‘किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए क्योंकि…’, DU में ‘मनुस्मृति’ पढ़ाए जाने पर बोली कांग्रेस

‘किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए क्योंकि…’, DU में ‘मनुस्मृति’ पढ़ाए जाने पर बोली कांग्रेस

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jairam Ramesh On Manusmriti:</strong> कांग्रेस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में ‘मनुस्मृति’ को पढ़ाए जाने का प्रस्ताव खारिज होने के बाद एक बार फिर से केंद्र की सरकार को घेरा है. कांग्रेस ने शुक्रवार (12 जुलाई) को कहा कि इस ‘नौटंकी से बेवकूफ नहीं बनाया’ जा सकता है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस घटनाक्रम के माध्यम से स्थिति का अंदाजा लगाने की कोशिश की है.&nbsp;पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ऐसे में किसी को भ्रम नहीं पालना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए क्योंकि यह बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ‘मानक संचालन प्रक्रिया’ है और शुरुआत भर है. उन्होंने इसे ट्रायल बैलून करार दिया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मनुस्मृति को लेकर जोरदार विरोध हुआ- जयराम रमेश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा, &lsquo;&lsquo;आरएसएस या बीजेपी की ‘मानक संचालन प्रक्रिया’. दिल्ली यूनिवर्सिटी के विधि संकाय के जरिए यह प्रस्ताव लाया गया कि मनुस्मृति पढ़ाई जाए. जैसा कि अनिवार्य रूप से होना था. ज़ोरदार विरोध हुआ और आपत्तियां दर्ज की गईं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. शिक्षा मंत्री उनका समर्थन करते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता- जयराम रमेश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा, ”इस नौटंकी से किसी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है. &lsquo;नॉन-बायोलॉजिकल&rsquo; प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम के माध्यम से &lsquo;ट्रायल बैलून&rsquo; छोड़ा हैं. किसी भी तरह के भ्रम में न रहें. यह सिर्फ शुरुआत है.&nbsp;दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि एलएलबी छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाए जाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया क्योंकि यह उचित नहीं पाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के विधि पाठ्यक्रम में मनुस्मृति को शामिल करने के प्रस्ताव को कुलपति ने खारिज कर दिया है और ऐसी किसी योजना का समर्थन नहीं किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”‘ED कोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट…’, सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर AAP सांसद संजय सिंह का केंद्र पर हमला” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/sanjay-singh-aap-mp-attack-on-pm-modi-over-arvind-kejriwal-ed-cbi-delhi-excise-policy-2735800″ target=”_self”>’ED कोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट…’, सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर AAP सांसद संजय सिंह का केंद्र पर हमला</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jairam Ramesh On Manusmriti:</strong> कांग्रेस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में ‘मनुस्मृति’ को पढ़ाए जाने का प्रस्ताव खारिज होने के बाद एक बार फिर से केंद्र की सरकार को घेरा है. कांग्रेस ने शुक्रवार (12 जुलाई) को कहा कि इस ‘नौटंकी से बेवकूफ नहीं बनाया’ जा सकता है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस घटनाक्रम के माध्यम से स्थिति का अंदाजा लगाने की कोशिश की है.&nbsp;पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ऐसे में किसी को भ्रम नहीं पालना चाहिए.</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>किसी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता- जयराम रमेश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा, ”इस नौटंकी से किसी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है. &lsquo;नॉन-बायोलॉजिकल&rsquo; प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम के माध्यम से &lsquo;ट्रायल बैलून&rsquo; छोड़ा हैं. किसी भी तरह के भ्रम में न रहें. यह सिर्फ शुरुआत है.&nbsp;दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि एलएलबी छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाए जाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया क्योंकि यह उचित नहीं पाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के विधि पाठ्यक्रम में मनुस्मृति को शामिल करने के प्रस्ताव को कुलपति ने खारिज कर दिया है और ऐसी किसी योजना का समर्थन नहीं किया गया.</p>
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