हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही 21 घंटे चली:अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया बोले- सरकार ने दिए 243 प्रश्नों के उत्तर, 1020 बच्चों के मिले आवेदन हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि हिमाचल की चौदहवीं विधानसभा का सातवां सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर को शुरू हुआ और 21 दिसंबर को समाप्त हुआ। इस सत्र में कुल चार बैठकों का आयोजन किया गया, जिनकी कार्यवाही लगभग 21 घंटे 20 मिनट तक चली। मीडिया से बात करते हुए विधानसभ अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि, सत्ता पक्ष ने 9 घंटे 30 मिनट और विपक्ष ने 8 घंटे 30 मिनट तक सार्थक चर्चा की। पठानिया ने बताया कि 20 दिसंबर को गैर-सरकारी सदस्य कार्य दिवस के रूप में निर्धारित किया गया था, जिसमें नियम 101 के तहत तीन गैर-सरकारी संकल्प प्रस्तुत किए गए। इनमें से एक संकल्प वापस लिया गया, एक संकल्प पर चर्चा आगामी सत्र में की जाएगी और एक संकल्प पर समय की कमी के कारण चर्चा नहीं हो सकी। राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन का शुभारंभ उन्होंने बताया कि, इस सत्र के दौरान राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) का शुभारंभ किया गया, जिसका दूरगामी प्रभाव होगा। इसके अलावा, ऐतिहासिक शून्य काल की भी शुरुआत हुई, जिसमें पहला प्रश्न लाहौल-स्पीति की महिला विधायक अनुराधा राणा द्वारा पूछा गया। शून्य काल में कुल 26 विषयों को उजागर किया गया। सत्र के दौरान कुल 188 तारांकित और 55 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए। नियम 61 के तहत दो, नियम 62 के तहत तीन विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई और सदस्यों ने बहुमूल्य सुझाव दिए। नियम 102 के तहत एक सरकारी संकल्प को पारित किया गया और नियम 130 के तहत दो विषयों पर सार्थक चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त, 14 सरकारी विधेयकों को भी पारित किया गया। विशेष उल्लेख के माध्यम से छह विषय सभा में उठाए गए और सरकार ने सदस्यों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। सभा की समितियों के 26 प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किए गए। इस कैलेंडर वर्ष में कुल 27 बैठकें आयोजित की गईं। पिछले सत्र में 11 बैठकों का आयोजन हुआ था, जिनकी कार्यवाही 53 घंटे चली थी और उत्पादकता 96 प्रतिशत रही थी। बच्चों ने देखी कार्यवाही शीतकालीन सत्र को देखने के लिए 1020 बच्चों ने आवेदन किया था, जिन्हें पास जारी कर कार्यवाही देखने का अवसर प्रदान किया गया। विधानसभा सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही को सौहार्दपूर्ण वातावरण में संचालित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने अपने भरसक प्रयास किए। उन्होंने सदन के नेता, माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकी। इसके साथ ही, उन्होंने माननीय उपमुख्यमंत्री और संसदीय कार्यमंत्री का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने सदन में दोनों पक्षों के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखा।