>मौके पर पहुंची पुलिस&nbsp;</h3>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं तुरंत सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. जारचा थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार ने बताया कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल गांव में स्थिति नियंत्रण में है. पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. साथ ही फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दी जा रही है.</p>

छत्तीसगढ़: पूर्व सीएम भूपेश बघेल का दावा, ‘दिवाली पर बेटे से नहीं मिलने दिया’, सरकार को घेरा

छत्तीसगढ़: पूर्व सीएम भूपेश बघेल का दावा, ‘दिवाली पर बेटे से नहीं मिलने दिया’, सरकार को घेरा <p style=”text-align: justify;”>आज जहां एक तरफ पूरा दीपोत्सव के जश्न में डूबा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने बड़ा दावा किया है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि दिवाली के दिन मेरा बेटा जेल में है और मुझे मेरे बेटे से मिलने नहीं दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिवाली के मौके पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने शुभकामनाएं देते हुए लिखा, “दो दशक पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बाबूजी को जेल भेजा था. पर दीवाली के दिन उनसे मिलने की छूट मिल गई थी. <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> की कृपा से बेटा जेल में है. आज दीवाली है पर मुझे उससे मिलने की अनुमति नहीं है. बहरहाल, सबको दीवाली की शुभकामनाएं.”&nbsp;</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>’जेल में मिलने की अनुमति न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण'</h3>
<p style=”text-align: justify;”>मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, “मेरा बेटा जेल में है. जेल में भी ईद, दिवाली या होली जैसे त्योहारों पर उन्हें अपने रिश्तेदारों से मिलने की अनुमति होती है. मुझे अपने बेटे से मिलने नहीं दिया जा रहा है. अन्य कैदियों के रिश्तेदारों को भी उनसे मिलने से रोका जा रहा है… कैदियों को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति है, लेकिन छत्तीसगढ़ में नहीं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है…”</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>भूपेश के बेटे चैतन्य पर क्या हैं आरोप?</h3>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, &nbsp;छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के घर पर ईडी की रेड पड़ी. ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था. आपको बता दें कि चैतन्य बघेल कांग्रेस पार्टी से जुड़े है, लेकिन उन्होंने अभी राजनीति में कदम नहीं रखा है. हाल ही में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चैतन्य बघेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट से चैतन्य बघेल को झटका</h3>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल का एक बार फिर हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है.चैतन्य बघेल ने अदालत में याचिका लगाई थी कि ईडी की कार्रवाई और उनकी गिरफ्तारी असंवैधानिक है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए चैतन्य बघेल की याचिका खारिज कर दी.</p>

यमुनानगर में शॉर्ट सर्किट, वूल हाउस में लगी आग:लाखों रुपए का सामान जलकर राख, कई दिनों से बंद थी दुकान

यमुनानगर में शॉर्ट सर्किट, वूल हाउस में लगी आग:लाखों रुपए का सामान जलकर राख, कई दिनों से बंद थी दुकान यमुनानगर में आज दोपहर को रेलवे रोड स्थित विश्वकर्मा मोहल्ले में स्थित एक वूल हाउस शाॅप में आग लग गई। आग इतनी भयावह थी कि अंदर रखा लाखों रुपए का सामान जलकर राखा हो गया। सूचना मिलते ही डायल-112 और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद तीन गाड़ियों द्वारा आग पर काबू पाया गया। फिलहाल आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हादसे में कोई जान का नुकसान तो नहीं है, लेकिन नुकसान लाखों में हुआ है। आग की लपटों ने तीन मंजिला दुकान को अपने कब्जे में ले लिया और अंदर रखी एक-एक चीज को जला डाला। रॉड से तोड़े शटर दमकल अधिकारी जरनैल सिंह ने बताया कि उन्हें करीब 12 बजे सूचना मिली थी कि विश्वकर्मा मोहल्ले में एक वूल की दुकान में आग लग गई है। सूचना मिलते ही वह तुरंत कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे तो देखा कि दुकान के शटर बंद से और उनके नीचे से धुआं निकल रहा था। उन्होंने लोहे की रॉड के साथ दुकान के शटर तोड़े और पानी की बौछारों से आग पर काबू पाना शुरू किया। आग इतनी भयावह थी कि करीब दो घंटे तीन गाड़ियों से उस पर काबू पाया गया। दुकान में रखा सारा साामन जलकर राख हो गया है। कई दिन से बंद भी दुकान दुकानदार ने बताया कि हाल ही में उसने दुकान में सर्दियों के लिए स्टॉक भरा था। ऐसे में वह भी सारा जलकर राख हो चुका है। दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे भी जल चुके हैं। सूचना मिलते ही थाना सिटी पुलिस भी मौके पर पहुंची और लोगों को आग से दूर रहने को कहा। एएसआई अनिल कुमार ने कहा कि आग पर काबू पा लिया है, लेकिन नुकसान काफी हुआ है। आसपास के घर तुरंत खाली करवा दिए गए थे। दुकान के घर में किसी की मृत्यु हो चुकी थी इसलिए दुकान काफी दिन से बंद थी।

