केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू लगातार किसानों पर किसी न किसी मुद्दे पर कटाक्ष कर रहे है। दो दिन पहले बिट्टू ने किसान नेताओं को खाद लूटने वाले तालिबानी कहा था। बिट्टू ने चेतावनी भरे लहजे से कहा था कि सरकार किसान नेताओं की प्रॉपर्टी की जांच कराएगी। इनके पास नेता बनने से पहले और बाद में कितनी प्रॉपर्टी हुई। इस बयान के बाद अब बिट्टू ने X पर खुद की संपत्ति और देनदारियों को सार्वजनिक कर दिया है। बिट्टू ने X पर लिखा-मैंने घोषणा की थी कि मैं अपनी संपत्ति और देनदारियों की घोषणा सार्वजनिक रूप से करूंगा। इसी क्रम में मैं इसे अब अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर रहा हूं। 2009 से 2024 तक रवनीत बिट्टू की संपत्ति बिट्टू ने पोस्ट कर 2009 से 2024 तक अपने राजनीतिक कैरियर में कमाई संपत्ति की जानकारी दी है। जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि 2009 में बिट्टू के पास नकदी 1 लाख 70 हजार थी। बैंक में 3 लाख 443 रुपए थे और उनके पास मारुति स्टीम गाड़ी थी। गहनों में बिट्टू के पास 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी। इसी तरह 2014 में बिट्टू के पास नकदी 3 लाख 30 हजार नकदी और 7 लाख43 हजार 779 रुपए बैंक में थे। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी। बिट्टू के पास 2019 में 3 लाख 10 हजार रुपए नकदी, 3 लाख 42 हजार 692 रुपए बैंक में जमा थे। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी। अब 2024 में बिट्टू के 3 लाख 39 हजार नकदी, 10 लाख 96 हजार 405 रुपए बैंक खाते में जमा है। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी उनके पास है। इसी तरह बिट्टू ने अपनी अन्य जमीन और लोन संबंधी भी जानकारियां सार्वजनिक की है। ये था पूरा मामला केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू की 3 अहम बातें 1. भाजपा का विरोध किसान नहीं नेता कर रहे
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा- किसान कोई विरोध नहीं कर रहा। किसान भाजपा के साथ है। सिर्फ लीडर विरोध कर रहे हैं। किसान के पास कहां टाइम है। किसान मंडियों में है। उसके बाद गेहूं की बिजाई में व्यस्त हो जाएगा। यह लीडर हैं, जो भेजे जाते हैं। कोई बात नहीं, हमारा भी इलेक्शन में विरोध किया। 2. किसान लीडरों की जांच कराएंगे, ये आढ़ती, इनके शैलर चल रहे
किसान यूनियन के कई बड़े लीडर बने हैं, इनकी जांच कराएंगे। उनकी जमीनों की जांच होगी। उनकी किसान लीडर बनने से पहले और बाद में कितनी जमीन-जायदाद बनी है। कौन सा ऐसा किसान नेता है, जो आढ़तिया नहीं या फिर उनके शैलर नहीं हैं। 3. खाद की ट्रेन लूटी, ये तालिबानी
कहीं ट्रेन लूट ली। खाद भी तो किसी जमींदार को मिलनी है। ये कहते हैं यहां नहीं वहां जाएगी। ये तो तालिबान बन गए। कहीं तो यह काम रोकना पड़ेगा। आने वाले दिनों में किसान भाजपा को ठोक कर वोट डालेगा। किसान को पता है कि किसानों का सुधार केंद्र सरकार से ही हो सकता है। उनके पास पैसे के गफ्फे हैं। केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू लगातार किसानों पर किसी न किसी मुद्दे पर कटाक्ष कर रहे है। दो दिन पहले बिट्टू ने किसान नेताओं को खाद लूटने वाले तालिबानी कहा था। बिट्टू ने चेतावनी भरे लहजे से कहा था कि सरकार किसान नेताओं की प्रॉपर्टी की जांच कराएगी। इनके पास नेता बनने से पहले और बाद में कितनी प्रॉपर्टी हुई। इस बयान के बाद अब बिट्टू ने X पर खुद की संपत्ति और देनदारियों को सार्वजनिक कर दिया है। बिट्टू ने X पर लिखा-मैंने घोषणा की थी कि मैं अपनी संपत्ति और देनदारियों की घोषणा सार्वजनिक रूप से करूंगा। इसी क्रम में मैं इसे अब अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर रहा हूं। 2009 से 2024 तक रवनीत बिट्टू की संपत्ति बिट्टू ने पोस्ट कर 2009 से 2024 तक अपने राजनीतिक कैरियर में कमाई संपत्ति की जानकारी दी है। जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि 2009 में बिट्टू के पास नकदी 1 लाख 70 हजार थी। बैंक में 3 लाख 443 रुपए थे और उनके पास मारुति स्टीम गाड़ी थी। गहनों में बिट्टू के पास 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी। इसी तरह 2014 में बिट्टू के पास नकदी 3 लाख 30 हजार नकदी और 7 लाख43 हजार 779 रुपए बैंक में थे। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी। बिट्टू के पास 2019 में 3 लाख 10 हजार रुपए नकदी, 3 लाख 42 हजार 692 रुपए बैंक में जमा थे। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी। अब 2024 में बिट्टू के 3 लाख 39 हजार नकदी, 10 लाख 96 हजार 405 रुपए बैंक खाते में जमा है। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी उनके पास है। इसी तरह बिट्टू ने अपनी अन्य जमीन और लोन संबंधी भी जानकारियां सार्वजनिक की है। ये था पूरा मामला केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू की 3 अहम बातें 1. भाजपा का विरोध किसान नहीं नेता कर रहे
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा- किसान कोई विरोध नहीं कर रहा। किसान भाजपा के साथ है। सिर्फ लीडर विरोध कर रहे हैं। किसान के पास कहां टाइम है। किसान मंडियों में है। उसके बाद गेहूं की बिजाई में व्यस्त हो जाएगा। यह लीडर हैं, जो भेजे जाते हैं। कोई बात नहीं, हमारा भी इलेक्शन में विरोध किया। 2. किसान लीडरों की जांच कराएंगे, ये आढ़ती, इनके शैलर चल रहे
किसान यूनियन के कई बड़े लीडर बने हैं, इनकी जांच कराएंगे। उनकी जमीनों की जांच होगी। उनकी किसान लीडर बनने से पहले और बाद में कितनी जमीन-जायदाद बनी है। कौन सा ऐसा किसान नेता है, जो आढ़तिया नहीं या फिर उनके शैलर नहीं हैं। 3. खाद की ट्रेन लूटी, ये तालिबानी
कहीं ट्रेन लूट ली। खाद भी तो किसी जमींदार को मिलनी है। ये कहते हैं यहां नहीं वहां जाएगी। ये तो तालिबान बन गए। कहीं तो यह काम रोकना पड़ेगा। आने वाले दिनों में किसान भाजपा को ठोक कर वोट डालेगा। किसान को पता है कि किसानों का सुधार केंद्र सरकार से ही हो सकता है। उनके पास पैसे के गफ्फे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर