राजीव नयन मिश्रा…यह वो नाम है, जिसने 50 लाख से ज्यादा युवाओं का सपना तोड़ दिया। यूपी सरकार की नाक में दम कर दिया। इस मामले में STF यूपी से लेकर मध्यप्रदेश में गिरफ्तारी कर रही है। राजीव RO/ARO और यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा लीक का मास्टरमाइंड है। अभी वह जेल में है। एक सीधा-साधा होनहार छात्र कैसे पेपर लीक का मास्टरमाइंड बन गया? करोड़ों की संपत्ति बनाई, पत्नी होते हुए भी दो-दो गर्लफ्रेंड बनाईं। इलाके में उसका इतना खौफ है कि कोई खिलाफ में बोलने को तैयार नहीं। पढ़िए पेपर लीक करने वाले माफिया के घर और ननिहाल से भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट… प्रयागराज से करीब 40 किलोमीटर दूर मेजा रोड पर अमौरा गांव है। राजीव नयन मिश्रा यहीं पैदा हुआ। वह करीब 5 साल का था, तभी मां की मौत हो गई। एक साल बाद पिता दीनानाथ मिश्र भी करंट लगने से चल बसे। राजीव के नाना इंद्रदेव मिश्र उसे और उसकी छोटी बहन को अपने घर बरांवा ले आए। यहीं दोनों की पढ़ाई शुरू हुई। दैनिक भास्कर की टीम मेजा रोड होते हुए बरांवा गांव पहुंची। रास्ते में हमने राजीव नयन के बारे में पूछा। लोग बोले- हमें कोई जानकारी नहीं। हमने फोटो दिखाई। इसके बावजूद लोगों ने कहा- हम किसी भी राजीव या राहुल मिश्रा को नहीं जानते। RO/ARO परीक्षा से भी हमारा कोई मतलब नहीं। इसके बाद हम आगे बढ़ गए। कुछ बोल देंगे तो हम परेशान हो जाएंगे
हम थोड़ा आगे बढ़े और एक दुकान पर रुके। राजीव नयन के बारे में पूछा तो लोग चुप हो गए। हमने बताया कि हम किसी जांच एजेंसी के नहीं हैं, मीडिया से हैं। तब एक व्यक्ति कहता है- यहां के लोग राजीव के बारे में जानते तो सब हैं, लेकिन कोई कुछ बोलेगा नहीं। वे सभी दबंग हैं। उसने तो एक के बाद एक भर्ती परीक्षा लीक करवाकर सरकार से पंगा ले लिया है। हम उसके लिए क्या हैं? इसके बाद लोग राजीव के घर का पता बताकर चले गए। राजीव की मामी बोलीं- हम 3 साल से जानते ही नहीं
हम लोगों से पूछते हुए आखिरकार राजीव नयन के ननिहाल पहुंच गए। घर के बाहर उसी परिवार के बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे। यहां हमारी मुलाकात राजीव की मामी गीता मिश्रा और ममेरी बहन खुशबू से हुई। पहले तो कोई भी कैमरे के आगे बात करने को तैयार नहीं हुआ। सभी ने ऑफ कैमरा ही बात की और राजीव को पूरे मामले में निर्दोष बताया। हालांकि बाद में कैमरे के सामने अपना पक्ष रखने को राजी हो गए। मामी गीता मिश्रा कहती हैं- जब वह छोटा था, तभी यहां आ गया था। उसके मामा ने पढ़ाई करवाई। शुरुआत में बाकी बहन और भाइयों के साथ यहीं के प्राइमरी स्कूल में जाता था। इसके बाद पास के गांव शुक्लपुर के इंटर कॉलेज में पढ़ाई करने लगा। फिर इंजीनियरिंग की। पढ़ाई पूरी करने के बाद राजीव प्रयागराज लौटा। यहीं बिजनेस किया, नहीं जमा तो भोपाल में शिफ्ट हो गया। हालांकि मेजा रोड में उसने आरोग्यम नाम के हॉस्पिटल में अपना पैसा लगा रखा था। लोन ज्यादा हो जाने के चलते अब हॉस्पिटल ठप है। रिश्ते में मामा लगने वाले से हुए मुलाकात
अब हमें गांव के ही एक ऐसे टीचर की तलाश थी, जिसने राजीव को पढ़ाया हो या फिर उसकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानता हो। हमारी खोज आशीष मिश्रा से मिलकर पूरी हुई। आशीष शुक्लपुर के हैं। पास के ही एक प्राइवेट डिग्री कॉलेज में समाज-शास्त्र पढ़ाते हैं। वो कहते हैं- राजीव मेरा भांजा लगता है। कद-काठी से वह बेहद पतला, लेकिन पढ़ाई में होनहार था। यह इलाका रंगबाजी के लिए मशहूर है, लेकिन राजीव का कभी इसमें नाम नहीं आया। परीक्षा लीक होने से आसपास के युवाओं में निराशा को लेकर पूछे गए सवाल पर वह कहते हैं- देखिए, परीक्षा लीक में छोटे-मोटे लोग नहीं शामिल हैं। इसमें बड़े लोग शामिल हैं। राजीव के बारे में जो चीजें आ रही हैं, उस पर तो अभी मैं कुछ नहीं कह सकता। बाकी आसपास करीब 25-30 बच्चों ने परीक्षा दी थी, वो सभी निराश हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। बहन खुशबू कहती है- वह मुझसे एक साल ही छोटा है। 2012 में उसने इंटरमीडिएट किया। करीब 65 फीसदी नंबर लाए। पढ़ने में वह बहुत अच्छा था। इसके बाद वह पढ़ाई के लिए प्रयागराज चला गया। करीब दो साल बाद उसने बीटेक करने के लिए सोचा। इसके बाद हमने गांव में कुछ ऐसे लोगों से जानकारियां जुटाई जो सामने नहीं आना चाहते थे, लेकिन जो बताया वो हैरान करने वाला था… इलाके की सबसे महंगी शादी की
राजीव के मामा तीन भाई हैं। तीनों भाइयों के बीच 9 बेटियां और 5 बेटे हैं। पूरा परिवार आज भी एक साथ ही रहता है। ज्यादातर बहनों की शादी हो चुकी है, इसलिए वह अपनी ससुराल में रहती हैं। राजीव की छोटी बहन की शादी भी यहीं से हुई थी। राजीव की शादी 2021 में प्रयागराज के एक गेस्ट हाउस से हुई। लोग बताते हैं, उस वक्त वह शादी इलाके की सबसे महंगी शादी थी। 50 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किया गया था। शादी के बाद पत्नी राजीव के साथ एक बार बरांवा आई थी। लग्जरी लाइफ स्टाइल, सफारी से गांव आना-जाना
गांव के ही एक व्यक्ति बताते हैं- राजीव की लाइफ स्टाइल बाकी लोगों से एकदम अलग थी। वह यहां अक्सर सफारी गाड़ी से आया करता था। उसके नाम पर यहां तो संपत्ति नहीं है। लेकिन नोएडा और भोपाल में उसने करोड़ों की संपत्ति बना रखी है। पत्नी के बारे में पूछने पर पता चलता है कि अभी कोई बच्चा नहीं है। वह यहां आती भी नहीं। अभी तो शायद अपने मायके में रहती है। फूलपुर की तरफ ही उसका मायका है। दो गर्लफ्रेंड की बात सामने आई
केजीएमयू के एमबीबीएस डॉ. शरद पटेल की गिरफ्तारी हुई, तो उसने राजीव का एक और राज खोला। उसने बताया- मुझे पेपर भेजने के साथ अपनी गर्लफ्रेंड सुष्मिता को भी पेपर भेजा था। इसके अलावा पैसे का लेन-देन भोपाल से शिवानी देखती थी। वह भी राजीव की गर्लफ्रेंड है। बीटेक करने के बाद भोपाल में प्लेसमेंट कंपनी खोली
राजीव ने भोपाल की सत्य साई यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद प्रयागराज लौटा, तो जार्जटाउन में करियर एंड प्लेसमेंट कंसल्टेंसी नाम से एक ऑफिस खोला। इसकी एक ब्रांच नोएडा और दूसरी भोपाल में शुरू की। राजीव शुरुआत में इंजीनियरिंग और प्रोफेशनल कॉलेजों में लड़कों को एडमिशन दिलवाने का काम करता था। इस काम में उसके साथ बिहार के मधुबनी जिले का सुभाष प्रकाश और अतुल वत्स शामिल थे। इन तीनों ने ही पैसे लेकर एडमिशन दिलाने के काम को अपना प्रोफेशन बना लिया। 2019 में राजीव ने बनाया गिरोह
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, 2019 में राजीव भोपाल के ही तरुणेश अजारिया से मिला। तरुणेश पैसा लेकर भर्ती परीक्षाओं में धांधली करवाने का काम करता था। तरुणेश से जुड़ने के बाद अतुल वत्स ने राजीव की मुलाकात डॉ. शरद पटेल से करवाई। शरद उस वक्त पेपर लीक गिरोह को ऑपरेट करता था। शरद ने राजीव की मुलाकात नोएडा के रवि अत्री से करवाई। इस तरह से यह पूरा गैंग बन गया। नवंबर, 2021 में यूपी अध्यापक पात्रता परीक्षा (TET) का पेपर लीक हो गया। पुलिस ने जांच शुरू की तो इसमें राजीव का नाम सामने आया। कौशांबी की क्राइम ब्रांच पुलिस ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया। मंझनपुर थाने में केस दर्ज किया गया। फिर जेल भेज दिया गया। पड़ताल में सामने आया कि TET का पेपर संतोष चौरसिया ने लीक कर राजीव को दिया था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 2023 में स्टाफ नर्स की संविदा भर्ती निकाली गई थी। राजीव और तरुणेश अजारिया ने इसके लिए हो रही परीक्षा का पेपर लीक करवा दिया। इसके लिए दोनों ने ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी MEL के कर्मचारियों से ही साठगांठ की थी। कहते हैं, इसमें राजीव ने करीब 50 लाख रुपए कमाए थे। ग्वालियर में मामला दर्ज हुआ और उसे फिर से जेल हुई। लेकिन कुछ वक्त के बाद ही जमानत मिल गई। करोड़ों कमाए, युवाओं का भविष्य दांव पर लगाया
राजीव अब तक कुल 4 भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में पकड़ा गया। चारों में उसे परीक्षा से पहले ही 50-50 लाख रुपए से ज्यादा मिल चुके थे। आशंका यह भी है कि वह कई और पेपर लीक में शामिल रहा होगा, लेकिन पकड़ा नहीं गया। पुलिस जांच में अब तक राजीव के संपर्क में आकर बर्बाद हुए युवाओं की संख्या 200 से ज्यादा है। ये वो लोग हैं, जिन्होंने राजीव पर भरोसा कर 3-3 लाख रुपए तक एडवांस दिए थे। राजीव कई पेपर लीक मामलों में शामिल होने और जेल जाने के बाद भी इसी धंधे में लगा रहा। यूपी पुलिस भर्ती और RO/ARO परीक्षा में वह मास्टरमाइंड बनकर सामने आया। RO/ARO का पेपर उसने प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुशील रघुवंशी से 10 लाख में लिया था। उस पेपर को उसने करीब 15 लोगों को भेजा था। अब तक जो लोग पकड़े गए हैं, उनकी बात मानें तो करीब 1 करोड़ रुपए राजीव को मिल चुके थे। RO/ARO भर्ती परीक्षा में 10 लाख से ज्यादा और पुलिस सिपाही भर्ती में 40 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल हुए थे। राजीव नयन मिश्रा…यह वो नाम