महाकुंभ में आज वीकेंड पर भीड़ ज्यादा:घाटों की सफाई के लिए उतरेंगे 15 हजार कर्मचारी, अब तक रिकॉर्ड 50 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे

महाकुंभ में आज वीकेंड पर भीड़ ज्यादा:घाटों की सफाई के लिए उतरेंगे 15 हजार कर्मचारी, अब तक रिकॉर्ड 50 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे महाकुंभ का शनिवार को 34वां दिन है। आज भीड़ ज्यादा उमड़ी है। कल और रविवार को भी भारी भीड़ रहेगी। शहर के रास्ते जाम हैं। 33 दिनों में 50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। इतिहास में यह सबसे बड़ा आयोजन रिकॉर्ड किया गया। 45 दिन तक चलने वाले महाकुंभ के अभी 12 दिन और बचे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में मीटिंग की। उन्होंने निर्देश दिए कि सीनियर अफसर खुद सड़क पर उतरें और हर स्तर पर जवाबदेही तय करें। योगी ने कहा है कि प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले रास्तों में कहीं पर भी जाम न लगे। श्रद्धालुओं को दिक्कत नहीं आए। अगर जाम लगा तो वहां के अफसरों की जवाबदेही तय होगी। आज बनेगा स्वच्छता का वर्ल्ड रिकॉर्ड आज करीब 15 हजार सफाई कर्मचारियों की ओर से एक साथ घाटों की सफाई का अभियान चलाया जाएगा। ऐसे में यह पहला बड़ा रिकॉर्ड कायम होगा। इससे पहले साल 2019 में लगे कुंभ के दौरान 10 हजार सफाई कर्मियों ने सफाई की थी। आज भी 8वीं तक के स्कूल बंद
महाकुंभ की भीड़ को देखते हुए आज भी प्रयागराज में 8वीं तक के स्कूल बंद हैं। पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। ICSE और CISE बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। जाम में फंसने से अगर किसी छात्र का पेपर छूट जाता है, तो बोर्ड नई तारीख पर उसकी परीक्षा कराएगा। महाकुंभ में 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का आंकड़ा पार महाकुंभ में एक दिन पहले क्या हुआ? शुक्रवार को दोपहर से शाम तक शहर जाम की चपेट में रहा। स्वच्छता की दिशा में भी एक अनूठा वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया गया। इसके तहत, 300 से अधिक स्वच्छताकर्मियों ने एक साथ अलग-अलग घाटों पर गंगा की सफाई कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए मेला प्राधिकरण की ओर से सभी निर्धारित प्रक्रिया को अपनाया गया। अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि इस पूरी प्रक्रिया को वेरिफाई करेंगे और इस रिकॉर्ड को प्रमाणित करने के बाद इसका सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे। महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस ने परिवार के साथ संगम में स्नान किया। मेला एंट्री पॉइंट के अंदर शाम को भीड़ में एक लड़की का दम घुटने लगा। वह बेहोश हो गई। बाइक से उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। महाकुंभ का पहला पर्यावरण नागा संत समागम आज आज महाकुंभ में स्वास्तिक द्वार के पास सेक्टर 20 पर पंचतत्व संस्था की ओर से पर्यावरण नागा संत समागम आयोजित किया जाएगा। नागा संत समागम के माध्यम से वाटर वुमन शिप्रा पाठक पर्यावरण जागरण के लिए कुंभ में आए भक्तों से जल शपथ दिलाएंगी। शिप्रा पाठक ने बताया कि महाकुंभ में आने वाले संतों का मार्गदर्शन भारत को निश्चित रूप से हरा भरा बनाएगा। नागा संत समागम की चर्चा के बाद सभी लोग गंगा किनारे एकत्र होकर पूरे देश को नदी संरक्षण का महत्व बताएंगे। पूजन और मंत्र से देश को हरा भरा बनाने का संकल्प लेकर पूरे भारत को जागरूक करेंगे। शाम को सभी लोग पैदल मार्च करते हुए पर्यावरण यात्रा निकलेंगे। 16 फरवरी को राहुल गांधी और प्रियंका महाकुंभ आएंगे महाकुंभ में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी 16 फरवरी को डुबकी लगाएंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, उनके आने का प्रोग्राम लगभग फाइनल हो चुका है। तैयारियां की जा रही हैं। इससे पहले प्रियंका गांधी 11 फरवरी 2021 को प्रयागराज आई थीं तो उन्होंने संगम में स्नान लगाई थी। प्रियंका ने बोट से प्रयागराज से वाराणसी तक की यात्रा की थी। तब वह संगम तट पहुंची थीं। संगम में डुबकी लगाने के बाद पूजा-पाठ किया था। वे पुरखों की कर्मस्थली प्रयागराज के आनंद भवन भी गई थीं। कल से शुरू होगा अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल महाकुंभ में 16 से 18 फरवरी तक अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल होगा। इसमें लगभग 200 प्रजातियों के पक्षियों का महाकुंभ भी होगा। इसमें लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर, फ्लेमिंगो और साइबेरियन क्रेन आदि का दीदार कर सकेंगे। यहां साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों से साइबेरियन पक्षी का भी दीदार होगा। फेस्टिवल के दौरान फोटोग्राफी, पेंटिंग, स्लोगन लेखन, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी समेत अनेक प्रतियोगिताएं होंगी। इनके विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल भारतीय संस्कृति, प्रकृति प्रेम व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनूठा मिश्रण होगा।

वृंदावन में जहां प्रेमानंद महाराज पदयात्रा करते थे, वहां सन्नाटा:2 हजार दुकानदारों का कारोबार चौपट; बोले- अब लोग इस तरफ आते भी नहीं

वृंदावन में जहां प्रेमानंद महाराज पदयात्रा करते थे, वहां सन्नाटा:2 हजार दुकानदारों का कारोबार चौपट; बोले- अब लोग इस तरफ आते भी नहीं वृंदावन में प्रेमानंद महाराज बीते 9 दिन से पदयात्रा पर नहीं निकल रहे हैं। श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी से लेकर प्रेमानंदजी के आश्रम तक 2Km लंबे रास्ते पर अब पहले वाली रौनक नहीं है। पहले यहां 50 हजार से ज्यादा लोग उनके दर्शन के लिए जिस रास्ते पर खड़े होते थे। करीब 2 हजार छोटी-छोटी दुकानें लगती थीं। प्रेमानंद महाराज की तस्वीर, धार्मिक साहित्य, फूल, कंठी-माला बेचकर लोग अपने परिवार चलाते थे। अब दुकानें भी कम हो गई हैं। कुछ दुकानदार हैं, जो हर रोज वैसे ही अपनी दुकान सजा रहे हैं, जैसे पहले लगाते थे। सड़क पर रंगोली भी सज रही है। इस आस में कि एक दिन प्रेमानंद फिर पदयात्रा शुरू कर देंगे। दुकानदारों का कहना है कि कारोबार चौपट हो चुका है। पहले जानिए कि प्रेमानंद महाराज को पदयात्रा क्यों अनिश्चित काल के लिए स्थगित करनी पड़ी… मथुरा में केली कुंज आश्रम ने 6 फरवरी को X पर एक पोस्ट किया। लिखा- आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ व बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए, पूज्य महाराज जी, जो पद यात्रा करते हुए रात्रि 2 बजे से श्री हित राधा केलि कुंज जाते थे, जिसमें सब दर्शन पाते थे, वो अनिश्चित काल के लिए बंद किया जाता है। इस सूचना के बाद प्रेमानंद महाराज के अनुयायी मायूस हो गए। लोगों ने पदयात्रा स्थगित किए जाने की वजह खोजी। पता चला कि एनआरआई ग्रीन अपार्टमेंट सोसाइटी के लोगों ने प्रेमानंद महाराज के रात्रि दर्शन को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप टीम उसी रास्ते पर रात 11 बजे पहुंची, जहां से पदयात्रा निकलती थी। हम 2 Km पैदल चले। सफर की शुरुआत हुई श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी से, जहां प्रेमानंद महाराज रहते हैं… समय : रात 11:30 बजे
स्थान : श्री कृष्णम् शरणम् सोसाइटी रात के करीब 11:30 दैनिक भास्कर रिपोर्टर वृंदावन छटीकरा रोड पर पहुंचे। यहीं पर श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी है। यह वही सोसाइटी है, जहां के HR 1 ब्लॉक के सेकेंड फ्लोर पर संत प्रेमानंद महाराज का फ्लैट है। इसी सोसाइटी से संत प्रेमानंद महाराज रात 2 बजे पैदल यात्रा करते हुए निकलते थे। सोसाइटी के गेट पर सन्नाटा मिला। जबकि इस समय यहां 2 से 3 हजार लोगों की भीड़ लगी रहती थी। महाराज के जाने से पहले ही उनके सेवादारों का आना-जाना लगा रहता था। समय : रात 12 बजे
स्थान: जगद्गुरु कृपालु हॉस्पिटल तिराहा
सोसाइटी के गेट पर जब कोई नहीं मिला, तब हम वहां से 100 मीटर दूर बने ढाबा, रेस्टोरेंट पर पहुंचे। जगद्गुरु कृपालु हॉस्पिटल तिराहा के पास कई होटल हैं, जहां प्रेमानंद के दर्शन के लिए लोग कमरा बुक करा लेते थे। अब जबकि पदयात्रा थम गई है, ऐसे में होटल और रेस्टोरेंट के पास कस्टमर भी नहीं हैं। यहां बने फौजी ढाबा पर संत प्रेमानंद महाराज के फोटो लगे थे। यहां ढाबा के मालिक जगदीश सिंह मिले। हमने पूछा- पदयात्रा थमने के बाद क्या फर्क महसूस कर रहे है? जगदीश सिंह ने बताया- हम संत प्रेमानंद महाराज के भक्त हैं। इस वक्त 12.45 बजे हैं। आप समझिए, इस समय यह पूरा रास्ता लोगों से भरा रहता था। यहां पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी। लेकिन जब से महाराजजी कार से जाने लगे, यहां सन्नाटा हो गया। हमने पूछा- कारोबार पर कितना असर मानते हैं। वह कहते हैं- मान लीजिए, पहले अगर हमारी दुकानदारी 100 रुपए की होती थी तो अब 10 रुपए की हो रही है। होटल कारोबारी बोले- बाहर से आकर बसने वालों को राधे-राधे से दिक्कत
यहीं पर हमारी मुलाकात होटल कारोबारी दिनेश ठाकुर से हुई। वह कहते हैं- आप समझिए कि हमारा कारोबार तो खत्म ही हो गया। जो लोग बाहर से आकर रहने लगे थे, उन्हें वृंदावन में राधे-राधे से दिक्कत हो रही है। अब देखिए, उन्होंने ऐसा कर दिया कि यहां सन्नाटा हो गया। हजारों लोगों के कारोबार पर असर है। समय : रात 1 बजे
स्थान : संत प्रेमानंद महाराज का पैदल मार्ग होटल, ढाबा संचालकों से बात करने के बाद हम उस रास्ते पर आगे बढ़े, जिस पर संत प्रेमानंद महाराज पद यात्रा करते हुए जाते थे। इस रास्ते पर पर भी सन्नाटा ही था। संत प्रेमानंद महाराज के शिष्य उनके स्वागत में रंगोली बनाते थे। इस रास्ते पर एक किलोमीटर पैदल चलने के बाद हम NRI ग्रीन सोसाइटी से कुछ आगे पहुंचे। यह वही सोसाइटी है, जहां की महिलाओं ने प्रेमानंद की पदयात्रा का विरोध किया था। फूल दुकानदार बोले- कोई आता नहीं, मगर दुकान लगा रहे
फूल की दुकान लगाने वाले अनिल मिले। वह कहते हैं- अब प्रेमानंदजी गाड़ी पर जाते हैं, कोई रुकता नहीं। इसलिए लोग अब फूल नहीं खरीदते। कोई आता भी नहीं। सब उनको ही तो देखने आते थे। मगर हम अभी भी दुकान लगा रहे हैं। अब लगभग 1 बजकर 30 मिनट का समय हो गया था। यह वह समय था, जब दुकानदारों को बात करने की फुरसत नहीं होती थी। लेकिन, अब यहां दुकानदार सर्दी से बचने को हाथ तापते नजर आए। इनके चेहरे बता रहे थे, यह लोग परेशान हैं। इनको देखकर हम वहीं रुक गए। चाय दुकानदार बोले- जिनकी एक झलक पाने के लिए लोग आते, अब वह गाड़ी से जाते
दुकानदारों से बात की तो पता चला कि 3 दिन से उनकी बोहनी तक नहीं हुई। चाय बेचने वाले अनुज दुबे ने बताया कि जब से महाराज जी की पदयात्रा बंद हुई है, तब से उन्होंने इस रास्ते से निकलना ही बंद कर दिया। जिसकी वजह से ग्राहक ही नहीं आ रहे। लोग क्यों आएंगे? सब उन्हीं की एक झलक पाने खींचे चले आते थे। अब सब बर्बाद हो गया। वहीं दुकानों के पास कुछ लोग बैठे दिखे। उनका सामान देखकर अंदाजा लगा कि वह सब वृंदावन के नहीं है। पता चला कि ये लोग पुणे से आए हैं। युवकों ने दुकानदार से पूछा कि संत प्रेमानंद महाराज यहीं से निकलते हैं न? इस पर दुकानदार ने बेमन से मना कर दिया। युवकों का यह दल पुणे से आया था। शुभम ने कहा- हम प्रेमानंदजी महाराज की एक झलक देखने आए थे। मगर अब वह पैदल जाते नहीं हैं। इसलिए यही पर बैठे हैं। यहीं पर हमारी मुलाकात पठानकोट से दर्शन करने आई निधि से हुई। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने विरोध किया था। जिसकी वजह से उन्होंने नियम ही बदल दिए। हमारा महाराज जी से निवेदन है कि वह पहले की तरह दोबारा इस रास्ते से पदयात्रा करने लगे। संत प्रेमानंद अब कार से रमणरेती तक जाते हैं संत प्रेमानंद महाराज रात 2:30 बजे श्रीकृष्ण शरणम् सोसाइटी से रमणरेती स्थित आश्रम हित राधा केली कुंज के लिए निकलते हैं। 2 किमी पैदल चलकर जाते हैं। इस दौरान हजारों अनुयायी उनके दर्शन के लिए सड़क के दोनों तरफ खड़े रहते हैं। वह अब सुबह 4 बजे कार से रमणरेती तक जाते हैं और फिर वहां से करीब सौ मीटर पैदल चलते हैं। रात्रि पदयात्रा से 3 फायदे थे… दर्शन लाभ : जब प्रेमानंदजी महाराज पदयात्रा करते हुए जाते थे। तब भक्तों को उनके दर्शन और सत्संग का फायदा मिलता था। आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ जाती : पदयात्रा के दौरान सड़कों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते थे, भजन-कीर्तन होता था। इससे वृंदावन की आध्यात्मिक ऊर्जा और बढ़ जाती थी। कारोबार का फायदा : लोकल दुकानदारों को फायदा मिलता था। क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा के दौरान प्रसाद, फूल, दीप और अन्य धार्मिक सामग्री खरीदते थे। अब प्रेमानंदजी महाराज के आश्रम की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन को पढ़िए… प्रेमानंद महाराज का संदेश- हमारी कोई दूसरी ब्रांच नहीं ‘हम कंठी-माला, पूजा-श्रृंगार नहीं बेचते हैं। हमारे आश्रम में सत्संग फ्री है। आप लोग किसी तरह के फ्रॉड से बचें। आश्रम के नाम पर कुछ लोग व्यवसाय कर रहे हैं, उनसे बचें।’ यह कहना है संत प्रेमानंद महाराज के ट्रस्ट श्री हित राधा केली कुंज का। दरअसल, प्रेमानंद महाराज की पॉपुलैरिटी तेजी से बढ़ी है। उनके सोशल मीडिया पर करोड़ों फॉलोअर हैं। हजारों लोग रोज दर्शन के लिए आते हैं। कहा जा रहा है कि ऐसे में कई लोग उनके नाम पर दुकानें चला रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि महाराज के नाम पर आश्रम खोलने के लिए सस्ते दामों पर जमीन खरीदी जा रही है। इसके चलते ‘श्री हित राधा केली कुंज ट्रस्ट’ ने शुक्रवार को 7 पॉइंट में एडवाइजरी जारी की। पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़िए…

UP में इस गर्मी भी होगी बिजली कटौती:प्लांट से घरों तक पहुंचाने का नेटवर्क नहीं; अगले 2 साल ऐसी ही स्थिति रहेगी

UP में इस गर्मी भी होगी बिजली कटौती:प्लांट से घरों तक पहुंचाने का नेटवर्क नहीं; अगले 2 साल ऐसी ही स्थिति रहेगी बिजली सप्लाई के मामले में हम बिहार से भी पीछे हैं। पूरे देश में यूपी से पीछे एकमात्र राज्य नगालैंड है, जहां हमसे कम बिजली की सप्लाई होती है। यूपी में इस बार गर्मियों में बिजली की डिमांड 33 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। लेकिन, प्रदेश में बिजली प्लांटों से आपके घर तक सप्लाई पहुंचाने के लिए इस क्षमता का नेटवर्क ही नहीं है। ऐसे में इस बार गर्मियों में शहरी क्षेत्रों में भी फाल्ट के नाम पर अघोषित कटौती के लिए तैयार रहें। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में मई से सितंबर के बीच रोजाना बमुश्किल 12 से 15 घंटे ही बिजली मिल पाएगी। प्रदेश में बिजली सप्लाई का क्या है सिस्टम? प्रदेश में कब तक 24 घंटे बिजली सप्लाई संभव होगी? पढ़िए ये रिपोर्ट… प्रदेश में बिजली के 3.45 करोड़ उपभोक्ता हैं। इसमें 15 लाख किसान शामिल हैं। करीब 1.50 करोड़ उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्र के हैं। बिजली कटौती प्रदेश में बड़ा मुद्दा रहा है। पिछले साल विधानसभा के मानसून सत्र में भाजपा-सपा इस मसले पर टकरा चुके हैं। तब सपा ने काफी हंगामा मचाया था। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई के घंटों में बहुत सुधार नहीं हो पाया। आलम यह है कि प्रदेश में औसतन 1081 ट्रांसफॉर्मर रोज फुंक जाते हैं। इसके अलावा दूसरे फाल्ट और मेंटेनेंस के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों में 7 से 8 घंटे की रोज कटौती होती है। 6 घंटे बिजली कटौती आम बात
पिछले दिनों राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री ने एक आंकड़ा पेश किया था। इसमें बताया गया कि अभी यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 18 घंटे बिजली मिल पा रही है। मतलब 6 घंटे बिजली कटौती आम बात है। लेकिन जब प्रदेश में मई से सितंबर के बीच सबसे अधिक बिजली की मांग होती है। तब ग्रामीण क्षेत्रों को औसतन 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पाती है। अधिकारी अघोषित बिजली कटौती को लोकल फॉल्ट बताकर अपनी नाकामी छिपाने का खेल करते हैं। इस आंकड़े में ग्रामीण क्षेत्र में तहसील मुख्यालय, नगर पंचायत और गांव शामिल हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल जून-जुलाई में बिजली की ज्यादा मांग को देखते हुए एक रोस्टर जारी किया था। ये रोस्टर उस हालत में जारी करना पड़ा था, जब प्रदेश में बिजली की मांग सबसे ज्यादा थी। 29 जुलाई की रात करीब 11 बजे प्रदेश में बिजली की मांग रिकॉर्ड 31,503 मेगावाट तक पहुंच गई थी। सितंबर तक 29 हजार मेगावाट से ऊपर बिजली की मांग बनी रही। एक साल पहले प्रदेश में बिजली की सर्वाधिक मांग 24 मई की रात पौने नौ बजे 29,147 मेगावाट तक पहुंची थी। इसकी वजह प्रचंड गर्मी थी। मतलब एक साल में ही बिजली की मांग 8 फीसदी बढ़ गई। इसी दर पर इस बार बिजली की मांग बढ़ी, तो आंकड़ा 33 हजार मेगावाट पार कर जाएगा। अप्रैल से सितंबर तक रहती है बिजली की सबसे ज्यादा मांग
ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में सबसे ज्यादा बिजली की मांग अप्रैल से सितंबर के बीच रहती है। इस दौरान प्रदेश में न्यूनतम तापमान 20 से 29 और अधिकतम 45-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। मई में लू के थपेड़ों से बुरा हाल हो जाता है। वहीं, जून में जैसे ही बादल छाने का क्रम शुरू होता है, लोग ह्यूमिडिटी के चलते पसीने से तर-बतर हो जाते हैं। तब गर्मी और पसीने से बचने के लिए लोगों के सामने विकल्प के रूप में पंखा, कूलर, एसी होता है। धूप में लोग बाहर निकलने से बचते हैं। उस समय बिजली की खपत काफी बढ़ जाती है। दूसरी वजह, इस समय प्रदेश में धान की रोपाई और सिंचाई का दौर चलता है। तब खेती के लिए भी बिजली की मांग बढ़ जाती है। बिजली की मांग पूरी करने के लिए ट्रांसमिशन का नेटवर्क ही नहीं
बिजली बनाने वाले प्लांटों से आपके घर तक बिजली पहुंचाने का एक पूरा नेटवर्क है। इसके लिए यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने जगह-जगह 132 केवीएस से लेकर 765 केवीएस क्षमता के सब-स्टेशन बनाए हैं। मार्च, 2025 तक ट्रांसमिशन कंपनी ने 32,400 मेगावाट क्षमता का नेटवर्क तैयार करने की बात कही है। लेकिन इस अधिकतम क्षमता के लोड पर लगातार बिजली की सप्लाई करना संभव नहीं हो सकता। नहीं तो सब-स्टेशन बैठ जाएगा। इससे निपटने के लिए एकमात्र विकल्प बिजली कटौती होगी। इसका खामियाजा शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों को ज्यादा उठाना पड़ता है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि बिजली विभाग के पास 33 हजार मेगावाट की मांग पूरी करने का ट्रांसमिशन नेटवर्क ही नहीं है। ऐसे में बिजली कटौती के लिए लोगों को तैयार रहना होगा। …फिर सुधार की कितनी उम्मीद ये प्रयास किए जा रहे
उत्तर प्रदेश ऊर्जा विभाग बैंकिंग, पावर एक्सचेंज और शार्ट-टर्म खरीदी का अनुबंध करके बिजली की मांग पूरी करने का प्रयास करता है। उत्तर प्रदेश में मध्यप्रदेश सहित नौ राज्यों में अक्टूबर से मार्च तक 1500-2000 मेगावाट तक बिजली की बैंकिंग करता है। जब प्रदेश में बिजली की मांग मई से सितंबर के बीच में सबसे अधिक रहता है, तो वापस ली जाती है। वहीं, पावर एक्सचेंज में हम कम खपत के घंटों के दौरान दूसरे राज्यों को बिजली दे देते हैं और अधिक खपत के घंटों के दौरान उतनी बिजली वापस ले लेते हैं। वहीं शार्ट-टर्म में हम जरूरत की बिजली ओपन बाजार से मौजूदा कीमत में करते हैं। ये बिजली काफी महंगी पड़ती है। पिछले साल विभाग से 12 रुपए प्रति यूनिट तक ऐसी बिजली खरीदी थी। इसकी वसूली बाद में आम लोगों की जेब से ही की जाती है। 2027 के बाद ही बिजली कटौती से मिल पाएगी निजात
प्रदेश में अगले दो सालों तक बिजली कटौती से निजात नहीं मिलने वाली। प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने बिजली की जरूरतें पूरा करने के लिए अगले दो साल का प्लान बनाया है। 2027 में 5255 मेगावाट के 10 थर्मल प्रोजेक्ट तैयार होने की लाइन में है। उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद ही मांग और आपूर्ति में संतुलन बन पाएगा। अब लखनऊ मंडल के 6 जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों का हाल भी जान लीजिए उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने शुक्रवार को शक्तिभवन में समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि आगामी गर्मियों में विद्युत आपूर्ति बेहतर रहे। मुख्य अभियंता स्तर से इसकी गहन समीक्षा कर लें। मेंटेनेंस के काम निपटा लें। किसी भी स्तर से लापरवाही नहीं होनी चाहिए। ग्राफिक्स : प्रदीप तिवारी ———————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी में विभागों को 54% ही बजट मिला, जो मिला 98% खर्च किया; उखड़ी सड़कें नहीं बन पाईं; बिजली कटौती भी नहीं सुधरी यूपी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न विभागों को अब तक करीब आधा बजट (54.50%) ही जारी किया है। दिलचस्प तो यह है कि विभागों ने मिले बजट का 98.05% 5 फरवरी तक खर्च भी कर दिया। अब वित्तीय वर्ष खत्म होने में सिर्फ डेढ़ महीने बचे हैं। ऐसे में अब बजट जारी करने और उसे खर्च करने में जल्दबाजी दिखाई जाएगी। पढ़ें पूरी खबर…

वाराणसी में पूर्व CM अखिलेश का बेटियों को ऑटोग्राफ:भीड़ में भइया जी की आवाज सुनकर रुके और अपने पास बुलाया; बोले-रोशन करो काशी का नाम

वाराणसी में पूर्व CM अखिलेश का बेटियों को ऑटोग्राफ:भीड़ में भइया जी की आवाज सुनकर रुके और अपने पास बुलाया; बोले-रोशन करो काशी का नाम वाराणसी में शादी समारोह में शिरकत करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का मिजाज इस बार अलग दिखा। हजारों की भीड़ में काशी की बेटियों से मुलाकात, उन्हें ऑटोग्राफ, आशीर्वाद और पढ़ाई को प्रोत्साहित करने की चर्चा है। पूर्व सीएम गिफ्ट खरीदने के लिए छात्रा को उपहार के लिए रुपए भी दिए। अखिलेश यादव को भीड़ से छात्राओं को एक आवाज में अपने पास बुला लिया। ‘भइया जी’ सुनकर लौटे अखिलेश ने सुरक्षाकर्मियों को भीड़ में मौजूद बेटियों को उनके पास लाने को कहा, इसके बाद एक-एक कर सभी का नाम पूछा। सेल्फी-फोटोग्राफ के बीच पूर्व सीएम ने छात्राओं को ऑटोग्राफ दिया। अखिलेश ने उनसे पढ़ाई ही नहीं पूछी बल्कि सिर पर हाथ रखकर बड़ा मुकाम हासिल करने का आशीर्वाद भी दिया। पढ़-लिखकर काशी और परिवार का नाम रोशन करने की बात भी कही। ऑटोग्राफ पाकर सभी छात्राएं गदगद नजर आईं। 3 तस्वीरें देखिए… काशी में एक शादी समारोह में पहुंचे थे
काशी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव का शुक्रवार को एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां मीडिया के बीच केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। सरकार की अधूरी योजनाओं और नौकरी नहीं निकालने को लेकर भी सवाल उठाए। कार्यक्रम में कई युवा नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिले, जिनसे नहीं मिल सके दूर से हाथ हिलाकर नाम लिया। पूर्व डिप्टी एसपी गोरखनाथ यादव के आवास से निकलकर अखिलेश यादव जब अपनी कार की ओर जा रहे थे तभी भीड़ में खड़ी कुछ किशोरियों ने भइया जी कहकर आवाज लगाई। आवाज सुनकर पूर्व सीएम पलटकर भीड़ की ओर आए और पीछे खड़ी किशोरियों को आगे लाने के लिए कहा। बेटियां देश का भविष्य, इनको आगे लाओ
पूर्व सीएम ने अपने सुरक्षाकर्मी और एक सपा नेता को कहा कि बेटियां देश का भविष्य, इनको आगे लाओ। इसके बाद भीड़ से जब कुछ बेटियों को आगे लाया गया जो अखिलेश यादव से मिलकर खुश हो गईं। जल्दबाजी में उन्होंने अखिलेश यादव के हाथ में कागज पेन थमाते हुए ऑटोग्राफ मांग लिया। सबसे पहले अंजलि ने अपना नाम लिया फिर अन्य सभी ने बताया। सपा सुप्रीमो ने छोटी सी डायरी के पेज पर एक-एक करके सभी का नाम लिखा और इसी बीच उनकी पढ़ाई भी पूछ ली। बेटियों ने जब पैर छुए तो अखिलेश ने उन्हें खूब आशीर्वाद भी दिया। हाईस्कूल और इंटर पास करने के बाद रुकना नहीं
अखिलेश यादव ने बेटियों से कहा- हाईस्कूल और इंटर पास करने के बाद रुकना नहीं, आगे पढ़ना। काशी, यूपी और परिवार का नाम रोशन करना। वादा किया कि मन लगाकर पढ़ो और टॉपर बनकर निकलना। पढ़ाई में कोई दिक्कत आए तो बताना समाजवादी लोग हमेशा मदद करेंगे। प्रदेश में अगली बार जब सपा सरकार बनेगी तो युवा बेरोजगार नहीं घूमेगा, तुम सभी को नौकरी देने का काम करेंगे। सेल्फी के दौर में ऑटोग्राफ, जरूर देंगे
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने लड़कियों के हाथ में पेन और कागज देखा तो पूछा कि सेल्फी के दौर में ऑटोग्राफ चाहिए। छात्राओं ने कहा अभी उनके पास फोन नहीं है और सेल्फी नहीं हमें ऑटोग्राफ ही चाहिए। अखिलेश यादव ने जब हाथ हिलाते हुए कहा- बिल्कुल ऑटोग्राफ देंगे। इस पर उन छात्राओं के चेहरे पर खुशी नजर आई। बताया गया कि मिलने वाली 4 छात्राओं में दो यूपी बोर्ड की परीक्षार्थी भी हैं। ………………….. ये खबर भी पढ़ें… अखिलेश बोले- 50 नहीं, 60 करोड़ लोग महाकुंभ आए:आंकड़ों को लेकर कसा तंज; काशी में कहा- मौत के आंकड़े तो बता नहीं पा रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लालबिहारी यादव की बेटी की शादी समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने न सिर्फ योगी सरकार, बल्कि पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। दो बड़े बयान दिए। पहला बयान महाकुंभ और दूसरा प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे को लेकर है। पढ़िए पूरी खबर

लखनऊ में LDA का अल्टीमेटम बेअसर:हजरतगंज के बालू अड्डे की जमीन एक महीने बाद भी खाली नहीं, फिर होगा सर्वे

लखनऊ में LDA का अल्टीमेटम बेअसर:हजरतगंज के बालू अड्डे की जमीन एक महीने बाद भी खाली नहीं, फिर होगा सर्वे लखनऊ में LDA की जमीन पर हजरतगंज बालू अड्डा के पास अतिक्रमण कर लिया गया था। मामले में LDA अभी तक जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने में असफल रहा है। इस दौरान LDA ने 13 जनवरी को कार्रवाई करते हुए 30 झुग्गियों को तोड़ दिया था। मौके पर अधिकारियों ने 3 दिन का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन LDA करोड़ों रुपए की जमीन को खाली नहीं करा पाई है। इस दौरान मंडलायुक्त समेत आलाधिकारियों ने भी बालू अड्डे के पास स्थित जमीन का निरीक्षण किया है। LDA दोबारा करेगी सर्वे LDA के पहले सर्वे में कई कमियां मिली हैं। ऐसे में यह पता नहीं चल पाया है कि कितने लोगों के पास झुग्गी झोपड़ी का आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज हैं। इसके चलते कार्रवाई के बाद इनके विस्थापन में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। LDA के सचिव विवेक श्रीवास्तव का कहना है कि अगले सप्ताह से LDA दोबारा से बालू अड्डे के पास स्थित जमीन का सर्वे शुरू करेगी। इसमें पता लगाया जाएगा कि यहां पर रहने वाले लोग कहा के हैं। कहां रहते हैं। सभी का आईडी कार्ड लिया जाएगा। तभी सही ढंग से विस्थापन की प्रक्रिया के साथ में अन्य कार्रवाई की जाएगी। 20 से अधिक कॉमर्शियल दुकान हटी LDA के अल्टीमेटम के बाद 20 से अधिक कॉमर्शियल दुकान हटाई गई हैं। इसके बाद LDA ने जमीन पर तारबंदी का काम कर दिया है। वहीं, LDA ने करीब 30 झुग्गी झोपड़ियों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बीते 13 फरवरी को की थी। इसके बाद से यहां पर कॉमर्शियल काम बंद हो गया है। LDA अधिकारियों का कहना है कि कमर्शियल काम बंद कर दिया गया है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों का सही दस्तावेज पता किया जाएगा। इसके बाद ही कार्रवाई होगी। 2022 के सर्वे में 194 परिवार, अब 250 से अधिक LDA की तरफ से 2022 में किए गए सर्वे में सामने आया था कि 194 परिवार नजूल की जमीन पर रहते थे, जबकि अभी करीब 250 की संख्या में लोग रहते हैं। हालांकि, कार्रवाई के बाद कई लोग यहां से पलायन कर रहे हैं। बावजूद इसके अभी भी परिवार में रहने वाले लोगों की संख्या सैकड़ों की है। इस दौरान सर्वे के बाद LDA सही निवासी मिलने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने की तैयारी में है। 1987 में एलडीए ने लीज पर दी थी जमीन बालू अड्डे पर साल 1987 में एलडीए की ओर से नूर सहकारी विकास समिति को 2.69 हजार वर्गफीट जमीन लीज पर दी गई थी। आरोप है कि जमीन लीज पर लेने के बाद यहां कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। बजाए खाली जमीन पर अवैध रूप से झुग्गियां बन गई। यहां पर गैराज का काम भी किया जाता है। मामले में एलडीए और नूर सहकारी विकास समिति ने कोर्ट में वाद दाखिल कर दिया था। प्रशासन के निर्देश पर एलडीए ने इस पूरे भूखंड को खाली करवाना शुरू कर दिया था। इस दौरान एलडीए के अफसरों ने वहां रहने वाले परिवार का वेरिफिकेशन शुरू किया था। लेकिन इसमें सही तथ्य सामने नहीं आए।

ब्रिटेन के पूर्व PM ऋषि सुनक अचानक ताजमहल पहुंचे:एक घंटे दीदार किया, सनसेट का नजारा देखा; लिखा- कभी न भूलने वाली यात्रा

ब्रिटेन के पूर्व PM ऋषि सुनक अचानक ताजमहल पहुंचे:एक घंटे दीदार किया, सनसेट का नजारा देखा; लिखा- कभी न भूलने वाली यात्रा ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शनिवार को अचानक ताजमहल पहुंच गए। उनके पहुंचते ही सुरक्षाकर्मी अलर्ट हो गए। बाहरी लोगों के अंदर जाने पर रोक लगा दी गई। केवल ऋषि सुनक उनकी फैमिली और डेलिगेशन को ही अंदर जाने दिया। ऋषि सुनक शनिवार को पत्नी अक्षता नारायण मूर्ति, सास सुधा मूर्ति और 2 बेटियों के साथ आगरा पहुंचे। उनका रविवार सुबह ताजमहल देखने का कार्यक्रम था। लेकिन वह परिवार के साथ आज ही ताजमहल पहुंच गए। कार्ट में बैठकर उन्होंने ताजमहल घूमा। 1 घंटे ताजमहल का दीदार किया। ताजमहल की सुंदरता की तारीफ की। यहां सनसेट का नजारा देखा। ताज कैंपस में मौजूद टूरिस्टों को हाथ जोड़कर नमस्कार किया। विजिटर बुक पर लिखा- कभी न भूलने वाली यात्रा। पहले 4 तस्वीरें देखिए…. एयरपोर्ट पहुंचने पर सिटी मजिस्ट्रेट ने किया स्वागत
ऋषि सुनक दो दिनों के दौरे पर भारत आए हैं। आज सुबह 10 बजे दिल्ली से स्पेशल फ्लाइट से खेरिया सिविल एयरपोर्ट पहुंचे। सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव किया। यहां से वह होटल अमर विलास गए। यहां उन्होंने पूरा दिन परिवार के साथ गुजारा। शाम को अचानक ताजमहल पहुंच गए। वे रविवार को भी आगरा में रुकेंगे। फतेहपुर सीकरी और आगरा किला देखने जा सकते हैं। दुनिया ने कुछ जगह ही इतनी खूबसूरत
ऋषि सुनक ने विजिटर बुक में लिखा- यह बहुत खूबसूरत है। दुनिया में कुछ जगह ही ऐसी हैं, जो इतनी खूबसूरत हैं। बच्चों को पहली ही बार में जाने के लिए तैयार किया जा सकता है। परिवार के साथ समय बिताने के लिए यह अनूठी यादगार जगह है। वहीं उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति ने लिखा कि युगों-युगों के लिए यादगार। 1960 में ब्रिटेन चले आए थे सुनक के माता-पिता
सुनक के माता-पिता दोनों ही भारतीय मूल के हैं। सुनक के माता-पिता 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका गए। वहां से ब्रिटेन चले आए। पिता यशवीर सुनक नेशनल हेल्थ सर्विस के जनरल प्रैक्टिशनर थे और मां उषा सुनक एक केमिस्ट की दुकान चलाती थीं। सुनक ने भगवद गीता से शपथ ली थी
ऋषि सुनक की शादी इंफोसिस के प्रमुख नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई है। दंपति की दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं। ऋषि सुनक स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं और एक पूर्व बैंकर हैं। ऋषि सुनक अक्सर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ अपने ससुराल वालों से मिलने बेंगलुरु आते रहते हैं। ऋषि ने एक बार कहा था कि भगवद गीता अक्सर तनावपूर्ण स्थितियों के दौरान उन्हें बचाती है और उन्हें कर्तव्यनिष्ठ होने की याद दिलाती है। सुनक ने संसद में भगवद गीता पर यॉर्कशायर से सांसद के रूप में शपथ ली। ऐसा करने वाले वे पहले ब्रिटिश सांसद थे। ———— ये भी पढ़ें: महाकुंभ में फिर भीषण आग, पंडाल जले:भीड़ की वजह से देरी से पहुंचीं दमकल; एक लाख दंडी स्वामी मेले से विदा प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के सेक्टर 18 और 19 के बीच शनिवार शाम 6 बजे श्रीराम चरित मानस सेवा प्रवचन मंडल के शिविर के पंडालों में आग लग गई। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। आधे घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। (पढ़ें पूरी खबर)

योगी मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार जल्द, भूपेंद्र चौधरी बनेंगे मंत्री:कई मंत्रियों की होगी छुट्‌टी; फरवरी के अंतिम हफ्ते में नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

योगी मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार जल्द, भूपेंद्र चौधरी बनेंगे मंत्री:कई मंत्रियों की होगी छुट्‌टी; फरवरी के अंतिम हफ्ते में नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान योगी सरकार 2.0 का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होगा। विधानसभा चुनाव 2027 के मद्देनजर कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जाएंगे। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वहीं, कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्‌टी होगी। वहीं, विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा ने 98 में से 70 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्षों के नाम तय कर लिए हैं। सूत्रों के मुताबिक 70 जिलाध्यक्षों की सूची शुक्रवार को केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई है। शनिवार तक केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद सूची जारी की जाएगी। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने शुक्रवार को लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के साथ मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन को लेकर चर्चा की। मंत्रिमंडल में 6 पद खाली
उत्तर प्रदेश सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मंत्रिमंडल में 21 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 19 राज्यमंत्री हैं, यानी कुल 54 मंत्री हैं। इस हिसाब से 6 मंत्री पद अभी भी खाली हैं। ऐसे में योगी सरकार अगर अपने कैबिनेट से किसी भी मंत्री को नहीं हटाती है तो भी 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। इन पदों पर आगामी चुनावों के मद्देनजर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखते हुए मंत्री नियुक्त किए जाने हैं। तावड़े ने सभी नेताओं से अलग-अलग बातचीत में यूपी में 2027 की तैयारी के मद्देनजर भी बात की। किन समाजों को मंत्रिमंडल में जगह देने से फायदा होगा? इस पर विचार किया गया। भूपेंद्र चौधरी सहित अन्य चेहरे होंगे शामिल
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा फरवरी के अंतिम हफ्ते में हो जाएगी। जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के प्रभारी पीयूष गोयल लखनऊ आएंगे। गोयल की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन होगा। नामांकन के अगले दिन नए अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी। उसके बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। दलित और पिछड़े वर्ग को साधने के लिए दोनों वर्ग से भी एक-एक मंत्री बनाए जाएंगे। निगम, आयोग और बोर्ड में नियुक्तियां जल्द
विनोद तावड़े ने सीएम और दोनों डिप्टी सीएम के साथ प्रदेश सरकार के निगम, आयोग और बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति पर भी बात की। तावड़े ने कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने के लिए उनके सरकार में समायोजन पर बल दिया। उन्होंने एक महीने में सभी निगम, आयोग और बोर्ड में नियुक्तियां करने, मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति पूरी करने को कहा। अग्रिम मोर्चों के साथ भी मंथन
विनोद तावड़े ने भाजपा के अग्रिम मोर्चों के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ भी बात की। महिला मोर्चा की प्रदेश पदाधिकारियों के साथ महिलाओं की संगठन में भागीदारी बढ़ाने पर बात की। वहीं, एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया से दलित वर्ग के प्रतिनिधित्व पर चर्चा की। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ था पहला कैबिनेट विस्तार
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हुआ था। सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर, भाजपा एमएलसी दारा सिंह चौहान, साहिबाबाद से भाजपा विधायक सुनील शर्मा और रालोद नेता अनिल कुमार को जगह दी गई थी। इसके बाद योगी सरकार में सामान्य वर्ग के 24, OBC वर्ग के 22 और SC-ST वर्ग के मंत्रियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई। 25 मार्च 2022 को योगी सरकार 2.0 का शपथ ग्रहण हुआ था। नाराज है केंद्रीय नेतृत्व
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, यूपी में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति अब तक नहीं होने से केंद्रीय नेतृत्व नाराज है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह दिल्ली में सूची पर चर्चा करके लौटे हैं। लेकिन करीब एक दर्जन से अधिक जिलों में चुनाव स्थगित होने से भी केंद्रीय नेतृत्व खुश नहीं है। इसलिए विनोद तावड़े को लखनऊ भेजा गया है। तावड़े ने सभी जिलों में जिलाध्यक्ष एक साथ नियुक्त करने पर चर्चा भी की है। कानपुर क्षेत्र में मचा बवाल
विनोद तावड़े के लखनऊ प्रवास के दौरान शुक्रवार को कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र का एक लेटर वायरल हुआ। युवा मोर्चा के नेता अजीत गुप्ता ने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल को लेटर लिख कर जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में लाखों के लेन-देन का आरोप लगाया। अजीत गुप्ता ने लिखा- क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल के करीबी मुखलाल पाल ने जिलाध्यक्ष बनवाने के नाम पर पार्टी फंड में 50 लाख रुपए जमा कराने के लिए कहा। मैंने पार्टी के नाम पर उन्हें 50 लाख रुपए दे दिए। लेकिन उन्होंने पैसे पार्टी फंड में न जमा कराकर अपने पास रख लिए। इस संबंध में प्रकाश पाल का कहना है कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह से मामले की जांच कराने की मांग की है। जांच में जो भी दोषी हो उन पर सख्त कार्रवाई की भी मांग की है। ———————- यह खबर भी पढ़िए… अखिलेश बोले- 50 नहीं, 60 करोड़ लोग महाकुंभ आए:आंकड़ों को लेकर कसा तंज; काशी में कहा- मौत के आंकड़े तो बता नहीं पा रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लालबिहारी यादव की बेटी की शादी समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने न सिर्फ योगी सरकार, बल्कि पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। दो बड़े बयान दिए। पहला बयान महाकुंभ और दूसरा प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे को लेकर है। पढ़ें पूरी खबर…

कानपुर में दंपती लूटकांड के आरोपी अरेस्ट:बाइक से आए थे आरोपी, 70 हजार लेकर भागे; CCTV से पकड़े गए

कानपुर में दंपती लूटकांड के आरोपी अरेस्ट:बाइक से आए थे आरोपी, 70 हजार लेकर भागे; CCTV से पकड़े गए कानपुर के शिवराजपुर में बैंक से 70 हजार का लोन की रकम लेकर निकले दंपति से 70 हजार से लूटकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया। बाइक सवार दोनों लुटेरों को अरेस्ट करने के साथ ही कैश भी बरामद कर लिया है। दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। लूट का खुलासा होने से लूट का शिकार दंपति ने राहत की सांस ली है। लूट के बाद से दंपति दहशत में थे। बैंक से रेकी की फिर पीछा करके दिया लूट को अंजाम एडीसीपी वेस्ट विजेंद्र द्विवेदी ने बताया कि चौबेपुर के सहजोरा गांव में रहने वाले अनिल पाल 11 फरवरी को बंधन बैंक शिवराजपुर में पत्नी पूजा के साथ 70 हलार लोन लेकर निकले थे। अनिल ने बताया कि 70 हजार कैश निकालकर घर जा रहे थे। मानपुर मोड़ के पास पीछे से आए बाइक सवार दो बदमाशों ने ओवरटेक करके पत्नी से रुपयो भरा बैग छीन लिया। इसके बाद अनिल पाल ने शिवराजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लूट की जांच कर रही शिवराजपुर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस के साथ ही लोकल इनपुट के आधार पर शातिर लुटेरे शिवराजपुर के ही कपूरपुर निवासी ईसब और इसी गांव के मोहम्मद जावेद को अरेस्ट कर लिया। दोनों के पास से लूट का 66 हजार 900 रुपए भी बरामद हो गया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि ईसब बैंक के बाहर और मो. जावेद बैंक के अंदर रेकी कर रहे थे। जैसे ही बैंक से कैश लेकर दंपति निकले लुटेरों ने पीछा कर लिया और सन्नाटा देखकर मानपुर मोड़ के पास कैश लूटकर फरार हो गए थे। दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।

महाकुंभ में राजनीति जगत के दिग्गजों का लगा तांता:मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सांसद रेखा शर्मा, सुबुही खान ने लगाई संगम में डुबकी

महाकुंभ में राजनीति जगत के दिग्गजों का लगा तांता:मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सांसद रेखा शर्मा, सुबुही खान ने लगाई संगम में डुबकी महाकुंभ में रोज देश-दुनिया से शख्सियतों के आने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, भाजपा की सांसद रेखा शर्मा, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल के साथ ही सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सुबुही खान ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके साथ ही, तेलंगाना के पूर्व मंत्री मल्ला रेड्डी और गोवा के आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित पालेकर ने भी आस्था की डुबकी लगाकर खुद को धन्य माना। वंदे भारत ट्रेन से प्रयागराज पहुंचे सर्बानंद सोनोवाल
संगम स्नान करने के लिए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल नई दिल्ली से प्रयागराज के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन पर सवार होकर प्रयागराज पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने तीर्थराज प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान कर खुद के जीवन को धन्य माना। वहीं, भाजपा की राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा ने भी शुक्रवार को डुबकी लगाई। योगी सरकार के प्रयास हैं बेहतर : रेखा शर्मा
महाकुंभ में की गई व्यवस्थाओं की रेखा शर्मा जमकर सराहना की और योगी सरकार के प्रयासों को बेहतर बताया। रेखा शर्मा ने कहा कि महाकुंभ में योगी सरकार की बहुत अच्छी व्यवस्था है, मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। लोगों को कोई समस्या नहीं आ रही है। उनके अनुसार, जब मैं एयरपोर्ट से बाहर आई, तो कोई भारी भीड़ नहीं थी, न ही लंबी लाइनें थीं। महाकुंभ मेला क्षेत्र में की गई टेंट की व्यवस्था की तारीफ करते हुए भाजपा सांसद ने कहा, ” टेंट में भी बहुत अच्छी व्यवस्था है। मुझे लगता है कि योगी सरकार ने करोड़ों लोगों के लिए इतनी बेहतरीन व्यवस्था की है। यह एक जीवन भर का अवसर है, जिसे मैं गंवाना नहीं चाहती थी। उन्होंने कहा कि वह संसद सत्र समाप्त होने के बाद यहां आईं और शनिवार से वह अपने बाकी सामान्य कार्यों को फिर से शुरू करेंगी। आस्था पहले है, बाकी काम बाद में है।” पक्ष हो या विपक्ष, सबके सिर चढ़कर बोल रहा महाकुंभ का जादू
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल व सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सुबुही खान ने भी शुक्रवार को आस्था की डुबकी लगाई। इन दोनों ने ही महाकुंभ को सनातन आस्था का सबसे बड़ा महाआयोजन करार देते हुए इसे भव्य बनाने और श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों, साधु-संतों व आमजनों के लिए सुविधाएं तथा व्यापक स्तर पर व्यवस्था करने के लिए योगी सरकार की जमकर तारीफ की। साथ ही, इसे जीवन में एक बार होने वाला अनुभव करार दिया। उन्होंने प्रयागराज मेला प्राधिकरण तथा पुलिस व प्रशासन की भी सराहना की। दूसरी ओर, तेलंगाना के पूर्व मंत्री मल्ला रेड्डी और गोवा के आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित पालेकर ने भी आस्था की डुबकी लगाकर खुद को धन्य माना।

स्वच्छता के वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर बढ़ा महाकुंभ:300 कर्मियों ने एक साथ 3 घाटों पर सफाई अभियान चलाया, नदियों के संरक्षण का संदेश दिया

स्वच्छता के वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर बढ़ा महाकुंभ:300 कर्मियों ने एक साथ 3 घाटों पर सफाई अभियान चलाया, नदियों के संरक्षण का संदेश दिया संगमनगरी ऐतिहासिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की भी साक्षी बन रही है। 50 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान के वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ ही तीर्थराज ने शुक्रवार को स्वच्छता की दिशा में भी एक अनूठा वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। इसके तहत, 300 से अधिक स्वच्छताकर्मियों ने एक साथ अलग-अलग घाटों पर गंगा की सफाई कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए मेला प्राधिकरण की ओर से सभी निर्धारित प्रक्रिया को अपनाया गया। अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि इस पूरी प्रक्रिया को वेरिफाई करेंगे और इस रिकॉर्ड को प्रमाणित करने के बाद इसका सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे। सर्टिफिकेट प्राप्त होने के बाद यह अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड होगा, जहां एक साथ इतने सफाई कर्मियों ने अलग-अलग घाटों पर आधे घंटे से ज्यादा समय तक नदी की सफाई का अभियान चलाया। पूरी प्रक्रिया की कराई गई वीडियोग्राफी सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रयागराज में जारी महाकुंभ की ग्लोबल इमेज को देखते हुए सरकार ने नदी की सफाई को लेकर जन जागरुकता अभियान छेड़ा हुआ है। इस अभियान की वजह से महाकुंभ में आ रहे करोड़ों श्रद्धालु मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पावन, निर्मल और स्वच्छ जल में स्नान कर रहे हैं। अब इसी अभियान को वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में प्रमाणिकता मिलने जा रही है। मेला प्राधिकरण की विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) आकांक्षा राना ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सबसे बड़ी नदी सफाई अभियान के रिकॉर्ड्स की स्थापना का लक्ष्य रखा गया था, जिसे आज पूरी प्रक्रिया के साथ पूर्ण किया गया है। इसके तहत गंगा नदी पर बने तीन घाटों (राम घाट, भारद्वाज घाट और गंगेश्वर घाट) पर एक साथ गंगा सफाई अभियान चलाया गया। आधे घंटे से अधिक समय तक चले इस अभियान के माध्यम से नदी और घाटों को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता का भी प्रसार किया गया। इस सफाई अभियान में कुल 300 से ज्यादा सफाई कर्मी शामिल हुए। इस तरह का अभियान पहली बार बनाया गया है। आई विटनेसेज के सामने चली प्रक्रिया आकांक्षा राना ने बताया कि इस अभियान को देखने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। साथ ही, इस प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए आई विटनेसेज के रूप में इनवॉयरमेंटलिस्ट और एमएनआईटी के प्रोफेसर्स भी मौजूद थे। अब इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई, जिसे देखने और वेरीफाई करने के बाद इस रिकॉर्ड को मान्यता दी जाएगी। इस रिकॉर्ड का उद्देश्य न केवल विश्व रिकॉर्ड हासिल करना है, बल्कि पवित्र नदियों के संरक्षण के लिए महाकुंभ के समर्पण को भी उजागर करना है। इसके माध्यम से पारिस्थितिक संरक्षण और प्राकृतिक पर्यावरण के साथ आध्यात्मिक संबंध के महत्व पर जोर दिया जाएगा। 15 हजार स्वच्छताकर्मी एक साथ सफाई अभियान का बनाएंगे रिकॉर्ड एक साथ नदी सफाई के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब मेला प्राधिकरण शनिवार को भी एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर कदम बढ़ाएगा। यह रिकॉर्ड सबसे बड़ी सिंक्रोनाइज्ड स्वीपिंग ड्राइव का होगा। इसके अंतर्गत, 15000 प्रतिभागियों द्वारा एक समन्वित सफाई गतिविधि को पूरा किया जाएगा। इस रिकॉर्ड का महत्व महाकुंभ मेले के आंतरिक मूल्यों के रूप में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है, जो प्रमुख स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी के संदेश को मजबूत करेगा। इससे पहले मेला प्रशासन ने 2019 में 10 हजार प्रतिभागियों के साथ यह रिकॉर्ड बनाया था, जिसे इस बार सुधारने की पहल की जा रही है।