चिंतपूर्णी शक्तिपीठ में सुगमता से होंगे दर्शन:सुगम दर्शन पर्ची पर लगेगा शुल्क, सीनियर सिटीजन को मिलेगी छूट

चिंतपूर्णी शक्तिपीठ में सुगमता से होंगे दर्शन:सुगम दर्शन पर्ची पर लगेगा शुल्क, सीनियर सिटीजन को मिलेगी छूट हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित विश्वविख्यात शक्तिपीठ माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सकेंगे। चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट ने सुगम दर्शन प्रणाली के तहत शुल्क निर्धारित किया है। अब सुगम दर्शन पर्ची के तहत प्रत्येक व्यक्ति के लिए 300 रुपए शुल्क देना होगा। इसके जरिए श्रद्धालुओं को मंदिर में आसानी से प्रवेश और दर्शन की सुविधा मिल सकेगी। वहीं, 65 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के श्रद्धालुओं को प्रति व्यक्ति 100 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। जिससे वरिष्ठ नागरिकों को भी दर्शन में आसानी रहेगी। इस संबंध में डीसी एवं मंदिर आयुक्त जतिन लाल ने श्रद्धालुओं को बेहतर दर्शन सुविधा प्रदान करने के लिए सुगम दर्शन प्रणाली के सुचारू संचालन की समीक्षा की। उन्होंने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं तथा व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। मंदिर परिसर में लगेंगी एलईडी स्क्रीन डीसी ने बताया कि माता श्री चिंतपूर्णी के ऑनलाइन दर्शन के लिए अंब और चिंतपूर्णी में एलईडी स्क्रीनें लगाई जाएंगी। जिससे श्रद्धालुओं को दूर से ही दर्शन का अनुभव हो सके। साथ ही मंदिर के आसपास की पंचायतों में 20 नई स्ट्रीट लाइटें भी लगाई जाएंगी। जिससे क्षेत्र में रोशनी और सुरक्षा की व्यवस्था बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी यात्री भवन को लीज पर दिया जाएगा। उन्होंने इस यात्री भवन को लीज आउट करने के लिए जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। 60 से ऊपर के लोगों के लिए 100 रुपए डीसी ने कहा कि मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन को और अधिक सुगम बनाने के उद्देश्य से सुगम दर्शन पर्ची के तहत प्रत्येक व्यक्ति के लिए 300 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। इससे श्रद्धालुओं को आसानी से मंदिर में प्रवेश और दर्शन की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही 65 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के श्रद्धालुओं के लिए शुल्क को 100 रुपए प्रति व्यक्ति तय किया गया है, ताकि वरिष्ठ नागरिकों को भी दर्शन में कोई कठिनाई न हो।

हिमाचल: CPS केस में कांग्रेस-BJP के मूव पर सबकी नजरें:ECI से विधायकी खत्म करने की मांग कर सकती है BJP; कांग्रेस सरकार SC जाएगी

हिमाचल: CPS केस में कांग्रेस-BJP के मूव पर सबकी नजरें:ECI से विधायकी खत्म करने की मांग कर सकती है BJP; कांग्रेस सरकार SC जाएगी हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा छह मुख्य संसदीय सचिव (CPS) की नियुक्ति रद्द करने के बाद अब सबकी नजरें कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के अगले मूव पर है। कांग्रेस सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। मगर बीजेपी ने अभी पत्ते नहीं खोले। मगर कानूनी पहलुओं पर विचार करने में जरूर जुट गई है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी जल्द राज्यपाल से मिलकर CPS बनाए गए छह विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग कर सकती हैं। राज्यपाल के माध्यम से सदस्यता रद्द करने के लिए इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को लिखा जा सकता है। अब तक CPS बनाए गए इन विधायकों को हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट, 2006 की प्रोटेक्शन मिली हुई थी। मगर बीते कल हाईकोर्ट ने इस एक्ट को ही गैर कानूनी व असंवैधानिक करार दिया है। ऐसे में भाजपा, CPS को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का पद बताते हुए सदस्यता रद्द करने की मांग कर सकती है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सीपीएस के पद पर नियुक्त किए गए सभी विधानसभा सदस्यों की सदस्यता भी रद्द की जानी चाहिए। बीजेपी के एडवोकेट ने दिए संकेत हाईकोर्ट में बीजेपी विधायकों की ओर से इस केस की पैरवी करने वाले एडवोकेट वीर बहादुर ने इसके संकेत दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी की लीगल टीम सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। इस स्टेज पर इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा ज सकता। कांग्रेस सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएंगी वहीं कांग्रेस सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के दावे कर रही है। हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रतन ने कहा कि सरकार से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के आदेश मिल गए है। जल्द हाईकोर्ट के आदेशों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल हाईकोर्ट ने बिमलोंशू राय बनाम आसाम के केस को आधार बनाते हुए फैसला सुनाया है, जबकि हिमाचल और आसाम का CPS एक्ट अलग था। राज्य सरकार ने इसे लेकर अदालत में दलीलें दी। मगर जजमेंट के वक्त उन दलीलों का ज्यादा ध्यान में नहीं रखा गया। किसी भी लाभ के पद पर नहीं बैठ सकता कोई भी विधायक दरअसल, कोई भी विधायक लाभ के पद पर नहीं बैठ सकता है। मगर हाईकोर्ट के आदेशानुसार, सीपीएस बनाए गए छह विधायक मंत्री के समान सुख-सुविधाएं ले रहे थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के 6 विधायकों को CPS बनाया था। जिसके बाद कल्पना नाम की एक महिला के अलावा BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लगभग डेढ़ साल तक यह मामला कोर्ट में चला। अब जाकर हाईकोर्ट का फैसला आया है। यह सुक्खू सरकार के झटका माना जा रहा है। सरकार ने इन्हें लगा रखा था CPS जिन 6 विधायकों को सरकार ने CPS बनाया था, उनमें रोहड़ू के MLA एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, ​दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल शामिल हैं। मंत्रियों की लिमिट तय, इसलिए विधायकों का एडजस्टमेंट भारतीय संविधान के अनुच्छेद-164 में किए गए संशोधन के मुताबिक किसी राज्य में उसके विधायकों की कुल संख्या के 15% से अधिक मंत्री नहीं हो सकते हैं। हिमाचल मे 68 MLA हैं, इसलिए यहां अधिकतम 12 मंत्री ही बन सकते हैं। भाजपा का आरोप है कि जो विधायक मंत्री नहीं बन पाए, उन्हें एडजस्ट करने के लिए CPS नियुक्त कर सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ डाला गया। 2. हर महीने 2.20 लाख रुपए वेतन-भत्ते याचिका में आरोप लगाया कि CPS बनाए गए सभी 6 कांग्रेसी विधायक लाभ के पदों पर तैनात हैं। इन्हें हर महीने 2 लाख 20 हजार रुपए वेतन और भत्ते के रूप में मिलते हैं। ये विधायक राज्य के मंत्रियों के बराबर वेतन और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।

मंडी के 35 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर चयनित:विभिन्न राज्यों में आयोजित खेलों में होंगे शामिल; प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने किया सम्मानित

मंडी के 35 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर चयनित:विभिन्न राज्यों में आयोजित खेलों में होंगे शामिल; प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने किया सम्मानित मंडी से इस बार अंडर-14 आयु वर्ग में 35 खिलाडी राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित किए गए हैं। यह सभी खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में दमखम दिखाएंगे। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व इनके सम्मान के लिए एक समारोह प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक कार्यालय मंडी में आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक विजय गुप्ता ने की और सभी चयनित खिलाडियों को हार पहनाकर और उनको स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर सभी खिलाडियों को उन्होंने बधाई दी और संबोधित किया। मंडी को एक नई पहचान दिलाएंगे खिलाड़ी- गुप्ता उन्होंने खिलाड़ियों में एक नया जोश पैदा किया कि वह राष्ट्रीय स्तर पर भी मंडी को एक नई पहचान दिलाएंगे। इस मौके पर खिलाड़ियों को तैयार करने वाले शिक्षकों को भी उन्होंने बधाई दी और कहा कि यह शिक्षकों की मेहनत का ही फल है कि जो इस तरह से हीरों की परख करके उनको तराश रहे है। कार्यक्रम ये रहे मौजूद इस मौके पर विभिन्न स्कूलों से आए हुए शिक्षक, जिला खेल प्रभारी प्राथमिक शिक्षा प्रवीण, प्रधानाचार्य कन्या स्कूल जोगिंद्रनगर डॉ सुनील ठाकुर के अलावा उपनिदेशक कार्यालय का पूरा स्टाफ व पेरेंट्स मौजूद रहे।

हिमाचल के वीरेंद्र करेंगे इंडियन टीम की अगुवाई:अपंगता के बावजूद दो दशकों से खेल रहे क्रिकेट, दिल्ली में होगी स्पर्धा

हिमाचल के वीरेंद्र करेंगे इंडियन टीम की अगुवाई:अपंगता के बावजूद दो दशकों से खेल रहे क्रिकेट, दिल्ली में होगी स्पर्धा भारत्तीय क्रिकेट बोर्ड कंट्रोल ( BCCI) समर्थित इडियन डीफ क्रिकेट एसोसिएशन (आडीडीसीए) द्वारा 1 से 8 दिसंबर तक दिल्ली में भारत और श्रीलंका के बीच आयोजित होने वाली द्विपक्षीय एक दिवसीय क्रिकेट सीरीज में मेजबान टीम की कप्तानी हिमाचल प्रदेश के वीरेंद्र सिंह करेंगे। इस सीरीज में पांच एक दिवसीय मैच खेले जाएंगे। इसकी जानकारी आईडीसीए के अध्यक्ष सुमित जैन ने एक सर्कुलर के माध्यम से दी। उना के वीरें सिंह अपनी अपंगता के बावजूद गत दो दशकों से नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर क्रिकेट खेल रहे हैं। अपने क्रिकेट करियर में वे डीफ वर्ल्ड कप, एशिया कप,डीफ आईसीसी टी20 वल्र्ड कप और कई द्विपक्षीय सीरीज सहित देश के लिए 32 एक दिवसीय और 49 टी-20 मैच खेल चुके हैं जिसमें 29 बार मैन आफ दी मैच से पुरस्कृत किए जा चुके हैं। वीरेंद्र ने इसी वर्ष इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा इंग्लैंड में आयोजित द्विपक्षीय सीरीज में भारत को जीत दिलाई थी। बीसीसीआई और आईसीसी द्वारा प्रोत्साहित आईडीसीए देश में मूक और बधिरों में क्रिकेट को बढ़ावा दे रही है। संघ इन स्पेशल प्लेयर्स को टेनिंग और कोचिंग प्रदान करवा उन्हें नेशनल और इंटरनेशनल स्तर के आयोजन में भाग लेने के लिए तैयार करता है।

शिमला में महिला पर्यटक की मौत:मनाली से आई थी एक दिन पहले, होटल के बाथरूम में आया चक्कर

शिमला में महिला पर्यटक की मौत:मनाली से आई थी एक दिन पहले, होटल के बाथरूम में आया चक्कर शिमला में महिला पर्यटक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। महिला गुजरात की रहने वाली थी। सूचना के अनुसार, महिला को शिमला के एक निजी होटल में अचानक चक्कर आया और वो होटल में ही चक्कर खाकर गिरी गई थी। इसके बाद होटल प्रबंधन व उनके पर्यटक के साथियों इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस की सहायता से उसे आइजीएमसी अस्पताल ले गए। यहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुजरात की जोल पटेल निवासी स्वामी नारायास स्ट्रीट अप स्टेट गांधारी तालुक चरण जिला वडोदरा गुजरात अपनी 2 अन्य दोस्तों के साथ हिमाचल घूमने आई थी। मनाली से घूमने के बाद मंगलवार रात को वह शिमला पहुंची और शिमला के कच्ची घाटी में एक निजी होटल में रूकी। रात को देरी से पहुंचने पर सो गई और सुबह बाथरूम में चक्कर खाकर जोल पटेल गिर पड़ी। इसके बाद उसकी दोस्तों ने उसे आईजीएमसी अस्पताल ले जाने में पुलिस की मदद ली। आइजीएमसी ने डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला की उम्र 26 वर्ष बताई जा रही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

महाराष्ट्र में हिमाचल सरकार पर बिंदल का जुबानी हमला:बोले-कांग्रेस ने दी झूठी गारंटी, महाराष्ट्र की जनता इनके झांसे में न आए

