गुजरात के राज्यपाल का रोहतक में प्राकृतिक खेती पर जोर:आर्य महासम्मेलन में पहुंचे, महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती पर नशामुक्ति की अपील की

गुजरात के राज्यपाल का रोहतक में प्राकृतिक खेती पर जोर:आर्य महासम्मेलन में पहुंचे, महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती पर नशामुक्ति की अपील की

रोहतक जिले में आर्य महासम्मेलन में पहुंचे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती मनाई जा रही है। साथ ही आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। आर्य समाज का उद्देश्य युवा पीढ़ी को नशा मुक्त बनाना, उन्हें बुरी आदतों से बाहर निकालना तथा राष्ट्र के प्रति समर्पित युवाओं का निर्माण करना है। आचार्य देवव्रत ने कहा कि आर्य समाज ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया, तथा समाज के उत्थान में भी अहम योगदान दिया है। आज हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरे देश में ऋषि दयानंद की सोच को युवाओं तक पहुंचाने का कार्य सम्मेलनों के माध्यम से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा है कि भारत सरकार द्वारा दो वर्षों तक कार्यक्रम चलाए जाएंगे। प्राकृतिक खेती को बनाया राष्ट्रीय कृषि मिशन
आचार्य देवव्रत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को राष्ट्रीय मिशन बना दिया और आर्य समाज भी इस मिशन को आगे बढ़ाने का काम करेगा। ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके, धरती की हेल्थ को बचाया जा सके, पानी का संरक्षण हो सके, गौ माता बचाई जा सके, लोगों की हेल्थ बचाया जा सके और देश का धन बच सके। ऋषि दयानंद ने बनाई थी गौ कृषि आदि रक्षिणी सभा
आचार्य देवव्रत ने कहा कि महर्षि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना 1875 में की थी, लेकिन इसके दो साल पहले यानि 1873 में गौ कृषि आदि रक्षिणी सभा बनाई थी, जो कृषि, गौ माता, भूमि व लोगों की हेल्थ को बचाने का काम करती थी। आज आर्य समाज उसी उद्देश्य को पूर्ण करने में लगा हुआ है। गुजरात में राष्ट्रपति ने की थी शिरकत
आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आर्य समाज का महत्व समझा और पूरे भारत में आर्य समाज के उद्देश्य को लेकर जाने का संदेश दिया। दिल्ली में जब कार्यक्रम हुआ तो पीएम ने खुद एक मंजे हुए आचार्य की भांति वक्तव्य दिया। गुजरात में कार्यक्रम हुआ तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिरकत की। अब आर्य समाज युवाओं को दयानंद की सोच अपनाने के लिए प्रेरित कर राष्ट्र के प्रति समर्पित कर रहा है। रोहतक जिले में आर्य महासम्मेलन में पहुंचे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती मनाई जा रही है। साथ ही आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। आर्य समाज का उद्देश्य युवा पीढ़ी को नशा मुक्त बनाना, उन्हें बुरी आदतों से बाहर निकालना तथा राष्ट्र के प्रति समर्पित युवाओं का निर्माण करना है। आचार्य देवव्रत ने कहा कि आर्य समाज ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया, तथा समाज के उत्थान में भी अहम योगदान दिया है। आज हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरे देश में ऋषि दयानंद की सोच को युवाओं तक पहुंचाने का कार्य सम्मेलनों के माध्यम से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा है कि भारत सरकार द्वारा दो वर्षों तक कार्यक्रम चलाए जाएंगे। प्राकृतिक खेती को बनाया राष्ट्रीय कृषि मिशन
आचार्य देवव्रत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को राष्ट्रीय मिशन बना दिया और आर्य समाज भी इस मिशन को आगे बढ़ाने का काम करेगा। ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके, धरती की हेल्थ को बचाया जा सके, पानी का संरक्षण हो सके, गौ माता बचाई जा सके, लोगों की हेल्थ बचाया जा सके और देश का धन बच सके। ऋषि दयानंद ने बनाई थी गौ कृषि आदि रक्षिणी सभा
आचार्य देवव्रत ने कहा कि महर्षि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना 1875 में की थी, लेकिन इसके दो साल पहले यानि 1873 में गौ कृषि आदि रक्षिणी सभा बनाई थी, जो कृषि, गौ माता, भूमि व लोगों की हेल्थ को बचाने का काम करती थी। आज आर्य समाज उसी उद्देश्य को पूर्ण करने में लगा हुआ है। गुजरात में राष्ट्रपति ने की थी शिरकत
आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आर्य समाज का महत्व समझा और पूरे भारत में आर्य समाज के उद्देश्य को लेकर जाने का संदेश दिया। दिल्ली में जब कार्यक्रम हुआ तो पीएम ने खुद एक मंजे हुए आचार्य की भांति वक्तव्य दिया। गुजरात में कार्यक्रम हुआ तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिरकत की। अब आर्य समाज युवाओं को दयानंद की सोच अपनाने के लिए प्रेरित कर राष्ट्र के प्रति समर्पित कर रहा है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर