₹37 करोड़ टैक्स में सिरसा के राकेश ने भेजा जवाब:सिरसा में बोला-सैलून की दुकान चलाता हूं, इतनी राशि की खरीद फरोख्त में सक्षम नहीं हरियाणा में सिरसा के सैलून संचालक को 37.87 करोड़ के इनकम टैक्स के नोटिस मामले में अपना जवाब आयकर विभाग को दे दिया है। इसके जवाब से आयकर विभाग के अधिकारी भी चिंतित हैं। कारण है कि जिसे करोड़ों का नोटिस दिया गया, उसके पास कुछ भी नहीं है। अब टैक्स अदायगी पर सवाल खड़े हो गए हैं। राकेश कुमार ने अपने जवाब में लिखा कि वह एक छोटी सी सैलून की दुकान चलाता है। वह बहुत गरीब व्यक्ति है और वह इतनी बड़ी राशि की खरीद बिक्री करने में सक्षम नहीं है। वह अपने परिवार के साथ एक छोटे से घर में रहता है। वह गुरुग्राम नहीं आया। फिर भी आयकर विभाग का हर सहयोग करने को तैयार है। इसलिए विभाग से अनुरोध है कि यह नोटिस वापस लिया जाए और न्याय हित में आरोपी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अब आयकर विभाग यह जवाब मुख्यालय को भेजगा। वहीं अधिकारियों का कहना है कि राकेश कुमार ने जो जवाब दिया है, वह उच्च अधिकारियों को भेज दिया जाएगा। वहीं इसका जीएसटी कार्यालय में पता लगाया जाएगा। तभी फर्म चलाने वाले फ्रॉड का पता लग पाएगा। इधर, इससे पहले नाथुसरी चौपटा थाना पुलिस ने भी राकेश को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था। दो बार बयान बदल-बदल कर दर्ज किए गए हैं। अब पुलिस भी अपनी ओर से आगामी कार्रवाई शुरू करेगी। जीएसटी लेने को देने होते हैं जरूरी दस्तावेज जानकारी के अनुसार जीएसटी नंबर लेने के लिए जरूरी दस्तावेज देने होते हैं। जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो आईडी, फर्म से संबंधित दस्तावेज आदि। अब यह काम ऑनलाइन हो गया है। वर्ना पहले फिजिकल वेरिफिकेशन होती थी, पर अब ऐसा नहीं होता। विभाग बाद में भी एरिया वाइज सत्यापन कर लेता है। अब सवाल यह है कि जीएसटी नंबर जारी भी हो गया और फर्जी दस्तावेज पर फर्म बनने के बाद टैक्स चोरी होता रहा। विभाग ने पहले संज्ञान भी नहीं लिया। अभी भी असली आरोपी का पता नहीं लगा पाया है। 2020 में एप से लिया था 10 हजार का लोन, उसी से फंसा राकेश कुमार ने साल 2020 में सिरसा में धनी ऐप से 10 हजार रुपए का लोन लिया था। उसने लोन के पूरे पैसे भर दिए थे। लोन लेते वक्त उसने जो डॉक्यूमेंट दिए थे, उनका मिसयूज किया गया और गुरुग्राम में उसके नाम से फर्जी फर्म खोल ली गई। गुरुग्राम ले जाकर कराए बयान दर्ज साल 2020 में गुरुग्राम इनकम टैक्स के अधिकारी सर्च वारंट लेकर उसके पास पहुंचे थे। अधिकारियों ने उसे बताया कि हिमांशु नाम से फर्म खोली गई है। एड्रेस राकेश के नाम पर है। राकेश को गुरुग्राम ले जाया गया। वहां अधिकारियों ने उसे कहा कि तुम्हारे साथ फ्रॉड हुआ है। साइन कराने के बाद जांच की बात कहकर छोड़ दिया गया। अब 5 साल बाद फिर सिरसा इनकम टैक्स की तरफ से उसे नोटिस जारी किया गया। 29 मार्च को थमाया था नोटिस सिरसा के अली मोहम्मद गांव निवासी राकेश कुमार का कहना है कि वह पिछले 10 साल से सैलून चला रहा है। डेरा सच्चा सौदा के पास उसका सैलून है। 29 मार्च को वह दुकान पर नहीं था। इसी दौरान डाकिया उसके पास की दुकान में उसके नाम का लिफाफा दे गया। उसे कहा गया कि राकेश को दे देना। जब वह दुकान पर लौटा तो पड़ोसी दुकानदार ने उसे यह लिफाफा थमा दिया। पुलिस थाने व सरकारी कार्यालयों में चक्कर लगाने पड़ रहे सैलून संचालक राकेश ने बताया कि उसका घर भी पंचायती जमीन पर 5-6 मरला जगह में बना है। घर की हालत भी खस्ता है। दो कमरों का मकान है और बाकी कच्चा है। इस घर के अलावा कोई भी जमीन जायदाद नहीं है। दुकान से घर का खर्च ही मुश्किल से चलता है। पिता नरसी राम सिलाई का काम करते हैं और माता मेवा देवी और पत्नी सुनीता गृहिणी हैं। उसके दो बच्चे हैं। सब इस नोटिस को लेकर चिंतित हैं। वह पुलिस थाने व सरकारी कार्यालयों में चक्कर लगा रहा है।