महाराष्ट्र में हिमाचल सरकार पर बिंदल का जुबानी हमला:बोले-कांग्रेस ने दी झूठी गारंटी, महाराष्ट्र की जनता इनके झांसे में न आए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने बुधवार को नागपुर में हिमाचल सरकार पर निशाना साधा। बिंदल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस ने 2022 में हिमाचल विधानसभा चुनाव में जनता को गारंटियां दी। जनता ने कांग्रेस के लोक लुभावने वादों में आकर कांग्रेस को सत्ता में बैठाया। मगर आज तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया। बिंदल ने कहा कांग्रेस ने वोट लेने के लिए झूठी गारंटी दी। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने 18 साल से अधिक आयु की 28 लाख महिलाओं को 1500-1500 रुपए देने का बहनों से वादा किया। इसे आज तक पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने हर साल एक लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता हासिल की। इस वादे को भी पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा किसानों से किया गया 80 और 100 रुपए में दूध खरीद और गोबर लेने का वादा भी अधूरा है। 300 यूनिट दूर, पूर्व सरकार द्वारा दी जा रही मुफ्त बिजली भी बंद बिंदल ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 300 यूनिट बिजली मुफ्त बिजली देने का वादा किया था। 300 यूनिट तो दूर है, पूर्व सरकार द्वारा निशुल्क दी जा रही बिजली भी बंद कर दी गई। प्रदेश में पूर्व सरकार द्वारा खोले गए संस्थान बंद किए गए। इसके विपरीत बिजली, डीजल और पानी को महंगा किया गया। महाराष्ट्र की जनता कांग्रेस के धोखे में न आए- बिंदल राजीव बिंदल ने महाराष्ट्र की जनता से अपील की कि कांग्रेस के झांसे में न आए और भाजपा को अपना आशीर्वाद देकर जिताएगी। हाईकमान ने महाराष्ट्र बुलाए हिमाचल के नेता बता दें कि बीजेपी हाईकमान ने हिमाचल सरकार पर हमला बोलने के लिए प्रदेश के बीजेपी नेताओं को महाराष्ट्र बुलाया है। बीते दिन (मंगलवार) अनुराग ठाकुर ने मुंबई में हिमाचल सरकार पर हमला बोला और अगले कल नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

चंबा में युवती ने रावी नदी में कूदकर की आत्महत्या:BA प्रथम वर्ष में फेल होने परेशान थी; सर्च ऑपरेशन चलाकर बरामद किया शव

चंबा में युवती ने रावी नदी में कूदकर की आत्महत्या:BA प्रथम वर्ष में फेल होने परेशान थी; सर्च ऑपरेशन चलाकर बरामद किया शव चंबा जिले साथ लगते तडोली में रावी नदी में कूद आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नदी से बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि बीए प्रथम वर्ष में असफल रहने के बाद से युवती मानसिक रूप से परेशान थी। मृतक युवती की पहचान 20 वर्षीय रिया निवासी भरियां डाकघर कपाहड़ा जिला चंबा के तौर पर हुई। जाे बुधवार सुबह 11 से 12 बजे के बीच परेल पुल के पास आई और वहां से रावी नदी में कूद गई। बीए प्रथम वर्ष में असफल हो गई थी युवती सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और युवती की तलाश के लिए नदी किनारे सर्च ऑपरेशन चलाया। पुल से कुछ दूरी पर ही युवती का शव नदी से बरामद कर लिया। पुलिस ने घर वालों के बयान दर्ज किए। जिसमें उन्होंने बताया कि रिया बीए प्रथम वर्ष में असफल रहने के बाद से मानसिक रूप से परेशान थी। जिसके चलते उसने यह कदम उठाया।

हिमाचल हाईकोर्ट CPS केस में आज सुना सकता है फैसला:6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला; 3 याचिकाएं डालकर दी चुनौती

