औरेया के डीएम आवास में स्विमिंग पूल का सच:साढ़े 3 साल से बन रहा घर, डीएम-इंजीनियर में आखिर क्यों मचा घमासान

औरेया के डीएम आवास में स्विमिंग पूल का सच:साढ़े 3 साल से बन रहा घर, डीएम-इंजीनियर में आखिर क्यों मचा घमासान

20 जून, 2024- औरैया डीएम के सरकारी आवास की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं। आरोप लगा, औरैया डीएम नेहा प्रकाश सरकारी पैसे से सरकारी आवास में स्विमिंग पूल बनवा रही हैं। मामला चर्चा में आया, तो दैनिक भास्कर तस्वीरों का सच तलाशने निकला। हमारे सामने दो किरदार थे। पहला- आरोप लगाने वाले PWD के एक्सईएन अभिषेक यादव, दूसरा- औरैया की डीएम नेहा प्रकाश। हम सबसे पहले लखनऊ से करीब 250 किमी दूर औरैया पहुंचे। पता चला, पूरा मामला डीएम और अभिषेक यादव के आपसी घमासान से जुड़ा है। एक्सईएन अभिषेक यादव ने डीएम पर आरोप लगाते हुए 76 पन्नों की शिकायत कर रखी है। डीएम ने भी कई मामलों में लापरवाही का दोषी बताकर उनके खिलाफ शासन को पत्र लिखा है। जब पड़ताल की गई, तो पता चला कि डीएम आवास में स्विमिंग पूल का दावा सही नहीं है। पढ़िए डीएम और एक्सईएन के बीच चल रही लड़ाई पर पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए वायरल तस्वीरों का सच…PWD ऑफिस के पास है डीएम आवास, छत से खींची गईं फोटो
औरैया में शहर से 10 किमी दूर कंकोर में डीएम आवास बना है। यहीं पर ज्यादातर अधिकारियों के आवास बने हैं। सभी निर्माणाधीन हैं। सड़क से बाईं ओर रास्ता गया है। इसी सड़क पर करीब 300 मीटर की दूरी पर PWD का ऑफिस है। यहीं पर कहानी के दूसरे किरदार एक्सईएन अभिषेक यादव का ऑफिस है। इसके बगल में ही डीएम आवास है। इसी में डीएम नेहा प्रकाश परिवार के साथ रहती हैं। डीएम आवास में स्विमिंग पूल बनाने की जो तस्वीरें वायरल हुई थीं, वो इसी ऑफिस की छत से ली गई थीं। हालांकि दैनिक भास्कर को इस परिसर में कोई स्विमिंग पूल नहीं मिला। डीएम आवास के बाहर हमें एक कर्मचारी मिला। उसने बताया- पूरा डीएम आवास 1 एकड़ से ज्यादा में बन रहा है। जितनी बाउंड्री वॉल आप देख रहे हैं, उसका ज्यादातर हिस्सा अभी मिट्‌टी से पटा पड़ा है। PWD से आगे जाने वाली सड़क के सामने वाले हिस्से में कुछ कंस्ट्रक्शन बना हुआ है। बाकी में पानी भरा हुआ है। हमें उसी कर्मचारी से कुछ तस्वीरें और वीडियो भी मिले, जिनमें स्विमिंग पूल नजर नहीं आ रहा। इंजीनियर अभिषेक यादव ने लिखा 76 पेज का शिकायती पत्र
शुरुआत में इस मामले में दोनों किरदारों ने बातचीत करने से मना कर दिया। इस पर हम अभिषेक यादव का शिकायती पत्र निकालने में जुट गए। PWD सूत्रों से अभिषेक का 76 पेज का शिकायती पत्र मिला। इसके आधार पर 4 शिकायतें हमारे सामने थीं। जानिए क्यों शुरू हुआ शिकायतों का दौर
औरैया पहले तहसील थी। 1997 में इसे जिला बनाया गया। तब से जब कोई जिलाधिकारी आता तो उसे तहसील के अधिकारियों के लिए बने सरकारी आवास में रहना पड़ता था। ये आवास भी जर्जर हो गए। ऐसे में 2020 में डीएम आवास, एसपी आवास और तमाम जिला स्तर के अधिकारियों के साथ तहसील स्तर के अधिकारियों के नए आवास बनाने की योजना को स्वीकृति मिलनी शुरू हुई। कोरोना की वजह से कुछ समय के लिए काम रुका रहा। फिर डीएम आवास के निर्माण का काम मेसर्स MHPL इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। काम शुरू करने की तारीख 26 मार्च, 2021 थी। इसे पूरा करने की डेडलाइन 26 मार्च, 2022 थी। काम पूरा कराने का जिम्मा PWD का था, लेकिन तय समय में काम पूरा नहीं हुआ। अभिषेक यादव ने 13 सितंबर, 2022 को कंस्ट्रक्शन कंपनी को चेतावनी पत्र भी लिखा। नेहा प्रकाश डीएम बनीं, तो जोर पकड़ने लगा आवास का मामला
5 जून, 2023 को आईएएस नेहा प्रकाश ने औरेया की डीएम का चार्ज लिया। उन्हें भी तब तहसील अधिकारियों के बने आवास में रहना पड़ा। उन्होंने निर्माणाधीन आवासों की समीक्षा की। पता चला, डीएम आवास इतना बन गया है कि उसमें शिफ्ट किया जा सकता है। उन्होंने संबंधित विभाग को इसकी रोजाना समीक्षा के आदेश दिए। साथ ही अधूरे काम जल्द पूरे कराने को कहा। 28 जून, 2023 की रात करीब 9 बजे डीएम निर्माणाधीन आवास का औचक निरीक्षण करने पहुंचीं। पता चला, काम रुका पड़ा है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से जानकारी मांगी। ठेकेदार के खिलाफ FIR कराने के निर्देश दिए। इन सबके बीच 19 अगस्त, 2023 को बाकायदा गृह प्रवेश कर नेहा प्रकाश सरकारी आवास में शिफ्ट हो गईं। सितंबर 2023 में मांगा गया रिवाइज्ड बजट, आचार संहिता लगने से अटका
अभिषेक यादव का आरोप है- 3 सितंबर, 2023 को डीएम आवास के लिए शासन से रिवाइज्ड बजट मांगा गया। बजट पास होने में समय लगा और डीएम आवास का काम रुक गया। कितना बजट मांगा गया, इसकी कोई जानकारी शिकायती पत्र में नहीं दी गई। बताया जा रहा है 2.97 करोड़ के बजट से डीएम आवास बनना है। इसके अलावा 84 लाख का अतिरिक्त बजट खर्च होना बताया गया। इधर 16 मार्च, 2024 को आचार संहिता लग गई। इसके बाद बजट पास होने की उम्मीद खत्म हो गई। अभिषेक यादव ने शिकायती पत्र में लिखा कि डीएम साहिबा नाराज हो गईं। निलंबन की सिफारिश की। इसी के बाद से दोनों में ठनी है। डीएम पर महंगी एसेसरीज लगवाने का आरोप
एक्सईएन अभिषेक यादव ने PWD के प्रमुख सचिव को शिकायती पत्र भेजा। इसमें कहा कि डीएम ने ठेकेदार से महंगे AC, वूडेन वर्क, किचन और बाथरूम में पहले से निर्धारित कीमतों से ज्यादा की एसेसरीज लगवाई। इसी पत्र में स्विमिंग पूल बनवाने का भी आरोप है। हमारी पड़ताल में पता चला कि डीएम ने अधिकारियों के आवास बनने में देरी को लेकर 30 जून, 2023 को अभिषेक यादव पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। हालांकि नवंबर, 2023 में खुद ही शासन को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई न करने का अनुरोध किया था। जिस रिवाइज्ड बजट के आधार पर अभिषेक यादव, डीएम नेहा प्रकाश पर स्विमिंग पूल और महंगे एसेसरीज सरकारी घर में लगवाने की बात कह रहे हैं। वह बजट 3 सितंबर, 2023 को शासन को भेजा जा चुका था। चुनाव के दौरान ठनी
पड़ताल में सामने आया कि अभिषेक पर लोकसभा चुनाव में EVM की व्यवस्था, रेंडमाइजेशन का काम, मतगणना प्लान, स्ट्रॉन्ग रूम तैयार करना और बैरिकेडिंग की व्यवस्था का जिम्मा था। डीएम नेहा प्रकाश ने अभिषेक यादव के खिलाफ शासन को पत्र लिखा कि वह चुनावी मीटिंग्स से गायब रहते हैं। इस आरोप के आधार की तलाश में हमें इंजीनियर अभिषेक यादव की छुट्टियों की एप्लिकेशन मिली। एक में उन्होंने 4 अप्रैल, 2024 को एप्लिकेशन लिखकर 5 से 7 अप्रैल तक की आकस्मिक छुट्‌टी मांगी थी, लेकिन अप्रूव नहीं हुई। इसके बावजूद वह छुट्टी पर गए। इस पर डीएम ने 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा था। वहीं, अभिषेक ने शिकायती पत्र में लिखा कि EVM में जीपीएस ट्रैकर लगाने वाली कंपनी कुछ काम बीच में छोड़कर भाग गई। इस कंपनी को टेंडर का अनुबंध पत्र डीएम ऑफिस से मिला था। डीएम ने इंजीनियर के खिलाफ शासन को लिखा
27 मई, 2024 को डीएम नेहा प्रकाश ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा। इसमें लिखा कि 25 अप्रैल, 2023 को संबंधित अधिकारी यानी अभिषेक यादव को 6 महीने में प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए कहा गया था। 16 मई, 2024 को स्थलीय निरीक्षण में पता चला कि एक महीने से काम बंद है। पहले के अधिकारी ने भी अभिषेक यादव को काम में सुधार लाने के लिए नोटिस जारी किया था। इसके बावजूद उनमें कोई सुधार नहीं आया। मेडिकल कॉलेज का एप्रोच मार्ग बनने में देरी की भी शिकायत
डीएम के पत्र में मेडिकल कॉलेज का एप्रोच मार्ग बनने में देरी की भी शिकायत है। दरअसल, इसी सत्र से यहां मेडिकल स्टूडेंट आने हैं। ऐसे में इसका उद्घाटन भी सीएम योगी को करना है। मेडिकल कॉलेज एप्रोच मार्ग की सिफारिश 16 अक्टूबर, 2023 को हुई थी। सिर्फ 4 किमी रास्ता बनना था। 15 फरवरी, 2024 को देव बिल्डर्स, इटावा को टेंडर दिया गया। 14 जून, 2024 को यह काम पूरा होना था, लेकिन नहीं हो पाया था। इसका बजट 10 करोड़ 83 लाख 52 हजार है। अब पढ़िए स्थानीय लोगों ने जो कहा पहले भी विवादों में रहे अभिषेक यादव
PWD के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अभिषेक यादव पहले भी विवादों में रहे हैं। मार्च, 2023 में माल्हेपुर-मिश्रीपुर मार्ग का वर्क ऑर्डर कम्प्लीट होने से पहले 90 लाख का पेमेंट कर दिया था। विभागीय जांच में अभिषेक यादव दोषी पाए गए थे। 5 जून, 2024 को डीएम नेहा प्रकाश को एक शिकायती पत्र लिखा गया, जिसमें टेंडर में अनियमितता बरतने के आरोप हैं। इन पर धोखाधड़ी का मुकदमा और विभागीय कार्रवाई कराने का अनुरोध किया गया है। पूरी पड़ताल में स्विमिंग पूल न मिलने के बाद जब अभिषेक यादव से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मुझे जो कहना था, कह चुका हूं। 20 जून, 2024- औरैया डीएम के सरकारी आवास की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं। आरोप लगा, औरैया डीएम नेहा प्रकाश सरकारी पैसे से सरकारी आवास में स्विमिंग पूल बनवा रही हैं। मामला चर्चा में आया, तो दैनिक भास्कर तस्वीरों का सच तलाशने निकला। हमारे सामने दो किरदार थे। पहला- आरोप लगाने वाले PWD के एक्सईएन अभिषेक यादव, दूसरा- औरैया की डीएम नेहा प्रकाश। हम सबसे पहले लखनऊ से करीब 250 किमी दूर औरैया पहुंचे। पता चला, पूरा मामला डीएम और अभिषेक यादव के आपसी घमासान से जुड़ा है। एक्सईएन अभिषेक यादव ने डीएम पर आरोप लगाते हुए 76 पन्नों की शिकायत कर रखी है। डीएम ने भी कई मामलों में लापरवाही का दोषी बताकर उनके खिलाफ शासन को पत्र लिखा है। जब पड़ताल की गई, तो पता चला कि डीएम आवास में स्विमिंग पूल का दावा सही नहीं है। पढ़िए डीएम और एक्सईएन के बीच चल रही लड़ाई पर पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए वायरल तस्वीरों का सच…PWD ऑफिस के पास है डीएम आवास, छत से खींची गईं फोटो
औरैया में शहर से 10 किमी दूर कंकोर में डीएम आवास बना है। यहीं पर ज्यादातर अधिकारियों के आवास बने हैं। सभी निर्माणाधीन हैं। सड़क से बाईं ओर रास्ता गया है। इसी सड़क पर करीब 300 मीटर की दूरी पर PWD का ऑफिस है। यहीं पर कहानी के दूसरे किरदार एक्सईएन अभिषेक यादव का ऑफिस है। इसके बगल में ही डीएम आवास है। इसी में डीएम नेहा प्रकाश परिवार के साथ रहती हैं। डीएम आवास में स्विमिंग पूल बनाने की जो तस्वीरें वायरल हुई थीं, वो इसी ऑफिस की छत से ली गई थीं। हालांकि दैनिक भास्कर को इस परिसर में कोई स्विमिंग पूल नहीं मिला। डीएम आवास के बाहर हमें एक कर्मचारी मिला। उसने बताया- पूरा डीएम आवास 1 एकड़ से ज्यादा में बन रहा है। जितनी बाउंड्री वॉल आप देख रहे हैं, उसका ज्यादातर हिस्सा अभी मिट्‌टी से पटा पड़ा है। PWD से आगे जाने वाली सड़क के सामने वाले हिस्से में कुछ कंस्ट्रक्शन बना हुआ है। बाकी में पानी भरा हुआ है। हमें उसी कर्मचारी से कुछ तस्वीरें और वीडियो भी मिले, जिनमें स्विमिंग पूल नजर नहीं आ रहा। इंजीनियर अभिषेक यादव ने लिखा 76 पेज का शिकायती पत्र
शुरुआत में इस मामले में दोनों किरदारों ने बातचीत करने से मना कर दिया। इस पर हम अभिषेक यादव का शिकायती पत्र निकालने में जुट गए। PWD सूत्रों से अभिषेक का 76 पेज का शिकायती पत्र मिला। इसके आधार पर 4 शिकायतें हमारे सामने थीं। जानिए क्यों शुरू हुआ शिकायतों का दौर
