‘इस कलंक को धोकर नई जिंदगी जीना चाहता हूं’:आगरा में 6 हत्याओं से बरी युवक बोला-भगवान पर भरोसा था, उसी ने मुझे बाहर निकाला

‘इस कलंक को धोकर नई जिंदगी जीना चाहता हूं’:आगरा में 6 हत्याओं से बरी युवक बोला-भगवान पर भरोसा था, उसी ने मुझे बाहर निकाला ‘मैं निर्दोष था, मुझे भगवान पर भरोसा था, भगवान ने न्याय किया है। अब बाहर आ गया हूं, कोई साथ नहीं है, लेकिन ऊपर वाला साथ है। उसके भरोसे ही जिंदगी चलेगी। जेल से बाहर आने के बाद मेरे पास 300 रुपए थे। जो बैरक में रहने वाले साथी बंदी राजवीर और विजय ने दी थी। अब भगवान की तय करेंगे कि वो कहां जाएगा। वो इस कलंक को धोकर नई जिंदगी जीना चाहता है। लेकिन, मुझे अपनी जान का डर भी है।’ ये कहना है गंभीर का। दरअसल, आगरा में भाई-भाभी और उनके चारों बच्चों की सामूहिक हत्या कर दी गई थी। इन हत्याओं का आरोप गंभीर पर लगा था, साक्ष्य के अभाव में वो जेल से बरी होकर बाहर आया। पहली बार कैमरे पर दैनिक भास्कर से बातचीत की। पहले जानिए पूरा मामला… 2012 में हुई थी छह लोगों की सामूहिक हत्या
गांव तुरकिया में 9 मई 2012 को सत्य प्रकाश उनकी पत्नी पुष्पा और चार बच्चों की सामूहिक की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्याकांड सत्यप्रकाश के भाई गंभीर सिंह को जेल भेजा था। स्थानीय अदालत ने उसे मृत्यु की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा था। पुलिस द्वारा विवेचना में लापरवाही और ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाने पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 जनवरी को उसे बरी कर दिया था। 12 फरवरी को आगरा के केंद्रीय कारागार से गंभीर सिंह को रिहा कर दिया गया। भगवान जाने अब कहां जाऊंगा
बुधवार सुबह करीब 8 बजे गंभीर सिंह जेल से रिहा हुआ। रिहा होने पर गंभीर को जेल पर लेने कोई सगा संबंधी और रिश्तेदार नहीं आया था। गंभीर सिंह खंदौली में रहने वाले अपने जीजा को कॉल किया, लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया। जिस दिन ये घटना हुई थी, उस दिन वो गांव में नहीं था। वो तो जयपुर में काम करता था। भाई का झगड़ा हो गया था, उन्होंने उसे जयपुर से बुलाया था। 8 मई को जिस दिन घटना हुई, उस दिन भाई सत्यभान ने उसे एक हजार रुपए देकर बहन गायत्री को उसकी ससुराल छोड़ने के लिए भेजा था। पुलिस ने उसे 9 मई की रात को ईदगाह बस स्टैंड से पकड़ा था। पुलिस ने मुझे गाड़ी में जबरन बैठा दिया। मुझे कुछ पता ही नहीं था। जेल में मुझे बताया-तुमने 6 हत्याएं कीं गंभीर ने बताया-मैं पुलिस से पूछता रहा, लेकिन मुझे कुछ नहीं बताया। जब मैं जेल के गेट पर था तब मुझे बताया कि तुमने हत्या की है। मुझे निर्दोष फंसाया गया था, लेकिन मुझे भगवान पर भरोसा था कि उनके साथ अन्याय नहीं होने देगा। अब मिलूंगा रिहा कराने वाले वकील से
गंभीर ने बताया-सुप्रीम कोर्ट में उसकी ओर से सरकारी अधिवक्ता राकेश उपाध्याय ने पैरवी की थी। वो आज तक अपने अधिवक्ता से नहीं मिला है, लेकिन अब उनसे मिलकर धन्यवाद जरूर देना चाहता हूं। ——————— यह खबर भी पढ़ें मेरठ के एथलीट को अमेरिका में कार ने कुचला, मौत,: 10 हजार KM साइकिल चलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने निकले थे मेरठ के रहने वाले बंदूक कारोबारी के बेटे की दक्षिण अमेरिका में सड़क हादसे में मौत हो गई। 36 साल के मोहित कोहली एथलीट थे। मोहित साइकिलिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने निकले थे। बुधवार को चिली शहर में कार ने उन्हें कुचल दिया। आसपास मौजूद लोग उन्हें अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलने पर परिवार में मातम है। दक्षिण अमेरिका से मोहित की बॉडी को भारत लाने के लिए शुक्रवार को उनके माता–पिता दिल्ली से फ्लाइट पकड़ेंगे। पढ़िए पूरी खबर…

सहारनपुर में विवाहिता को HIV संक्रमित इंजेक्शन लगाया:ससुरालिये दहेज में मांग रहे थे स्कॉर्पियों कार और 25 लाख, पति जांच में निकला नेगेटिव

सहारनपुर में विवाहिता को HIV संक्रमित इंजेक्शन लगाया:ससुरालिये दहेज में मांग रहे थे स्कॉर्पियों कार और 25 लाख, पति जांच में निकला नेगेटिव सहारनपुर के थाना गंगोह क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दहेज की मांग पूरी न होने पर विवाहिता को न सिर्फ प्रताड़ित किया गया, बल्कि उसे एचआईवी संक्रमित इंजेक्शन तक लगा दिया गया। मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने ससुराल पक्ष के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। शादी के बाद बढ़ी दहेज की मांग
पीड़िता के पिता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने फरवरी 2023 में अपनी बेटी की शादी हरिद्वार जिले के पीरान कलियर थाना क्षेत्र के जसवावाला गांव निवासी युवक से की थी। शादी में कार और 15 लाख रुपए नकद दिए गए थे, लेकिन ससुराल पक्ष इससे नाखुश था। शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने स्कॉर्पियो कार और 25 लाख रुपए की मांग शुरू कर दी। जब पीड़िता के परिवार ने यह मांग पूरी करने से इनकार कर दिया, तो ससुराल वालों ने विवाहिता को घर से निकाल दिया। पंचायत के बाद लौटी ससुराल
गांव में पंचायत के हस्तक्षेप के बाद विवाहिता को दोबारा ससुराल भेजा गया, लेकिन वहां उसको प्रताड़ित किया गया। परिजनों का आरोप है कि ससुरालियों ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। इसके अलावा, उसे कुछ दवाइयां दी गईं और जानलेवा साजिश के तहत एचआईवी संक्रमित इंजेक्शन तक लगा दिया गया। अस्पताल में जांच के बाद खुला राज
जब विवाहिता की तबीयत बिगड़ने लगी, तो मायके वालों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जांच के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि वह एचआईवी संक्रमित हो चुकी है। वहीं, जब उसके पति की जांच कराई गई, तो वह एचआईवी नेगेटिव पाया गया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मामला
पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप किया, जिसके बाद गंगोह कोतवाली पुलिस ने ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट, हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद पीड़िता और उसका परिवार सदमे में है। परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, वह किसी भी महिला के साथ न हो। उन्होंने प्रशासन से दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

10 महीने में आधा बजट खर्च कर पाए सरकारी विभाग:यूपी में डेढ़ महीने में खर्च करना होगा बजट का बाकी पैसा; कई योजनाएं अधूरी

