UP विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने 5 सीटें मांगी:अजय राय बोले- सभी 10 सीटों पर INDI अलायंस जीतेगी, इस बार भी भाजपा की हवा निकल जाएगी

UP विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने 5 सीटें मांगी:अजय राय बोले- सभी 10 सीटों पर INDI अलायंस जीतेगी, इस बार भी भाजपा की हवा निकल जाएगी

यूपी विधानसभा उप चुनाव में INDI अलायंस के तहत कांग्रेस ने 5 सीटें मांगी हैं। इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अयोध्या में कहा- हमने INDI अलायंस से 5 सीटों की मांग की है। सभी 10 सीटों पर INDI अलायंस की जीत होनी तय है। उन्होंने कहा- भाजपा का दावा हवा-हवाई है। लोकसभा चुनाव में 80 की 80 सीटों पर भाजपा जीतने का दावा कर रही थी। इस बार भी भाजपा के दावों की हवा निकल जाएगी। डंके की चोट पर गठबंधन 10 की 10 सीट जीतने जा रही है। हमने 5 सीटों का दावा किया है, फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। गठबंधन प्रत्याशी को जिताने में पूरी ताकत से जुटें
मंगलवार दोपहर सुल्तानपुर से बस्ती जाते समय अयोध्या में अजय राय का स्वागत हुआ। अवध विश्वविद्यालय के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुखातिब होकर अपील की है कि वह उप चुनाव में गठबंधन प्रत्याशी को विजय बनाने में पूरी ताकत से जुटें। सभी गरीब,पीड़ित और जरूरतमंदों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनें और शासन-प्रशासन से लड़कर उन्हें उनका हक दिलाएं। हर हाल में दिसंबर तक चुनाव कराना जरूरी
करहल के पूर्व विधायक अखिलेश यादव, कटेहरी के पूर्व विधायक लालजी वर्मा, मिल्कीपुर के पूर्व विधायक अवधेश प्रसाद, फूलपुर के पूर्व विधायक प्रवीण पटेल, मझवां के पूर्व विधायक डॉ. विनोद बिंद, कुंदरकी के पूर्व विधायक जियाउर्रहमान बर्क, मीरापुर के पूर्व विधायक चंदन चौहान, खैर के पूर्व विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि और गाजियाबाद के पूर्व विधायक अतुल गर्ग 4 जून को सांसद चुने गए थे। अधिकतर ने जून के दूसरे सप्ताह तक विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी को 7 जून को सात साल की सजा हो गई थी। इसके बाद सीसामऊ सीट भी खाली हो गई थी। ऐसे में 6 महीने के अंदर यानी दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक इन सभी 10 सीटों पर उपचुनाव कराना अनिवार्य है। उपचुनाव तय करेंगे यूपी की राजनीतिक दिशा
उपचुनाव वाली सीटों में अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकरनगर की कटेहरी भी शामिल है। इन दोनों सीटों के चुनाव परिणाम से पूरे प्रदेश और देश में राजनीतिक संदेश जाएगा। जानकारों का मानना है कि उपचुनाव के नतीजे यूपी की राजनीति की दिशा तय करेंगे। इसीलिए भाजपा की तरफ से इन दोनों सीटों को जिताने की जिम्मेदारी खुद सीएम योगी ने संभाल रखी है। आखिर में पढ़िए राजनीतिक दल किस तरह तैयारी कर रहे
NDA : उपचुनाव में 10 सीटों में से मीरापुर सीट पर NDA के सहयोगी रालोद की ओर से प्रत्याशी उतारा जाएगा। निषाद पार्टी भी कटेहरी और मझवां सीट की मांग कर रही थी। लेकिन, भाजपा से कोई संकेत नहीं मिलने के बाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने दोनों सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी है। हालांकि, भाजपा संजय निषाद को मनाने की कोशिश में जुटी है। निषाद पार्टी को गठबंधन में 2 सीटें देने पर सहमति नहीं बनी, तो भाजपा 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यही वजह है, भाजपा ने उपचुनाव की जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है। सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन दो-दो सीटों की कमान संभाल रहे हैं। सभी ने अपने-अपने हिस्से की सीट पर दौरा कर भी लिया है। साथ ही सीएम योगी ने 30 मंत्रियों की टीम भी उतारी है। भाजपा की ओर से भी हर सीट पर एक-एक प्रभारी तैनात किए गए हैं। समाजवादी पार्टी : लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित सपा भी उपचुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव साफ कर चुके हैं, संविधान और आरक्षण के साथ PDA के मुद्दे पर ही पार्टी चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने मिल्कीपुर, कटेहरी, मझवां, करहल, फूलपुर और सीसामऊ सीट पर चुनाव प्रभारी घोषित कर दिए हैं। बसपा : बहुजन समाज पार्टी ने भी सभी 10 सीटों पर उपचुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। पार्टी की ओर से 2 सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए गए हैं। यह पहला मौका है, जब बसपा उपचुनाव लड़ेगी। कांग्रेस : उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी इंडी गठबंधन के तहत सपा के साथ चुनाव लड़ेगी या सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे, यह तय होना अभी बाकी है। ये भी पढ़ें:- 4 करोड़ की पड़ी IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों की जमानत: घर-प्लाट के कागज लगे, रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ा IIT-BHU गैंगरेप कांड के आरोपी कुणाल पांडे और आनंद अभिषेक चौहान जेल से बाहर आ गए। लेकिन, उनको बाहर लाने में परिवार वालों ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी। कोर्ट ने भले ही 1-1 लाख रुपए के जमानतदार मांगे। लेकिन, अभिषेक और कुणाल के मां-पिता और रिश्तेदारों ने करीब 4 करोड़ की प्रॉपर्टी के कागज जमा किए। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास एक लाख वैल्यू की कोई संपत्ति या एसेट नहीं था। इसको कोर्ट के सामने लाने में परिवार वालों को 60 दिन लगे। पढ़ें पूरी खबर… यूपी विधानसभा उप चुनाव में INDI अलायंस के तहत कांग्रेस ने 5 सीटें मांगी हैं। इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अयोध्या में कहा- हमने INDI अलायंस से 5 सीटों की मांग की है। सभी 10 सीटों पर INDI अलायंस की जीत होनी तय है। उन्होंने कहा- भाजपा का दावा हवा-हवाई है। लोकसभा चुनाव में 80 की 80 सीटों पर भाजपा जीतने का दावा कर रही थी। इस बार भी भाजपा के दावों की हवा निकल जाएगी। डंके की चोट पर गठबंधन 10 की 10 सीट जीतने जा रही है। हमने 5 सीटों का दावा किया है, फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। गठबंधन प्रत्याशी को जिताने में पूरी ताकत से जुटें
मंगलवार दोपहर सुल्तानपुर से बस्ती जाते समय अयोध्या में अजय राय का स्वागत हुआ। अवध विश्वविद्यालय के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुखातिब होकर अपील की है कि वह उप चुनाव में गठबंधन प्रत्याशी को विजय बनाने में पूरी ताकत से जुटें। सभी गरीब,पीड़ित और जरूरतमंदों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनें और शासन-प्रशासन से लड़कर उन्हें उनका हक दिलाएं। हर हाल में दिसंबर तक चुनाव कराना जरूरी
करहल के पूर्व विधायक अखिलेश यादव, कटेहरी के पूर्व विधायक लालजी वर्मा, मिल्कीपुर के पूर्व विधायक अवधेश प्रसाद, फूलपुर के पूर्व विधायक प्रवीण पटेल, मझवां के पूर्व विधायक डॉ. विनोद बिंद, कुंदरकी के पूर्व विधायक जियाउर्रहमान बर्क, मीरापुर के पूर्व विधायक चंदन चौहान, खैर के पूर्व विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि और गाजियाबाद के पूर्व विधायक अतुल गर्ग 4 जून को सांसद चुने गए थे। अधिकतर ने जून के दूसरे सप्ताह तक विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी को 7 जून को सात साल की सजा हो गई थी। इसके बाद सीसामऊ सीट भी खाली हो गई थी। ऐसे में 6 महीने के अंदर यानी दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक इन सभी 10 सीटों पर उपचुनाव कराना अनिवार्य है। उपचुनाव तय करेंगे यूपी की राजनीतिक दिशा
उपचुनाव वाली सीटों में अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकरनगर की कटेहरी भी शामिल है। इन दोनों सीटों के चुनाव परिणाम से पूरे प्रदेश और देश में राजनीतिक संदेश जाएगा। जानकारों का मानना है कि उपचुनाव के नतीजे यूपी की राजनीति की दिशा तय करेंगे। इसीलिए भाजपा की तरफ से इन दोनों सीटों को जिताने की जिम्मेदारी खुद सीएम योगी ने संभाल रखी है। आखिर में पढ़िए राजनीतिक दल किस तरह तैयारी कर रहे
NDA : उपचुनाव में 10 सीटों में से मीरापुर सीट पर NDA के सहयोगी रालोद की ओर से प्रत्याशी उतारा जाएगा। निषाद पार्टी भी कटेहरी और मझवां सीट की मांग कर रही थी। लेकिन, भाजपा से कोई संकेत नहीं मिलने के बाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने दोनों सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी है। हालांकि, भाजपा संजय निषाद को मनाने की कोशिश में जुटी है। निषाद पार्टी को गठबंधन में 2 सीटें देने पर सहमति नहीं बनी, तो भाजपा 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यही वजह है, भाजपा ने उपचुनाव की जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है। सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन दो-दो सीटों की कमान संभाल रहे हैं। सभी ने अपने-अपने हिस्से की सीट पर दौरा कर भी लिया है। साथ ही सीएम योगी ने 30 मंत्रियों की टीम भी उतारी है। भाजपा की ओर से भी हर सीट पर एक-एक प्रभारी तैनात किए गए हैं। समाजवादी पार्टी : लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित सपा भी उपचुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव साफ कर चुके हैं, संविधान और आरक्षण के साथ PDA के मुद्दे पर ही पार्टी चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने मिल्कीपुर, कटेहरी, मझवां, करहल, फूलपुर और सीसामऊ सीट पर चुनाव प्रभारी घोषित कर दिए हैं। बसपा : बहुजन समाज पार्टी ने भी सभी 10 सीटों पर उपचुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। पार्टी की ओर से 2 सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए गए हैं। यह पहला मौका है, जब बसपा उपचुनाव लड़ेगी। कांग्रेस : उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी इंडी गठबंधन के तहत सपा के साथ चुनाव लड़ेगी या सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे, यह तय होना अभी बाकी है। ये भी पढ़ें:- 4 करोड़ की पड़ी IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों की जमानत: घर-प्लाट के कागज लगे, रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ा IIT-BHU गैंगरेप कांड के आरोपी कुणाल पांडे और आनंद अभिषेक चौहान जेल से बाहर आ गए। लेकिन, उनको बाहर लाने में परिवार वालों ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी। कोर्ट ने भले ही 1-1 लाख रुपए के जमानतदार मांगे। लेकिन, अभिषेक और कुणाल के मां-पिता और रिश्तेदारों ने करीब 4 करोड़ की प्रॉपर्टी के कागज जमा किए। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास एक लाख वैल्यू की कोई संपत्ति या एसेट नहीं था। इसको कोर्ट के सामने लाने में परिवार वालों को 60 दिन लगे। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर