<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025:</strong> दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले बिजवासन विधानसभा सीट के लिए तीनों मुख्य पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. जहां आम आदमी पार्टी ने भूपिंदर सिंह जून पर भरोसा जताते हुए दोबारा उन्हें मौका दिया है, तो वहीं बीजेपी ने कैलाश गहलोत और कांग्रेस ने कर्नल देवेंद्र सिंह सहरावत को अपना उम्मीदवार बनाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात यह है कि, आप के अलावा यहां से अपना दावा पेश कर रहे बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही उम्मीदवार पूर्व में आप के साथी रहे हैं. जहां कैलाश गहलोत ने हाल ही में आप के झाड़ू को छोड़ कर कमल को थाम लिया है तो वहीं कर्नल देवेंद्र सहरावत ने आप को छोड़ कर कांग्रेस से हाथ मिला लिया था. अब यहां की जनता उम्मीदवार को देख कर मतदान करेगी या फिर पार्टी को ये तो आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2008 में अस्तित्व में आई बिजवासन विधानसभा सीट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई बिजवासन सीट दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी जिले के अंतर्गत आती है और दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के 10 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस विधानसभा क्षेत्र में धूलसिरस, वसंत कुंज, महिपालपुर, रंगपुरी, नांगल देवत, बिजवासन, समालखा, बामनौली, कपासहेड़ा, शाहबाद मोहम्मदपुर, राजनगर और द्वारका का कुछ हिस्सा शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दो बार बीजेपी तो दो बार आप ने मारी बाजी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2008 में यहां हुए पहले चुनाव में बीजेपी के सतप्रकाश राणा ने पहली जीत हासिल की थी. इसके बाद 5 साल बाद 2013 में हुए चुनाव में भी यहां से बीजेपी के राणा विधायक बने. लेकिन, इसके बाद के चुनावों में यहां की तस्वीर बदली और 2015 में जहां आप के कर्नल देवेंद्र सिंह सहरावत तो वहीं साल 2020 में भूपिंदर सिंह जून ने आप की झाड़ू के दम पर विरोधियों का सफाया कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि 2015 की तुलना में 2020 में आप की जीत के मतों के अंतर में भारी गिरावट आई. 2015 में जहां आप के सहरावत ने 65,006 मत हासिल कर 45,470 मत हासिल करने वाले बीजेपी के सतप्रकाश राणा को 20 हजार से अधिक मतों से मात दी थी, जबकि कांग्रेस के विजय सिंह तीसरे नंबर पर रहते हुए महज 5258 मत प्राप्त कर सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिछले चुनाव में महज 753 मतों से बीजेपी को मिली थी हार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद साल 2020 में हालात थोड़ा बदले, लेकिन इस बार भी आप ने यहां से बाजी मारी. आप के भूपिंदर सिंह जून और बीजेपी के सतप्रकाश राणा के बीच जीत और हार का अंतर महज 753 मत रहा. जहां भूपिंदर सिंह ने 57,271 मत हांसिल किये तो वहीं बीजेपी के सतप्रकाश राणा 56,518 मतों के साथ दूसरे नम्बर पर रहे. जबकि कांग्रेस इस बार भी तीसरे नंबर पर रही और महज 5937 मत प्रवीण राणा को मिले. इस तरह से महज एक प्रतिशत से भी कम मतों के अंतर से बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस लड़ी मजबूती से लड़ी तो किसे होगा फायदा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बात करें, आगामी चुनाव की तो पिछले दोनों चुनावों की तरह इस बार का चुनाव भी सीधे तौर पर आप बनाम बीजेपी होने जा रहा है. जिसे कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ चुनाव लड़ कर त्रिकोणीय बना सकती है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे, महज मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए नहीं बल्कि जीतने के इरादे से चुनाव लड़ेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ती है तो इसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिलेगा, क्योंकि आप के खाते में जो वोट पड़ते हैं वो कांग्रेस के हैं और अगर कांग्रेस को मतदाताओं का थोड़ा भी समर्थन मिलता है तो आप को इससे नुकसान होगा, और उसका फायदा बीजेपी को होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां के मतदाताओं की बात करें तो उन्हें भी कांग्रेस के इस बार मजबूती से चुनाव लड़ने की उम्मीद है और उनके वे समर्थक भी इस बार हाथ को मजबूत करने का मन बना चुके हैं, जो पिछले दो चुनावों से आप को वोट कर रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, यहां मुकाबला सीधे आप और बीजेपी के बीच होता है या फिर कांग्रेस इसे त्रिकोणीय बना कर जीत हासिल करती है या फिर आप का वोट काट कर बीजेपी को फायदा पहुंचाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”प्रति व्यक्ति आय के मामले में कितने नंबर पर है दिल्ली? विधानसभा चुनाव के बीच जानें सरकार के आंकड़े” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-per-capita-income-third-highest-after-goa-and-sikkim-2860554″ target=”_self”>प्रति व्यक्ति आय के मामले में कितने नंबर पर है दिल्ली? विधानसभा चुनाव के बीच जानें सरकार के आंकड़े</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025:</strong> दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले बिजवासन विधानसभा सीट के लिए तीनों मुख्य पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. जहां आम आदमी पार्टी ने भूपिंदर सिंह जून पर भरोसा जताते हुए दोबारा उन्हें मौका दिया है, तो वहीं बीजेपी ने कैलाश गहलोत और कांग्रेस ने कर्नल देवेंद्र सिंह सहरावत को अपना उम्मीदवार बनाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात यह है कि, आप के अलावा यहां से अपना दावा पेश कर रहे बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही उम्मीदवार पूर्व में आप के साथी रहे हैं. जहां कैलाश गहलोत ने हाल ही में आप के झाड़ू को छोड़ कर कमल को थाम लिया है तो वहीं कर्नल देवेंद्र सहरावत ने आप को छोड़ कर कांग्रेस से हाथ मिला लिया था. अब यहां की जनता उम्मीदवार को देख कर मतदान करेगी या फिर पार्टी को ये तो आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2008 में अस्तित्व में आई बिजवासन विधानसभा सीट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई बिजवासन सीट दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी जिले के अंतर्गत आती है और दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के 10 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस विधानसभा क्षेत्र में धूलसिरस, वसंत कुंज, महिपालपुर, रंगपुरी, नांगल देवत, बिजवासन, समालखा, बामनौली, कपासहेड़ा, शाहबाद मोहम्मदपुर, राजनगर और द्वारका का कुछ हिस्सा शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दो बार बीजेपी तो दो बार आप ने मारी बाजी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2008 में यहां हुए पहले चुनाव में बीजेपी के सतप्रकाश राणा ने पहली जीत हासिल की थी. इसके बाद 5 साल बाद 2013 में हुए चुनाव में भी यहां से बीजेपी के राणा विधायक बने. लेकिन, इसके बाद के चुनावों में यहां की तस्वीर बदली और 2015 में जहां आप के कर्नल देवेंद्र सिंह सहरावत तो वहीं साल 2020 में भूपिंदर सिंह जून ने आप की झाड़ू के दम पर विरोधियों का सफाया कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि 2015 की तुलना में 2020 में आप की जीत के मतों के अंतर में भारी गिरावट आई. 2015 में जहां आप के सहरावत ने 65,006 मत हासिल कर 45,470 मत हासिल करने वाले बीजेपी के सतप्रकाश राणा को 20 हजार से अधिक मतों से मात दी थी, जबकि कांग्रेस के विजय सिंह तीसरे नंबर पर रहते हुए महज 5258 मत प्राप्त कर सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिछले चुनाव में महज 753 मतों से बीजेपी को मिली थी हार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद साल 2020 में हालात थोड़ा बदले, लेकिन इस बार भी आप ने यहां से बाजी मारी. आप के भूपिंदर सिंह जून और बीजेपी के सतप्रकाश राणा के बीच जीत और हार का अंतर महज 753 मत रहा. जहां भूपिंदर सिंह ने 57,271 मत हांसिल किये तो वहीं बीजेपी के सतप्रकाश राणा 56,518 मतों के साथ दूसरे नम्बर पर रहे. जबकि कांग्रेस इस बार भी तीसरे नंबर पर रही और महज 5937 मत प्रवीण राणा को मिले. इस तरह से महज एक प्रतिशत से भी कम मतों के अंतर से बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस लड़ी मजबूती से लड़ी तो किसे होगा फायदा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बात करें, आगामी चुनाव की तो पिछले दोनों चुनावों की तरह इस बार का चुनाव भी सीधे तौर पर आप बनाम बीजेपी होने जा रहा है. जिसे कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ चुनाव लड़ कर त्रिकोणीय बना सकती है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे, महज मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए नहीं बल्कि जीतने के इरादे से चुनाव लड़ेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ती है तो इसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिलेगा, क्योंकि आप के खाते में जो वोट पड़ते हैं वो कांग्रेस के हैं और अगर कांग्रेस को मतदाताओं का थोड़ा भी समर्थन मिलता है तो आप को इससे नुकसान होगा, और उसका फायदा बीजेपी को होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां के मतदाताओं की बात करें तो उन्हें भी कांग्रेस के इस बार मजबूती से चुनाव लड़ने की उम्मीद है और उनके वे समर्थक भी इस बार हाथ को मजबूत करने का मन बना चुके हैं, जो पिछले दो चुनावों से आप को वोट कर रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, यहां मुकाबला सीधे आप और बीजेपी के बीच होता है या फिर कांग्रेस इसे त्रिकोणीय बना कर जीत हासिल करती है या फिर आप का वोट काट कर बीजेपी को फायदा पहुंचाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”प्रति व्यक्ति आय के मामले में कितने नंबर पर है दिल्ली? विधानसभा चुनाव के बीच जानें सरकार के आंकड़े” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-per-capita-income-third-highest-after-goa-and-sikkim-2860554″ target=”_self”>प्रति व्यक्ति आय के मामले में कितने नंबर पर है दिल्ली? विधानसभा चुनाव के बीच जानें सरकार के आंकड़े</a></strong></p> दिल्ली NCR Himachal Weather: हिमाचल के इन इलाकों में बर्फबारी का अलर्ट, ताबो में माइनस 10.2 डिग्री तक लुढ़का तापमान