10 महीने में आधा बजट खर्च कर पाए सरकारी विभाग:यूपी में डेढ़ महीने में खर्च करना होगा बजट का बाकी पैसा; कई योजनाएं अधूरी यूपी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न विभागों को अब तक करीब आधा बजट (54.50%) ही जारी किया है। दिलचस्प तो यह है कि विभागों ने मिले बजट का 98.05% 5 फरवरी तक खर्च भी कर दिया। अब वित्तीय वर्ष खत्म होने में सिर्फ डेढ़ महीने बचे हैं। ऐसे में अब बजट जारी करने और उसे खर्च करने में जल्दबाजी दिखाई जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी, कृषि, समाज कल्याण और शिक्षा विभाग को भी पूरा बजट जारी नहीं किया गया है। इससे कई सरकारी योजनाएं पूरी नहीं हो सकी हैं। 7 लाख से ज्यादा का बजट दिया गया था
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में सभी सरकारी विभागों के लिए 7 लाख 18 हजार 549 करोड़ का बजट प्रावधान किया था। 5 फरवरी तक 4 लाख 33 हजार 243 करोड़ रुपए (60.29%) बजट स्वीकृत किया था। लेकिन, विभागों को 3 लाख 91 हजार 664 करोड़ (53.44%) ही अलॉट किया गया। विभागों ने 3 लाख 84 हजार 43 करोड़ रुपए बजट खर्च किया है। यह बजट प्रावधान का सिर्फ 53.44% और अलॉट बजट का 98.05% है। बजट मांगते ही नहीं विभाग
वित्त विभाग के पूर्व अपर मुख्य सचिव (एसीएस) संजीव मित्तल कहते हैं- बजट पूरा अलॉट नहीं होने और खर्च नहीं होने के कई कारण होते हैं। जैसे बजट ज्यादा पास करा लिया जाता है, लेकिन खर्च नहीं होता। वित्त विभाग बजट मांगने पर अलॉट करता है। उससे पहले विभाग को प्रस्ताव मंजूर कराने पड़ते हैं। पीडब्ल्यूडी में देखा गया है कि काम मंजूर नहीं हो पाते। कई बार भारत सरकार की ग्रांट नहीं मिलने से राज्य सरकार का बजट भी खर्च नहीं हो पाता। ऊर्जा विभाग को 65%​​​​​ बजट मिला,​​ तो बिजली कैसे मिलेगी पूरी
यूपी में बिजली का संकट अक्सर रहता है। जनप्रतिनिधि भी गांवों में बिजली आपूर्ति पर्याप्त नहीं होने का मुद्दा उठाते हैं। ऊर्जा विभाग को 10 महीने में केवल 65% बजट ही अलॉट हुआ है। ऊर्जा विभाग को 66 हजार 190 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया था। स्वीकृत 48 हजार 243 करोड़ रुपए किए गए थे, दिए गए 44 हजार 523 करोड़। विभाग ने खर्च किए 43 हजार 304 करोड़। यही हाल सुरक्षा देखने वाले गृह विभाग का है। विभाग को 39 हजार 435 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया था, लेकिन दिया गया 31 हजार 736 करोड़। विभाग ने 10 महीने में सिर्फ 25 हजार 727 करोड़ का बजट ही खर्च कर पाया। खेती किसानी से रसद तक भी जेब टाइट
अलॉटमेंट में कृषि, पशुधन और खाद्य रसद जैसे महकमों को भी पूरा बजट नहीं मिला। खाद्य रसद विभाग को तो 50% से भी कम बजट दिया गया है। विभाग भी जिम्मेदार
लखनऊ विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. एमके अग्रवाल का कहना है कि विभाग समय पर प्रस्ताव नहीं भेजते। बजट की पहली किस्त का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देते। कई बार तो बजट समय पर नहीं मांगा जाता है। वित्तीय वर्ष के अंतिम चरण में जल्दबाजी में प्रस्ताव पास कराए जाते हैं। बजट समय पर नहीं मांगते हैं। प्रस्ताव की मंजूरी से लेकर टेंडर जारी करने तक में बजट लैप्स हो जाता है। वित्त विभाग के स्तर से इसकी हर पंद्रह दिन में समीक्षा होनी चाहिए। ग्राफिक्स: प्रदीप तिवारी ——————— ये खबर भी पढ़ें ममता कुलकर्णी 2 दिन बाद फिर महामंडलेश्वर बनीं:इस्तीफा नामंजूर; बोलीं- गुरु डॉ. लक्ष्मी त्रिपाठी पर आरोप लगने से दुखी थी ममता कुलकर्णी 2 दिन बाद फिर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गईं। उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। गुरुवार को वीडियो जारी करते हुए कहा, उनकी गुरु डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। ममता ने दो दिन पहले इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर महामंडलेश्वर पद छोड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, किन्नर अखाड़े में लोग आपस में झगड़ रहे हैं। इससे दुखी हूं। पढ़ें पूरी खबर…

ममता कुलकर्णी का इस्तीफा नामंजूर, फिर महामंडलेश्वर बनीं:बोलीं- गुरु डॉ. लक्ष्मी त्रिपाठी पर आरोप लगने से दुखी थी, इसलिए छोड़ा था पद

