<p style=”text-align: justify;”><strong>OBC Reservation:</strong> एनडीए की सहयोगी अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की आरक्षण के मुद्दे पर लिखी गई चिट्ठी को लेकर सियासी घमासान तेज है. लेकिन अब इसके पीछे की असल वजह सामने आ गई है. माना जा रहा है कि अनुप्रिया पटेल ने <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अपने खिसकते जनाधार को बचाने के लिए ये चिट्ठी ये लिखी है. चुनाव में अपना दल (एस) के कमजोर प्रदर्शन के बाद उन्हें पिछड़ो की याद आई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुप्रिया पटेल ने 27 जून को सीएम योगी को नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा का उठाया था. यही नहीं उनके पति और योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने भी चुनाव में भी एक इंटरव्यू में एनडीए के खराब प्रदर्शन के लिए पिछड़ों की समस्याओं का हल नहीं हो पाना बताया था. आशीष पटेल ने भी कहा कि अगर यूपी में पिछड़ों के मुद्दे को हल किया गया होता तो विपक्ष संविधान को लेकर भ्रम नहीं फैला पाता. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए अनुप्रिया पटेल ने लिखी चिट्ठी</strong><br />दरअसल अनुप्रिया पटेल पूर्वांचल में पिछड़ों की बड़ी नेता मानी जाती है. लेकिन इस बार चुनाव में उन्हें भी मीरजापुर सीट पर जीत के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा था. यही नहीं रॉबर्ट्सगंज जैसी सीट जहां कुर्मी वोटर खासी तादद में माने जाते हैं वहीं पार्टी का हार का सामना करना पड़ा है. यही नहीं उनकी पार्टी बीजेपी को भी कुर्मी वोट दिलाने में उतनी कामयाब नहीं रही. ऐसे में एनडीए में उनकी साख को लेकर भी सवाल उठने लगे थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुप्रिया पटेल एनडीए सरकार में लगातार तीसरी बार केंद्रीय मंत्री बनी है. जबकि उनके पति आशीष पटेल भी दूसरी बार योगी सरकार में मंत्री हैं. बावजूद इसके उन्हें इस बार चुनाव जीतने में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है. जिसकी साफ वजह उनकी पार्टी की पिछड़ी जातियों पर पकड़ कमजोर होना माना जा रहा है. जो उनके लिए चिंता का सबब है.वो जानती है कि अगर एक बार उनका वोट बैंक खिसका तो उसे समेटना मुश्किल हो सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यही वजह है कि उन्होंने सरकार में रहते हुए भी आरक्षण के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की है. ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके और अपने वोटरों को भी संदेश दिया जा सके कि उनकी पार्टी पिछड़ों के मुद्दे को मजबूती से उठा रही है. </p>
<p><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-cm-yogi-dream-project-gorakhpur-sainik-school-studies-started-admission-done-on-75-seats-ann-2727848″>सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट सैनिक स्कूल में शुरू हुई पढ़ाई, 75 सीटों पर हुआ दाखिला</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>OBC Reservation:</strong> एनडीए की सहयोगी अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की आरक्षण के मुद्दे पर लिखी गई चिट्ठी को लेकर सियासी घमासान तेज है. लेकिन अब इसके पीछे की असल वजह सामने आ गई है. माना जा रहा है कि अनुप्रिया पटेल ने <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अपने खिसकते जनाधार को बचाने के लिए ये चिट्ठी ये लिखी है. चुनाव में अपना दल (एस) के कमजोर प्रदर्शन के बाद उन्हें पिछड़ो की याद आई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुप्रिया पटेल ने 27 जून को सीएम योगी को नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा का उठाया था. यही नहीं उनके पति और योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने भी चुनाव में भी एक इंटरव्यू में एनडीए के खराब प्रदर्शन के लिए पिछड़ों की समस्याओं का हल नहीं हो पाना बताया था. आशीष पटेल ने भी कहा कि अगर यूपी में पिछड़ों के मुद्दे को हल किया गया होता तो विपक्ष संविधान को लेकर भ्रम नहीं फैला पाता. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए अनुप्रिया पटेल ने लिखी चिट्ठी</strong><br />दरअसल अनुप्रिया पटेल पूर्वांचल में पिछड़ों की बड़ी नेता मानी जाती है. लेकिन इस बार चुनाव में उन्हें भी मीरजापुर सीट पर जीत के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा था. यही नहीं रॉबर्ट्सगंज जैसी सीट जहां कुर्मी वोटर खासी तादद में माने जाते हैं वहीं पार्टी का हार का सामना करना पड़ा है. यही नहीं उनकी पार्टी बीजेपी को भी कुर्मी वोट दिलाने में उतनी कामयाब नहीं रही. ऐसे में एनडीए में उनकी साख को लेकर भी सवाल उठने लगे थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुप्रिया पटेल एनडीए सरकार में लगातार तीसरी बार केंद्रीय मंत्री बनी है. जबकि उनके पति आशीष पटेल भी दूसरी बार योगी सरकार में मंत्री हैं. बावजूद इसके उन्हें इस बार चुनाव जीतने में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है. जिसकी साफ वजह उनकी पार्टी की पिछड़ी जातियों पर पकड़ कमजोर होना माना जा रहा है. जो उनके लिए चिंता का सबब है.वो जानती है कि अगर एक बार उनका वोट बैंक खिसका तो उसे समेटना मुश्किल हो सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यही वजह है कि उन्होंने सरकार में रहते हुए भी आरक्षण के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की है. ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके और अपने वोटरों को भी संदेश दिया जा सके कि उनकी पार्टी पिछड़ों के मुद्दे को मजबूती से उठा रही है. </p>
<p><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-cm-yogi-dream-project-gorakhpur-sainik-school-studies-started-admission-done-on-75-seats-ann-2727848″>सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट सैनिक स्कूल में शुरू हुई पढ़ाई, 75 सीटों पर हुआ दाखिला</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Gujarat Rain: गुजरात में भारी बारिश का दौर जारी, जूनागढ़ में 3 NH बंद, जानें- अब आगे कैसा रहेगा मौसम?