प्रयागराज के महाकुंभ में कहां हुई लापरवाही… क्या रही सबसे ज्यादा चुनौतियां.. इन सब मामलों पर एक्सपर्ट की टीम सर्वे में जुट गई है। साइबर सिक्योरिटी, स्वास्थ्य, पुलिस ड्यूटी, टेंट सिटी समेत कई मामलों में एक्सपर्ट पूरे डेटा के साथ सर्वे कर रहे हैं। इस सर्वे की पूरी जिम्मेदारी IIT कानपुर के विशेषज्ञों को दी गई है। लगातार वह मेला संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। इसका उद्देश्य यह है कि महाकुंभ में कहां चूक हुई, उसे कैसे निबटा जा सकता था, पहले किस तरह की तैयारी की जा सकती थी कि जिससे संगम नोज पर व अन्य स्थानों पर हादसे न हो सके, इस पर एक्सपर्ट सर्वे कर रहे हैं। यह पूरी रिपोर्ट बुक तैयार की जाएगी जो सरकार को उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि नासिक-उज्जैन के कुंभ में न हो चूक प्रदेश सरकार ने IIT कानपुर की टीम को यह प्रोजेक्ट दिया है। यहां प्रोफेसर ऑफ साइकोलॉजी डाॅ. मुनमुन झा प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर के रूप में इसको लीड कर रहे हैं। इसमें कुल 9 विभागों के एक्सपर्ट शामिल किए गए हैं। यह अपने-अपने विषयों पर काम कर रहे। कहां किस तरह की तैयारियां की गई थी, कहां चूक हुई यह सब जानेंगे। दरअसल, महाराष्ट्र के नासिक में व मध्य प्रदेश के उज्जैन में लगने वाले कुंभ में इसमें सुधार किया जा सके। इन 9 विभागों में इलेक्ट्रिक एंड कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, सेफ्टी एंड सिक्योरिटी, टाउन प्लानिंग एंड सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर, इन्वायरमेंट एंड सैनिटेशन, हेल्थ, ट्रैफिक एंड कनेक्टिविटी, एडमिनिस्ट्रेटिव, इकोनॉमिक्स ऑफ कुंभ, स्टेकहोल्डर्स इक्सपीरियंस व ब्रैंडिंग डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट सर्वे कर रहे हैं। प्रयागराज में जाम की वजह भी तलाशेंगे एक्सपर्ट इस सर्वे में ट्रैफिक पर भी फोकस किया गया है। दरअसल, महाकुंभ के दौरान 67 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आए। यही कारण रहा सिर्फ महाकुंभ व प्रयागराज ही नहीं बल्कि आसपास के हाइवे पर हाई ट्रैफिक हो गई। घंटों तक श्रद्धालु सड़क पर जाम में फंसे रहे। सर्वे कर रही टीम इन पहलुओं पर भी सर्वे करेगी कि आखिर महाकुंभ में इस तरह का बड़ा जाम कैसे लगा? किस तरह की तैयारी पहले से की जा सकती थी कि इतने भीषण जाम से मुक्ति मिल सकती थी। गंगा स्वच्छता के लिए देखेंगे बारीकियां महाकुंभ के दौरान बीच में कुछ दिन गंगा का जल थोड़ा सा मटमैला हो गया था। इस सर्वे में टीम यह जानने का प्रयास करेगी कि कुंभ के दौरान पहले से प्रयास किया जाए कि गंगा का जल बिल्कुल स्वच्छ हो और पर्याप्त हो। ताकि श्रद्धालुओं को स्नान में असुविधा न हो। महाकुंभ में 30 पांटून पुल बनाए गए थे लेकिन इसके बावजूद तमाम पांटून पुल बंद किए गए थे। पांटून पुल पर आए दिन विवाद की स्थिति बनी रहती थी। इस पर सर्वे होगा कि पांटून पुलों को किस तरह से स्थापित किया जाए और उसपर आवागमन किस तरह से सुचारू रूप से संचालित हो सके। इतना बड़ा महाकुंभ कैसे संपन्न हुआ? सर्वे करने वाली टीम हर एक छोटी-बड़ी पहलुओं पर काम कर रही है। दुनिया का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ किस तरह से संपन्न हुआ? इस पर बारीकियों से अध्ययन किया जा रहा है। मौनी अमावस्या के दिन जब संगम पर भगदड़ हुई तो उस समय घायलों को किस तरह तत्काल सेंट्रल हॉस्पिटल पहुंचाया गया, एंबुलेंस कर्मियों का योगदान, डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टाॅफ की भूमिका आदि पर रिसर्च होना है। IIT कानपुर के प्रभारी चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. शैलेंद्र किशोर समेत करीब एक दर्जन लोग सेंट्रल हॉस्पिटल व अन्य अस्पतालों में जाकर व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। प्रयागराज के महाकुंभ में कहां हुई लापरवाही… क्या रही