ममता कुलकर्णी का इस्तीफा नामंजूर, फिर महामंडलेश्वर बनीं:बोलीं- गुरु डॉ. लक्ष्मी त्रिपाठी पर आरोप लगने से दुखी थी, इसलिए छोड़ा था पद ममता कुलकर्णी 2 दिन बाद फिर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गईं। उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। गुरुवार को वीडियो जारी करते हुए कहा, उनकी गुरु डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। ममता ने दो दिन पहले इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर महामंडलेश्वर पद छोड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, किन्नर अखाड़े में लोग आपस में झगड़ रहे हैं। इससे दुखी हूं। दैनिक भास्कर से आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी त्रिपाठी ने कहा, ‘ममता कुलकर्णी को हमने महामंडलेश्वर बनाया था। वह किन्नर अखाड़े में थीं, हैं और आगे भी रहेंगी।’ प्रयागराज महाकुंभ में 24 जनवरी को ममता को महामंडलेश्वर बनाया गया था। ममता को नया नाम श्रीयामाई ममता नंद गिरि मिला था। करीब 7 दिन तक वह महाकुंभ में ही रहीं। ममता पर विवाद, उनके संन्यास की पूरी कहानी सिलसिलेवार पढ़िए दोबारा महामंडलेश्वर पद लेने पर ममता बोलीं- मैं श्रीयामाई ममता नंद गिरि। दो दिन पहले मेरे पट्‌टा गुरु लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी पर कुछ लोगों ने गलत आक्षेप लगाए थे। इस भावना में आकर मैंने अपने पद से इस्तीफा दिया, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नामंजूर कर दिया। और जो गुरु भेंट मैंने आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को दी थी, वो एक महामंडलेश्वर बनने के बाद जो छत्र, छड़ी और चंवर होते हैं, उसके लिए थे। जो थोड़े बचे, वो भंडारे के लिए समर्पित किया था। मैंने उनकी कृतज्ञ हूं कि उन्होंने वापस इस पद पर बैठाया। आगे चलकर मैं अपना जीवन किन्नर अखाड़ा और सनातन धर्म के लिए समर्पित करूंगी। इस्तीफा देकर ममता बोलीं- हमेशा साध्वी रहूंगी ममता कुलकर्णी ने 10 फरवरी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर पद छोड़ दिया था। कहा, मैं महामंडलेश्वर यामाई ममता नंद गिरि अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं। आज किन्नर अखाड़े में मुझे लेकर समस्याएं हो रही हैं। मैं 25 साल से एक साध्वी थी और हमेशा साध्वी रहूंगी। मुझे महामंडलेश्वर का सम्मान दिया गया था, लेकिन ये कुछ लोगों के लिए आपत्तिजनक हो गया था। चाहें वो शंकराचार्य हों या कोई और हों। मैंने तो बॉलीवुड को 25 साल पहले ही छोड़ दिया था। मेकअप और बॉलीवुड से इतना दूर कौन रहता है, लेकिन मैंने 25 साल तपस्या की। मैं खुद गायब रही। मुझे लेकर लोग प्रतिक्रिया देते हैं कि मैं ये क्यों करती हूं या वो क्यों करती हूं। नारायण तो सब सम्पन्न हैं। वो सब प्रकार के आभूषण पहनकर, धारण करके महायोगी हैं, भगवान हैं। कोई देवी-देवता आप देखोगे किसी प्रकार के श्रृंगार से कम नहीं और मेरे सामने सब आए थे, सब इसी श्रृंगार में आ गए थे। मेरे गुरु की बराबरी में कोई और नहीं
ममता कहती हैं, एक शंकराचार्य ने कहा कि ममता कुलकर्णी दो अखाड़ों के बीच में फंस गई, लेकिन मेरे गुरु स्वामी चैतन्य गगन गिरी महाराज हैं। जिनके सानिध्य में मैंने 25 साल तपस्या की है। उनकी बराबरी में मुझे कोई और नहीं दिखता। मेरे गुरु बहुत ऊंचे हैं। सब में अहंकार है। आपस में झगड़ रहे हैं। मुझे किसी कैलाश या हिमालय में जाने की कोई जरूरत नहीं है। सब ब्रह्मांड मेरे सामने है। महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी ने मेरी तरफ से दो लाख दिए थे
ममता कुलकर्णी ने कहा, आज मेरे महामंडलेश्वर बनने से जिनको आपत्ति हुई है, चाहें वो हिमांगी हों या कोई और, मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहूंगी। इन लोगों को ब्रह्म विद्या के बारे में कुछ भी नहीं पता है। मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि मैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का सम्मान करती हूं। मैं हिमांगी उमांगी को नहीं जानती हूं। ये सब कौन हैं? ममता कुलकर्णी पर 10 करोड़ देकर महामंडलेश्वर पद लेने का आरोप लगा था। इस पर ममता कुलकर्णी ने कहा, जहां तक पैसे की लेन-देन की बात है, तो मुझसे दो लाख रुपए मांगे गए थे, लेकिन मैंने कमरे के अंदर महामंडलेश्वर और जगदगुरुओं के सामने कहा था कि मेरे पास दो लाख रुपए नहीं हैं। तब वहां पर बैठी हुईं महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी ने अपनी जेब से दो लाख रुपए लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को दिए थे। इसके ऊपर चार करोड़ और तीन करोड़ देने वाली बाते हैं, लेकिन मैंने कुछ नहीं किया। मैंने 25 साल चंडी की आराधना की है। उसी ने मुझे संकेत दिया कि मुझे इन सबसे बाहर होना चाहिए। ममता के महामंडलेश्वर बनाए जाने पर विवाद क्या था? जगद्गुरु हिमांगी सखी बोलीं- ममता के D कंपनी से कनेक्शन
किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर गहरी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा, ममता कुलकर्णी के D कंपनी से कनेक्शन हैं। ड्रग केस में जेल जाने का उनका इतिहास है। क्या यह सिर्फ प्रचार का हथकंडा है? आचार और संस्कार पर ध्यान देना जरूरी है। इस मामले की जांच होनी चाहिए। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। हिमांगी ने कहा- किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, एक महिला को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया। वो भी तब जब उसके अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं। बाबा रामदेव और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी किया विरोध पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और योग गुरु बाबा रामदेव समेत कई संतों ने इसका विरोध किया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव में आकर किसी को भी संत या महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है? पदवी उसी को दी जानी चाहिए, जिसके अंदर संत या साध्वी के भाव हों। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा था, कोई एक दिन में संतत्व को उपलब्ध नहीं हो सकता। उसके लिए सालों की साधना लगती है। आजकल तो मैं देख रहा हूं कि किसी की भी मुंडी पकड़कर महामंडलेश्वर बना दिया। ऐसा नहीं होता है। खुद को किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने का दावा करने वाले ऋषि अजय दास भी विरोध में उतर आए थे। अजय दास ने दावा किया था- मैंने लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। ममता को महामंडलेश्वर बनाने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिस पर (ममता पर) देशद्रोह का आरोप हो। उसे महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है? दास ने ये भी कहा था कि ये कोई बिग बॉस का शो नहीं है, जिसको कुंभ के दौरान एक महीने चला दिया जाए। लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को मैंने किन्नर समाज के उत्थान और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए आचार्य महामंडलेश्वर बनाया था, लेकिन वह भटक गईं। ऐसे में मुझे एक्शन लेना पड़ा। शांभवी पीठाधीश्वर श्री स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा था, किन्नर अखाड़े को मान्यता देकर पिछले कुंभ में महापाप हुआ था, जिस प्रकार की अनुशासनहीनता हो रही है, वो बहुत घातक है। ये सनातन धर्म के साथ एक धोखा है, छल है। मैंने ममता से कहा- इन लोगों के जाल में मत पड़ो। स्त्री के लिए संन्यास नहीं है। तमाम ऐसी परंपरा है, जिसमें तुम विरक्त होकर रह सकती हो। उन्होंने कहा कि ऐसी जगह न गिरो कि लोग तुम्हारे ऊपर थूकें। किन्नर अखाड़े को लोग मजाक में ले रहे हैं। वहां ज्ञान भक्ति की बात नहीं हो रही। कुंभ का मजाक बनाने का प्रयास हो रहा है। जब-जब अधर्म होगा, तब-तब मैं बोलूंगा। ममता का नाम बहुत बड़ा है। ये लोग उसके नाम पर व्यापार करेंगे। ममता कुलकर्णी का विषय बहुत घातक और धर्म के खिलाफ है। आचार्य महामंडलेश्वर ने किया बचाव, बोलीं- ममता इस्लाम स्वीकार कर लेती तो…? ममता कुलकर्णी के इस्तीफे के बाद किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा, ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़ा में महामंडलेश्वर बनने से कुछ लोग ज्यादा परेशान हैं। जबकि यही ममता कुलकर्णी अगर इस्लाम में चली जातीं तो धर्म के तथाकथित ठेकेदार तब क्या करते? इस बारे में तब कोई कुछ नहीं बोलता। आज सनातन धर्म के बहुत से लोग इस्लाम और क्रिश्चियन बन रहे हैं, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसको रोकने के लिए किन्नर अखाड़ा व्यापक स्तर पर काम कर रहा है। 24 घंटे में महामंडलेश्वर बनी थीं ममता कुलकर्णी ममता कुलकर्णी करीब दो दशक से साध्वी जैसी जिंदगी जीने का दावा करती रही हैं। वह 23 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ पहुंची थीं। वह भगवा कपड़े पहनी दिखीं। उन्होंने गले में रुद्राक्ष की दो बड़ी माला पहन रखी थी। कंधे पर भगवा झोला भी टांग रखा था। ममता 24 घंटे में महामंडलेश्वर बन गईं। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मिलीं। दोनों में लंबी बातचीत चली। दोपहर में दोनों अखाड़े के पदाधिकारियों के साथ अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र पुरी से मिलीं और महामंडलेश्वर बनने की हरी झंडी मिल गई। इसके बाद ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया शुरू हुई। पिंडदान किया और संगम में डुबकी लगाई। देर शाम किन्नर अखाड़े में पट्‌टाभिषेक हुआ और वह महामंडलेश्वर बन गईं। बताया, महामंडलेश्वर बनने से ठीक पहले उनकी परीक्षा ली गई। 23 साल तक की गई तपस्या, साधना और ध्यान से संबंधित ढेर सारे सवाल पूछे गए। हर सवाल का सही जवाब देने और तरह-तरह की परीक्षाओं में पास होने के बाद उन्हें उपाधि मिली है। ममता कुलकर्णी के पट्‌टाभिषेक की तस्वीरें… ममता ने कहा- अब बॉलीवुड से मेरा कोई नाता नहीं ममता ने कहा था, साल 2000 से मैंने अपनी तपस्या शुरू की। मेरे गुरु श्री चैतन्य गगन गिरी गुरु नाथ हैं। उनसे मैंने दीक्षा ली थी। उनका कुपोली में आश्रम है। 23 साल से मेरी तपस्या चल रही है। महामंडलेश्वर बनना, वो भी अर्धनारीश्वर स्वरूप के हाथों से बनना। इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। आज शुक्रवार का दिन है, आदि शक्ति का दिन है। महाकाली का मेरे ऊपर आशीर्वाद है। वो मेरी मां हैं। मैं उनकी अंश स्वरूप हैं। एक आदि शक्ति और अर्धनारीश्वर स्वरूप से मेरा पट्टाभिषेक हो रहा है। इससे और बड़ी चीज क्या हो सकती है। अब बॉलीवुड से मेरा कोई नाता नहीं है। वो तो मैंने कब का छोड़ दिया। मैं बॉलीवुड के लिए वापस नहीं आई। मैं 23 साल बाद इंडिया में आई। मैं 2013 के कुंभ मेले में आई थी। 144 साल बाद ये जो महाकुंभ है। मैं सिर्फ इसके लिए आई हूं। अब मुझे महामंडलेश्वर की ख्याति मिल रही है। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। अब मुझे कुछ नहीं चाहिए। महामंडलेश्वर बनने की यह है प्रक्रिया संन्यास से पहले भी विवादों में रहीं ममता मैगजीन के लिए टॉपलेस फोटोशूट कराया शाहरुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अनिल कपूर जैसे बड़े स्टार्स से साथ स्क्रीन शेयर करने वाली ममता, उस वक्त विवादों में आई जब उन्होंने साल 1993 में स्टारडस्ट मैगजीन के लिए टॉपलेस फोटोशूट कराया था। वहीं, डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने ममता को फिल्म ‘चाइना गेट’ में बतौर लीड एक्ट्रेस लिया था। शुरुआती अनबन के बाद संतोषी, ममता को फिल्म से बाहर निकालना चाहते थे। खबरों के मुताबिक, अंडरवर्ल्ड से प्रेशर बढ़ने के बाद, उन्हें फिल्म में रखा गया। हालांकि, फिल्म फ्लॉप साबित हुई और बाद में ममता ने संतोषी पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप भी लगाया। ड्रग माफिया से रचाई शादी, साध्वी बनीं
ममता पर आरोप लगा कि उन्होंने दुबई के रहने वाले अंडरवर्ल्ड ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से शादी की थी। हालांकि, ममता ने अपनी शादी की खबरों को हमेशा ही अफवाह बताया। ममता का कहना था, ‘मैंने कभी किसी से शादी नहीं की थी। यह सही है कि मैं विक्‍की से प्‍यार करती हूं, लेकिन उसे भी पता होगा कि अब मेरा पहला प्‍यार ईश्‍वर हैं।’ ममता ने 2013 में अपनी किताब ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगिनी’ रिलीज की थी। इस दौरान फिल्‍मी दुनिया को अलविदा कहने की वजह बताते हुए कहा था, ‘कुछ लोग दुनिया के कामों के लिए पैदा होते है, जबकि कुछ ईश्‍वर के लिए पैदा होते हैं। मैं भी ईश्‍वर के लिए पैदा हुई हूं।’ तमिल फिल्म से शुरू किया करियर
ममता कुलकर्णी का जन्म 20 अप्रैल 1972 को मुंबई में हुआ था। ममता ने 1991 में अपने करियर की शुरुआत तमिल फिल्म ‘ननबरगल’ से की। साल 1991 में ही उनकी पहली हिंदी फिल्म ‘मेरा दिल तेरे लिए’ रिलीज हुई। वेबसाइट आईएमडीबी के मुताबिक एक्ट्रेस ने अपने करियर में कुल 34 फिल्में की हैं। ममता को साल 1993 में फिल्म ‘आशिक आवारा’ के लिए बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था। इसके बाद वे ‘वक्त हमारा है’, ‘क्रांतिवीर’, ‘करण अर्जुन’, ‘बाजी’ जैसी फिल्मों में नजर आईं। उनकी लास्ट फिल्म ‘कभी तुम कभी हम’ साल 2002 में रिलीज हुई थी। ———————————- महाकुंभ से जुड़ी ये भी खबर पढ़िए… महाकुंभ में 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन:11 एकड़ में भारत के नक्शे पर बना; 22 आर्टिस्ट ने स्क्रैप से तैयार किया शिवालय पार्क महाकुंभ आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र शिवालय पार्क है। एक ही जगह पर 12 ज्योतिर्लिंग और सभी बड़े शिवालय के दर्शन हो रहे हैं। काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति भी यहां बनाई गई है। यह पार्क पूरी तरह से स्क्रैप से तैयार किया गया है। इसरो की सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में भी दिखता है। पढ़ें पूरी खबर…