हिमाचल हाईकोर्ट CPS केस में आज सुना सकता है फैसला:6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला; 3 याचिकाएं डालकर दी चुनौती हिमाचल हाईकोर्ट आज (बुधवार को) मुख्य संसदीय सचिव (CPS) केस में अपना फैसला सुना सकता है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की बैंच आज अपना फैसला सुना सकती है। बता दें कि, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के 6 विधायकों को CPS बना रखा है। कल्पना नाम की एक महिला के अलावा राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। इस केस की सुनवाई जून को पूरी हो गई है। तब अदालत ने फैसला सुरक्षित रख दिया था। इनकी याचिका पर हाईकोर्ट बीते जनवरी महीने में CPS द्वारा मंत्रियों जैसी शक्तियों का उपयोग न करने के अंतरिम आदेश सुना चुका है। इसी मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट (SC) का भी दरवाजा खटखटा चुकी है और दूसरे राज्यों के SC में चल रहे CPS केस के साथ क्लब करने का आग्रह कर चुकी है। मगर, SC ने राज्य सरकार के आग्रह को ठुकराते हुए हाईकोर्ट में ही केस सुनने के आदेश दिए हैं। ये कांग्रेसी विधायक बनाए गए CPS CM सुक्खू ने कांग्रेस पार्टी के जिन 6 विधायकों को CPS बना रखा है, उनमें रोहड़ू के MLA एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, ​दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल शामिल हैं। सरकार इन्हें गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ और मंत्रियों के समान वेतन दे रही है। मंत्रियों की लिमिट तय, इसलिए विधायकों का एडजस्टमेंट भारतीय संविधान के अनुच्छेद-164 में किए गए संशोधन के मुताबिक, किसी राज्य में उसके विधायकों की कुल संख्या के 15% से अधिक मंत्री नहीं हो सकती। हिमाचल विधानसभा में 68 MLA हैं, इसलिए यहां अधिकतम 12 मंत्री ही बन सकते हैं। संसदीय सचिवों की नियुक्ति को गैर कानूनी ठहरा चुका SC याचिका में कहा गया कि हिमाचल और असम में संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े एक्ट एक जैसे हैं। सुप्रीम कोर्ट, असम और मणिपुर में संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े एक्ट को गैरकानूनी ठहरा चुका है। इस बात की जानकारी होने के बावजूद हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने अपने विधायकों की नियुक्ति बतौर CPS की। इसकी वजह से राज्य में मंत्रियों और CPS की कुल संख्या 15% से ज्यादा हो गई। इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील पर CPS बने सभी कांग्रेसी विधायकों को व्यक्तिगत तौर पर प्रतिवादी बना रखा है। हर महीने सवा 2 लाख रुपए वेतन-भत्ता हाईकोर्ट में दाखिल पिटीशन में आरोप लगाया गया कि CPS बनाए गए सभी 6 कांग्रेसी विधायक लाभ के पदों पर तैनात हैं। इन्हें हर महीने 2 लाख 20 हजार रुपए वेतन और भत्ते के रूप में मिलते हैं। यानी ये विधायक राज्य के मंत्रियों के बराबर वेतन और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। याचिका में हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट, 2006 को भी रद्द करने की मांग की गई। राज्य सरकार ने इसी एक्ट के तहत छह CPS तैनात कर रखे हैं।

हिमाचल में 15-16 को बारिश-बर्फबारी:4 दिन तक घनी धुंध का येलो अलर्ट; पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98% कम बारिश, सूखे जैसे हालात

हिमाचल में 15-16 को बारिश-बर्फबारी:4 दिन तक घनी धुंध का येलो अलर्ट; पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98% कम बारिश, सूखे जैसे हालात हिमाचल प्रदेश में दो दिन बाद वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। इससे 15 और 16 नवंबर को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल स्पीति की अधिक ऊंची चोटियों पर हिमपात और बारिश हो सकती है। वहीं अन्य जिलों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, WD ज्यादा स्ट्रॉन्ग नहीं है। इसलिए हल्की बारिश-बर्फबारी की संभावना है। आज और कल प्रदेशभर में मौसम साफ रहेगा। IMD ने आज 3 जिले मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर में घनी धुंध का येलो अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर जाएगी। 43 दिन के ड्राइ स्पेल टूटने का इंतजार प्रदेश में 43 दिन से बारिश नहीं हो रही। 15 और 16 नवंबर को भी 4 जिलों में ही बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। बारिश नहीं होने की वजह से राज्य में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए है। 6 जिले चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। अन्य जिलों में भी नाममात्र बूंदाबांदी हुई है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ रही है। 90 प्रतिशत जमीन पर गेंहू की बुआई नहीं कर पाए किसान किसान गेंहू की बुआई नहीं कर पा रहा। इसकी बुआई के लिए मैदानी इलाकों में अब आज और कल का दिन शेष बचा है। मध्यम और पर्वतीय इलाकों में 15 दिन पहले बुवाई का समय बीत गया है। मगर इस बार सूखे की वजह से 90 प्रतिशत जमीन पर किसान गेंहू की बुआई नहीं कर पाया।

हिमाचल की डल झील एक साल से सूखी:क्लाइमेट चेंज वजह; संवारने को फंड मिला, लेकिन काम नहीं हुआ

हिमाचल की डल झील एक साल से सूखी:क्लाइमेट चेंज वजह; संवारने को फंड मिला, लेकिन काम नहीं हुआ क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ने के चलते हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में मैक्लोडगंज स्थित डल झील सूख चुकी है। कभी शीशे जैसे निर्मल पानी में भरी रहने वाली झील का अस्तित्व आज खतरे में है। हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक मैक्लोडगंज की डल झील अनदेखी के चलते पूरी तरह से सूख गयी है। राजनीतिक और प्रशासनिक उदासीनता के चलते झील की ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। विभिन्न विभागों द्वारा करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने के बावजूद भी इसका स्वरूप नहीं बदला गया। डल झील में 2011 से हो रहा रिसावडल झील से लगातार हो रहे पानी के रिसाव से कृत्रिम झील में पानी न के बराबर होने से गाद उभर आई है। पिछले कुछ वर्षों से सौंदर्यीकरण के लिए प्रशासन का मुंह ताक रही डल झील अंतिम सांसे ले रही है। सौंदर्यीकरण को लेकर ग्रामीण विकास विभाग भी विभागीय कार्यप्रणाली को कोस रहा है। मैक्लोडगंज आने वाले पर्यटकों के लिए भी ऐतिहासिक डल झील मात्र सफेद हाथी बनकर रह गई है। 2011 में निकाला गया था गाद
इससे पहले 2013, 2017, 2019, 2020, 2021 और नवंबर 2022 में भी झील में रिसाव हो चुका है। बता दें कि आसपास के पहाड़ों की गाद ने इसकी गहराई कम कर दी थी। झील का लगभग आधा क्षेत्र गाद से भरा हुआ है, जिसे घास के मैदान में बदल दिया गया है। झील से गाद निकालने के लिए 2011 में स्थानीय लोगों की मदद से एक बड़ा अभियान शुरू किया गया था। गाद का उपयोग मंदिर क्षेत्र के पास पार्किंग बनाने के लिए किया गया था। तब से झील तेजी से सूख रही है। क्लाइमेट चेंज झील के सूखने का मुख्य कारण
क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ता है, जिससे वाष्पीकरण की दर बढ़ती है और झीलों का स्तर कम होता जाता है। ग्लोबल वार्मिंग से बारिश का मौसम छोटा हो गया है। अध्ययन में पाया गया कि क्लाइमेट चेंज झीलों के सूखने का मुख्य कारण है जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता है, वाष्पीकरण दर बढ़ती है, जिससे झीलों का स्तर कम होता जाता है। झीलों के सूखने से जैव विविधता का भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि पौधों और जानवरों की कई प्रजातियां जलीय वातावरण में रहने के लिए अनुकूलित होती हैं। क्या कहते हैं स्थानीय पर्यावरण प्रेमी…
काल्डेन चोफेल का कहना है कि दुनिया भर में ग्लेशियर, झीलें, नदियां सूख रही हैं और इसके परिणाम अकल्पनीय हैं। बचपन के दिनों से हम झील को उफनते और जीवन से भरपूर देखते थे। यह कल्पना करना दर्दनाक है कि यह पर्यटन स्थल नहीं बल्कि इसके आसपास के सभी वन्य जीवन के लिए है। तेंजिन थिनले का कहना है कि यह डल लेक नहीं अब यह सूखी लेक है। सोनम त्सेरिंग ने कहा कि अधिकारियों की उपस्थिति में शाहपुर के विधायक ने 12 सितंबर को सार्वजनिक रूप से कहा था कि डल महोत्सव के बाद त्वरित जीर्णोद्धार परियोजना शुरू होगी। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ और पानी छोड़ने और मछलियों को उसमें स्थानांतरित करने के लिए दो तालाब बनाने के अलावा कुछ भी नहीं किया। एक तरह से, ऐसा लगता है कि सभी बदकिस्मत मछलियां अपने पिछले जन्म में संचित अपने पाप कर्मों को पूरा करने या दूर करने के लिए इस डल झील में पैदा हुई हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि ऐतिहासिक डल लेक के सौंदर्यीकरण तथा पानी के रिसाव को रोकने के लिए डेढ़ महीने के भीतर डीपीआर तैयार की जाएगी। इस के लिए लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद ने निरीक्षण के दौरान डल लेक के पानी के रिसाव की समस्या गहनता से अध्ययन किया है तथा जिला प्रशासन, वन विभाग, आईपीएच विभाग के अधिकारियों को सुझाव भी दिए हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डल लेक के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं जिसके चलते ही लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद को डल लेक के निरीक्षण के लिए सरकार की ओर से आमंत्रित किया गया है।