ट्रॉमा एक बड़ी समस्या है, जिसकी चपेट में सबसे ज्यादा युवा है। सरकार ट्रॉमा केस हैंडल करने के लिए को हर संभव सहायता दे रही। आगे भी पूरी मदद करेगी। यदि आवश्यक हुआ तो मौजूदा नियमों में बदलाव भी किया जाएगा, ताकि हर जरूरत मंद को बेहतर इलाज मिल सके। ये कहना है उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का। वे शनिवार को यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU में भारतीय ट्रॉमा-तीव्र देखभाल सोसाइटी (ISTAC) के 14वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान देश दुनिया के कई दिग्गज एक्सपर्ट भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और ट्रॉमा सर्जन प्रो.एमसी मिश्रा मौजूद रहे। ट्रॉमा से होने वाली मौत पर लगाम लगाना जरूरी ब्रजेश पाठक ने ट्रॉमा से होने वाली मौत और बीमारी के गंभीर मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि छात्रों और युवा डॉक्टरों को सही समय पर प्रशिक्षण देकर देश में यूपी में टॉप लेवल की ट्रॉमा फैसिलिटी डेवलप किया जा रहा है। उन्होंने TRAUMA 2024 जैसे कार्यक्रम को कौशल को विकसित करने और उन्हें बेहतर सेवा के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। प्रो.एमसी मिश्रा ने ट्रॉमा देखभाल में सुधार के लिए अपने सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि वह हर संभव मदद के लिए हमेशा तैयार हैं और इस दिशा में नए प्रयासों का समर्थन करेंगे। मिलेंगे बेहतर परिणाम आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो.संदीप तिवारी ने बताया कि TRAUMA 2024 ट्रॉमा देखभाल में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। ISTAC और यूपी चैप्टर के बीच सहयोग, सरकारी समर्थन और चिकित्सकों की भागीदारी से निश्चित रूप से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। कई एक्सपर्ट ने दिया टिप्स प्रो.समीर मिश्रा ने कहा कि TRAUMA 2024 में विशेषज्ञ व्याख्यान, वर्कशॉप, पैनल चर्चाएं और पेपर प्रस्तुतियां शामिल हैं, जो देश में ट्रॉमा देखभाल प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। यह सम्मेलन ज्ञान, नवाचार और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। ट्रॉमा एक बड़ी समस्या है, जिसकी चपेट में सबसे ज्यादा युवा है। सरकार ट्रॉमा केस हैंडल करने के लिए को हर संभव सहायता दे रही। आगे भी पूरी मदद करेगी। यदि आवश्यक हुआ तो मौजूदा नियमों में बदलाव भी किया जाएगा, ताकि हर जरूरत मंद को बेहतर इलाज मिल सके। ये कहना है उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का। वे शनिवार को यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU में भारतीय ट्रॉमा-तीव्र देखभाल सोसाइटी (ISTAC) के 14वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान देश दुनिया के कई दिग्गज एक्सपर्ट भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और ट्रॉमा सर्जन प्रो.एमसी मिश्रा मौजूद रहे। ट्रॉमा से होने वाली मौत पर लगाम लगाना जरूरी ब्रजेश पाठक ने ट्रॉमा से होने वाली मौत और बीमारी के गंभीर मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि छात्रों और युवा डॉक्टरों को सही समय पर प्रशिक्षण देकर देश में यूपी में टॉप लेवल की ट्रॉमा फैसिलिटी डेवलप किया जा रहा है। उन्होंने TRAUMA 2024 जैसे कार्यक्रम को कौशल को विकसित करने और उन्हें बेहतर सेवा के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। प्रो.एमसी मिश्रा ने ट्रॉमा देखभाल में सुधार के लिए अपने सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि वह हर संभव मदद के लिए हमेशा तैयार हैं और इस दिशा में नए प्रयासों का समर्थन करेंगे। मिलेंगे बेहतर परिणाम आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो.संदीप तिवारी ने बताया कि TRAUMA 2024 ट्रॉमा देखभाल में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। ISTAC और यूपी चैप्टर के बीच सहयोग, सरकारी समर्थन और चिकित्सकों की भागीदारी से निश्चित रूप से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। कई एक्सपर्ट ने दिया टिप्स प्रो.समीर मिश्रा ने कहा कि TRAUMA 2024 में विशेषज्ञ व्याख्यान, वर्कशॉप, पैनल चर्चाएं और पेपर प्रस्तुतियां शामिल हैं, जो देश में ट्रॉमा देखभाल प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। यह सम्मेलन ज्ञान, नवाचार और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
KGMU में ट्रॉमा दिग्गजों का मंथन:डिप्टी सीएम ने ट्रॉमा कांफ्रेंस का किया शुभारंभ,कहा – ट्रॉमा फैसिलिटी बढ़ाने पर सबसे ज्यादा फोकस
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