<p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj Mahakumbh Stampede:</strong> उत्तर प्रदेश के प्रयागराज कुंभ में 29 जनवरी की रात भगदड़ मचने की घटना को बहुत ही दुखद बताया है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने महाकुंभ के दौरान भगदड़ से 10 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु और कई श्रद्धालुओं के घायल होने पर अपनी संवेदना जताई है. उन्होंने कहा कि यह समाचार बेहद कष्ट देने वाला है। मैं ईश्वर से दिवंगतजनों को श्रीचरणों में स्थान एवं घायलों को जल्द स्वास्थ्य लाभ देने की प्रार्थना करता हूं. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj Mahakumbh Stampede:</strong> उत्तर प्रदेश के प्रयागराज कुंभ में 29 जनवरी की रात भगदड़ मचने की घटना को बहुत ही दुखद बताया है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने महाकुंभ के दौरान भगदड़ से 10 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु और कई श्रद्धालुओं के घायल होने पर अपनी संवेदना जताई है. उन्होंने कहा कि यह समाचार बेहद कष्ट देने वाला है। मैं ईश्वर से दिवंगतजनों को श्रीचरणों में स्थान एवं घायलों को जल्द स्वास्थ्य लाभ देने की प्रार्थना करता हूं. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> राजस्थान Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में भगदड़ पर सपा की पहली प्रतिक्रिया, कहा- सत्ता के नशे में चूर है सरकार
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सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब
सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब हिमाचल की सुजानपुर विधानसभा सीट पर दिग्गज नेता एवं BJP उम्मीदवार राजेंद्र राणा उप चुनाव हारने जा रहे हैं। उधर, लाहौल-स्पीति में कांग्रेस के बागी एवं BJP कैंडिडेट रवि ठाकुर और निर्दलीय रामलाल मारकंडा, गगरेट सीट पर बीजेपी के चैतन्य शर्मा भी हार के कगार पर हैं। वहीं बड़सर सीट पर कांग्रेस के बागी व बीजेपी प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल चुनाव जीतने जा रहे है। लाहौल-स्पीति में कांग्रेस की अनुराधा राणा 1786 वोटों से आगे हैं। गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया 7970 वोटों के अंतर से चैतन्य से आगे चल रहे हैं। इन तीनों सीटों पर अब पोस्टल बैलेट की गणना बाकी और फाइनल घोषणा का इंतजार है। सुजानपुर में राजेंद्र राणा को 2174 मतों के अंतर से पीछे चल रहे हैं। कैप्टन रणजीत को ईवीएम में 28577 वोट और राजेंद्र राणा को 26403 मत मिले। राजेंद्र राणा ने हिमाचल की सत्तारूढ़ कांग्रेस के राज्यसभा में प्रत्याशी के खिलाफ वोट करके पार्टी से बगावत की थी और बीते 23 मार्च को उन्होंने दिल्ली में बीजेपी का दामन थामा। 26 मार्च को बीजेपी ने राणा समेत कांग्रेस के छह बागी विधायकों को टिकट दिया। अब राजेंद्र राणा सुजानपुर सीट से विधानसभा उप चुनाव हार गए हैं। राणा को प्रेम कुमार धूमल के हनुमान माने जाने वाले कैप्टन रणजीत सिंह ने हराया है। बता दें कि राजेंद्र राणा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुख्यमंत्री चेहरा एवं दो बार के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को चुनाव हराया था। इस बार राणा खुद चुनाव हारने जा रहे है। मुख्यमंत्री सुक्खू निरंतर राणा पर हमलावर थे और सुधीर शर्मा व राणा को बिके हुए विधायकों का निरंतर सरगना बोल रहे थे। प्रदेश की चार अन्य विधानसभा सीटों पर भी काउंटिंग जारी है। बड़सर में बीजेपी के इंद्रदत्त लखनपाल, धर्मशाला में भी बीजेपी के सुधीर शर्मा और कुटलैहड़ में भी कांग्रेस के विवेक शर्मा बढ़त बनाए हुए है। इन छह सीटों पर उप चुनाव में कुल 4,54,926 मतदाताओं में से 3,29,240 (76.89%) ने वोट दिया है। इनमें 32,089 पुरुष, 35,337 पुरुष और एक थर्ड जेंडर का मतदाता शामिल है।कुटलैहड़ में सबसे ज्यादा 67427 (76.20%) फीसदी और धर्मशाला में सबसे कम 60981 (71.2%) मतदाताओं ने वोट डाला है। बड़सर विधानसभा में 62695 (71.69%), लाहौल स्पीति में 18977 (75.09%), गगरेट में 63359 (75.14%) और सुजानपुर में 55800 (73.76%) प्रतिशत लोगों ने अपना वोट डाला। लाहौल स्पीति में त्रिकोणीय मुकाबला लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में टक्कर है। धर्मशाला में बीजेपी के बागी चौधरी धर्मशाला सीट पर बीजेपी सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी और निर्दलीय राकेश चौधरी के बीच मुकाबला है। इन तीनों के अलावा यहां सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। इनका भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया। 15 महीने में इसलिए आई उप चुनाव की नौबत इन छह सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए थे। मगर इन्होंने राज्यसभा चुनाव में पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट दिया। इसके बाद विधानसभा में पार्टी के व्हिप का उलंघन किया। इसके दोषी पाए जाने पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। इसके बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट का रुख देखते हुए इन्होंने खुद ही याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते 16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग ने छह सीटों पर उप चुनाव का ऐलान किया।
पंजाब में लोक संपर्क विभाग में 15 अफसरों के तबादले:जालंधर से DPRO सूबेग सिंह को कपूरथला भेजा, होशियारपुर में भी बदलाव
पंजाब में लोक संपर्क विभाग में 15 अफसरों के तबादले:जालंधर से DPRO सूबेग सिंह को कपूरथला भेजा, होशियारपुर में भी बदलाव पंजाब सरकार ने लोक संपर्क विभाग में तैनात कई अधिकारियों के ट्रांसफर के आदेश दिए हैं। सरकार ने अधिकारियों को जल्द नई पोस्टिंग ज्वाइन करने के लिए भी कहा है। विभाग में तैनात कई अधिआरियों को अतिरिक्त चार्ज भी दिए गए हैं। लोक संपर्क विभाग के सचिव IAS मलविंदर सिंह जग्गी दवारा जारी आदेशों में 15 IPRO और APRO स्त्तर के अधिकारियों के ट्रांसफर किए हैं। जारी आदेशों के अनुसार, कपूरथला में तैनात DPRO कमलजीत पाल को बदल कर होशियारपुर तैनात किया है। वहीं जालंधर में तैनात DPRO सुबेग सिंह को कपूरथला में तैनात किया है। दूसरी तरफ होशियारपुर में तैनात DPRO हरदेव सिंह को एसबीएस नगर तैनात किया है और होशियारपुर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। क्योंकि होशियारपुर में तैनात किए DPRO कमलजीत पाल 11 अक्टूबर तक छुट्टी पर है। बता दें कि DPRO सूबेग सिंह पहले भी कपूरथला में अपनी सेवाएं निभा चुके हैं। यहां देखें तबादला सूची
रामभद्राचार्य बोले-वो 25-25 बच्चे पैदा करें और हिंदुओं पर प्रतिबंध:अंबेडकर ने मनुस्मृति फाड़कर गलत किया था, मैं उनके सामने होता तो सही अर्थ समझाता
रामभद्राचार्य बोले-वो 25-25 बच्चे पैदा करें और हिंदुओं पर प्रतिबंध:अंबेडकर ने मनुस्मृति फाड़कर गलत किया था, मैं उनके सामने होता तो सही अर्थ समझाता जगदगुरु रामभद्राचार्य ने समान नागरिक संहिता पर कहा- देश में हर हाल में UCC चाहिए। जो भी नियम बनें, वो सबके लिए हों। ऐसा नहीं होना चाहिए कि वो 25-25 बच्चे पैदा करें और हिंदुओं पर प्रतिबंध लगाए जाएं। एक न्यूज चैनल से खास बातचीत में रामभद्राचार्य ने कहा, मुस्लिम भारत में रहें, लेकिन हमारे अस्तित्व का सम्मान करते हुए रहें। मैंने कभी नहीं कहा कि ये देश मुसलमानों का नहीं है। लेकिन हिंदुओं का अस्तित्व मिटाकर उन्हें रहने की अनुमित नहीं दी जा सकती। रामभद्राचार्य ने मोहन भागवत, अंबेडकर और सर्वे पर भी बात रखी, पढ़िए नेहरू ने अंबेडकर से इस्तीफा दिलवाया था
अमित शाह के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर वाले बयान पर रामभद्राचार्य ने कहा, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ही अंबेडकर से इस्तीफा दिलवाया था। हम लोग तो उनका सम्मान करते हैं, लेकिन नेहरू ने ही उनका उत्पीड़न किया। उनको हरवाया गया। मैं खुद भीमराव अंबेडकर का बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन उन्होंने मनुस्मृति को फाड़कर गलत किया था। मनुस्मृति में कहीं भी ऊंच-नीच की बात नहीं की गई थी। मनुस्मृति भारत का पहला सविंधान है। अगर वो मेरे सामने होते तो मैं उन्हें मनुस्मृति का सही अर्थ बताता। उसमें नारी का सम्मान करना बताया गया है। मैं हिंदू धर्म का आचार्य, मेरा अनुशासन
रामभद्राचार्य ने कहा, मैं हिंदू धर्म का आचार्य हूं। जगदगुरु हूं। हिंदू धर्म पर मेरा अनुशासन होता है, न कि मोहन भागवत का। भागवत एक संगठन के प्रमुख हैं। उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। ओम शांति शांति पुराना नारा
सर्वे को लेकर उन्होंने कहा कि हम सर्वे के आधार पर ही मंदिरों की मांग कर रहे हैं। अधिकार मांगना पाप नहीं है। हमें नेता नहीं बनना है। हम अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जहां-जहां सर्वे से मंदिर के सबूत मिलेंगे, वहां हम संघर्ष करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम हिंदुओं को उकसा नहीं रहे हैं। आत्मरक्षा करना सबका अधिकार है। हिंदू कितना सहेगा। हिंदुओं के साथ अत्याचार हुआ है। ओम शांति शांति का नारा पुराना हो गया। अब ओम क्रांति क्रांति होना चाहिए। 2 दिन पहले भी रामभद्राचार्य ने भागवत को लेकर बड़ा बयान दिया था… रामभद्राचार्य बोले- भागवत संघ के संचालक, हमारे नहीं
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर नाराजगी जताई। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि संघ प्रमुख का व्यक्तिगत बयान है। ये उन्होंने अच्छा नहीं कहा। संघ भी हिंदुत्व के आधार पर बना है। जहां-जहां मंदिर या मंदिर के अवशेष मिल रहे हैं, उन्हें हम लेंगे। जहां अवशेष नहीं हैं, वहां नहीं लेंगे। वे (मोहन भागवत) संघ प्रमुख हैं, हम धर्माचार्य हैं। हमारा क्षेत्र अलग है, उनका अलग। वे संघ के सरसंघचालक हैं, हमारे नहीं। राम मंदिर पर बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है। रामभद्राचार्य ने कहा- एक यहूदी को कोई मार देता है तो इजराइल ऐसी की तैसी कर देता है। हजारों हिंदू मारे जा रहे हैं, सरकार कुछ कर नहीं रही है। सरकार को चाहिए कठोरता से बांग्लादेश से निपटे। भागवत ने कहा था कि राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वे नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। जानिए, कौन हैं रामभद्राचार्य
रामभद्राचार्य चित्रकूट में रहते हैं। उनका वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है। वे प्रवचनकार, दार्शनिक और हिंदू धर्मगुरु हैं। वे रामानंद संप्रदाय के मौजूदा चार जगद्गुरुओं में से एक हैं और इस पद पर 1988 से आसीन हैं। महाराज चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक और आजीवन कुलाधिपति भी हैं। चित्रकूट में तुलसी पीठ की स्थापना का श्रेय भी इन्हें ही जाता है। इन्होंने दो संस्कृत और दो हिंदी में मिलाकर कुल चार महाकाव्यों की रचना की है। इन्हें भारत में तुलसीदास पर सबसे बेहतरीन विशेषज्ञों में गिना जाता है। साल 2015 में भारत सरकार ने इन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। —————————– ये भी पढ़ें: अविमुक्तेश्वरानंद बोले- मोहन भागवत आम हिंदू को नहीं समझते:गौ हत्या रोकना ही महाकुंभ में हमारा मुद्दा, मंदिर में कूड़ा पड़े; यह मंजूर नहीं वाराणसी पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि मोहन भागवत आम हिंदू की पीड़ा नहीं समझते हैं। महाकुंभ में हमारा मुद्दा गो हत्या को रोकना है। यह तभी संभव है, जब गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में मंदिरों पर अवैध कब्जों को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- यहां वाराणसी में कई मंदिर ऐसे हैं, जिन पर कूड़ा पड़ता है। ऐसे मंदिरों को ठीक करवाकर पूजा-पाठ शुरू करनी चाहिए। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…