औरैया पहले तहसील थी। 1997 में इसे जिला बनाया गया। तब से जब कोई जिलाधिकारी आता तो उसे तहसील के अधिकारियों के लिए बने सरकारी आवास में रहना पड़ता था। ये आवास भी जर्जर हो गए। ऐसे में 2020 में डीएम आवास, एसपी आवास और तमाम जिला स्तर के अधिकारियों के साथ तहसील स्तर के अधिकारियों के नए आवास बनाने की योजना को स्वीकृति मिलनी शुरू हुई। कोरोना की वजह से कुछ समय के लिए काम रुका रहा। फिर डीएम आवास के निर्माण का काम मेसर्स MHPL इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। काम शुरू करने की तारीख 26 मार्च, 2021 थी। इसे पूरा करने की डेडलाइन 26 मार्च, 2022 थी। काम पूरा कराने का जिम्मा PWD का था, लेकिन तय समय में काम पूरा नहीं हुआ। अभिषेक यादव ने 13 सितंबर, 2022 को कंस्ट्रक्शन कंपनी को चेतावनी पत्र भी लिखा। नेहा प्रकाश डीएम बनीं, तो जोर पकड़ने लगा आवास का मामला
5 जून, 2023 को आईएएस नेहा प्रकाश ने औरेया की डीएम का चार्ज लिया। उन्हें भी तब तहसील अधिकारियों के बने आवास में रहना पड़ा। उन्होंने निर्माणाधीन आवासों की समीक्षा की। पता चला, डीएम आवास इतना बन गया है कि उसमें शिफ्ट किया जा सकता है। उन्होंने संबंधित विभाग को इसकी रोजाना समीक्षा के आदेश दिए। साथ ही अधूरे काम जल्द पूरे कराने को कहा। 28 जून, 2023 की रात करीब 9 बजे डीएम निर्माणाधीन आवास का औचक निरीक्षण करने पहुंचीं। पता चला, काम रुका पड़ा है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से जानकारी मांगी। ठेकेदार के खिलाफ FIR कराने के निर्देश दिए। इन सबके बीच 19 अगस्त, 2023 को बाकायदा गृह प्रवेश कर नेहा प्रकाश सरकारी आवास में शिफ्ट हो गईं। सितंबर 2023 में मांगा गया रिवाइज्ड बजट, आचार संहिता लगने से अटका
अभिषेक यादव का आरोप है- 3 सितंबर, 2023 को डीएम आवास के लिए शासन से रिवाइज्ड बजट मांगा गया। बजट पास होने में समय लगा और डीएम आवास का काम रुक गया। कितना बजट मांगा गया, इसकी कोई जानकारी शिकायती पत्र में नहीं दी गई। बताया जा रहा है 2.97 करोड़ के बजट से डीएम आवास बनना है। इसके अलावा 84 लाख का अतिरिक्त बजट खर्च होना बताया गया। इधर 16 मार्च, 2024 को आचार संहिता लग गई। इसके बाद बजट पास होने की उम्मीद खत्म हो गई। अभिषेक यादव ने शिकायती पत्र में लिखा कि डीएम साहिबा नाराज हो गईं। निलंबन की सिफारिश की। इसी के बाद से दोनों में ठनी है। डीएम पर महंगी एसेसरीज लगवाने का आरोप
एक्सईएन अभिषेक यादव ने PWD के प्रमुख सचिव को शिकायती पत्र भेजा। इसमें कहा कि डीएम ने ठेकेदार से महंगे AC, वूडेन वर्क, किचन और बाथरूम में पहले से निर्धारित कीमतों से ज्यादा की एसेसरीज लगवाई। इसी पत्र में स्विमिंग पूल बनवाने का भी आरोप है। हमारी पड़ताल में पता चला कि डीएम ने अधिकारियों के आवास बनने में देरी को लेकर 30 जून, 2023 को अभिषेक यादव पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। हालांकि नवंबर, 2023 में खुद ही शासन को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई न करने का अनुरोध किया था। जिस रिवाइज्ड बजट के आधार पर अभिषेक यादव, डीएम नेहा प्रकाश पर स्विमिंग पूल और महंगे एसेसरीज सरकारी घर में लगवाने की बात कह रहे हैं। वह बजट 3 सितंबर, 2023 को शासन को भेजा जा चुका था। चुनाव के दौरान ठनी
पड़ताल में सामने आया कि अभिषेक पर लोकसभा चुनाव में EVM की व्यवस्था, रेंडमाइजेशन का काम, मतगणना प्लान, स्ट्रॉन्ग रूम तैयार करना और बैरिकेडिंग की व्यवस्था का जिम्मा था। डीएम नेहा प्रकाश ने अभिषेक यादव के खिलाफ शासन को पत्र लिखा कि वह चुनावी मीटिंग्स से गायब रहते हैं। इस आरोप के आधार की तलाश में हमें इंजीनियर अभिषेक यादव की छुट्टियों की एप्लिकेशन मिली। एक में उन्होंने 4 अप्रैल, 2024 को एप्लिकेशन लिखकर 5 से 7 अप्रैल तक की आकस्मिक छुट्‌टी मांगी थी, लेकिन अप्रूव नहीं हुई। इसके बावजूद वह छुट्टी पर गए। इस पर डीएम ने 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा था। वहीं, अभिषेक ने शिकायती पत्र में लिखा कि EVM में जीपीएस ट्रैकर लगाने वाली कंपनी कुछ काम बीच में छोड़कर भाग गई। इस कंपनी को टेंडर का अनुबंध पत्र डीएम ऑफिस से मिला था। डीएम ने इंजीनियर के खिलाफ शासन को लिखा
27 मई, 2024 को डीएम नेहा प्रकाश ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा। इसमें लिखा कि 25 अप्रैल, 2023 को संबंधित अधिकारी यानी अभिषेक यादव को 6 महीने में प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए कहा गया था। 16 मई, 2024 को स्थलीय निरीक्षण में पता चला कि एक महीने से काम बंद है। पहले के अधिकारी ने भी अभिषेक यादव को काम में सुधार लाने के लिए नोटिस जारी किया था। इसके बावजूद उनमें कोई सुधार नहीं आया। मेडिकल कॉलेज का एप्रोच मार्ग बनने में देरी की भी शिकायत
डीएम के पत्र में मेडिकल कॉलेज का एप्रोच मार्ग बनने में देरी की भी शिकायत है। दरअसल, इसी सत्र से यहां मेडिकल स्टूडेंट आने हैं। ऐसे में इसका उद्घाटन भी सीएम योगी को करना है। मेडिकल कॉलेज एप्रोच मार्ग की सिफारिश 16 अक्टूबर, 2023 को हुई थी। सिर्फ 4 किमी रास्ता बनना था। 15 फरवरी, 2024 को देव बिल्डर्स, इटावा को टेंडर दिया गया। 14 जून, 2024 को यह काम पूरा होना था, लेकिन नहीं हो पाया था। इसका बजट 10 करोड़ 83 लाख 52 हजार है। अब पढ़िए स्थानीय लोगों ने जो कहा पहले भी विवादों में रहे अभिषेक यादव
PWD के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अभिषेक यादव पहले भी विवादों में रहे हैं। मार्च, 2023 में माल्हेपुर-मिश्रीपुर मार्ग का वर्क ऑर्डर कम्प्लीट होने से पहले 90 लाख का पेमेंट कर दिया था। विभागीय जांच में अभिषेक यादव दोषी पाए गए थे। 5 जून, 2024 को डीएम नेहा प्रकाश को एक शिकायती पत्र लिखा गया, जिसमें टेंडर में अनियमितता बरतने के आरोप हैं। इन पर धोखाधड़ी का मुकदमा और विभागीय कार्रवाई कराने का अनुरोध किया गया है। पूरी पड़ताल में स्विमिंग पूल न मिलने के बाद जब अभिषेक यादव से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मुझे जो कहना था, कह चुका हूं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर