हरियाणा के सोनीपत स्थित अपने घर से दिवाली सेलिब्रेट कर 3 नवंबर को वापस सेक्टर-7 चंडीगढ़ लौट रहे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. संदीप की कार में अचानक आग लग गई थी। हादसे में प्रोफेसर व उनकी बेटियों की मौके पर मौत हो गई थी। जबकि पत्नी लक्ष्मी ने इलाज के दौरान रविवार को दम तोड़ दिया था। वहीं हादसे के करीब 11 दिन के बाद उनकी मां ने भी दम तोड़ दिया है। उनका चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में इलाज चल रह था। आज चंडीगढ़ में उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। ऐसे हुआ था यह हादसा 3 नवंबर को सोनीपत से एक अर्टिगा कार में संदीप (37) व उसके साथ 7 अन्य परिजन चंडीगढ़ जा रहे थे। इसी दौरान जब वे कुरुक्षेत्र में नेशनल हाइवे पर गांव मोहड़ी के पास पहुंचे तो कार में अचानक आग लग गई। इससे कार में सवार सभी व्यक्ति अंदर ही फंस गए। इसी बीच कार में ब्लास्ट हो गया और आग ज्यादा फैल गई। इस पूरे हादसे में संदीप कुमार के साथ उनकी दो बेटियों 6 साल की परी और 10 साल की खुशी की मौके पर हो गई थी । कार को जलता हुआ देख वहां से गुजर रहे लोगों ने अंदर फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कार में संदीप का भाई और उसकी पत्नी और मां भी सवार थे। जिन्हें गंभीर हालत में चंडीगढ़ में भर्ती करवाया गया था। रविवार को प्रोफेसर की पत्नी लक्ष्मी जिंदगी की जंग हार गई थी, जबकि आज उनकी मां ने भी दम तोड़ दिया। 11 दिन में पूरा परिवार खत्म प्रोफेसर के परिवारिक दोस्त मनू भसीन ने बताया कि परिवार के लिए बड़ा दुख का पल है। प्रोफेसर का पूरा परिवार और मां भी की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि उनके लिए यह पल काफी भावुक करने वाला है। उन्होंने बताया कि जब प्रोफेसर व उनकी बेटी की अंतिम अरदास रखी गई थी। उसी दिन उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। हरियाणा के सोनीपत स्थित अपने घर से दिवाली सेलिब्रेट कर 3 नवंबर को वापस सेक्टर-7 चंडीगढ़ लौट रहे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. संदीप की कार में अचानक आग लग गई थी। हादसे में प्रोफेसर व उनकी बेटियों की मौके पर मौत हो गई थी। जबकि पत्नी लक्ष्मी ने इलाज के दौरान रविवार को दम तोड़ दिया था। वहीं हादसे के करीब 11 दिन के बाद उनकी मां ने भी दम तोड़ दिया है। उनका चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में इलाज चल रह था। आज चंडीगढ़ में उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। ऐसे हुआ था यह हादसा 3 नवंबर को सोनीपत से एक अर्टिगा कार में संदीप (37) व उसके साथ 7 अन्य परिजन चंडीगढ़ जा रहे थे। इसी दौरान जब वे कुरुक्षेत्र में नेशनल हाइवे पर गांव मोहड़ी के पास पहुंचे तो कार में अचानक आग लग गई। इससे कार में सवार सभी व्यक्ति अंदर ही फंस गए। इसी बीच कार में ब्लास्ट हो गया और आग ज्यादा फैल गई। इस पूरे हादसे में संदीप कुमार के साथ उनकी दो बेटियों 6 साल की परी और 10 साल की खुशी की मौके पर हो गई थी । कार को जलता हुआ देख वहां से गुजर रहे लोगों ने अंदर फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कार में संदीप का भाई और उसकी पत्नी और मां भी सवार थे। जिन्हें गंभीर हालत में चंडीगढ़ में भर्ती करवाया गया था। रविवार को प्रोफेसर की पत्नी लक्ष्मी जिंदगी की जंग हार गई थी, जबकि आज उनकी मां ने भी दम तोड़ दिया। 11 दिन में पूरा परिवार खत्म प्रोफेसर के परिवारिक दोस्त मनू भसीन ने बताया कि परिवार के लिए बड़ा दुख का पल है। प्रोफेसर का पूरा परिवार और मां भी की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि उनके लिए यह पल काफी भावुक करने वाला है। उन्होंने बताया कि जब प्रोफेसर व उनकी बेटी की अंतिम अरदास रखी गई थी। उसी दिन उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पुलिसवालों ने चुराई ASI की बाइक:थाने में खड़ी थी, लॉक तोड़कर ले गए, CCTV से फंसे; दोनों नौकरी से निकाले
हरियाणा में पुलिसवालों ने चुराई ASI की बाइक:थाने में खड़ी थी, लॉक तोड़कर ले गए, CCTV से फंसे; दोनों नौकरी से निकाले हरियाणा के सोनीपत में पुलिसवाले ही बाइक चोर बन गए। उन्होंने सिविल लाइन थाने में खड़ी ASI की बाइक चोरी कर ली। बाइक चुराने वालों में ट्रैफिक राइडर पर तैनात 2 स्पेशल पुलिस अफसर (SPO) हैं। ये दोनों सेना से रिटायर्ड हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि SPO बाइक को खेत से आने-जाने के लिए इस्तेमाल करना चाहता था। इसलिए, उसने बाइक चोरी की घटना को अंजाम दिया। सिविल लाइन थाना प्रभारी सतबीर सिंह ने दोनों को बर्खास्त कर दिया है। छुट्टी पर गए थे ASI
पुलिस के मुताबिक सिविल लाइन थाने में तैनात ASI सुरेंद्र सिंह 18 जून को 4 दिन की छुट्टी पर गए थे। वह अपनी प्लेटिना बाइक को सिविल लाइन थाना परिसर में खड़ी कर चले गए। 24 जून को जब वह छुट्टी से लौटे तो बाइक गायब मिली। उन्होंने थाने में सहकर्मियों से पूछताछ की, लेकिन पता नहीं चला। ASI सुरेंद्र की शिकायत पर सिविल लाइन थाना में मामला दर्ज कर लिया गया था। CCTV कैमरे के जरिए फंसे
पुलिस को जांच में पता चला कि राइडर नंबर-13 पर तैनात SPO गांव बिधल के मंजीत और गांव भैसवाल कलां के अनिल ने बाइक चोरी की है। थाने में लगे CCTV कैमरे में दोनों की करतूत कैद हो गई। दोनों ड्यूटी खत्म करने के बाद थाने गए और वहां सरकारी बाइक खड़ी कर दी। यहां उन्हें प्लेटिना बाइक खड़ी दिखाई दी। इसके बाद उन्होंने बाइक का लॉक तोड़ा और अपने साथ ले गए। पुलिस ने पहले मंजीत को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर खेत के कोठरे से बाइक बरामद की गई। मंजीत ने बताया कि उसके साथ SPO अनिल भी था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई। थाना प्रभारी ने दोनों को नौकरी से हटा दिया है।
ओलिंपिक से पहले नीरज ने जीता गोल्ड:पावो नूरमी गेम्स में 85.97 मीटर थ्रो किया; मसल्स में खिंचाव के कारण एक टूर्नामेंट छोड़ा
ओलिंपिक से पहले नीरज ने जीता गोल्ड:पावो नूरमी गेम्स में 85.97 मीटर थ्रो किया; मसल्स में खिंचाव के कारण एक टूर्नामेंट छोड़ा टोक्यो ओलिंपिक में जेवलिन थ्रो के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने फिन लैंड के टुर्कु में आयोजित पावो नूरमी गेम्स में जेवलिन में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने 85.97 थ्रो करके पहला स्थान प्राप्त किया।
नीरज के अलावा फिनलैंड के टोनी केरानेन ने 84.19 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहकर सिल्वर मेडल और ओलिवियर हेलांडर ने 83.96 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ बॉन्ज मेडल जीता है। इस प्रतियोगिता में नीरज दूसरे थ्रो में पिछड़ गए थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने न केवल अच्छी वापसी की, बल्कि अपना बेस्ट थ्रो भी किया। अगले महीने से पेरिस ओलिंपिक गेम्स नीरज का गोल्ड जीतना भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 26 जुलाई से 11 अगस्त तक पेरिस ओलिंपिक गेम्स है। नीरज को पिछले महीने प्रैक्टिस के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था। इस वजह से उन्होंने 28 मई को चेक गणराज्य में आयोजित ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया था। इसकी जानकारी नीरज ने सोशल मीडिया पर दी थी। नीरज चोपड़ा ने लिखा था, “मुझे ये समस्या पहले भी रही है। इस स्टेज पर अगर मैं खुद को पुश करता हूं तो ये चोट में बदल सकती है। मैं साफ कर दे रहा हूं कि मैं चोटिल नहीं हूं, पर मैं ओलिंपिक्स से पहले कोई खतरा नहीं लेना चाहता। जैसे ही मैं पूरी तरह से रिकवर हो जाऊंगा, मैं चैम्पियनशिप में वापसी करूंगा। आपके सपोर्ट के लिए धन्यवाद।” पहले आगे और फिर पीछे हो गए थे नीरज नीरज चोपड़ा सबसे पहले थ्रो करने आए और उन्होंने पहली ही बार में 83.62 मीटर का थ्रो किया। हालांकि यह उनकी खराब शुरुआत नहीं थी। वे एंडरसन पीटर्स से आगे रहे, जिन्होंने पहली बार में 82.58 मीटर का थ्रो किया। दूसरे प्रयास में नीरज ने 83.45 मीटर का थ्रो किया जो उनके शुरुआती प्रयास से बेहतर नहीं था। दूसरे प्रयास के बाद नीरज पिछड़ गए थे और ओलिवियर हेलांडर ने बढ़त बना ली थी। ओलिवियर ने दूसरे प्रयास में 83.96 मीटर का थ्रो किया था। इससे नीरज दूसरे स्थान पर खिसक गए थे। तीसरी थ्रो में हुए आगे दूसरे प्रयास में पिछड़ने के बाद नीरज ने तीसरे प्रयास में शानदार वापसी की। उन्होंने 85.97 मीटर का थ्रो कर बढ़त हासिल कर ली। नीरज का यह सर्वश्रेष्ठ थ्रो रहा। नीरज 8 भाला फेंक एथलीट में एकमात्र खिलाड़ी रहे जिन्होंने 85 मीटर के थ्रो को पार किया। वहीं, ओलिवियर अपने तीसरे प्रयास में 83 मीटर के पार भी नहीं जा सके और उन्होंने 82.60 मीटर का थ्रो किया। तीसरा प्रयास समाप्त होने के बाद नीरज ने अपनी बढ़त बनाए रखी। चौथे प्रयास में 82.21 मीटर का थ्रो किया। नीरज का यह इस मुकाबले का सबसे कमजोर थ्रो रहा, लेकिन इससे उनकी बढ़त पर कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि अन्य कोई एथलीट उनके सर्वश्रेष्ठ थ्रो के करीब भी नहीं पहुंच सका। इस तरह नीरज ने चौथे प्रयास के समाप्त होने के बाद भी अपनी बढ़त को बरकरार रखा। पांचवा हुआ फाउल, लेकिन कोई पीछे नहीं छोड़ सका नीरज पांचवें प्रयास में फाउल कर बैठे, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस प्रयास में भी कोई नीरज को पीछे नहीं छोड़ सका और पांचवें प्रयास की समाप्ति के बाद भी टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी की बादशाहत बरकरार रही। पांचवें प्रयास में आंद्रियन मारडारे ही 82 मीटर के थ्रो को पार कर सके, जबकि नीरज सहित तीन खिलाड़ियों ने फाउल किया। हालांकि, छठे प्रयास में नीरज ने 82.97 मीटर का थ्रो किया। दिलचस्प बात यह रही कि अंतिम प्रयास में नीरज और मैक्स डेहिंग ही सफल प्रयास कर सके, जबकि अन्य सभी खिलाड़ियों ने फाउल किया। स्पोर्ट्स की ये खबरें भी पढ़ें… ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को मांसपेशियों में परेशानी: कहा- चोटिल नहीं हूं, पर ओलिंपिक्स से पहले कोई रिस्क नहीं ले सकता भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को ओलिंपिक्स से दो महीने पहले मांसपेशियों में परेशानी आ गई है। नीरज चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा- ”थ्रोइंग सेशन में हिस्सा लेने के बाद मैंने ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। नीरज चोपड़ा को नेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन कप में गोल्ड:82.27 मीटर थ्रो फेंककर पहला स्थान हासिल किया, कर्नाटक के डीपी मनु को सिल्वर नेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन कप में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीत लिया है। 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज भारत में पहली बार किसी कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने अपने चौथे अटैम्प्ट में 82.27 मीटर का थ्रो फेंका, इसी थ्रो से उन्होंने पहला स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल जीता पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हरियाणा में भंग होगी विधानसभा:CM सैनी संवैधानिक संकट में फंसे; मानसून सेशन बुलाने का दबाव, विशेषज्ञों से राय-शुमारी कर रहे
