पंजाब के फिरोजपुर जिले के गांव करी कलां में एक अनोखी और चर्चा में रहने वाली शादी हुई। आमतौर पर विवाह समारोह में दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर जाता है, लेकिन इस शादी में यह परंपरा उलट गई। यहां दुल्हन हरमन खुद बारात लेकर दूल्हे दुर्लभ के घर पहुंची। बाजे-गाजे और नाचते-गाते बरातियों के साथ जब यह अनोखी बारात निकली तो गांववालों के लिए यह नजारा किसी अजूबे से कम नहीं था। इस शादी की एक और खासियत थी कि समारोह का आयोजन खेत के बीचों-बीच किया गया था। दूल्हे के परिवार ने अपनी खड़ी गेहूं की फसल के बीच बहुत बड़ा टेंट लगाया था। बरातियों और मेहमानों के लिए वहीं खान-पान की व्यवस्था भी की गई थी। इस अनोखी शादी ने लोगों को न सिर्फ चौंकाया बल्कि बहुत प्रभावित भी किया। किसान आंदोलन से मिली प्रेरणा दूल्हा-दुल्हन दोनों कनाडा में रहते हैं, लेकिन अपनी मिट्टी से जुड़ाव बनाए रखने के लिए उन्होंने शादी पंजाब में करने का फैसला किया। उनका यह निर्णय सिर्फ परंपरा निभाने तक सीमित नहीं था बल्कि इसमें एक गहरी सोच भी थी। हरमन और दुर्लभ ने बताया कि वे पंजाब के किसानों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में हरियाणा बॉर्डर पर दिए जा रहे धरने से प्रेरित हुए हैं। उन्होंने शादी अपने खेत में कर यह संदेश दिया कि वे अपनी जड़ों से कभी दूर नहीं होंगे और हमेशा अपनी मातृभूमि से जुड़े रहेंगे। हरियाली के बीच नई शुरुआत इस अनोखी शादी में पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। शादी का पंडाल हरे-भरे पौधों से सजाया गया था। समारोह के अंत में रिश्तेदारों को पौधे उपहार में देकर विदा किया गया, जिससे पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया गया। गांववालों और बरातियों के लिए यह शादी बेहद खास रही। इस अनोखे अंदाज से न सिर्फ ग्रामीण संस्कृति को बढ़ावा मिला, बल्कि किसानों की मेहनत और उनकी संघर्षशीलता को भी सम्मान मिला। यह शादी उन सभी के लिए एक मिसाल बन गई जो अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहते हैं। पंजाब के फिरोजपुर जिले के गांव करी कलां में एक अनोखी और चर्चा में रहने वाली शादी हुई। आमतौर पर विवाह समारोह में दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर जाता है, लेकिन इस शादी में यह परंपरा उलट गई। यहां दुल्हन हरमन खुद बारात लेकर दूल्हे दुर्लभ के घर पहुंची। बाजे-गाजे और नाचते-गाते बरातियों के साथ जब यह अनोखी बारात निकली तो गांववालों के लिए यह नजारा किसी अजूबे से कम नहीं था। इस शादी की एक और खासियत थी कि समारोह का आयोजन खेत के बीचों-बीच किया गया था। दूल्हे के परिवार ने अपनी खड़ी गेहूं की फसल के बीच बहुत बड़ा टेंट लगाया था। बरातियों और मेहमानों के लिए वहीं खान-पान की व्यवस्था भी की गई थी। इस अनोखी शादी ने लोगों को न सिर्फ चौंकाया बल्कि बहुत प्रभावित भी किया। किसान आंदोलन से मिली प्रेरणा दूल्हा-दुल्हन दोनों कनाडा में रहते हैं, लेकिन अपनी मिट्टी से जुड़ाव बनाए रखने के लिए उन्होंने शादी पंजाब में करने का फैसला किया। उनका यह निर्णय सिर्फ परंपरा निभाने तक सीमित नहीं था बल्कि इसमें एक गहरी सोच भी थी। हरमन और दुर्लभ ने बताया कि वे पंजाब के किसानों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में हरियाणा बॉर्डर पर दिए जा रहे धरने से प्रेरित हुए हैं। उन्होंने शादी अपने खेत में कर यह संदेश दिया कि वे अपनी जड़ों से कभी दूर नहीं होंगे और हमेशा अपनी मातृभूमि से जुड़े रहेंगे। हरियाली के बीच नई शुरुआत इस अनोखी शादी में पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। शादी का पंडाल हरे-भरे पौधों से सजाया गया था। समारोह के अंत में रिश्तेदारों को पौधे उपहार में देकर विदा किया गया, जिससे पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया गया। गांववालों और बरातियों के लिए यह शादी बेहद खास रही। इस अनोखे अंदाज से न सिर्फ ग्रामीण संस्कृति को बढ़ावा मिला, बल्कि किसानों की मेहनत और उनकी संघर्षशीलता को भी सम्मान मिला। यह शादी उन सभी के लिए एक मिसाल बन गई जो अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
