GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने 700 करोड़ रुपए से अधिक की फर्जी GST बिलिंग धोखाधड़ी में शामिल दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान मनीष और उसके भाई अमित, गुरमुख सिंह कॉलोनी, मंडी गोबिंदगढ़ के रूप में हुई है। आरोपी कथित तौर पर धोखाधड़ी के माध्यम से फर्जी फर्मों का निर्माण करते थे। इस विस्तृत घोटाले में फर्जी चालान और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) किए गए। जिसके परिणामस्वरूप सरकार को 100 करोड़ रुपये से अधिक का कर घाटा हुआ। आरोपियों ने बनाया फर्जी फर्में का नेटवर्क अधिकारियों के अनुसार, दोनों आरोपियों ने फर्जी फर्मों का एक जटिल नेटवर्क संचालित किया, जो धोखाधड़ी से प्राप्त आईटीसी को मध्यस्थ कंपनियों तक पहुंचाते थे। धोखाधड़ी की गई धनराशि को सात एपीएमसी खातों में भेज दिया गया, जहां से दोनों भाइयों ने मुख्य रूप से एक ही बैंक शाखा से 717 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकलवाई। आरोपियों से छापामारी के दौरान ये सामान हुआ बरामद उनके आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर छापे के दौरान विभिन्न व्यक्तियों से संबंधित डीजीजीआई ने 11 मोबाइल फोन, 7 पेन ड्राइव, 2 लैपटॉप, कई बैंक खातों से जुड़ी 56 चेक बुक, 27 पहचान दस्तावेज, 7 टिकट और 46 एटीएम कार्ड सहित महत्वपूर्ण मात्रा में सबूत जब्त किए। कथित तौर पर दोनों भाइयों ने धोखाधड़ी में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच जारी रहने के कारण उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। DGGI लुधियाना अब फर्जी बिलिंग और कर चोरी से संबंधित इसी तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल अतिरिक्त डमी संस्थाओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अधिकारियों ने क्षेत्र में फर्जी बिलिंग के बढ़ते खतरे से निपटने के प्रयास तेज कर दिए हैं और निकट भविष्य में और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है। GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने 700 करोड़ रुपए से अधिक की फर्जी GST बिलिंग धोखाधड़ी में शामिल दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान मनीष और उसके भाई अमित, गुरमुख सिंह कॉलोनी, मंडी गोबिंदगढ़ के रूप में हुई है। आरोपी कथित तौर पर धोखाधड़ी के माध्यम से फर्जी फर्मों का निर्माण करते थे। इस विस्तृत घोटाले में फर्जी चालान और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) किए गए। जिसके परिणामस्वरूप सरकार को 100 करोड़ रुपये से अधिक का कर घाटा हुआ। आरोपियों ने बनाया फर्जी फर्में का नेटवर्क अधिकारियों के अनुसार, दोनों आरोपियों ने फर्जी फर्मों का एक जटिल नेटवर्क संचालित किया, जो धोखाधड़ी से प्राप्त आईटीसी को मध्यस्थ कंपनियों तक पहुंचाते थे। धोखाधड़ी की गई धनराशि को सात एपीएमसी खातों में भेज दिया गया, जहां से दोनों भाइयों ने मुख्य रूप से एक ही बैंक शाखा से 717 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकलवाई। आरोपियों से छापामारी के दौरान ये सामान हुआ बरामद उनके आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर छापे के दौरान विभिन्न व्यक्तियों से संबंधित डीजीजीआई ने 11 मोबाइल फोन, 7 पेन ड्राइव, 2 लैपटॉप, कई बैंक खातों से जुड़ी 56 चेक बुक, 27 पहचान दस्तावेज, 7 टिकट और 46 एटीएम कार्ड सहित महत्वपूर्ण मात्रा में सबूत जब्त किए। कथित तौर पर दोनों भाइयों ने धोखाधड़ी में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच जारी रहने के कारण उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। DGGI लुधियाना अब फर्जी बिलिंग और कर चोरी से संबंधित इसी तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल अतिरिक्त डमी संस्थाओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अधिकारियों ने क्षेत्र में