हरियाणा में भंग होगी विधानसभा:CM सैनी संवैधानिक संकट में फंसे; मानसून सेशन बुलाने का दबाव, विशेषज्ञों से राय-शुमारी कर रहे हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले BJP विधानसभा भंग करने की योजना बना रही है। इसे लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी इसी हफ्ते कैबिनेट मीटिंग बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। अगस्त की चौथी कैबिनेट मीटिंग में 12 सितंबर से पहले विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने या विधानसभा भंग करने को लेकर फैसला लिया जाएगा। सरकार के सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के अफसर इसे लेकर संविधान विशेषज्ञों से भी राय शुमारी कर रहे हैं। फिलहाल, सरकार किसी भी तरह मानसून सत्र बुलाने को तैयार नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द होने वाली कैबिनेट मीटिंग में हरियाणा विधानसभा भंग करने का फैसला हो सकता है। हरियाणा में संवैधानिक संकट का कारण
हरियाणा में चुनाव की घोषणा के बाद संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है। इसकी वजह 6 महीने के भीतर एक बार विधानसभा सेशन बुलाना है। राज्य विधानसभा का अंतिम सेशन 13 मार्च को हुआ था। उसमें नए बने CM नायब सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। इसके बाद 12 सितंबर तक सेशन बुलाना अनिवार्य है। यह संवैधानिक संकट ऐतिहासिक भी है, क्योंकि देश आजाद होने के बाद कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। हरियाणा में ही कोरोना के दौरान भी इस संकट को टालने के लिए 1 दिन का सेशन बुलाया गया था। 6 माह में सत्र न बुलाने का इतिहास में उदाहरण नहीं
संविधान के जानकार मानते हैं कि वैसे तो यह महज कागजी औपचारिकता है, लेकिन संवैधानिक तौर पर अनिवार्य होने से इसे हर हाल में पूरा करना होगा। ऐसी सूरत में भी सेशन न बुलाया गया हो, ऐसा कोई उदाहरण देश में नहीं है। 14वीं विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक
राज्य में इस समय 15वीं विधानसभा चल रही है। 15वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। इसका नोटिफिकेशन 5 सितंबर को जारी होगा। 1 अक्टूबर को वोटिंग और 4 अक्टूबर को काउंटिंग होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है। संविधान में सेशन बुलाने के क्या नियम
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के मुताबिक, संविधान के अनुच्छेद 174(1) में उल्लेख है कि विधानसभा के 2 सत्रों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं होना चाहिए। इसलिए, 12 सितंबर तक विधानसभा का सत्र बुलाना अनिवार्य है। भले ही वह एक दिन की अवधि का ही क्यों न हो। एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार, यदि 12 सितंबर से पूर्व कैबिनेट की सिफारिश पर राज्यपाल विधानसभा को समय पूर्व भंग कर देते हैं तो आगामी सत्र बुलाने की आवश्यकता नहीं होगी। विधानसभा का यह सत्र इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि राज्यपाल से कुल 5 अध्यादेश (ऑर्डिनेंस) भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 (1) में जारी कराए गए हैं। अगर विधानसभा को समय पूर्व भंग कर दिया जाता है तो इन 5 अध्यादेशों की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार को राज्यसभा चुनाव का इंतजार था
हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट अब भाजपा के खाते में आ चुकी है। इस सीट पर BJP उम्मीदवार किरण चौधरी निर्विरोध जीत चुकी हैं। यदि BJP राज्यसभा चुनाव से पहले विधानसभा भंग करती तो संवैधानिक संकट खड़ा हो जाता। लेकिन, अब इस सीट पर निर्विरोध चुनाव संपन्न हो चुके हैं। ऐसे में BJP अब विधानसभा भंग करने की तैयारी कर रही है। एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है कि अगर राज्यसभा उप-चुनाव से पहले विधानसभा भंग हो जाती तो यह चुनाव ही रद्द करने पड़ते, क्योंकि तब कोई विधायक नहीं रहता।