सबसे ज्यादा चुनौतियां.. इन सब मामलों पर एक्सपर्ट की टीम सर्वे में जुट गई है। साइबर सिक्योरिटी, स्वास्थ्य, पुलिस ड्यूटी, टेंट सिटी समेत कई मामलों में एक्सपर्ट पूरे डेटा के साथ सर्वे कर रहे हैं। इस सर्वे की पूरी जिम्मेदारी IIT कानपुर के विशेषज्ञों को दी गई है। लगातार वह मेला संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। इसका उद्देश्य यह है कि महाकुंभ में कहां चूक हुई, उसे कैसे निबटा जा सकता था, पहले किस तरह की तैयारी की जा सकती थी कि जिससे संगम नोज पर व अन्य स्थानों पर हादसे न हो सके, इस पर एक्सपर्ट सर्वे कर रहे हैं। यह पूरी रिपोर्ट बुक तैयार की जाएगी जो सरकार को उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि नासिक-उज्जैन के कुंभ में न हो चूक प्रदेश सरकार ने IIT कानपुर की टीम को यह प्रोजेक्ट दिया है। यहां प्रोफेसर ऑफ साइकोलॉजी डाॅ. मुनमुन झा प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर के रूप में इसको लीड कर रहे हैं। इसमें कुल 9 विभागों के एक्सपर्ट शामिल किए गए हैं। यह अपने-अपने विषयों पर काम कर रहे। कहां किस तरह की तैयारियां की गई थी, कहां चूक हुई यह सब जानेंगे। दरअसल, महाराष्ट्र के नासिक में व मध्य प्रदेश के उज्जैन में लगने वाले कुंभ में इसमें सुधार किया जा सके। इन 9 विभागों में इलेक्ट्रिक एंड कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, सेफ्टी एंड सिक्योरिटी, टाउन प्लानिंग एंड सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर, इन्वायरमेंट एंड सैनिटेशन, हेल्थ, ट्रैफिक एंड कनेक्टिविटी, एडमिनिस्ट्रेटिव, इकोनॉमिक्स ऑफ कुंभ, स्टेकहोल्डर्स इक्सपीरियंस व ब्रैंडिंग डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट सर्वे कर रहे हैं। प्रयागराज में जाम की वजह भी तलाशेंगे एक्सपर्ट इस सर्वे में ट्रैफिक पर भी फोकस किया गया है। दरअसल, महाकुंभ के दौरान 67 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आए। यही कारण रहा सिर्फ महाकुंभ व प्रयागराज ही नहीं बल्कि आसपास के हाइवे पर हाई ट्रैफिक हो गई। घंटों तक श्रद्धालु सड़क पर जाम में फंसे रहे। सर्वे कर रही टीम इन पहलुओं पर भी सर्वे करेगी कि आखिर महाकुंभ में इस तरह का बड़ा जाम कैसे लगा? किस तरह की तैयारी पहले से की जा सकती थी कि इतने भीषण जाम से मुक्ति मिल सकती थी। गंगा स्वच्छता के लिए देखेंगे बारीकियां महाकुंभ के दौरान बीच में कुछ दिन गंगा का जल थोड़ा सा मटमैला हो गया था। इस सर्वे में टीम यह जानने का प्रयास करेगी कि कुंभ के दौरान पहले से प्रयास किया जाए कि गंगा का जल बिल्कुल स्वच्छ हो और पर्याप्त हो। ताकि श्रद्धालुओं को स्नान में असुविधा न हो। महाकुंभ में 30 पांटून पुल बनाए गए थे लेकिन इसके बावजूद तमाम पांटून पुल बंद किए गए थे। पांटून पुल पर आए दिन विवाद की स्थिति बनी रहती थी। इस पर सर्वे होगा कि पांटून पुलों को किस तरह से स्थापित किया जाए और उसपर आवागमन किस तरह से सुचारू रूप से संचालित हो सके। इतना बड़ा महाकुंभ कैसे संपन्न हुआ? सर्वे करने वाली टीम हर एक छोटी-बड़ी पहलुओं पर काम कर रही है। दुनिया का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ किस तरह से संपन्न हुआ? इस पर बारीकियों से अध्ययन किया जा रहा है। मौनी अमावस्या के दिन जब संगम पर भगदड़ हुई तो उस समय घायलों को किस तरह तत्काल सेंट्रल हॉस्पिटल पहुंचाया गया, एंबुलेंस कर्मियों का योगदान, डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टाॅफ की भूमिका आदि पर रिसर्च होना है। IIT कानपुर के प्रभारी चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. शैलेंद्र किशोर समेत करीब एक दर्जन लोग सेंट्रल हॉस्पिटल व अन्य अस्पतालों में जाकर व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
IIT कानपुर महाकुंभ में हुई चूक का पता लगाएगी:9 विभागों के एक्सपर्ट सर्वे में शामिल, सरकार को भेजी जाएगी रिपोर्ट