बिहार चुनाव: कौन हैं RJD उम्मीदवार मुकेश रोशन, जो तेज प्रताप यादव के खिलाफ महुआ से ठोकेंगे ताल

बिहार चुनाव: कौन हैं RJD उम्मीदवार मुकेश रोशन, जो तेज प्रताप यादव के खिलाफ महुआ से ठोकेंगे ताल <p style=”text-align: justify;”>बिहार चुनाव में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे महुआ विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने मौजूदा विधायक मुकेश रोशन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. फिलहाल दोनों के आमने-सामने आने के बाद यह चुनाव काफी रोमांचक हो गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में एक तरफ राजद के वर्तमान विधायक हैं, तो दूसरी तरफ राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं. इस बीच जानतें हैं तेज प्रताप के प्रतिद्वंदी मुकेश रोशन के बारे. मुकेश रोशन महुआ से राजद के मौजूदा विधाायक हैं.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>कौन हैं मुकेश रोशन?</h3>
<p style=”text-align: justify;”>महुआ से राजद उम्मीदवार मुकेश कुमार रोशन आरजेडी के सक्रिय नेता हैं. खुद को आरजेडी का सच्चा सिपाही बताते हैं. मुकेश रोशन का जन्म 12 मई 1985 को हाजीपुर (बिहार) में हुआ है. वे पेशे से दांत के डॉक्टर हैं. उन्होंने पटना के बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज एंड हॉस्पिटल से बीडीएस की डिग्री ली है. बता दें, राजनीति में आने से पहले वे एक पेशेवर डॉक्टर थे.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>2020 में पहली बार बने विधायक</h3>
<p style=”text-align: justify;”>मुकेश कुमार रोशन 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार महुआ सीट से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. 2020 के चुनाव में मुकेश रोशन को 62,580 वोट मिले थे. उन्होंने जेडीयू की प्रत्याशी आशमां परवीन को हराया था. जेडीयू की आशमां परवीन को 48,893 वोट मिले थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुकेश रोशन को 2025 के विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से फिर से आरजेडी ने उम्मीदवार बनाया है. यानी दूसरी बार आरजेडी के टिकट पर फिर से वे मैदान में हैं. इस सीट से लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने 2015 में पहली बार चुनाव लड़ा था और विधायक बने थे. 2020 में मुकेश रोशन को टिकट दे दिया गया था. 2020 में तेज प्रताप हसनपुर से चुनाव लड़े थे और जीते थे.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>मुकेश रोशन का पॉलिटिकल बैकग्राउंड&nbsp;</h3>
<p style=”text-align: justify;”>मुकेश राशन के चाचा विष्णुदेव राय आरजेडी से 2001 से 2006 तक एमएलसी रह चुके हैं. &nbsp;उनके चाचा राघोपुर से विधायकी का चुनाव लड़ते रहे हैं. 2020 में वे उपचुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन वोट कटने की आशंका के कारण लालू यादव ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया. लालू को लगा था कि 2000 के उपचुनाव में राबड़ी हार जाएंगी. यानी आरजेडी में आए तो राबड़ी के लिए सीट छोड़ी. राबड़ी उपचुनाव 2000 में राघोपुर से जीतीं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2001 में मुकेश रोशन के चाचा को लालू ने एमएलसी बना दिया. मुकेश रोशन के पिता- स्व रामदेवन राय की हत्या साल 1993 में हुई है. यह हत्या राजनीतिक रंजिश में हुई थी, ऐसा कहा गया था. कई राज नेताओं का नाम इस हत्या में आया था. इस मामले में कई लोगों को उम्र कैद की सजा भी हुई है. पिता की जब हत्या हुई तो मुकेश रोशन करीब आठ साल के थे.</p>

सीतापुर: पति के भतीजे पर फिदा हुई महिला, थाने पहुंच काटी कलाई

सीतापुर: पति के भतीजे पर फिदा हुई महिला, थाने पहुंच काटी कलाई <p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश के सीतापुर में 35 वर्षीय महिला ने संबंध जारी रखने से पति के भतीजे प्रेमी के इनकार करने के बाद यहां एक थाने के अंदर कथित तौर पर अपनी कलाई काट ली. पुलिस ने बताया कि घटना शनिवार को जिले के पिसावां थाना क्षेत्र के कुतुबनगर पुलिस चौकी पर हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि महिला पूजा मिश्रा ब्लेड लेकर चौकी पहुंची थी, जिससे उसने खुद को घायल कर लिया. उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी उसे तुरंत जिला अस्पताल ले गए और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. पुलिस के अनुसार, पूजा की वीरेंद्र से नौ साल पहले शादी हुई थी और उनके पांच व सात साल के दो बेटे हैं. उसका पति दिल्ली में काम करता है और कुछ साल पहले पति ने अपने भतीजे आलोक (23) को काम में मदद के लिए बुलाया था.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>पति को छोड़कर चली गई थी पूजा</h3>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान पूजा और आलोक के बीच संबंध बन गए. पुलिस ने कहा कि जब वीरेंद्र को इस प्रेम-प्रसंग के बारे में पता चला, तो उसने आलोक को वापस गांव भेज दिया. हालांकि, बाद में पूजा अपने पति और बच्चों को छोड़कर बरेली में आलोक के साथ रहने लगी, जहां वह ऑटोरिक्शा चलाता था.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>आलोक ने पूजा से बना ली थी दूरी</h3>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने बताया कि आलोक ने पूजा से दूरी बना ली और अपने पैतृक गांव लौट गया. इससे नाराज होकर पूजा भी सीतापुर चली गई, जहां दोनों के बीच झगड़ा हो गया और फिर उन्होंने पुलिस से शिकायत की. एसएचओ ने बताया, “पुलिस चौकी पर, जब आलोक ने रिश्ता जारी रखने से इनकार कर दिया, तो पूजा ने अचानक अपनी कलाई काट ली.”</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>महिला खतरे से बाहर</h3>
<p style=”text-align: justify;”>सीतापुर पुलिस ने एक्स हैंडल पर लिखा कि महिला खतरे से बाहर है और घटना के बाद दोनों की काउंसलिंग की गई. पुलिस ने कहा कि इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत नहीं की गई है.</p>

‘कांग्रेस ने राम के अस्तित्व को नकारा, सपा ने भक्तों पर चलवाईं गोलियां’, विपक्ष पर बरसे CM योगी

‘कांग्रेस ने राम के अस्तित्व को नकारा, सपा ने भक्तों पर चलवाईं गोलियां’, विपक्ष पर बरसे CM योगी <p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या के भव्य और दिव्य दीपोत्सव को समृद्धि और सुशासन का प्रतीक बताने के साथ पूर्ववर्ती सपा और कांग्रेस की सरकारों पर तीखी टिप्पणी की है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या को विदेशी आक्रांताओं ने अपमानित किया था, जहां जन्म लेने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के अस्तित्व को कांग्रेस की सरकारों ने नकारने का कुत्सित प्रयास किया था और सपा सरकार ने रामभक्तों को लहूलुहान करते हुए कई षड्यंत्र किए थे. आज वही अयोध्या नव्य और दिव्य होकर देश और दुनिया को आकर्षित कर रही है.&nbsp;</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>सीएम योगी ने वनवासियों के साथ मनाई दीपावली&nbsp;</h3>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम योगी सोमवार को वनटांगिया गांव जंगल तिनकोनिया नंबर तीन में वनवासियों के साथ दीपावली मनाने पहुंचे थे. उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री लगातार नौवीं बार वनटांगियों के साथ दीपपर्व की खुशियां साझा की.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अयोध्याधाम में रविवार को दीपोत्सव में नया विश्व कीर्तिमान रचने के बाद सोमवार (20 अक्टूबर) पूर्वाह्न वनटांगिया गांव तिकोनिया नंबर तीन पधारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों के लिए 49 करोड़ रुपये की लागत से 133 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सीएम योगी ने कहा कि कल अयोध्या के दीपोत्सव की भव्यता और दिव्यता देखते ही बन रही थी. व्यक्ति जब पुरुषार्थ करता है, अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करता है, पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखता है तो उल्लास और उमंग का दिव्य आयोजन ईश्वर की कृपा से आ ही जाता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि कायाकल्प और दीपोत्सव से पहचान सिर्फ अयोध्या की ही नहीं बनी है, बल्कि नव्य अयोध्या और इसका दीपोत्सव पूरे भारत की पहचान बन गई है. समाज का हर तबका यहां बिना भेदभाव आयोजन का सहभागी बनता है.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>आज की अयोध्या बांटती नहीं है बल्कि सबको जोड़ती है- योगी आदित्यनाथ</h3>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम योगी ने कहा कि आज की अयोध्या बांटती नहीं है बल्कि सबको जोड़ती है. यहां एयरपोर्ट महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है. भोजनालय माता शबरी के नाम पर और प्रमुख चौराहा प्रभु श्रीराम का भजन गाने वाली स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के नाम पर है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दक्षिण भारत के प्रमुख संतों की भी प्रतिमा अयोध्या में स्थापित कराई गई है. श्री<a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> के परिसर में वाल्मीकि जी, विश्वमित्र जी के भी मंदिर बन गए हैं. यहां शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य के नाम पर द्वार हैं.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रही अयोध्या- योगी आदित्यनाथ</h3>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रही है. यहां सूर्य के किरणों से ही बिजली दी जा रही है. अयोध्या में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का दिग्दर्शन हो रहा है. यहां का दीपोत्सव समृद्धि और सुशासन का प्रतीक बन चुका है. उन्होंने कहा कि पर्व और त्योहार का हेतु ही समाज में उमंग और उल्लास का संचार करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन मे अनुशासन और कार्य के प्रति समर्पण ही हमारी ताकत होती है. इसी के दम पर उत्तर प्रदेश ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था के नए मानक गढ़े हैं. अनुशासन और समर्पण से ही आने वाले समय में उत्तर प्रदेश और बेहतर करने में सफल होगा. उन्होंने स्वदेशी के प्रति लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमारी समृद्धि में स्वदेशी की झलक देखनी चाहिए.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>अब योजनाओं से संतृप्त हैं वनटांगिया- योगी आदित्यनाथ</h3>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम योगी ने कहा कि 1 तानिया गांव में 15 वर्ष को सुविधाओं का घोर अभाव था. न सड़क थी, न बिजली, न मकान, न स्कूल था. जबकि आज &nbsp;यहां हर व्यक्ति के पास पक्का मकान है, बच्चों के लिए स्कूल है, आंगनबाड़ी केंद्र है, बिजली है, पानी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां के लोग राशनकार्ड, आयुष्मान कार्ड, पेंशन योजनाओं के लाभ से आच्छादित हैं. वनटांगिया गांव योजनाओं और सुविधाओं से संतृप्त है. यहां की महिलाएं एफपीओ से सब्जी की खेती कर समृद्धि के मार्ग पर चल पड़ी हैं.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>सीएम योगी ने लोगों से की अपील</h3>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की कि वे अपने आसपास के उन लोगों की मदद अवश्य करें जो किन्ही कारणों से वंचित हैं या अभाव में हैं. उन्होंने कहा कि यह कोशिश होनी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति दीपपर्व के उल्लास से वंचित न रहे. हमारा प्रयास होना चाहिए दिवाली में कि हर घर में दीप जले और हर व्यक्ति तक मिठाई भी पहुंचे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कम से कम एक गरीब परिवार में दीपावली की खुशियां जरूर बांटें. उन्होंने कहा कि गरीब के घर में दीप जलाते हुए, उसे मिष्ठान और उपहार देते हुए सेल्फी लें और पूरी दुनिया को बताएं कि हम साथ साथ खुशियां बांटते हैं.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>सीएम योगी से सीख लेते हैं अन्य प्रदेशों के नेतृत्वकर्ता- डॉ. संजय निषाद</h3>
<p style=”text-align: justify;”>इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनकल्याण के कार्यों से अन्य प्रदेशों के नेतृत्व कर्ता भी सीख लेते हैं. सीएम योगी के नेतृत्व में त्योहार अब तलवार के भय से नहीं बल्कि सौहार्द और प्यार के माहौल में मनाए जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने यूपी को अपराधमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त बनाकर अर्थव्यवस्था को भी अग्रणी पंक्ति में ला दिया है. डॉ. संजय निषाद ने कहा कि जो सम्मान त्रेता में भगवान श्रीराम ने वमगमन के दौरान निषादराज को दिया था, वर्तमान दौर में वही भाव सीएम योगी भी रखते हैं.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>सीएम के हाथों मिला जिले को 49 करोड़ का दीपावली उपहार</h3>
<p style=”text-align: justify;”>वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन में वनटांगिया दीपोत्सव मनाने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों को 49 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का दीपावली उपहार भी दिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने 32 करोड़ 81 लाख 60 हजार रुपये के 128 विकास कार्यों का लोकार्पण और 16 करोड़ 80 हजार रुपये की लागत वाली 5 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया. जंगल तिकोनिया नंबर तीन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंचीय कार्यक्रम के बाद यहां वन, कृषि, उद्यान, महिला कल्याण, बाल विकास, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, बेसिक शिक्षा, पशुपालन, स्वास्थ्य, ओडीओपी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, समाज कल्याण, खादी आदि विभागों की तरफ से स्टालों के माध्यम से लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदर्शनी के जरिए लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही थी. उन्होंने स्टालों पर रुककर वहां मौजूद लोगों से जानकारी भी ली. इस दौरान उन्होंने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के स्टाल पर तीन बच्चों का अन्नप्राशन कराया और उन्हें खूब दुलारा. सीएम योगी ने तीन गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कराकर उन्हें उपहार प्रदान किए.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>सीएम ने दीप जलाकर दीपोत्सव का किया शुभारंभ</h3>
<p style=”text-align: justify;”>स्टालों का अवलोकन करने के बाद मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> गांव के भ्रमण पर निकले. वह सबसे पहले वनटांगिया समाज के मुखिया रामगणेश के घर पहुंचे. उनके घर के बाहर सजाई रंगोली के बीच दीप प्रज्वलित कर मुख्यमंत्री ने सभी गांववासियों के लिए दीपोत्सव का शुभारंभ किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;इसके बाद गांव का भ्रमण करते हुए लोगों से मिले और उनका अभिवादन स्वीकार कर उनसे संवाद भी किया. कई बच्चों संग उन्होंने ठिठोली भी की. मुख्यमंत्री ने छोटे बच्चों के साथ फोटो खिंचवाकर उन्हें और अधिक खुश कर दिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अवसर पर महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, कुशीनगर के सांसद विजय दूबे, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक श्रीराम चौहान, ग्रामीण विधायक विपिन सिंगन, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, काशी से आए जगद्गुरु स्वामी संतोषाचार्य सतुआ बाबा आदि प्रमुख रूप से मंच पर उपस्थित रहे.&nbsp;</p>

ऊना के रिहायशी इलाके में तेंदुए का आतंक, 3 घायल:ग्रामीण की आंख पर किया वार, दिवाली पर लोग घरों में कैद होने को मजबूर

ऊना के रिहायशी इलाके में तेंदुए का आतंक, 3 घायल:ग्रामीण की आंख पर किया वार, दिवाली पर लोग घरों में कैद होने को मजबूर हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हरोली उपमंडल की पालकवाह पंचायत के रिहायशी इलाके में सोमवार को एक तेंदुआ घुस आया। तेंदुए ने ग्रामीणों पर हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। घायलों में से एक व्यक्ति की आंख में गंभीर चोट लगी है, जबकि दो अन्य को मामूली चोटें आई हैं। तेंदुए के गांव में घुसने के बाद ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से उस पर हमला किया। इसके बाद तेंदुआ ग्रामीणों से बचकर जंगल की ओर भाग गया। तेंदुए के हमले में 3 घायल जानकारी के अनुसार, तेंदुआ खेतों के बीच उगी झाड़ियों में शिकार की तलाश में बैठा था। जब कुछ लोग वहां से गुजर रहे थे, तो उनकी आवाज सुनकर तेंदुआ रिहायशी इलाके की ओर भागा। इसी भागदौड़ में तीन ग्रामीण तेंदुए की चपेट में आ गए। वन विभाग से पकड़ने की अपील ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए को पकड़कर रिहायशी इलाके से दूर छोड़ने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि यह तेंदुआ पहले भी कई बार खेतों के आसपास देखा गया है। ग्रामीणों और बच्चों का खेतों की ओर आना-जाना लगा रहता है, जिससे किसी अनहोनी का खतरा बना रहता है। सोमवार को सारा दिन आसपास के गांव में लोगों में दहशत का माहौल बना रहा। हालात ऐसे हो गए कि लोगों ने न केवल अपने मवेशियों को मवेशी खानों में बंद कर दिया वही बच्चों को भी दीपावली त्योहार पर घर में दुबकने को मजबूर कर दिया।

भारतीय सेना की पहल से सीमा पर फैली ‘रौशनी’, कुपवाड़ा के गांव के 107 घरों को सौर ऊर्जा से किया जगमग

भारतीय सेना की पहल से सीमा पर फैली ‘रौशनी’, कुपवाड़ा के गांव के 107 घरों को सौर ऊर्जा से किया जगमग <p style=”text-align: justify;”>भारतीय सेना ने असीम फाउंडेशन और जम्मू-कश्मीर सरकार के सहयोग से सुदूर सीमावर्ती गांव केरन के लोगों को रोशनी परियोजना समर्पित की. कुपवाड़ा सेक्टर के सीमावर्ती गांव केरन में जहां सीमावर्ती गांवों को आत्मनिर्भर और टिकाऊ समुदायों में बदलने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस परियोजना के तहत, असीम फाउंडेशन ने भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर सरकार की मदद से 107 घरों वाले नौ समूहों को सफलतापूर्वक सौर ऊर्जा से रोशन किया और सीमा पर लगी बाड़ों के साथ-साथ ज़ीरो लाइन पर स्थित गांव को भी रोशन किया. जैसे ही रात में सौर ऊर्जा से चलने वाली रोशनियाँ गांव के घरों को रोशन करती हैं, इसकी चमक सीमा पार पाकिस्तान में रहने वाले लोगों को भी दिखाई देती है.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>हर घर को किया रोशन</h3>
<p style=”text-align: justify;”>इस परियोजना के तहत प्रत्येक घर को सौर पैनल, बैटरी, इनवर्टर, एलईडी बल्ब और पावर सॉकेट से सुसज्जित किया गया है, जिससे चौबीसों घंटे नवीकरणीय बिजली उपलब्ध हो रही है. इस पहल ने न केवल घरों को रोशन किया है, बल्कि केरन के छात्रों के सपनों को भी रोशन किया है, खासकर सर्दियों की लंबी रातों में जब बिजली कटौती के कारण अक्सर पढ़ाई प्रभावित होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सौर प्रकाश पहल के साथ-साथ, स्वच्छ ईंधन योजना के अंतर्गत 40 घरों को डबल बर्नर स्टोव, रेगुलेटर और सुरक्षा किट के साथ एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए हैं. यह कदम लकड़ी पर निर्भरता कम करता है, पर्यावरण की रक्षा करता है और स्वच्छ, धुआँ रहित खाना पकाने को बढ़ावा देकर परिवारों के स्वास्थ्य में सुधार करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>और कहानी यहीं समाप्त नहीं होती क्योंकि इस पहल का उद्देश्य देश की पहली रक्षा पंक्ति के रूप में कार्य करने वाले सीमा पर तैनात ग्रामीणों के जीवन को पूरी तरह से बदलना है.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>स्वच्छ जल पहल भी की शुरू</h3>
<p style=”text-align: justify;”>सीमावर्ती गांवों के परिवर्तन कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, स्वच्छ जल पहल भी शुरू की गई है जिसके माध्यम से भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के सहयोग से 2000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला जल निस्पंदन संयंत्र भी स्थापित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह संयंत्र दोहरे भंडारण टैंकों द्वारा समर्थित है जो निर्बाध आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे और सुरक्षित एवं शुद्ध पेयजल सुनिश्चित करेंगे, जो इस सीमावर्ती गांव के निवासियों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित वरदान है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुरक्षा और सुंदरता को और बढ़ाने के लिए, भारतीय सेना ने 90 लाइटों की एक सौर ऊर्जा चालित स्ट्रीट लाइट प्रणाली भी स्थापित की है, जिन्हें ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किशनगंगा नदी के किनारे स्थापित की गई है. ये लाइटें अब केरन के रास्तों को रोशन कर रही हैं, इसके आकर्षण को बढ़ा रही हैं और सुरम्य घाटी में इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही हैं.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>स्थानीय नेता ने सेना का जताया आभार&nbsp;</h3>
<p style=”text-align: justify;”>एक स्थानीय समुदाय के नेता ने हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम अपने सुदूर गांव में प्रकाश, आशा और विकास लाने के लिए भारतीय सेना और असीम फाउंडेशन के बहुत आभारी हैं. प्रोजेक्ट रोशनी ने हमें दिखाया है कि दूर-दराज के कोनों में भी प्रगति की किरणें दिखाई दे सकती हैं.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिवाली की पूर्व संध्या पर एक भव्य समारोह में यह पूरी परियोजना लोगों के नाम समर्पित की गई है. इस समारोह में असीम फाउंडेशन के अध्यक्ष और 268 इन्फैंट्री ब्रिगेड के कमांडर सहित वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और नागरिक-सैन्य सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के साझा दृष्टिकोण की पुष्टि की.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>विकास के तीन स्तंभों को समाहित करती है परियोजना</h3>
<p style=”text-align: justify;”>6 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन / 268 इन्फैंट्री ब्रिगेड / 28 इन्फैंट्री डिवीजन के तत्वावधान में कार्यान्वित यह परियोजना विकास के तीन स्तंभों – स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ ईंधन और स्वच्छ जल – को समाहित करती है, जो केरन के लोगों के लिए एक नई सुबह का प्रतीक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रोशनी परियोजना न केवल एक विकास पहल है, बल्कि आशा की किरण भी है- यह भारत की अपने सीमावर्ती गांवों को सशक्त बनाने, स्थिरता को बढ़ावा देने और हर घर को प्रगति और गौरव के प्रकाश से रोशन करने की प्रतिबद्धता का एक जीवंत प्रमाण है.</p>

हिमाचल में हर्षोल्लास से मनाई जा रही दिवाली:8 से 10 बजे के बीच जलाए जाएंगे पटाखे; सीएम ने बालिका आश्रम में मनाया त्योहार

हिमाचल में हर्षोल्लास से मनाई जा रही दिवाली:8 से 10 बजे के बीच जलाए जाएंगे पटाखे; सीएम ने बालिका आश्रम में मनाया त्योहार हिमाचल में दिवाली को हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। लोगों ने बाजारों में जमकर पटाखों और मिठाइयों की खरीददारी की। एक दूसरे को दिवाली पर मिठाइयां बांट कर दीपो के इस पर्व की बधाईयां दी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भी प्रदेशवासियों को दिवाली के इस पर्व की शुभकामनाएं दी है। सीएम सुक्खू ने शिमला के समीप बालिका आश्रम का दौरा कर वहां रह रहे बच्चों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने आश्रम की बालिकाओं को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दीं और उनके सुखमय एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सीएम बोले- 27 साल तक सरकार पढ़ाई का पूरा खर्च उठा रही सीएम ने बालिकाओं को मिठाई और उपहार भी वितरित किए। इस दौरान सीएम ने कहा- प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों की शिक्षा एवं देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत 27 वर्ष की आयु पूरा होने तक इन बच्चों की पढ़ाई समेत अन्य सभी खर्च को एक अभिभावक के रूप में सरकार पूरा कर रही है। रात 8 से 10 बजे के बीच जलेंगे पटाखे प्रदेश में लोग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन के आदेशों की अनुपालना कर रहे हैं। प्रदूषण की समस्या को देखते हुए एनवायरमेंट, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने दिन में पटाखे नहीं जलाने के निर्देश दे रखे हैं। प्रदेश में रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के साल 2019 के आदेशानुसार, शाम 8 बजे से पहले और रात 10 बजे के बाद पटाखे जलाने की अनुमति नहीं है। डीसी शिमला ने सुरक्षित दिवाली मनाने की अपील की डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने लोगों से सुरक्षित दिवाली मनाने, प्रशासन द्वारा जारी आदेशों की अनुपालना और ग्रीन पटाखे ही इस्तेमाल करने की अपील की है।

अमृतसर में बेटे-बहू ने बुजुर्ग को त्यागा:बेटियों ने की बीमार पिता की सेवा, अंतिम संस्कार में भी नहीं आया बेटा तो मुखाग्नि भी दी

अमृतसर में बेटे-बहू ने बुजुर्ग को त्यागा:बेटियों ने की बीमार पिता की सेवा, अंतिम संस्कार में भी नहीं आया बेटा तो मुखाग्नि भी दी रिश्तों की संवेदनशीलता और पारिवारिक जिम्मेदारियों पर सवाल उठाता हुआ एक मार्मिक मामला अमृतसर के कोट खालसा से सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग पिता को उनके ही बेटे और बहू ने करीब डेढ़ साल पहले घर से निकाल दिया था। तब बेटियों ने पिता की सेवा की। अंतिम संस्कार में बेटे की गैरहाजिरी में धार्मिक क्रिया भी बेटियों ने निभाई। यह घटना कोट खालसा में एक बुजुर्ग की है, जिसने अपना पूरा जीवन लगाकर बेटे-बेटियों को अपने पैरों पर खड़ा किया। बीमारी और अकेलेपन में जीवन गुजारने के बाद जब उनका निधन हुआ तो बेटे की गैरहाजिरी में दो बेटियों ने अपने पिता को अंतिम विदाई दी और चिता को अग्नि दी। यह दृश्य समाज की पारंपरिक मान्यताओं से अलग था, लेकिन साथ ही एक गहरी पीड़ा और जिम्मेदार रिश्तों की अनदेखी की गवाही भी दे रहा था। लंबे समय से बीमार थे पिता बताया गया कि बुजुर्ग की पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी थी। वह लंबे समय से बीमार थे। बेटियों और लोगों की मानें तो बेटा और बहू पिता की कोई सेवा नहीं करते थे। इतना ही नहीं, बेटियां जब जाती थीं, उनसे ठीक व्यवहार नहीं करते थे। करीब डेढ़ साल पहले जब पिता की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो दोनों ने उन्हें घर से निकाल दिया। ऐसे में बेटियां सहारा बनीं और उन्हें अपने पास रखा। बेटियों ने निभाया अंतिम फर्ज मृतक की बेटी वीणा ने बताया, “हमने डेढ़ साल तक पिता की सेवा की। वे रोज अपने बेटे को याद करते थे। कई बार फोन किया, लेकिन भाई ने एक बार भी हाल नहीं पूछा, न ही कोई जवाब दिया।” वीणा के अनुसार, “जब भी हम बहनें पिता से मिलने उनके घर जातीं, हमारी भाभी हमें दरवाजे से ही टका सा जवाब दे देती थीं, घर के अंदर तक नहीं आने देती थीं।” भाभी घर के अंदर तक नहीं आने देती थीं “अब जब वो दुनिया से चले गए, तो हमने ही उन्हें अग्नि दी, यही हमारा धर्म था।” दूसरी बेटी संगीता ने भी कहा कि पिता ने जीवन भर अपने बेटे के लिए सब कुछ किया, लेकिन अंत में बेटियां ही उनके साथ खड़ी रहीं। भाई ने कभी पिता की हालचाल तक नहीं पूछी। बेटा न फोन पर आया, न अंतिम संस्कार में स्थानीय निवासियों ने बताया कि बुजुर्ग व्यक्ति की तबीयत लंबे समय से खराब चल रही थी, लेकिन बेटे ने न तो उन्हें घर में रखा और न ही एक बार हाल चाल लेने आया। परिजनों के अनुसार, मृतक ने कई बार बेटे से संपर्क करने की कोशिश की, पर हर बार निराशा ही हाथ लगी। समाज के लिए चेतावनी बेटी ने कहा, “यह मामला केवल एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक गहरी चेतावनी भी है कि कैसे आधुनिक जीवनशैली और पारिवारिक कलह की वजह से बुजुर्ग उपेक्षित हो रहे हैं।” परंपरा के अनुसार बेटा अंतिम संस्कार करता है, लेकिन यहां बेटियों ने वो अधिकार निभाया जिसे निभाना उनका कर्तव्य भी था और प्यार भी। स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया स्थानीय निवासी हरभजन सिंह ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि बेटियां वो काम करेंगी जो बेटे को करना चाहिए था। यह समाज के लिए शर्म की बात है कि बुजुर्ग को उनके अपने ही बेटा बेसहारा छोड़ दें।”