फर्जी बिलिंग के बढ़ते खतरे से निपटने के प्रयास तेज कर दिए हैं और निकट भविष्य में और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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तरनतारन पुलिस ने 2 बदमाशों की पहचान की। इसके बाद उनकी लोकेशन ट्रेस की गई। गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार रात को जब पुलिस ने तरनतारन के पास छापा मारा तो शूटरों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। गनीमत रही कि इस घटना में कोई पुलिस कर्मी घायल नहीं हुआ। जवाबी कार्रवाई में तरनतारन के गांव रुरीवाला निवासी यादविंदर सिंह और कुलदीप सिंह उर्फ लड्डू के पैर में गोली लगी। इसके बाद पुलिस ने दोनों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया। बदमाशों से ASI का क्या था कनेक्शन
पंजाब पुलिस के स्थानीय रैंक के ASI प्रभदीप सिंह का बदमाशों से कनेक्शन थे। वह तरनतारन का रहने वाला है। जांच में पता चला है कि पवनदीप ने अपना सरकारी हथियार गिरवी रख दिया था। वह नशे का आदी था। ASI हथियार के बदले नशा लेता था। अपराधियों ने आतंकी लखबीर सिंह उर्फ लांडा हरिके और यादविंदर सिंह उर्फ यादा के कहने पर तरनतारन में कारोबारी के घर के गेट पर फायरिंग की थी। उन्होंने 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। फायरिंग के लिए ASI की पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था। कौन है आतंकी लांडा, जिसकी गैंग के सदस्यों का एनकाउंटर हुआ तरनतारन का रहने वाला है आतंकी
पंजाब पुलिस के अनुसार 35 वर्षीय आतंकी लखबीर सिंह उर्फ लांडा मूल रूप से तरनतारन जिले के हरिके का रहने वाला है। वर्तमान में लखबीर सिंह कनाडा के एडमॉन्टन, अलबर्टा में छिपा है। पंजाब के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में उसके खिलाफ देश विरोधी गतिविधियां हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, नशीली दवाओं की तस्करी, अपहरण और अवैध हथियारों के विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। रिंदा के लिए काम कर चुका आतंकी लांडा
सूत्रों के अनुसार, आतंकी लखबीर सिंह उर्फ लांडा हरिके आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा का करीबी सहयोगी हुआ करता था। मोहाली में पंजाब पुलिस के हैडक्वार्टर पर हुए आरपीजी अटैक के बाद दोनों में किसी बात को लेकर अनबन हो गई। जिसके चलते लांडा ने रिंदा के लिए काम करना बंद कर दिया। जिसके बाद लांडा अपने ही गुर्गों से खुद के लिए उगाही करता है। लांडा गुपचुप तरीके से 2017 में कनाडा भाग गया था। कनाडा से चलाता है नेटवर्क
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक लखबीर अपने नेटवर्क को कनाडा से संचालित करता है। पुलिस का मानना है कि वह प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में छोटे-मोटे अपराधियों का इस्तेमाल कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, जबरन वसूली, फिरौती आदि के लिए कर रहा है। इस नेटवर्क के सहारे लंडा अमीर व्यक्तियों (व्यवसायियों, डॉक्टरों, मशहूर हस्तियों आदि) से रंगदारी की भी मांग करता रहता है।
रोटरी क्लब जालंधर ने ट्राईसाइकिल भेंट की
रोटरी क्लब जालंधर ने ट्राईसाइकिल भेंट की जालंधर| रोटरी क्लब जालंधर सिविल लाइंस ने वीरवार को प्रधान जतिन दत्त की अगुवाई में पूर्व प्रधान नरेंद्र पाल सिंह सिडाना के सहयोग से एक जरूरतमंद को ट्राई साइकिल भेंट की गई। प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृतपाल सिंह लूथरा ने बताया कि जरूरतमंद को भविष्य में अपने पैरों पर खड़े होने के लिए, अपने हाथों से कार्य करने प्रेरित किया। सेक्रेटरी गगनदीप सिंह ने इस सेवा प्रोजेक्ट के लिए दिए गए सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अमृतपाल सिंह लूथरा, हरदीप सिंह सिडाना, नरेंद्र पाल सिंह सिडाना, गगनदीप सिंह नरूला, नीतू सिडाना और अन्य मौजूद रहे।