हिसार में सोमवार को सुबह से रुक रुक कर बारिश हो हो रही है। जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली। किसानों ने कहा कि सूख रही फसल को फायदा होगा। मौसम विभाग ने आने वाले दो-तीन दिनों तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बारिश होने की संभावनाएं जताई। बारिश के कारण शहर के पुरानी कॉलोनी श्यामलाल बाग, श्याम लाल ढाणी 12 कार्टर रोड, महावीर कॉलोनी सहित अन्य एरिया में जल भराव हो गया। जिसके चलते आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 22 अगस्त तक परिवर्तनशील रहेगा मौसम चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष के डॉ मदन खीचड़ के मुताबिक हरियाणा में मौसम आमतौर पर 22 अगस्त तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान मानसून ट्रक सामान्य स्थिति से दक्षिण की तरफ जाएगा। जिससे राज्य में मानसूनी हवाओं की सक्रियता में थोड़ी कमी आ सकती है और बारिश की गतिविधियां में अगले तीन चार दिनों में कमी आने की संभावना है। इस दौरान राज्य के उत्तरी व दक्षिण जिलों में कहीं कहीं हल्की बारिश होगी, लेकिन पश्चिमी हरियाणा के जिलों में कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। इस दौरान हवा में बदलाव पूर्वी से उत्तर पश्चिमी होने से दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने व वातावरण में नमी की मात्रा में गिरावट आने की संभावना है। हिसार में सोमवार को सुबह से रुक रुक कर बारिश हो हो रही है। जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली। किसानों ने कहा कि सूख रही फसल को फायदा होगा। मौसम विभाग ने आने वाले दो-तीन दिनों तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बारिश होने की संभावनाएं जताई। बारिश के कारण शहर के पुरानी कॉलोनी श्यामलाल बाग, श्याम लाल ढाणी 12 कार्टर रोड, महावीर कॉलोनी सहित अन्य एरिया में जल भराव हो गया। जिसके चलते आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 22 अगस्त तक परिवर्तनशील रहेगा मौसम चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष के डॉ मदन खीचड़ के मुताबिक हरियाणा में मौसम आमतौर पर 22 अगस्त तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान मानसून ट्रक सामान्य स्थिति से दक्षिण की तरफ जाएगा। जिससे राज्य में मानसूनी हवाओं की सक्रियता में थोड़ी कमी आ सकती है और बारिश की गतिविधियां में अगले तीन चार दिनों में कमी आने की संभावना है। इस दौरान राज्य के उत्तरी व दक्षिण जिलों में कहीं कहीं हल्की बारिश होगी, लेकिन पश्चिमी हरियाणा के जिलों में कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। इस दौरान हवा में बदलाव पूर्वी से उत्तर पश्चिमी होने से दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने व वातावरण में नमी की मात्रा में गिरावट आने की संभावना है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए
महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए बिश्नोई समाज इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। इसका बड़ा कारण है पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र के बीच चल रही तनातनी। हाल ही में दोनों ने संगठन में रहते हुए एक-दूसरे को अपने-अपने पदों से हटा दिया था। वहीं, बुधवार को बिश्नोई समाज ने बैठक कर 5 फैसले लिए हैं। इनमें सबसे बड़ा फैसला महासभा का संरक्षक पद खत्म करना था। इसके साथ ही फैसला लिया गया कि कुलदीप बिश्नोई से ‘बिश्नोई रत्न’ भी वापस लिया जाएगा। संगठन में चल रहे विवाद के कारण भले ही इस वक्त बिश्नोई समाज सुर्खियों में आ गया हो, लेकिन आपको बता दें कि प्रकृति से प्रेम करने वाला यह समाज वन्य जीवों के लिए त्याग करने के लिए समाज में एक मिसाल माना जाता है। बिश्नोई महिला हिरण के बच्चे को अपना दूध पिलाती है। पेड़ बचाने के लिए वह सिर तक कटा देते हैं। उनके यहां शादी में दूल्हा-दुल्हन फेरे नहीं लेते। महासभा में चल रहे विवाद के बीच बिश्नोई समाज की पूरी कहानी पढ़ें… सबसे पहले ये तस्वीर देखें… हिरण के बच्चे को अपना दूध पिला रही ये महिला बिश्नोई समाज की है। ये तस्वीर ही उस दस्तूर की बानगी है, जिसमें बिश्नोई समाज का जानवरों के प्रति अटूट प्रेम दिखता है। बिश्नोई… यह बीस और नौ शब्द से बना है. जिसका मतलब होता है 29 नियमों का पालन करने वाला एक पंथ। इसमें से एक है जानवरों पर दया करना। जहां-जहां बिश्नोई बसाहट है, वहां हिरण, मोर और काले तीतर के झुंड मिलेंगे। इनकी रक्षा के लिए यह पंथ अपनी जान तक दे देता है और इन्हें बचाने के लिए किसी की जान ले भी सकता है। बिश्नोई समाज को प्रह्लादपंथी कहा जाता है। ये भक्त प्रह्लाद को मानते हैं। इसलिए, होलिका दहन के दिन शोक मनाते हैं। उस दिन इनके घर में खिचड़ी बनती है। इसी तरह इस समाज में पेड़-पौधे को काटना मना है। इसलिए, मरने के बाद इन्हें जलाया नहीं जाता, बल्कि मिट्टी में दफना दिया जाता है। हर घर के आगे खेजड़ी का पेड़ होना भी जरूरी है। बिश्नोई समाज ने हिसार में 40 हजार करोड़ की टाउनशिप का प्लान शिफ्ट कराया हरियाणा के हिसार में गांव बड़ोपल से कुछ दूरी पर संकरी सड़क के दोनों ओर दूर तक जंगल है। आसपास कंटीली झाड़ियां और कुछ कोस पर कीकर और खेजड़ी के पेड़ हैं। यहां ब्लैक बक सेंचुरी है। इस सेंचुरी में केंद्र सरकार का 40,000 करोड़ रुपए का टाउनशिप का एक प्लान बिश्नोई समाज के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़कर शिफ्ट करवाया है। इस जंगल में हिरण, सांप, नील गाय समेत अनेक जीव और खेजड़ी के पेड़ हैं। इस बारे में कुलदीप बिश्नोई कहते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर ने हमें 29 नियमों का मंत्र दिया था। उन्हीं को मानते हुए आज भी हम वन्यजीव और वन बचाने के लिए वचनबद्ध हैं। इसके लिए युवाओं की प्रबंधन कमेटियां बनाई गई हैं। बिश्नोइयों के इलाके में कोई शिकारी या लकड़ी तस्कर आने की हिम्मत नहीं करते।’ बिश्नोई समाज के जीव प्रेमी अनिल खिच्चड़ मंगाली बताते हैं, ‘यह हमारे लिए ये सब सामाजिक नहीं धार्मिक काम हैं। हिरण के लिए हम ज्यादा संवेदनशील है। इसकी वजह यह है कि यह सबसे ज्यादा निरीह और कमजोर है। इस वजह से इसके इंसान भी दुश्मन हैं और दूसरे जानवर भी। अबोहर और राजस्थान में बिश्नोई समाज के घरों में आमतौर पर हिरण आ जाते हैं। हिरण के छोटे बच्चे को महिलाएं अपना दूध पिलाकर बड़ा करती हैं।’ बिश्नोइयों को प्रह्लाद पंथी क्यों कहते हैं? कहा जाता है कि भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने वचन दिया था कि वो कलयुग में उन जीवों का उद्धार करने के लिए आएंगे जो सतयुग में रह गए हैं। बिश्नोई समाज गुरु जम्भेश्वर को भी विष्णु का अवतार मानता है। ज्यादातर बिश्नोई जाट समाज से इस पंथ में आए हैं। इस समाज को मानने वाले राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में रहते हैं। हिसार शहर से 40 किलोमीटर दूर आदमपुर का गांव सदलपुर बिश्नोई बहुल समाज का गांव है। यहां बिश्नोई मंदिर है। इसमें गुरु जम्भेश्वर के सिवाय कोई और मूर्ति नहीं है। गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति के सामने कुछ भी नहीं रखा जाता। हिंदू मंदिरों से तुलना करें तो यहां सब कुछ बेहद सादा है। गुरु जम्भेश्वर वचन का पाठ हो होता है। हवन के बाद आरती होती है। यहां हवन में गाय के गोबर के उपलों को जलाकर उस पर सूखे नारियल की गिरियां, शुद्ध घी, सौंफ, तिल और हवन सामग्री डाली जाती है। आरती की थाली गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति की ओर नहीं रखी जाती। जो व्यक्ति आरती कर रहा है उसकी पीठ मूर्ति की ओर रहती है। इसकी वजह भगत राम बताते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर का कहना था कि मैं जोत में हूं, जिसका मुंह चारों ओर है। इसलिए, आरती उनकी मूर्ति को न दिखाकर चारों ओर दिखाई जाती है।’ गुरु जम्भेश्वर के भक्त घर या मंदिर में सुबह और शाम सिर्फ हवन करते हैं। गुरु जम्भेश्वर का कहना है कि कोई मूर्ति पूजा नहीं करनी है। घर में सुबह-शाम हवन करना है। बिश्नोई समाज में बच्चे का जन्म और शादी के रीति-रिवाज भी अलग होते हैं। बच्चा पैदा होने के बाद 29 दिन बच्चे और उसकी मां को अलग रखा जाता है। 30वें दिन हवन होता है और पाल-पानी रखा जाता है। गुरु जम्भेश्वर के 120 शब्दवाणी से इसे मंत्रित किया जाता है। इस पाल को बच्चे को पिलाया जाता है, जिसे पीने से वह बिश्नोई हो जाता है। उसके बाद वह घर के अंदर आकर बाकी परिवार के साथ सामान्य जीवन जीता है। दरअसल, पाल एक मंत्र फूंका हुआ पानी होता है जिसे यह लोग गंगाजल की तरह पवित्र मानते हैं। बिश्नोई समाज में शादी के रीति-रिवाज भी अलग हैं। इनके यहां फेरे नहीं होते हैं। बल्कि, दूल्हा और दुल्हन को दो अलग-अलग पीढ़े पर बैठा देते हैं। उनके सामने गुरु जम्भेश्वर की शब्दवाणी पढ़ी जाती है। पाल की कसम खिलाई जाती है। बस शादी हो गई। बिश्नोई समाज पुनर्जन्म में यकीन नहीं रखता है। उसका मानना है कि कर्म के हिसाब से जो है इसी जन्म में है। इनकी पूजा इबादत जो है, वह पर्यावरण से ही जुड़ी है। इसलिए, यह मरने के बाद शव को जलाते नहीं हैं, बल्कि उसे दफनाते हैं। बीते साल जोधपुर के गांव में शैतान सिंह ने एक शिकारी के चंगुल से एक हिरण को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। इन लोगों के लिए जीव जंतु इतने अहम हैं कि मरने के बाद यह लोग इंसानों की ही तरह से पशु पक्षियों का दाह संस्कार करते हैं। बिश्नोई समाज के लोग होली भी नहीं मनाते हैं। वह होली के त्योहार को काला दिन मानते हैं, क्योंकि इस दिन होलिका भक्त प्रह्लाद को दहन करने के लिए अपनी गोद में लेकर बैठी थी। बिश्नोई समाज के लोग इस दिन सूतक रखते हैं। ये लोग इस दिन एक-दूसरे के घर जाते हैं। अफसोस करते हैं। गुरु जम्भेश्वर और भक्त प्रह्लाद की बातें करते हैं। शाम को जल्दी खाना खाकर सो जाते हैं। इस दिन वह बहुत ही सादा खाना खिचड़ा खाते हैं। कोई किसी से हंसी-मजाक नहीं करता है। इस दिन किसी के बच्चा हो जाए तो खुशी नहीं मनाई जाती है। सारे शुभ काम टाल दिए जाते हैं। होली के अगले दिन जब देखा जाता है कि भक्त प्रह्लाद जले नहीं हैं, भगवान विष्णु ने उन्हें बचा लिया है, तब खुशी मनाते हैं। खेजड़ी के पेड़ बचाने के लिए 363 बिश्नोइयों ने अपने सिर कटवाए
खेजड़ी इनका धार्मिक पेड़ है। हर बिश्नोई के घर के बाहर यह पेड़ आपको मिलेगा। इसके पीछे एक कहानी है। आज से लगभग 300 साल पहले की बात है। राजा अभय सिंह ने अपने महल के दरवाजे बनवाने के लिए हरे पेड़ों की लकड़ी कटवाने का आदेश दिया। उन्हें पता लगा कि बिश्नोई बहुल इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ मिलेंगे। जब उनकी सेना वहां पेड़ काटने के लिए गई तब वहां बिश्नोई समाज की महिला ‘माता अमृता देवी’ ने इसका विरोध किया। जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने अपना शीश कटा दिया। शीश कटवाने से पहले माता अमृता देवी ने उनसे कहा, ‘सिर सांटे रूख रहे, तो भी सस्तो जाणिये।’ कहने का मतलब है- अगर सिर कटवा देने से एक पेड़ भी बच जाता है तो यह मेरे लिए सस्ता सौदा है। इसके बाद से खेजड़ी के पेड़ की पूजा शुरू हो गई। उस वक्त 363 बिश्नोइयों ने भी अपना सिर कटवा दिया था। **************** ये खबर भी पढ़ें… अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया और पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड आ गया है। बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम धाम पर बुधवार को बैठक हुई। (पूरी खबर पढ़ें)
कुलदीप बिश्नोई बोले-हुड्डा परिवार के आने से फर्क नहीं पड़ता:कांग्रेस कैंडिडेट को कोई नहीं पहचानता; हिसार लोकसभा लड़ता तो सबसे बड़ी जीत होती
कुलदीप बिश्नोई बोले-हुड्डा परिवार के आने से फर्क नहीं पड़ता:कांग्रेस कैंडिडेट को कोई नहीं पहचानता; हिसार लोकसभा लड़ता तो सबसे बड़ी जीत होती हरियाणा के पूर्व CM चौधरी भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई का कहना है कि आदमपुर में उनके मुकाबले हुड्डा परिवार भी आए तो इससे फर्क नहीं पड़ेगा। भव्य बिश्नोई के खिलाफ लड़ने वाले कांग्रेस उम्मीदवार को आदमपुर में कोई जानता तक नहीं है। कुलदीप ने यह भी कहा कि अगर वे हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते तो हरियाणा में यह सबसे बड़ी जीत होती। पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला के निर्दलियों के समर्थन से सरकार बनने के दावे को कुलदीप बिश्नोई ने गलत करार दिया। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा की प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई की दैनिक भास्कर से विस्तृत बातचीत के प्रमुख अंश पढ़ें… सवाल: आदमपुर सीट पर कांग्रेस से कितनी टफ फाइट लग रही है?
कुलदीप बिश्नोई: भव्य ने डेढ़ साल मन लगाकर काम किया। लोग खुश हैं कि उन्हें यंग MLA मिला। जिन्होंने हमें कभी वोट नहीं दिए, वे भी इस बार हमें वोट देंगे। कांग्रेस ने जो कैंडिडेट दिया है, उसे तो न कोई जानता है और न ही पहचानता है। सवाल: जिन रिटायर्ड IAS चंद्रप्रकाश को कांग्रेस ने टिकट दी, उनका परिवार कभी आपके साथ होता था। उसका नुकसान तो नहीं होगा?
कुलदीप बिश्नोई: हमारा चुनाव आदमपुर की जनता लड़ती है, हम चुनाव कभी नहीं लड़ते। उनको (चंद्रप्रकाश) नुकसान ज्यादा है। इस परिवार को चौधरी भजनलाल जी ने कहां से कहां तक पहुंचाया। वे ही लोग हमारे खिलाफ बातें करते हैं तो आम लोग उनको कभी माफ नहीं करती। सवाल: सियासी चर्चा है कि आदमपुर और नलवा में आपके कहने से ही कांग्रेस ने डमी कैंडिडेट उतारे हैं?
कुलदीप बिश्नोई: नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है, भला कांग्रेस मेरे कहने से क्यों कैंडिडेट उतारेगी। मैं तो कांग्रेस को सारा दिन कोसता हूं। सवाल: पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला दावा कर कर रहे हैं कि इस बार निर्दलियों के समर्थन से ही इस बार सरकार बनेगी। क्या आप सहमत हैं?
कुलदीप बिश्नोई: इस बात के अंदर बिल्कुल वजन नहीं है। भाजपा इस बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी। मेरा दावा है कि हम पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतेंगे। सवाल: रणजीत चौटाला ने हिसार लोकसभा सीट से हार के बाद कहा था कि मेरी हार का कारण कुलदीप बिश्नोई थे?
कुलदीप बिश्नोई: रणजीत चौटाला की हमने पूरी मदद की थी। मगर, हमारी मदद से ज्यादा लोगों में गुस्सा था। सवाल: हुड्डा परिवार आदमपुर में लगातार सक्रिय है, क्या इससे आपको नुकसान नहीं होगा?
कुलदीप बिश्नोई: दीपेंद्र हुड्डा एक ही दिन आदमपुर आए थे। मुझे नहीं लगता, ज्यादा कोई फर्क पड़ने वाला है। इस बार वह लोग भी हमें वोट दे रहे हैं जिन्होंने कभी वोट नहीं दिए। आज के समय में वोटर इतना जागरूक हो गया है कि वह जात-पात को भुलाकर यह देख रहा है कि कौन सा परिवार हमारा भला कर सकता है। वे भलाई और विकास को वोट देंगे। हमारे 56 साल के विश्वास को वोट दे रहे हैं। सवाल: कुमारी सैलजा इन दिनों हरियाणा में प्रचार से दूर है। क्या भाजपा उनके संपर्क है?
कुलदीप बिश्नोई: निश्चित तौर पर अगर वे (सैलजा) आती हैं तो भाजपा को मजबूती मिलेगी। अभी हमारी उनसे कोई बातचीत नहीं चल रही है। पार्टी लेवल का मुझे पता नहीं। मगर, अभी इस बारे में किसी से कोई बातचीत नहीं हुई। हरियाणा के नेताओं के ये VIP इंटरव्यू भी पढ़ें.. 1. सैलजा बोलीं- CM का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा:पार्टी में हुड्डा की चलने जैसी कोई बात नहीं; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के ही सुर अलग-अलग 2. दुष्यंत चौटाला बोले-BJP का प्रोपेगैंडा सफल नहीं होगा:हमारा विरोध वो लोग कर रहे, जिनके लिए हम चैलेंज हैं; हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा होगी 3. किरण चौधरी बोलीं- भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा सेटिंग करने वाले नेता:बापू-बेटे पर लटक रही तलवार; सैलजा के अपमान से दुख हो रहा, BJP में सुकून मिला
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में टकराव बढ़ा:प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनाई, 2 दिन पहले कुलदीप बिश्नोई ने समिति बनाई थी
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में टकराव बढ़ा:प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनाई, 2 दिन पहले कुलदीप बिश्नोई ने समिति बनाई थी अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। जहां दो दिन पहले महसभा के संरक्षक रहे कुलदीप बिश्नोई ने सभा के चुनाव के लिए 29 सदस्यीय समिति बनाई थी अब मौजूदा प्रधान ने भी अपनी अलग से एक नई सूची जारी कर दी है जो चुनाव का संचालन करेगी। ऐसे में बूड़िया और कुलदीप समर्थक भी आमने-सामने हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर बिश्नोई समाज के लोग एक दूसरे को टारगेट कर रहे हैं। वहीं समाज से कुछ लोग इसे बिश्नोई समाज के लिए नुकसान दायक मान रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई और देवेंद्र बूड़िया के बीच यह टकराव करीब एक महीना पहले शुरू हुआ था। प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई पर जबरन इस्तीफा लिखवाने और हरियाणा के विधायक रणधीर पनिहार के द्वारा बंधक बनाने का आरोप लगाया था। इसके बाद जोधपुर में समाज के लोगों के साथ बैठक कर मुकाम धाम में बड़ी बैठक बुलाई जिसमें कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ फैसले लिए गए। इस बैठक में ही कुलदीप बिश्नोई का संरक्षक पद खत्म करने और बिश्नोई रत्न वापस लेने की घोषणा की गई थी। देवेंद्र बूड़िया की ओर से बनाई नई कार्यकारिणी… कुलदीप के समर्थन में आ गई थी कार्यकारिणी
बता दें कि नवंबर में पूरा घटनाक्रम होने के बाद एक दिसंबर में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी के अधिकांश सदस्य कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में आ गए थे। इन्होंने बाकायदा मुरादाबाद रजिस्ट्रार को एफिडेविट भेजकर प्रधान देवेंद्र बूड़िया के फैसलों का विरोध जताते हुए कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ लिए गए फैसलों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने बिना कार्यकारिणी से पूछे ऐसा निर्णय लिया जो नियमानुसार सही नहीं है। संरक्षक को हटाने के लिए कार्यकारिणी की सहमति लेनी जरूरी है, जबकि 21 में से 14 सदस्य कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में हैं। इन 14 में से 11 सदस्यों ने रजिस्ट्रार सोसाइटी को एफिडेविट (शपथ पत्र) भी सौंपा है। कुलदीप बिश्नोई की ओर से बनाई समिति… 2 दिन पहले कुलदीप ने चुनाव के लिए कमेटी बनाई
इसके बाद 2 दिन पहले 8 दिसंबर को कुलदीप बिश्नोई ने नए सिरे से चुनाव करवाने की घोषणा की थी। कुलदीप बिश्नोई ने चुनाव प्रक्रिया के लिए 29 सदस्यीय कमेटी बनाई जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों से बिश्नोई समाज के लोगों को लिया गया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने संरक्षक पद से इस्तीफा दे देते हुए राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद जी को संरक्षक नियुक्त किया गया और सारा चुनाव उनकी अध्यक्षता में करवाने को लेकर आदेश दिया था। कुलदीप की कमेटी के जवाब में बूड़िया ने निकाली सूची
अब मौजूदा प्रधान बूड़िया ने कुलदीप को जवाब देते हुए नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। प्रधान के इस फैसले से कुलदीप बिश्नोई को झटका लगा है क्योंकि पुरानी कार्यकारिणी में कुलदीप समर्थकों की संख्या अधिक थी। बूड़िया ने नई कार्यकारिणी बनाते हुए कहा कि यह कार्यकारिणी चुनाव तक रहेगी उसके बाद समाज द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि मिलकर एक सफल समाज का संचालन करेंगे। एक जनवरी से 31 मार्च तक अखिल भारतीय स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, जिसका पूरा विवरण बहुत जल्द उपलब्ध कराया जाएगा। बूड़िया की सूची पर विवाद, अकेले जोधपुर से 9 लोग
वहीं मौजूदा प्रधान द्वारा नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट जारी करने पर विवाद हो गया है। इस सूची में राजस्थान के जोधपुर से 9 लोगों को शामिल किया गया है। बूड़िया खुद जोधुपर से हैं। ऐसे में कुलदीप समर्थकों का कहना है कि यह सरासर निष्पक्ष चुनाव को ठेंगा दिखाने का प्रयास किया गया है। बिश्नोई समाज पूरे भारत में रहता है जबकि जोधपुर से 9 लोगो को सम्मिलित करने का कोई विशेष कारण और बीकानेर से सिर्फ 2 लोगों को शामिल किया गया है।