रेशमा खान ने सेक्स रैकेट को नेटवर्क मार्केटिंग जैसा बढ़ाया:गोरखपुर से नेपाल तक 300 लड़कियां, हर एक को 2-3 लड़की लाने का टारगेट

रेशमा खान ने सेक्स रैकेट को नेटवर्क मार्केटिंग जैसा बढ़ाया:गोरखपुर से नेपाल तक 300 लड़कियां, हर एक को 2-3 लड़की लाने का टारगेट रेशमा खान…गोरखपुर में एक ऐसा नाम है, जो लड़कियों को बहला-फुसलाकर देह व्यापार में धकेल रही थी। उसने जिस्म-फरोशी का अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था। मास्टरमाइंड रेशमा अब पुलिस की गिरफ्त में है। उसके साथी मुस्कान और श्रेय शुक्ला समेत 14 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। रेशमा ने पुलिस कस्टडी में कई राज उगले हैं। पुलिस के मुताबिक, सिर्फ 14 साल की उम्र में रेशमा खान ने पहली बार 1 लड़की को फंसाकर सप्लायर तक पहुंचाया था। इसके बाद उसने इसे अपना पेशा बना लिया। उसके जाल में फंसकर करीब 300 लड़कियां अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुकी हैं। रेशमा सेक्स रैकेट को भी बिजनेस मॉडल की तरह लड़कियों के सामने रखती थी। मतलब, अपने साथ दूसरी लड़की लाओगी तो कमीशन मिलेगा। लड़की जिस कस्टमर के पास जाएगी, उसका एक हिस्सा भेजने वाले का भी होगा। रेशमा यह भी समझ गई थी कि सिर्फ गोरखपुर तक इस धंधे को नहीं रखना है। उसने गोरखपुर के आस-पास के जिलों के साथ नेपाल तक अपना नेटवर्क फैलाया। सारी डीलिंग मोबाइल पर होती थी। लड़कियों को खरीदने-बेचने के आरोपी मुस्कान और श्रेय ने पुलिस को बताया कि कम उम्र की लड़कियों को रेशमा बहुत जल्दी कन्वेंस कर लेती थी। वह उसके असर में कुछ भी करने को तैयार हो जाती थीं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… लड़कियों को फंसाने का रेशमा का फिक्स पैटर्न
लड़कियों को फंसाने के लिए रेशमा का फिक्स पैटर्न था। वह नौकरी के इंटरव्यू के लिए होटल में लड़कियों को बुलाती थी। फिर उनका रेप करवाती। वहीं पर अश्लील वीडियो बनता। धमकी दी जाती कि अगर बात नहीं मानी तो यह न्यूड वीडियो तुम्हारे परिवार को भेज दिए जाएंगे। एक बार लड़की रेशमा के चक्रव्यूह में फंस जाती, तब उसको और लड़कियों को लाने का ऑफर देती। यहां कमीशन का खेल शुरू हो जाता। पूछताछ में यह भी सामने आया कि पूरे 12 महीने इन लड़कियों को कस्टमर नहीं मिलते थे। ऐसे में कुछ लड़कियों को टारगेट दिया जाता कि तुम कस्टमर पकड़कर लाओ। अगर कस्टमर तुम्हारे रिफरेंस से आता है, तो 30% तुम्हारा। मसलन, अगर 1500 रुपए मिले, तो कमीशन के 500 कस्टमर भेजने वाली लड़की को मिलता। 8 जिलों के होटल रेशमा के नेटवर्क में
गोरखपुर के अलावा देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, मऊ, बलिया, आजमगढ़, बस्ती, सिद्धार्थनगर के ज्यादातर होटल रेशमा के नेटवर्क में थे। यहां रिसेप्शन पर बैठने वाले लोग सीधे रेशमा के टच में रहते थे। अमूमन होटल में ठहरने वाले लड़की की डिमांड रिसेप्शन पर बैठे लोगों से करते थे। तब उन्हें रेशमा या उसकी किसी लड़की का नंबर दिया जाता। इसके बाद वॉट्सऐप पर लड़की की तस्वीर शेयर कर ली जाती। उम्र और सुंदरता के हिसाब से रेट तय होते। वह भी तस्वीर के साथ लिखकर भेज दिया जाता था। यही था रेशमा का मार्केटिंग प्लान। इसका कोई सबूत तो नहीं मिला है, मगर सोर्स कहते हैं कि संबंधित थानों में भी रेशमा की ठीक-ठाक सेटिंग थी। रेशमा ने अपने मोबाइल का डेटा डिलीट किया है, उसको साइबर सेल रिकवर कर रही है। सोशल मीडिया पर दिखाती थी लग्जरी लाइफ
इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रेशमा के प्रोफाइल मिली है। श्रेय का कहना कई लड़कियां रेशमा खान की लग्जरी लाइफ को सोशल मीडिया पर देखकर खुद ही उससे संपर्क करती थीं। मगर रेशमा शातिर थी, लड़कियों का बैकग्राउंड पूरी तरह से पता करने के बाद ही उन्हें सेक्स रैकेट तक लेकर आती थी। अनिरुद्ध और कुशीनगर की महिला थे मददगार
पुलिस पूछताछ में रेशमा ने कबूल किया कि करीब 3 साल पहले वह जीनस बाटल रेस्टोरेंट के अनिरुद्ध ओझा के संपर्क में आई। अनिरुद्ध हुक्का बार भी चलाता था। इसके अलावा कुशीनगर की एक महिला भी रेशमा के संपर्क में थी। सोर्स बताते हैं कि कुशीनगर की यह महिला ही रेशमा की मेंटर थी। उसने ही लड़कियों को फंसाने की शुरुआती ट्रेनिंग रेशमा को दी। 10वीं फेल होकर छोड़ दी पढ़ाई
जब रेशमा अरेस्ट हुई, तब उसने बताया कि वह छठवीं तक पढ़ी है, मगर पुलिस ने जब उसकी पिछली जिंदगी खंगाली तब सामने आया कि वह 10वीं फेल है। उसने असुरन चौक के पास स्थित एक स्कूल से पढ़ाई की है। एक पुलिस टीम इस स्कूल भी गई थी। सामने आया कि रेशमा ने आज तक अपने कागज भी नहीं लिए हैं। रेशमा सिर्फ 14 साल में सेक्स रैकेट में आ गई थी। उसने ही अपना एक किस्सा पुलिस वालों को सुनाया कि एक दफा पुलिस रेड में किसी का शक उसके ऊपर नहीं गया। कई लड़कियों को पुलिस पकड़कर अपने साथ ले गई, मगर रेशमा को छोड़ दिया, क्योंकि वह अपनी उम्र से काफी छोटी दिखती थी। वह करीब 7 साल से इस धंधे में एक्टिव है। अब पढ़िए रेशमा पुलिस के जाल में कैसे फंंसी… 3 FIR हुईं, 12 लोग अरेस्ट, 4 होटल मालिकों से पूछताछ
इस गिरफ्तारी की कहानी 2 जनवरी, 2025 को शुरू हुई। एक नाबालिग लड़की ने रामगढ़ताल थाने में FIR कराई। लड़की ने कहा- मेरा गैंगरेप हुआ है। यहां पर रेशमा का नाम सामने आया। पुलिस रेशमा का पीछा करते हुए महाकुंभ तक पहुंची। घेराबंदी के बाद उसको पकड़ लिया गया। इसके बाद एक-एक करके 12 लोग अरेस्ट हुए। पहली FIR होने के बाद इस मामले में 2 और केस दर्ज हुए। बेतियाहाता की एक युवती ने शाहपुर में FIR दर्ज कराई। बुधवार को उसका मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी हो गया। शाहपुर पुलिस ने इस मामले में मानव तस्करी की धारा भी बढ़ा दी है। 14 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। 4 होटलों के संचालक और कर्मचारियों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। इस मामले में लगभग 15 लोगों के नाम और सामने आ रहे हैं। उनपर भी जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। SP सिटी बोले- रेशमा लड़कियों को बहलाकर ले जाती थी, सबूत हैं
गोरखपुर के एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा- 2 जनवरी को रामगढ़ ताल थाने में एक नाबालिग ने केस दर्ज कराया था। कोर्ट के बयान में यह बात सामने आई कि रेशमा उसे बहलाकर हुक्का बार ले गई थी। उसके बाद से उसकी तलाश की जा रही थी। जांच में पता चला कि वह लड़कियों को बहलाकर वहां ले जाती थी, इसके सबूत मिले हैं। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आगे की जांच चल रही है। …………………… यह खबर भी पढ़ें:- मेरठ के एथलीट को अमेरिका में कार ने कुचला, मौत: 10 हजार KM साइकिल चलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने निकले थे; पिता बंदूक के बड़े कारोबारी मेरठ के रहने वाले बंदूक कारोबारी के बेटे की दक्षिण अमेरिका में सड़क हादसे में मौत हो गई। 36 साल के मोहित कोहली एथलीट थे। मोहित साइकिलिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने निकले थे। बुधवार को चिली शहर में कार ने उन्हें कुचल दिया। आसपास मौजूद लोग उन्हें अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलने पर परिवार में मातम है। दक्षिण अमेरिका से मोहित की बॉडी को भारत लाने के लिए शुक्रवार को उनके माता–पिता दिल्ली से फ्लाइट पकड़ेंगे। पढ़िए पूरी खबर…

पार्थिव शरीर को बालू की 4 बोरियों से बांधा:सरयू की जलधारा में सत्येंद्र दास को दी जल समाधि; गरुण पुराण में भी है जिक्र

पार्थिव शरीर को बालू की 4 बोरियों से बांधा:सरयू की जलधारा में सत्येंद्र दास को दी जल समाधि; गरुण पुराण में भी है जिक्र अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को जल समाधि दी गई। उनके पार्थिव शरीर को 25-25 किलो बालू से भरी 4 बोरियों से बांधा गया। फिर सरयू की बीच धारा में प्रवाहित कर दिया गया। गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर रथ पर रखा गया। फिर बैंड-बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में प्राचीन काल से संतों को जल समाधि देने की परंपरा रही है। गरुड़ पुराण में भी कहा गया है कि संत-संन्यासी सांसारिक जीवन से मुक्त होते हैं। जल समाधि से प्रकृति में विलीन हो जाते हैं। उनके शरीर का कण-कण जीवों के काम आता है। जल समाधि पर हमारा खास VIDEO देखने के लिए ऊपर क्लिक कीजिए…

महाकुंभ में महामंडलेश्वर छोटी मां पर हमला:आशीर्वाद के बहाने कार रुकवाई, चाकू मारे; परमानंद की तबीयत बिगड़ी, AIIMS दिल्ली एयरलिफ्ट

महाकुंभ में महामंडलेश्वर छोटी मां पर हमला:आशीर्वाद के बहाने कार रुकवाई, चाकू मारे; परमानंद की तबीयत बिगड़ी, AIIMS दिल्ली एयरलिफ्ट महाकुंभ में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी उर्फ छोटी मां पर गुरुवार रात हमला हुआ। कुछ लोगों ने आशीर्वाद के बहाने कार रुकवाई और चाकू से हमला कर दिया। वहीं, परमानंद महाराज की गुरुवार को तबीयत बिगड़ी। सीने में दर्द के बाद उन्हें केंद्रीय अस्पताल महाकुंभ लाया गया। यहां उनको ICU में रखा गया। इसके बाद SRN हॉस्पिटल और फिर यहां से एयरलिफ्ट कर उन्हें AIIMS दिल्ली भेजा गया। आज महाकुंभ का 33वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 49.14 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए आज भी संगम स्टेशन बंद रखा गया है। 8वीं तक के स्कूल बंद आज-कल बंद रहेंगे। ऑनलाइन क्लास चलेगी। महाकुंभ से जुड़े अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए…
किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर छोटी मां पर हमला महाकुंभ में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी उर्फ छोटी मां पर गुरुवार रात हमला हुआ। उनके तीन शिष्यों पर भी हमला हुआ। सभी को इलाज के लिए महाकुंभ के सेंट्रल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। कल्याणी नंद गिरी अपनी कार में सवार होकर शिविर जा रही थीं। तभी कुछ लोगों ने आशीर्वाद लेने के बहाने हाथ देकर रोका। कल्याणी के गाड़ी से बाहर आते ही उन पर चाकू से हमला कर दिया। बचाने दौड़े शिष्यों पर भी हमला किया गया। 9 फरवरी को परी अखाड़े की जगद्गुरु हिमांगी सखी ने कल्याणी नंद गिरी समेत आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, कौशल्या नंद गिरी पर मारने-पीटने का आरोप लगाया था। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। परमानंद महाराज की तबीयत बिगड़ी परमानंद महाराज की गुरुवार को तबीयत बिगड़ी। सीने में दर्द के बाद उन्हें केंद्रीय चिकित्सालय महाकुंभ में लाया गया। यहां उनको आईसीयू में रखा गया। इसके बाद SRN यानी स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। यहां से एयरलिफ्ट कर उन्हें AIIMS दिल्ली भेजा। अब तक 49.14 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके
आज महाकुंभ का 33वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 49.14 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए आज भी संगम स्टेशन बंद रखा गया है। 8वीं तक के स्कूल बंद आज-कल बंद रहेंगे। ऑनलाइन क्लास चलेगी। गंगा पंडाल में आज से सुरमयी शाम शुरू हो रही है। गंगा पंडाल में बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर, मोहित चौहान, कविता सेठ, नवदीप वडाली सरीखे कलाकारों को सुनने का अवसर मिलेगा। 14 से 17 फरवरी तक महाकुंभ में 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेंगे, आज करीब 15 हजार सफाई कर्मचारी एक साथ घाटों की सफाई करेंगे। तीन दिन होगा अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल
महाकुंभ में 16 से 18 फरवरी तक अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल होगा। इसमें लगभग 200 प्रजातियों के पक्षियों का महाकुंभ भी होगा। इसमें लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर, फ्लेमिंगो और साइबेरियन क्रेन आदि का दीदार कर सकेंगे। यहां साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों से साइबेरियन पक्षी का भी दीदार होगा। फेस्टिवल के दौरान फोटोग्राफी, पेंटिंग, स्लोगन लेखन, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी समेत अनेक प्रतियोगिताएं होंगी। इनके विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल भारतीय संस्कृति, प्रकृति प्रेम व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनूठा मिश्रण होगा। महाकुंभ में एक दिन पहले क्या हुआ?
13 फरवरी को महाकुंभ में 2 जगहों पर आग लगी, कोई जनहानि नहीं हुई। एक्टर विवेक ओबेरॉय परिवार के साथ महाकुंभ पहुंचे। एक्टर विक्की कौशल भी पहुंचे। कांग्रेस नेता सचिन पायलट, गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संगम में डुबकी लगाई। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने पूरी कैबिनेट के साथ संगम स्नान किया। महाकुंभ में बनेंगे ये 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड 14 फरवरी को स्वच्छता का रिकॉर्ड : करीब 15 हजार सफाई कर्मचारियों की ओर से एक साथ घाटों की सफाई का अभियान चलाया जाएगा। ऐसे में यह पहला बड़ा रिकॉर्ड कायम होगा। इससे पहले साल 2019 में लगे कुंभ के दौरान 10 हजार सफाई कर्मियों ने सफाई की थी। 15 फरवरी को नदी सफाई अभियान : 300 से ज्यादा लोग संगम के बीच धारा में सफाई करेंगे। ऐसे में यह सबसे बड़ा नदी सफाई अभियान का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेगा। 16 फरवरी को ई-रिक्शा संचालन का रिकॉर्ड : परेड मैदान पर करीब 1000 ई-रिक्शा का संचालन होगा। साल 2019 के कुंभ में शटल बसें चलाई गई थी और इस बार ई-रिक्शा चलाए जाएंगे। ऐसे में यह भी एक रिकॉर्ड होगा। 17 फरवरी को हैंड प्रिंटिंग का रिकॉर्ड : गंगा पंडाल में 8 घंटे में करीब 10 हजार लोग हैंड पेंटिंग बनाकर इतिहास रचेंगे। यह भी एक बड़ा वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज होगा। साल 2019 के कुंभ में यह आंकड़ा 5 हजार था। ममता कुलकर्णी 2 दिन बाद फिर महामंडलेश्वर बनीं; इस्तीफा नामंजूर ममता कुलकर्णी 2 दिन बाद फिर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गईं। उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। गुरुवार को वीडियो जारी करते हुए कहा, उनकी गुरु डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। ममता ने दो दिन पहले इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर महामंडलेश्वर पद छोड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, किन्नर अखाड़े में लोग आपस में झगड़ रहे हैं। इससे दुखी हूं। दैनिक भास्कर से आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी त्रिपाठी ने कहा, ‘ममता कुलकर्णी को हमने महामंडलेश्वर बनाया था। वह किन्नर अखाड़े में थीं, हैं और आगे भी रहेंगी।’ पढ़ें पूरी खबर…

महाकुंभ में बचे-खुचे खाने से पल रहे हजारों परिवार:भंडारे की रोटियां-चावल सुखाकर घर ले जाते, 3 महीने का हो जाता है इंतजाम

महाकुंभ में बचे-खुचे खाने से पल रहे हजारों परिवार:भंडारे की रोटियां-चावल सुखाकर घर ले जाते, 3 महीने का हो जाता है इंतजाम प्रयागराज में संगम के तट पर बसा आस्था का महाकुंभ। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 50 से ज्यादा भंडारे चल रहे हैं। इनमें श्रद्धालुओं के भोजन करने के बाद भी काफी मात्रा में खाना बच रहा है। इस बचे खाने का इस्तेमाल यहां आए सफाईकर्मी समेत 10 हजार परिवार अपनी तरह से कर रहे हैं। वे अपना और अपने परिवार का पेट तो भर ही रहे हैं, बचा खाना साथ ले जाते हैं। इस खाने को सुखाकर इकट्‌ठा कर रहे हैं, ताकि जाते वक्त अपने साथ ले जा सकें। ये खाना उनके मवेशियों का पेट भरने के काम आएगा। सफाईकर्मियों का कहना है कि उम्मीद है कि इतना खाना इकट्‌ठा हो जाएगा कि तीन महीने तक मवेशियों का पेट भरने का इंतजाम हो जाएगा। ‘दैनिक भास्कर’ ने ऐसे परिवारों से बातचीत की। ये जाना कि किस तरह वे ये भोजन इकट्ठा करते हैं और किस तरह सुखाकर उसको स्टोर करते हैं। रिपोर्ट ये पढ़िए… टेंट में गुजारा, खाने के लिए भंडारे का सहारा त्रिवेणी तट पर लगे महाकुंभ क्षेत्र में जैसे ही हम प्रवेश करेंगे तो संगम के एक तरफ बने बड़े-बड़े अखाड़ों और पंडालों की चकाचौंध देखकर हैरत में पड़ जाएंगे। एक-एक अखाड़े को तैयार करने में करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं। इस चकाचौंध से इतर संगम के दूसरे छोर पर शास्त्री ब्रिज के नीचे एक इलाका ऐसा भी है, जहां आलीशान पंडाल तो नहीं हैं, लेकिन 4 बाई 4 फीट के तिरपाल में रहने वाले करीब 10 हजार परिवार बेहतरीन खाने का स्वाद जरूर चख रहे हैं। इन पर जिम्मेदारी मेले की साफ-सफाई की है। संगम के एक कोने में मेला प्रशासन ने इन्हें रहने के लिए विशेष स्थान दिया है। ये सभी लोग यूपी और मध्यप्रदेश के अलग–अलग शहरों से आए हैं। ये परिवार पिछले डेढ़ महीने से भंडारा और आश्रमों का खाना खाकर अपना गुजारा कर रहे हैं। यूपी के फतेहपुर जिले से आए फूलचंद बताते हैं- भंडारों से जो अच्छा खाना आता है, उसे खा लेते हैं और जो थोड़ा खराब होता है, उसको कई दिन तक सुखाते हैं। सूखने के बाद ये खाना काफी दिनों तक खराब नहीं होता। कई बार ऐसा भी होता है कि हमें भंडारे से बचा हुआ भोजन नहीं मिल पाता। ऐसी स्थिति में हम लोग खुद ही खाना बनाते हैं। ‘खाने का इंतजाम हो सके, इसलिए कुंभ आते हैं’ राकेश बताते हैं- पंडालों और अखाड़ों में जो खाना बच जाता है, उसे हम वहां जाकर इकट्ठा कर लेते हैं। फिर अपने टेंट–तंबुओं तक लाते हैं। अच्छे खाने को हम खाते हैं और बचे हुए खाने को दोपहर के वक्त जमीन पर पॉलीथिन बिछाकर सुखाते हैं। हम सफाईकर्मी हैं। हमें रोजाना 400–450 रुपए मिलते हैं। बिहार के सकरौली से आए मोहन ने बताया– ताजा भंडारा हम खुद खा लेते हैं और जो खराब हो जाता है, उसको सुखाकर पशुओं के लिए भोजन तैयार करते हैं। आश्रमों–पंडालों में सफाई करते हैं, खाना जुटाते हैं प्रयागराज महाकुंभ में 9600 सफाईकर्मी लगे हैं। ये सभी सफाईकर्मी संविदा पर काम कर रहे हैं। यूपी के बांदा, फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर, उन्नाव सहित एमपी और बिहार के कई जिलों से ये सफाईकर्मी परिवार सहित महाकुंभ आए हुए हैं। एक अन्य सफाईकर्मी ने बताया– हम पिछले करीब डेढ़ महीने से पूरे महाकुंभ में सफाई का काम कर रहे हैं। सफाई करने के लिए अखाड़ों–आश्रमों में भी जाते हैं। वहां बचे हुए खाने को भी बटोरने का काम करते हैं। सफाईकर्मी बताते हैं– कई पंडालों में तो हर दिन कई हजार रोटियां और कई किलो चावल–दाल बच जाता है। ऐसे में उन्होंने इन अखाड़ों–पंडालों से संपर्क किया। बताया कि बचे हुए भोजन को फेंकने की बजाय उन लोगों को दे दिया जाए। इस पर पंडाल वाले राजी हो गए। उनका कहना था कि उम्मीद है कि मवेशियों के तीन महीने के खाने का इंतजाम इस महाकुंभ में हो जाएगा। ———————– ये खबर भी पढ़ें… महाकुंभ में डुबकी के लिए मनमानी वसूली:संगम पहुंचाने का 2 से 5 हजार ले रहे नाव वाले; दरोगा बोला- पैसे नहीं तो पैदल जाओ नाव वाले भैया, संगम स्नान करवा दो, आप जितने पैसे मांगोगे मैं दे दूंगी। कुछ ऐसे गुहार लगा रही हैं त्रिवेणी संगम स्नान के लिए पहुंचीं श्रद्धालु। नाविकों पर सरकारी निगरानी ना होने के चलते मेला प्राधिकरण की रेट लिस्ट भी कोई मायने नहीं रख रही। चाहे निजी हो या सरकारी नाविक, सभी त्रिवेणी संगम स्नान कराने के लिए मनमाने तरीके से रकम वसूल रहे हैं। 2 से 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति किराया लिया जा रहा है। जबकि मेला प्राधिकरण ने नाव से संगम स्नान के लिए अधिकतम किराया 150 रुपए तय कर रखा है। पढ़ें पूरी खबर…

बेटे की अंत्येष्टि करने परिजन अमेरिका गए:साइकिलिस्ट रोहित कोहली वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए कर रहे यात्रा, मां गईं थी कुंभ में

बेटे की अंत्येष्टि करने परिजन अमेरिका गए:साइकिलिस्ट रोहित कोहली वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए कर रहे यात्रा, मां गईं थी कुंभ में मोहित कोहली के परिजन शुक्रवार सुबह बेटे की अंत्येष्टि करने के लिए अमेरिका रवाना हो गए। साइकिलिस्ट मोहित कोहली अमेरिका में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए साइकिल से 10 हजार किलोमीटर की यात्रा पर थे। बुधवार को चिली में उनको कार ने टक्कर मार दी थी, इस हादसे में उनकी मौत हो गई। मोहित की मौत की जब सूचना आई तो मां माला महाकुंभ में थी। मोहित की मौत से परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटे की दक्षिण अमेरिका में सड़क हादसे में मौत हो गई मेरठ के रहने वाले बंदूक कारोबारी के बेटे की दक्षिण अमेरिका में सड़क हादसे में मौत हो गई। 36 साल के मोहित कोहली एथलीट थे। मोहित साइकिलिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने निकले थे। बुधवार को चिली शहर में कार ने उन्हें कुचल दिया। आसपास मौजूद लोग उन्हें अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मोहित के पिता प्रणनीत कोहली उर्फ रोमी मेरठ के बड़े बिजनेसमैन हैं। उनकी पीएल शर्मा रोड पर गन की दुकान है। पिछले 10 साल से माता-पिता दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में रह रहे हैं। प्रणनीत कोहली के बड़े बेटे मोहित कोहली ने सेंट मैरी से पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने लंदन और दूसरे देशों में भी पढ़ाई की। मोहित एथलीट थे। वह रनिंग के अलावा स्विमिंग और पोलो के भी खिलाड़ी थे। मोहित को एडवेंचर बहुत पसंद था। ऐसे में उन्होंने साइकिलिंग करनी शुरू की। उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए। कोलंबिया, पेरू, इक्वाडोर और चिली में रह चुके थे। वह अब अमेरिका में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के करीब थे। 10 हजार km में आधी दूरी तय कर चुके थे मोहित मोहित ने दक्षिण अमेरिका को सबसे तेज स्पीड में पार करने के लिए कोलंबिया के शहर कार्टाजेना से 22 जनवरी को यात्रा शुरू की थी। उनकी फिनिश लाइन उशुआइया पैटागोनिया में थी। 10 हजार km के इस सफर को वह तेजी से तय करते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तरफ बढ़ रहे थे। साढ़े 5 हजार किलोमीटर का सफर पूरा कर चुके थे।
रेडियो पॉलिना की रिपोर्ट के अनुसार, चिली के टारापाका क्षेत्र में रूट-5 नोर्ट पर बुधवार शाम को उनकी साइकिल को एक तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी। इससे मोहित सड़क पर गिरे और गाड़ी के पहिए के नीचे आ गए। दुर्घटना पोज़ो अलमोंटे के पास घटी, जहां चिकित्साकर्मी उनकी जान बचाने के लिए पहुंचे। लेकिन मौत हो गई। परिजन चिली रवाना हो रहे हैं। मोहित अपनी यात्रा के वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट पर लगातार शेयर कर रहे थे। उनकी मौत से उनके फैंस और परिचित बेहद दुखी हैं।
22 जनवरी को मोहित ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की। इसमें उन्होंने दक्षिण अमेरिका को साइकिल से पार करने का लक्ष्य तय किया था। मोहित के पिता प्रणनीत कोहली के दोस्त संजय प्रताप सिंह ने बताया कि मोहित बेहद सौम्य थे। वे जिससे एक बार मिल लेते थे, उनको कोई भूलता नहींं था। संजय प्रताप सिंह बताते हैं कि मोहित बेहद होनहार थे। उनका इस तरह जाना बेहद दुखदायी है। परिवार के दुख को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। परिजन मोहित की अंतेष्टी के लिए शुक्रवार सुबह फ्लाइट से अमेरिका के लिए रवाना होंगे। उनका अंतिम संस्कार वहीं पर किया जाएगा। इसके बाद उनकी अस्थियों को भारत लाया जाएगा। मोहित के छोटे भाई मुदित कोहली हैं। पोस्ट पढ़िए…. ‘नमस्कार, मैं मोहित हूं, मैं जीवन भर के रोमांच पर निकलने वाला हूं। साइकिल से दक्षिण अमेरिका को सबसे तेज पार करने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ने का प्रयास करने वाला हूं। सफर को कार्टाजेना, कोलंबिया से शुरू करते हुए मैं महाद्वीप के पार साइकिल चलाऊंगा। लुभावने परिदृश्यों, कठिन चढ़ाई और अप्रत्याशित मौसम से निपटते हुए उशुआइया, पैटागोनिया में फिनिश लाइन तक मुझे पहुंचना है। मैं इस चुनौती को लेने के लिए वास्तव में उत्साहित हूं। क्या आपने कभी इस तरह के रोमांच का सपना देखा है। चलो साथ में सवारी करते हैं।’

रक्षा मंत्री और सीएम लखनऊ में करेंगे लोकार्पण और शिलान्यास:नगर निगम में राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र की 5,सपा सांसद के क्षेत्र की 41परियोजना

रक्षा मंत्री और सीएम लखनऊ में करेंगे लोकार्पण और शिलान्यास:नगर निगम में राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र की 5,सपा सांसद के क्षेत्र की 41परियोजना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ नगर निगम की 4941.58 लाख रुपए की कुल 46 परियोजना का शिलान्यास और लोकार्पण आज करेंगे। इनमें से 5 परियोजना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र की हैं, जबकि 41 परियोजना सपा सांसद आरके चौधरी के क्षेत्र की हैं। इन परियोजनाओं में नाली, सड़क, इंटरलॉकिंग, बाउंड्री सहित अन्य काम हैं। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री के संसदीय क्षेत्र के 224.19 लाख की योजना का लोकार्पण होगा, जबकि 4,717.39 लाख की परियोजना का शिलान्यास और लोकार्पण सपा सांसद आरके चौधरी के क्षेत्र का किया जाएगा। वहीं, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है कि कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया जाएगा। इन परियोजनाओं से लोगों को सहूलियत मिलेगी। इस्माइलगंज के सबसे अधिक परियोजना का शिलान्यास इस्माइलगंज द्वितीय वार्ड में सबसे अधिक 9 निर्माण कार्य का शिलान्यास किया जाएगा। इसमें नाला, इंटरलॉकिंग और सड़क सहित कई परियोजना शामिल है। इसमें कुल 1057 लाख की परियोजना का शिलान्यास होगा। इस वार्ड की पार्षद रंजना अवस्थी हैं। इसके साथ ही राजा बिजली पासी वार्ड में कुल 7 परियोजना का 1,158.95 लाख की परियोजना का शिलान्यास होगा। यह किसी भी वार्ड का सबसे अधिक है। इसकी पार्षद पिंकी रावत हैं। वहीं, कल्याण सिंह वार्ड में पांच परियोजनाओं में कुल 474.86 लाख की लागत के काम का शिलान्यास होगा। इसके साथ ही कुल 10 वार्ड में विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास होगा। राजा बिजली पासी वार्ड में 379 लाख से बन रहा नाला 308 लाख रुपए की लागत के आठ परियोजनाओं का लोकार्पण रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। इसमें भी सड़क, नाली, इंटरलॉकिंग सड़क के निर्माण कार्य शामिल हैं। वहीं, राजा बिजली पासी वार्ड में बिजनौर के कटरा मस्जिद से लेकर घसियारी मंडी होते हुए हो रहा नाले का निर्माण सबसे महंगा करीब 379.99 लाख की सबसे महंगी नगर निगम की परियोजना है। जिसका शिलान्यास होगा। वहीं इस्माइल गंज द्वितीय में तिवारीगंज भारतीय पुरम से रिया फॉर्म होते हुए इमली बाधन मंदिर तक हो रहा आरसीसी नाले का निर्माण दूसरा सबसे महंगा करीब 250.19 लाख की परियोजना है। वहीं, बारूद खाना में आंतरिक सड़क का लोकार्पण कार्यक्रम भी किया जाएगा।