है, जिसने 50 लाख से ज्यादा युवाओं का सपना तोड़ दिया। यूपी सरकार की नाक में दम कर दिया। इस मामले में STF यूपी से लेकर मध्यप्रदेश में गिरफ्तारी कर रही है। राजीव RO/ARO और यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा लीक का मास्टरमाइंड है। अभी वह जेल में है। एक सीधा-साधा होनहार छात्र कैसे पेपर लीक का मास्टरमाइंड बन गया? करोड़ों की संपत्ति बनाई, पत्नी होते हुए भी दो-दो गर्लफ्रेंड बनाईं। इलाके में उसका इतना खौफ है कि कोई खिलाफ में बोलने को तैयार नहीं। पढ़िए पेपर लीक करने वाले माफिया के घर और ननिहाल से भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट… प्रयागराज से करीब 40 किलोमीटर दूर मेजा रोड पर अमौरा गांव है। राजीव नयन मिश्रा यहीं पैदा हुआ। वह करीब 5 साल का था, तभी मां की मौत हो गई। एक साल बाद पिता दीनानाथ मिश्र भी करंट लगने से चल बसे। राजीव के नाना इंद्रदेव मिश्र उसे और उसकी छोटी बहन को अपने घर बरांवा ले आए। यहीं दोनों की पढ़ाई शुरू हुई। दैनिक भास्कर की टीम मेजा रोड होते हुए बरांवा गांव पहुंची। रास्ते में हमने राजीव नयन के बारे में पूछा। लोग बोले- हमें कोई जानकारी नहीं। हमने फोटो दिखाई। इसके बावजूद लोगों ने कहा- हम किसी भी राजीव या राहुल मिश्रा को नहीं जानते। RO/ARO परीक्षा से भी हमारा कोई मतलब नहीं। इसके बाद हम आगे बढ़ गए। कुछ बोल देंगे तो हम परेशान हो जाएंगे
हम थोड़ा आगे बढ़े और एक दुकान पर रुके। राजीव नयन के बारे में पूछा तो लोग चुप हो गए। हमने बताया कि हम किसी जांच एजेंसी के नहीं हैं, मीडिया से हैं। तब एक व्यक्ति कहता है- यहां के लोग राजीव के बारे में जानते तो सब हैं, लेकिन कोई कुछ बोलेगा नहीं। वे सभी दबंग हैं। उसने तो एक के बाद एक भर्ती परीक्षा लीक करवाकर सरकार से पंगा ले लिया है। हम उसके लिए क्या हैं? इसके बाद लोग राजीव के घर का पता बताकर चले गए। राजीव की मामी बोलीं- हम 3 साल से जानते ही नहीं
हम लोगों से पूछते हुए आखिरकार राजीव नयन के ननिहाल पहुंच गए। घर के बाहर उसी परिवार के बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे। यहां हमारी मुलाकात राजीव की मामी गीता मिश्रा और ममेरी बहन खुशबू से हुई। पहले तो कोई भी कैमरे के आगे बात करने को तैयार नहीं हुआ। सभी ने ऑफ कैमरा ही बात की और राजीव को पूरे मामले में निर्दोष बताया। हालांकि बाद में कैमरे के सामने अपना पक्ष रखने को राजी हो गए। मामी गीता मिश्रा कहती हैं- जब वह छोटा था, तभी यहां आ गया था। उसके मामा ने पढ़ाई करवाई। शुरुआत में बाकी बहन और भाइयों के साथ यहीं के प्राइमरी स्कूल में जाता था। इसके बाद पास के गांव शुक्लपुर के इंटर कॉलेज में पढ़ाई करने लगा। फिर इंजीनियरिंग की। पढ़ाई पूरी करने के बाद राजीव प्रयागराज लौटा। यहीं बिजनेस किया, नहीं जमा तो भोपाल में शिफ्ट हो गया। हालांकि मेजा रोड में उसने आरोग्यम नाम के हॉस्पिटल में अपना पैसा लगा रखा था। लोन ज्यादा हो जाने के चलते अब हॉस्पिटल ठप है। रिश्ते में मामा लगने वाले से हुए मुलाकात
अब हमें गांव के ही एक ऐसे टीचर की तलाश थी, जिसने राजीव को पढ़ाया हो या फिर उसकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानता हो। हमारी खोज आशीष मिश्रा से मिलकर पूरी हुई। आशीष शुक्लपुर के हैं। पास के ही एक प्राइवेट डिग्री कॉलेज में समाज-शास्त्र पढ़ाते हैं। वो कहते हैं- राजीव मेरा भांजा लगता है। कद-काठी से वह बेहद पतला, लेकिन पढ़ाई में होनहार था। यह इलाका रंगबाजी के लिए मशहूर है, लेकिन राजीव का कभी इसमें नाम नहीं आया। परीक्षा लीक होने से आसपास के युवाओं में निराशा को लेकर पूछे गए सवाल पर वह कहते हैं- देखिए, परीक्षा लीक में छोटे-मोटे लोग नहीं शामिल हैं। इसमें बड़े लोग शामिल हैं। राजीव के बारे में जो चीजें आ रही हैं, उस पर तो अभी मैं कुछ नहीं कह सकता। बाकी आसपास करीब 25-30 बच्चों ने परीक्षा दी थी, वो सभी निराश हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। बहन खुशबू कहती है- वह मुझसे एक साल ही छोटा है। 2012 में उसने इंटरमीडिएट किया। करीब 65 फीसदी नंबर लाए। पढ़ने में वह बहुत अच्छा था। इसके बाद वह पढ़ाई के लिए प्रयागराज चला गया। करीब दो साल बाद उसने बीटेक करने के लिए सोचा। इसके बाद हमने गांव में कुछ ऐसे लोगों से जानकारियां जुटाई जो सामने नहीं आना चाहते थे, लेकिन जो बताया वो हैरान करने वाला था… इलाके की सबसे महंगी शादी की
राजीव के मामा तीन भाई हैं। तीनों भाइयों के बीच 9 बेटियां और 5 बेटे हैं। पूरा परिवार आज भी एक साथ ही रहता है। ज्यादातर बहनों की शादी हो चुकी है, इसलिए वह अपनी ससुराल में रहती हैं। राजीव की छोटी बहन की शादी भी यहीं से हुई थी। राजीव की शादी 2021 में प्रयागराज के एक गेस्ट हाउस से हुई। लोग बताते हैं, उस वक्त वह शादी इलाके की सबसे महंगी शादी थी। 50 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किया गया था। शादी के बाद पत्नी राजीव के साथ एक बार बरांवा आई थी। लग्जरी लाइफ स्टाइल, सफारी से गांव आना-जाना
गांव के ही एक व्यक्ति बताते हैं- राजीव की लाइफ स्टाइल बाकी लोगों से एकदम अलग थी। वह यहां अक्सर सफारी गाड़ी से आया करता था। उसके नाम पर यहां तो संपत्ति नहीं है। लेकिन नोएडा और भोपाल में उसने करोड़ों की संपत्ति बना रखी है। पत्नी के बारे में पूछने पर पता चलता है कि अभी कोई बच्चा नहीं है। वह यहां आती भी नहीं। अभी तो शायद अपने मायके में रहती है। फूलपुर की तरफ ही उसका मायका है। दो गर्लफ्रेंड की बात सामने आई
केजीएमयू के एमबीबीएस डॉ. शरद पटेल की गिरफ्तारी हुई, तो उसने राजीव का एक और राज खोला। उसने बताया- मुझे पेपर भेजने के साथ अपनी गर्लफ्रेंड सुष्मिता को भी पेपर भेजा था। इसके अलावा पैसे का लेन-देन भोपाल से शिवानी देखती थी। वह भी राजीव की गर्लफ्रेंड है। बीटेक करने के बाद भोपाल में प्लेसमेंट कंपनी खोली
राजीव ने भोपाल की सत्य साई यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद प्रयागराज लौटा, तो जार्जटाउन में करियर एंड प्लेसमेंट कंसल्टेंसी नाम से एक ऑफिस खोला। इसकी एक ब्रांच नोएडा और दूसरी भोपाल में शुरू की। राजीव शुरुआत में इंजीनियरिंग और प्रोफेशनल कॉलेजों में लड़कों को एडमिशन दिलवाने का काम करता था। इस काम में उसके साथ बिहार के मधुबनी जिले का सुभाष प्रकाश और अतुल वत्स शामिल थे। इन तीनों ने ही पैसे लेकर एडमिशन दिलाने के काम को अपना प्रोफेशन बना लिया। 2019 में राजीव ने बनाया गिरोह
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, 2019 में राजीव भोपाल के ही तरुणेश अजारिया से मिला। तरुणेश पैसा लेकर भर्ती परीक्षाओं में धांधली करवाने का काम करता था। तरुणेश से जुड़ने के बाद अतुल वत्स ने राजीव की मुलाकात डॉ. शरद पटेल से करवाई। शरद उस वक्त पेपर लीक गिरोह को ऑपरेट करता था। शरद ने राजीव की मुलाकात नोएडा के रवि अत्री से करवाई। इस तरह से यह पूरा गैंग बन गया। नवंबर, 2021 में यूपी अध्यापक पात्रता परीक्षा (TET) का पेपर लीक हो गया। पुलिस ने जांच शुरू की तो इसमें राजीव का नाम सामने आया। कौशांबी की क्राइम ब्रांच पुलिस ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया। मंझनपुर थाने में केस दर्ज किया गया। फिर जेल भेज दिया गया। पड़ताल में सामने आया कि TET का पेपर संतोष चौरसिया ने लीक कर राजीव को दिया था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 2023 में स्टाफ नर्स की संविदा भर्ती निकाली गई थी। राजीव और तरुणेश अजारिया ने इसके लिए हो रही परीक्षा का पेपर लीक करवा दिया। इसके लिए दोनों ने ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी MEL के कर्मचारियों से ही साठगांठ की थी। कहते हैं, इसमें राजीव ने करीब 50 लाख रुपए कमाए थे। ग्वालियर में मामला दर्ज हुआ और उसे फिर से जेल हुई। लेकिन कुछ वक्त के बाद ही जमानत मिल गई। करोड़ों कमाए, युवाओं का भविष्य दांव पर लगाया
राजीव अब तक कुल 4 भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में पकड़ा गया। चारों में उसे परीक्षा से पहले ही 50-50 लाख रुपए से ज्यादा मिल चुके थे। आशंका यह भी है कि वह कई और पेपर लीक में शामिल रहा होगा, लेकिन पकड़ा नहीं गया। पुलिस जांच में अब तक राजीव के संपर्क में आकर बर्बाद हुए युवाओं की संख्या 200 से ज्यादा है। ये वो लोग हैं, जिन्होंने राजीव पर भरोसा कर 3-3 लाख रुपए तक एडवांस दिए थे। राजीव कई पेपर लीक मामलों में शामिल होने और जेल जाने के बाद भी इसी धंधे में लगा रहा। यूपी पुलिस भर्ती और RO/ARO परीक्षा में वह मास्टरमाइंड बनकर सामने आया। RO/ARO का पेपर उसने प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुशील रघुवंशी से 10 लाख में लिया था। उस पेपर को उसने करीब 15 लोगों को भेजा था। अब तक जो लोग पकड़े गए हैं, उनकी बात मानें तो करीब 1 करोड़ रुपए राजीव को मिल चुके थे। RO/ARO भर्ती परीक्षा में 10 लाख से ज्यादा और पुलिस सिपाही भर्ती में 40 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल हुए थे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर