खबर की शुरुआत 2 बयानों से, जो चर्चा में हैं… ‘अब उप-चुनाव नहीं, इंसाफ होगा। इंसाफ अभी बाकी है…।’ सपा के पूर्व विधायक और सजायाफ्ता इरफान सोलंकी ने कानपुर में 7 अगस्त को यह दावा किया। सोलंकी को पेशी पर MP-MLA कोर्ट लाया गया था। ‘सपा विधायक अपने कर्मों की सजा भुगत रहा है। उसकी वजह से यहां उप-चुनाव होने जा रहे हैं।’ यह बात सीएम योगी ने 29 अगस्त को सीसामऊ के चुन्नीगंज GIC ग्राउंड में रैली में कही। योगी ने भले ही इरफान सोलंकी का नाम नहीं लिया। लेकिन, अपने बयान से टारगेट जरूर किया। मुस्लिम बाहुल्य सीसामऊ सीट पर इरफान सोलंकी का ऐसा दबदबा रहा कि मोदी-योगी मैजिक भी यहां काम नहीं आया। अब उप-चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही भाजपा ने कमर कस ली है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को यहां चुनाव प्रभारी बनाया गया है। खुद सीएम योगी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सीएम ने कपड़ा मिल लाल इमली को दोबारा खोलने का ऐलान कर बड़ा दांव खेला है। अब सवाल उठता है कि सीएम की रैली के बाद सीसामऊ में भाजपा कितनी मजबूत हुई? इरफान सोलंकी को लेकर लोग क्या सोचते हैं? जिस सीट पर 22 साल से कमल नहीं खिला, क्या वहां के राजनीतिक समीकरण बदले हैं? लोकसभा चुनाव में सीसामऊ क्षेत्र में भाजपा की स्थिति कैसी रही? इन सवालों का जवाब जानने दैनिक भास्कर की टीम सीसामऊ पहुंची। पढ़िए उप-चुनाव पर लोगों ने क्या कुछ कहा… पहले जातिगत समीकरण समझिए अब रैली में शामिल हुए लोगों की राय जानते हैं…
योगी को सुनने के लिए रैली में मुस्लिम महिला हेमा रानी और सोनी भी आई थीं। उन्होंने कहा- हमारे सीएम साहब ने बहुत काम किया है। वह लोगों को समझाकर गए हैं कि विकास बहुत जरूरी है। हां, इरफान सोलंकी पर हुई कार्रवाई सही है। जो जैसा करेगा, वो वैसा ही भरेगा। अब चलते हैं सीसामऊ की गलियों में…
सीसामऊ सीट पर वोटरों के बीच ध्रुवीकरण साफ दिख रहा है। सपा जहां मुस्लिमों के बीच मजबूत दिख रही है, वहीं हिंदू आबादी में योगी का जादू बरकरार है। हमने सीसामऊ विधानसभा में आने वाले रामबाग, जवाहर नगर, चमनगंज, बेकनगंज, सुतरखाना, ग्वालटोली, नेहरूनगर, पी रोड, शूटरगंज में लोगों से बात की। यहां ज्यादातर मतदाता साइलेंट ही दिखे। घरों पर लहराने वाले पार्टी के झंडे पूरी तरह नदारद दिखे। क्षेत्र में कुछ होर्डिंग जरूर दिखीं। क्षेत्र में इरफान द्वारा कराए गए विकास कार्यों के शिला-पट्ट अब भी जगह-जगह लगे हुए हैं। पहले सीसामऊ में मुस्लिमों का पक्ष पढ़िए..
चमनगंज के रहने वाले हसन अमन ने मुख्यमंत्री की तारीफ के साथ अपनी बात शुरू की। वे कहते हैं- इस बार हम लोग भी चाहते हैं कि बदलाव होना चाहिए। यहां अभी सपा का पलड़ा ज्यादा भारी है। हालांकि भाजपा से अच्छा प्रत्याशी होगा तो क्षेत्र की जनता अपना मूड बदल सकती है। मोहम्मद अहमद कहते हैं- मसला ये है कि प्रत्याशी अच्छा होना चाहिए। काम करने वाला चाहिए। इरफान पर हुई कार्रवाई राजनीति से प्रेरित नहीं लगती है। जो उन्होंने किया, उसकी सजा उन्हें मिल रही। विधानसभा में ज्यादातर लोग समाजवादी पार्टी की तरफ हैं। गठबंधन का फायदा यहां सपा को मिलेगा। इरफान के समय में जब उन्हें विकास कार्य कराने के लिए कहते थे तो वो बाहर हैं कहकर टाल देते थे। मोहम्मद अहमद बताते हैं- हर पार्टी के वादे होते हैं। अभी तो चुनावी माहौल नहीं बना है। लोकसभा चुनाव में सपा को सीसामऊ से सबसे ज्यादा वोट मिले। इरफान सोलंकी जब यहां थे, उनसे काम के लिए कहा जाता था। फोन किया जाता था, तो वो कहते थे कि बाहर हैं। अभी क्षेत्र में नहीं हैं। काम टाल देते थे। इसलिए भी इरफान की नेगेटिव छवि बनी है। अब हिंदुओं का पक्ष पढ़िए…
रामबाग में रहने वाले नरेश चंद्र त्रिपाठी कहते हैं- योगी जी के आने से निश्चित रूप से माहौल बदला है। हर बार सपा यहां से जीत रही है। इस बार पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की अराजकता की वजह से भाजपा प्रत्याशी यहां से जीतेगा। भाजपा की नीतियों का असर उप-चुनाव में दिखेगा। मुस्लिम भाई भी भाजपा का साथ देंगे। नरेश कहते हैं- भाजपा सबका साथ-सबका विकास नारे पर काम कर रही है। कानपुर में डेवलपमेंट हुआ है। कानपुर औद्योगिक क्षेत्र है। यहां रोजगार के अवसर हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने निवेशकों के बुलावे के लिए जो काम किए हैं, समिट का आयोजन कराया है। उससे उद्योग-धंधों को बढ़ावा मिला है। कानपुर में स्वच्छता अभियान ने भी तस्वीर बदल दी। सर्राफ जीतेंद्र वर्मा कहते हैं- भाजपा को मुस्लिम भी वोट देगा। भाजपा प्रत्याशी इस बार जरूर जीतेगा। भाजपा ने भले ही घोषणा न की हो, लेकिन पार्टी अच्छा प्रत्याशी देगी और भाजपा यहां से जीतेगी। इरफान सोलंकी की अराजकता के चलते वो जेल में बंद हैं। अब एक नजर सीसामऊ में पिछले 4 चुनावों के नतीजों पर… ये सीट 1991 से 2002 तक लगातार 3 बार भाजपा के पास ही रही। यहां से 3 बार राकेश सोनकर विधायक रहे। इसके बाद 2002 से 2012 तक सीट कांग्रेस के संजीव दरियाबादी के पास रही। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में यहां से जीत कर आए। भाजपा बीते चुनावों पर ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा रही है, लेकिन हार का मुंह ही देखना पड़ रहा है। मोदी लहर में भी भाजपा यहां से नहीं जीत सकी। लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा यहां कांग्रेस प्रत्याशी से 26 हजार 475 वोटों से पीछे रही। भाजपा हमेशा दूसरे नंबर पर रही
2012 के बाद से इस सीट पर 3 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद पहली बार उप-चुनाव हो रहा है। इस सीट पर भाजपा हमेशा ही दूसरे नंबर पर रही, लेकिन जीत दर्ज नहीं कर सकी। इस सीट पर मुस्लिम निर्णायक हैं। ऐसे में भाजपा ने योजनाओं के बहाने मुस्लिमों को साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। सीसामऊ की सियासी हवा किस तरफ बह रही है, समझने के लिए हमने पॉलिटिकल एक्सपर्ट से 4 सवाल किए? एक्सपर्ट के जवाब… फाइट में सिर्फ भाजपा और सपा ही हैं
वरिष्ठ पत्रकार अंजनी निगम का कहना है- 2009 में परिसीमन के बाद पहली बार 2012 में सीसामऊ सीट पर चुनाव हुए। परिसीमन के बाद ये सीट मुस्लिम बाहुल्य हो गई। यहां वही जीत सकता है, जिसको मुस्लिम और 15% हिंदू वोट मिलेंगे। इस वजह से इरफान सोलंकी जीतते आए हैं। फाइट में यहां भाजपा और सपा ही है। उन्होंने कहा- भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए अपनी सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना को प्रभारी बनाया है। भाजपा ये मौका गंवाना नहीं चाहती है। फर्जी वोटिंग रोकने को लेकर भी भाजपा सतर्क है। वह इरफान सोलंकी के अलावा सपा के अन्य दागी नेताओं का नाम भी उछालते हुए आक्रामक अंदाज में रहेगी। कन्नौज के नवाब का नाम सीएम योगी की जुबान पर है। ऐसे में यह संभव है कि अखिलेश यादव राजनीतिक समीकरण को देखते हुए किसी और को भी टिकट दे सकते हैं। हालांकि, अभी नसीम सोलंकी के नाम की ही चर्चा है। इस सीट पर 26 हजार वोट कायस्थ समाज का है। मुस्लिम सपा और कांग्रेस को ही वोट करेगा, ऐसे में गठबंधन का लाभ सपा को मिलेगा। इस वजह से सपा यहां से वरिष्ठ नेता सतीश निगम के नाम पर भी विचार कर रही है। ऐसी भी अब चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा की B पार्टी बनकर उतरेगी बसपा
वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा कहते हैं- इस सीट पर अभी किसी की निगाहें बसपा पर नहीं है। यहां बसपा, सपा और कांग्रेस को टक्कर देगी। जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा। बसपा इस सीट पर मुस्लिम कार्ड खेल सकती है। भाजपा यहां से ब्राह्मण और वैश्य जाति के प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है। बसपा ने अपने कोर वोटर दलित और मुस्लिम को वापस पाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। सभी 10 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव में बसपा दांव लगा रही है। दो सीट पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं। सीसामऊ सीट पर इरफान की निगेटिव छवि का लाभ बसपा जरूर उठाना चाहेगी। इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए ब्राह्मण और दलितों को एकजुट करना होगा। क्योंकि मुस्लिम मतदाता भाजपा से खासा नाराज हैं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा सीसामऊ विधानसभा बुरी तरह हार चुकी है। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नया परिसीमन हुआ। इसके बाद रिजर्व सीट सामान्य हो गई। उसके बाद से यह सीट सपा के पास है। भाजपा के पास ये सीट जीतने का बड़ा मौका है। इसे भाजपा खुद समझ रही है और इस मौके को गंवाना नहीं चाहती है। वहीं, इस सीट पर कई नेता अभी से दावा ठोंकने लगे हैं। कई नेता दिल्ली के साथ ही प्रदेश स्तर पर संगठन की परिक्रमा लगाने लगे हैं। ये भी पढ़ें: योगी बोले-इरफान सोलंकी कर्मों की सजा भुगत रहा:राष्ट्रपति कानपुर आए थे, तब दंगे की साजिश रची; बंद लाल इमली को फिर शुरू करेंगे कानपुर में सीएम योगी ने कहा- पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी अपने कर्मों की सजा भुगत रहा है। जब पूर्व राष्ट्रपति कानपुर आए थे, उस दिन सपा विधायक दंगे की साजिश रच रहा था। वह अपने कर्मों की वजह से आज जेल में है। इसलिए उसकी विधायकी गई। यही वजह है कि यहां उपचुनाव हो रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर… सपा बोली- कानपुर उपचुनाव में साजिश कर रही भाजपा:सीसामऊ विधानसभा से हटाए गए 98 मुस्लिम बीएलओ, चुनाव आयोग से की शिकायत कानपुर में उपचुनाव से पहले सीसामऊ विधानसभा से 98 मुस्लिम कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने का मामला गरमा गया। इसे लेकर समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की है। सीसामऊ सीट पर उपचुनाव को लेकर तैयारियों के बीच सीएम योगी 29 अगस्त को जनसभा करेंगे। पढ़ें पूरी खबर… खबर की शुरुआत 2 बयानों से, जो चर्चा में हैं… ‘अब उप-चुनाव नहीं, इंसाफ होगा। इंसाफ अभी बाकी है…।’ सपा के पूर्व विधायक और सजायाफ्ता इरफान सोलंकी ने कानपुर में 7 अगस्त को यह दावा किया। सोलंकी को पेशी पर MP-MLA कोर्ट लाया गया था। ‘सपा विधायक अपने कर्मों की सजा भुगत रहा है। उसकी वजह से यहां उप-चुनाव होने जा रहे हैं।’ यह बात सीएम योगी ने 29 अगस्त को सीसामऊ के चुन्नीगंज GIC ग्राउंड में रैली में कही। योगी ने भले ही इरफान सोलंकी का नाम नहीं लिया। लेकिन, अपने बयान से टारगेट जरूर किया। मुस्लिम बाहुल्य सीसामऊ सीट पर इरफान सोलंकी का ऐसा दबदबा रहा कि मोदी-योगी मैजिक भी यहां काम नहीं आया। अब उप-चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही भाजपा ने कमर कस ली है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को यहां चुनाव प्रभारी बनाया गया है। खुद सीएम योगी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सीएम ने कपड़ा मिल लाल इमली को दोबारा खोलने का ऐलान कर बड़ा दांव खेला है। अब सवाल उठता है कि सीएम की रैली के बाद सीसामऊ में भाजपा कितनी मजबूत हुई? इरफान सोलंकी को लेकर लोग क्या सोचते हैं? जिस सीट पर 22 साल से कमल नहीं खिला, क्या वहां के राजनीतिक समीकरण बदले हैं? लोकसभा चुनाव में सीसामऊ क्षेत्र में भाजपा की स्थिति कैसी रही? इन सवालों का जवाब जानने दैनिक भास्कर की टीम सीसामऊ पहुंची। पढ़िए उप-चुनाव पर लोगों ने क्या कुछ कहा… पहले जातिगत समीकरण समझिए अब रैली में शामिल हुए लोगों की राय जानते हैं…
योगी को सुनने के लिए रैली में मुस्लिम महिला हेमा रानी और सोनी भी आई थीं। उन्होंने कहा- हमारे सीएम साहब ने बहुत काम किया है। वह लोगों को समझाकर गए हैं कि विकास बहुत जरूरी है। हां, इरफान सोलंकी पर हुई कार्रवाई सही है। जो जैसा करेगा, वो वैसा ही भरेगा। अब चलते हैं सीसामऊ की गलियों में…
सीसामऊ सीट पर वोटरों के बीच ध्रुवीकरण साफ दिख रहा है। सपा जहां मुस्लिमों के बीच मजबूत दिख रही है, वहीं हिंदू आबादी में योगी का जादू बरकरार है। हमने सीसामऊ विधानसभा में आने वाले रामबाग, जवाहर नगर, चमनगंज, बेकनगंज, सुतरखाना, ग्वालटोली, नेहरूनगर, पी रोड, शूटरगंज में लोगों से बात की। यहां ज्यादातर मतदाता साइलेंट ही दिखे। घरों पर लहराने वाले पार्टी के झंडे पूरी तरह नदारद दिखे। क्षेत्र में कुछ होर्डिंग जरूर दिखीं। क्षेत्र में इरफान द्वारा कराए गए विकास कार्यों के शिला-पट्ट अब भी जगह-जगह लगे हुए हैं। पहले सीसामऊ में मुस्लिमों का पक्ष पढ़िए..
चमनगंज के रहने वाले हसन अमन ने मुख्यमंत्री की तारीफ के साथ अपनी बात शुरू की। वे कहते हैं- इस बार हम लोग भी चाहते हैं कि बदलाव होना चाहिए। यहां अभी सपा का पलड़ा ज्यादा भारी है। हालांकि भाजपा से अच्छा प्रत्याशी होगा तो क्षेत्र की जनता अपना मूड बदल सकती है। मोहम्मद अहमद कहते हैं- मसला ये है कि प्रत्याशी अच्छा होना चाहिए। काम करने वाला चाहिए। इरफान पर हुई कार्रवाई राजनीति से प्रेरित नहीं लगती है। जो उन्होंने किया, उसकी सजा उन्हें मिल रही। विधानसभा में ज्यादातर लोग समाजवादी पार्टी की तरफ हैं। गठबंधन का फायदा यहां सपा को मिलेगा। इरफान के समय में जब उन्हें विकास कार्य कराने के लिए कहते थे तो वो बाहर हैं कहकर टाल देते थे। मोहम्मद अहमद बताते हैं- हर पार्टी के वादे होते हैं। अभी तो चुनावी माहौल नहीं बना है। लोकसभा चुनाव में सपा को सीसामऊ से सबसे ज्यादा वोट मिले। इरफान सोलंकी जब यहां थे, उनसे काम के लिए कहा जाता था। फोन किया जाता था, तो वो कहते थे कि बाहर हैं। अभी क्षेत्र में नहीं हैं। काम टाल देते थे। इसलिए भी इरफान की नेगेटिव छवि बनी है। अब हिंदुओं का पक्ष पढ़िए…
रामबाग में रहने वाले नरेश चंद्र त्रिपाठी कहते हैं- योगी जी के आने से निश्चित रूप से माहौल बदला है। हर बार सपा यहां से जीत रही है। इस बार पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की अराजकता की वजह से भाजपा प्रत्याशी यहां से जीतेगा। भाजपा की नीतियों का असर उप-चुनाव में दिखेगा। मुस्लिम भाई भी भाजपा का साथ देंगे। नरेश कहते हैं- भाजपा सबका साथ-सबका विकास नारे पर काम कर रही है। कानपुर में डेवलपमेंट हुआ है। कानपुर औद्योगिक क्षेत्र है। यहां रोजगार के अवसर हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने निवेशकों के बुलावे के लिए जो काम किए हैं, समिट का आयोजन कराया है। उससे उद्योग-धंधों को बढ़ावा मिला है। कानपुर में स्वच्छता अभियान ने भी तस्वीर बदल दी। सर्राफ जीतेंद्र वर्मा कहते हैं- भाजपा को मुस्लिम भी वोट देगा। भाजपा प्रत्याशी इस बार जरूर जीतेगा। भाजपा ने भले ही घोषणा न की हो, लेकिन पार्टी अच्छा प्रत्याशी देगी और भाजपा यहां से जीतेगी। इरफान सोलंकी की अराजकता के चलते वो जेल में बंद हैं। अब एक नजर सीसामऊ में पिछले 4 चुनावों के नतीजों पर… ये सीट 1991 से 2002 तक लगातार 3 बार भाजपा के पास ही रही। यहां से 3 बार राकेश सोनकर विधायक रहे। इसके बाद 2002 से 2012 तक सीट कांग्रेस के संजीव दरियाबादी के पास रही। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में यहां से जीत कर आए। भाजपा बीते चुनावों पर ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा रही है, लेकिन हार का मुंह ही देखना पड़ रहा है। मोदी लहर में भी भाजपा यहां से नहीं जीत सकी। लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा यहां कांग्रेस प्रत्याशी से 26 हजार 475 वोटों से पीछे रही। भाजपा हमेशा दूसरे नंबर पर रही
2012 के बाद से इस सीट पर 3 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद पहली बार उप-चुनाव हो रहा है। इस सीट पर भाजपा हमेशा ही दूसरे नंबर पर रही, लेकिन जीत दर्ज नहीं कर सकी। इस सीट पर मुस्लिम निर्णायक हैं। ऐसे में भाजपा ने योजनाओं के बहाने मुस्लिमों को साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। सीसामऊ की सियासी हवा किस तरफ बह रही है, समझने के लिए हमने पॉलिटिकल एक्सपर्ट से 4 सवाल किए? एक्सपर्ट के जवाब… फाइट में सिर्फ भाजपा और सपा ही हैं
वरिष्ठ पत्रकार अंजनी निगम का कहना है- 2009 में परिसीमन के बाद पहली बार 2012 में सीसामऊ सीट पर चुनाव हुए। परिसीमन के बाद ये सीट मुस्लिम बाहुल्य हो गई। यहां वही जीत सकता है, जिसको मुस्लिम और 15% हिंदू वोट मिलेंगे। इस वजह से इरफान सोलंकी जीतते आए हैं। फाइट में यहां भाजपा और सपा ही है। उन्होंने कहा- भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए अपनी सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना को प्रभारी बनाया है। भाजपा ये मौका गंवाना नहीं चाहती है। फर्जी वोटिंग रोकने को लेकर भी भाजपा सतर्क है। वह इरफान सोलंकी के अलावा सपा के अन्य दागी नेताओं का नाम भी उछालते हुए आक्रामक अंदाज में रहेगी। कन्नौज के नवाब का नाम सीएम योगी की जुबान पर है। ऐसे में यह संभव है कि अखिलेश यादव राजनीतिक समीकरण को देखते हुए किसी और को भी टिकट दे सकते हैं। हालांकि, अभी नसीम सोलंकी के नाम की ही चर्चा है। इस सीट पर 26 हजार वोट कायस्थ समाज का है। मुस्लिम सपा और कांग्रेस को ही वोट करेगा, ऐसे में गठबंधन का लाभ सपा को मिलेगा। इस वजह से सपा यहां से वरिष्ठ नेता सतीश निगम के नाम पर भी विचार कर रही है। ऐसी भी अब चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा की B पार्टी बनकर उतरेगी बसपा
वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा कहते हैं- इस सीट पर अभी किसी की निगाहें बसपा पर नहीं है। यहां बसपा, सपा और कांग्रेस को टक्कर देगी। जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा। बसपा इस सीट पर मुस्लिम कार्ड खेल सकती है। भाजपा यहां से ब्राह्मण और वैश्य जाति के प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है। बसपा ने अपने कोर वोटर दलित और मुस्लिम को वापस पाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। सभी 10 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव में बसपा दांव लगा रही है। दो सीट पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं। सीसामऊ सीट पर इरफान की निगेटिव छवि का लाभ बसपा जरूर उठाना चाहेगी। इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए ब्राह्मण और दलितों को एकजुट करना होगा। क्योंकि मुस्लिम मतदाता भाजपा से खासा नाराज हैं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा सीसामऊ विधानसभा बुरी तरह हार चुकी है। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नया परिसीमन हुआ। इसके बाद रिजर्व सीट सामान्य हो गई। उसके बाद से यह सीट सपा के पास है। भाजपा के पास ये सीट जीतने का बड़ा मौका है। इसे भाजपा खुद समझ रही है और इस मौके को गंवाना नहीं चाहती है। वहीं, इस सीट पर कई नेता अभी से दावा ठोंकने लगे हैं। कई नेता दिल्ली के साथ ही प्रदेश स्तर पर संगठन की परिक्रमा लगाने लगे हैं। ये भी पढ़ें: योगी बोले-इरफान सोलंकी कर्मों की सजा भुगत रहा:राष्ट्रपति कानपुर आए थे, तब दंगे की साजिश रची; बंद लाल इमली को फिर शुरू करेंगे कानपुर में सीएम योगी ने कहा- पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी अपने कर्मों की सजा भुगत रहा है। जब पूर्व राष्ट्रपति कानपुर आए थे, उस दिन सपा विधायक दंगे की साजिश रच रहा था। वह अपने कर्मों की वजह से आज जेल में है। इसलिए उसकी विधायकी गई। यही वजह है कि यहां उपचुनाव हो रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर… सपा बोली- कानपुर उपचुनाव में साजिश कर रही भाजपा:सीसामऊ विधानसभा से हटाए गए 98 मुस्लिम बीएलओ, चुनाव आयोग से की शिकायत कानपुर में उपचुनाव से पहले सीसामऊ विधानसभा से 98 मुस्लिम कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने का मामला गरमा गया। इसे लेकर समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की है। सीसामऊ सीट पर उपचुनाव को लेकर तैयारियों के बीच सीएम योगी 29 अगस्त को जनसभा करेंगे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर